देवघर, 22 जुलाई: सावन माह में झारखंड के देवघर स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम में लगातार श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है। मंगलवार को सुबह 04:22 से मंदिर का पट खुलते ही जलाभिषेक शुरू हो गया है। अब तक धाम में 18 लाख से अधिक श्रद्धालु जलाभिषेक कर चुके हैं। बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में शिवभक्तों की गूंज से पूरा रूट लाइन गुंजायमान है और सभी कांवड़िया कतारबद्ध होकर बाबा का जयघोष करते हुए जलाभिषेक के लिए निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। देश के हर कोने और विदेश से भी भक्त भोलेनाथ को जलार्पण कर रहे हैं। श्रद्धालुओं के सुविधा के अनुरूप रूटलाइन में गर्मी और उमस से राहत दिलाने के लिए ठंडे पानी की फुहारों के छिड़काव की व्यवस्था की गयी है, ताकि रूटलाइन में जलार्पण के लिए कतारबद्ध श्रद्धालुओं को लगातार उमस भरी गर्मी में परेशानी महसूस न हो। ठंडक के बीच आराम से जलाभिषेक कर सकें। जिला प्रशासन के अनुसार 10 जुलाई से अब तक 18 लाख पांच हजार 891 श्रद्धालु जलाभिषेक कर चुके हैं। इस दौरान पूरे इलाके में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में कुल 564 मजिस्ट्रेट और 9650 पुलिस बल की तैनाती है। साथ ही चार सीआरपीएफ की कम्पनी, दो पुलिस अधीक्षक, एनडीआरएफ की टीम मेला क्षेत्र में प्रतिनियुक्त हैं। सुरक्षा के लिहाज से 765 सीसीटी कैमरा, 200 एआई कैमरा और 10 ड्रोन कैमरा कार्यरत हैं। एसपी अजीत पीटर डुंगडुग ने बताया कि सुरक्षा में एटीएस की टीम, बम डिस्पोजल की टीम, डॉग स्वाक्वायड, क्यूआरटी टीम, 43 पुलिस उपाधीक्षक 93 पुलिस निरीक्षक, 723 सहायक पुलिस निरीक्षक, 1093 सशस्त्र और विभिन्न पुलिस बटालियनों की प्रतिनियुक्ति मेला क्षेत्र में की गयी है। लगातार सुरक्षा की मॉनिटरिंग की जा रही है।
बिहार मानसून सत्र : एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष का प्रदर्शन, भाई वीरेंद्र बोले- यह लोकतंत्र के लिए खतरा
पटना, 22 जुलाई: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान ‘इंडी गठबंधन’ के विधायक काले कपड़ों में नजर आए और उन्होंने विधानसभा के मुख्य द्वार की सीढ़ियों पर बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। दरअसल, बिहार विधानसभा के मुख्य द्वार पर जिस समय विपक्षी विधायकों का प्रदर्शन चल रहा था, उसी दौरान विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव भी वहां पहुंचे। इसके बाद मार्शलों ने विधायकों को रास्ते से हटाया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक भाई वीरेंद्र ने एसआईआर को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “बिहार में मतदाता पुनरीक्षण का काम गलत तरीके से हो रहा है। दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और अति पिछड़ों के वोट काटने की साजिश रची जा रही है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।” भाई वीरेंद्र ने बिहार में बढ़ते अपराध पर भी चिंता जताते हुए कहा, “बिहार में अपराध इतना बढ़ गया कि यहां हर शख्स खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। किसी भी दल का नेता हो या पत्रकार हो या फिर सामाजिक कार्यकर्ता हो, सभी लोग खुद को बिहार के अंदर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। बिहार में गुंडाराज कायम है और इसके खात्मे के लिए आज हमने संकल्प लिया है, इसलिए काले कपड़े पहनकर विरोध जता रहे हैं।” बिहार की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर राजद विधायक ने बात की। उन्होंने कहा, “बिहार में जात पूछकर लोगों के एनकाउंटर किए जा रहे हैं। विपक्ष अपराध और अपराधियों के खिलाफ है, लेकिन अगर किसी की जाति पूछकर हत्या की जाती है, तो ये घटना बर्दाश्त के बाहर है। कुछ पुलिस पदाधिकारी ऐसे हैं, जो सरकार के इशारे पर लोगों की हत्या कर रहे हैं। मैं इतना ही कहूंगा कि बिहार में अपराधियों को पुलिस अधिकारियों द्वारा संरक्षण भी दिया जा रहा है।”
बिहार विधानसभा सत्र का दूसरा दिन, विपक्षी विधायकों ने किया हंगामा
पटना, 22 जुलाई: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को उस समय हंगामा मच गया, जब विपक्षी विधायकों ने मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) अभियान के विरोध में सदन के अंदर और बाहर प्रदर्शन किया। जैसे ही स्पीकर नंद किशोर यादव ने सदन की कार्यवाही शुरू की, विपक्षी विधायक खड़े होकर नारेबाजी करने लगे और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर बहस की मांग करते हुए पोस्टर लेकर सदन के बेल में पहुंच गए। स्पीकर ने विरोध कर रहे विधायकों को शांत करने की कोशिश की और उन्हें अपनी सीटों पर लौटने को कहा। स्पीकर ने कहा कि नारे लगाने से आपका गला थक जाएगा, आपको चुनाव के लिए अपनी आवाज बचानी चाहिए। विपक्षी विधायक काले कपड़े पहनकर सदन में विरोध जताने पहुंचे, जिस पर स्पीकर ने उनकी पोशाक पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह अच्छा नहीं लगता। मार्शलों को निर्देश दिया गया कि वे प्रदर्शन कर रहे विधायकों के हाथों से तख्तियां छीन लें, जिन्हें बाद में सदन से बाहर निकाल दिया गया। इससे पहले, राजद विधायकों ने विधानसभा के बाहर हंगामा किया और स्पीकर नंद किशोर यादव को सदन में प्रवेश करने से रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे अपने कक्ष तक पहुंचने में सफल रहे। राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों सहित विपक्षी विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग पर मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया के जरिए ‘षड्यंत्र’ रचने का आरोप लगाया और इसे वापस लेने की मांग की। विपक्षी विधायकों ने मुख्य द्वार पर नाकाबंदी की, जिसके कारण सालों से बंद विधानसभा के दूसरे द्वार को हथौड़े और छेनी से तोड़कर खोला गया, ताकि सत्तारूढ़ दल के विधायक अंदर जा सकें। इसके बाद भी विपक्षी विधायकों ने प्रवेश द्वार को बाधित करने का प्रयास किया, लेकिन राजद विधायक मुकेश रोशन और कांग्रेस विधायक राजेश कुमार को हटाकर मार्शलों ने रास्ता खाली कराया। इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वैकल्पिक मार्ग से विधानसभा पहुंचे और स्पीकर से मिले। उनके साथ संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी और मंत्री श्रवण कुमार भी मौजूद थे।
भोजपुरी गायक रितेश पांडे और पूर्व आईपीएस अधिकारी जेपी सिंह पटना में जन सुराज पार्टी में शामिल
पटना, 18 जुलाई: भोजपुरी गायक रितेश पांडे और हिमाचल प्रदेश कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी जयप्रकाश सिंह शुक्रवार को जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गए। किशोर ने पार्टी में उनका स्वागत करते हुए कहा, ‘हमने जानबूझकर वह दिन चुना है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार आ रहे हैं और वह अपनी बड़ी-बड़ी बातों से लोगों को लुभाने की कोशिश करेंगे।’ इस अवसर पर सारण जिले के निवासी सिंह ने कहा कि उन्होंने 25 साल की सेवा के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) इसलिए ली ‘क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि जन सुराज मेरे गृह राज्य में इतिहास रचने वाली है।” पांडे ने एक हिंदी गीत गाया, जिसमें ‘राज्य में सभी को रोजी रोटी मिले’ सुनिश्चित करने की जन सुराज पार्टी की आकांक्षा को रेखांकित किया गया है।
बिहार में राजद-कांग्रेस शासन के दौरान विकास कोसों दूर हुआ करता था : प्रधानमंत्री मोदी
मोतिहारी/नई दिल्ली, 18 जुलाई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की शुरुआत करने के बाद विपक्षी दलों राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शासनकाल में विकास कोसों दूर हुआ करता था। परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद मोतिहारी में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राजद-कांग्रेस ने कभी बिहार के गरीब लोगों की भलाई के बारे में नहीं सोचा, उल्टे उनके शासनकाल में गरीब लोग गरीब ही रहे। मोदी ने कहा कि पूर्वी भारत के समग्र विकास के लिए ‘विकसित बिहार’ जरूरी है और मोतिहारी को मुंबई की तरह विकसित बनाना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि चंपारण ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी के आंदोलन को नई दिशा दी थी। उन्होंने कहा कि देश में कुल 1.5 करोड़ ‘लखपति दीदियों’ में से 20 लाख बिहार में हैं। उन्होंने कहा कि देश में युवाओं को नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र सरकार एक लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजद युवाओं को रोजगार देने के बारे में सोच भी नहीं सकती और उसने नौकरी देने से पहले गरीबों की जमीन हड़प ली थी। इससे पहले प्रधानमंत्री ने पूर्वी चंपारण जिले में 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। ये परियोजनाएं रेल, मत्स्य पालन और अन्य क्षेत्रों से संबंधित हैं। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, कई केंद्रीय मंत्री और अन्य लोग उपस्थित थे। चौधरी ने कहा कि जिला मुख्यालय मोतिहारी का प्रधानमंत्री का यह दौरा 2014 के बाद से उनका 53वां बिहार दौरा है।
मोदी ने बिहार में किया 5381 करोड़ रुपये की रेल परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास
मोतिहारी/नई दिल्ली, 18 जुलाई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को बिहार में 5381 करोड़ रुपये से अधिक की रेल परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। श्री मोदी ने मोतिहारी में आयोजित समारोह में रेल, सड़क, ग्रामीण विकास, मत्स्य पालन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों से जुड़ी 7200 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने संचार और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने वाली कई रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया जिनमें समस्तीपुर-बछवाड़ा रेल लाइन के बीच स्वचालित सिग्नलिंग शामिल है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कई रेल परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया, जिनमें पाटलिपुत्र में वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव के लिए बुनियादी ढांचे का विकास और भटनी-छपरा ग्रामीण रेल लाइन (114 किमी) पर स्वचालित सिग्नलिंग तथा 232 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले भटनी-छपरा ग्रामीण खंड में कर्षण प्रणाली का उन्नयन करना शामिल भी है। कर्षण प्रणाली के बुनियादी ढांचे को मज़बूत और ऊर्जा दक्षता को अनुकूलित करके ट्रेनों की गति बढ़ाई जाएगी। उन्होंने लगभग 4,080 करोड़ रुपये की लागत वाली दरभंगा-नरकटियागंज रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना का भी शिलान्यास किया। इससे अधिक यात्री और मालगाड़ियों का संचालन संभव होगा और उत्तर बिहार तथा देश के बाकी हिस्सों के बीच संपर्क मज़बूत होगा। प्रधानमंत्री ने चार अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को आभासी माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। वंदे भारत जैसी रफ्तार और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इन अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में पटना-नई दिल्ली अमृत भारत एक्सप्रेस, मालदा टाऊन-गोमतीनगर, लखनऊ अमृत भारत एक्सप्रेस, दरभंगा-गोमतीनगर, लखनऊ अमृत भारत एक्सप्रेस और मोतिहारी के बापूधाम से चलकर दिल्ली के आनंद विहार जाने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस शामिल है। तेज रफ्तार वाली यह ट्रेन आधुनिक सुविधाएं लैस होगी। यह ट्रेन करीब 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। पटना से दिल्ली के बीच का लगभग 1000 किलोमीटर का सफर मात्र 10 घंटे में पूरा करेगी। इस ट्रेन में सिर्फ जनरल और स्लीपर कोच है। इसमें एसी कोच नहीं होंगे। इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को सुविधाएं वंदे भारत ट्रेन जैसी मिलेगी। पटना से दिल्ली के बीच चलने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस करीब 12 जंक्शनों पर ठहरेगी जिनमें आरा, बक्सर, दीन दयाल उपाध्याय नगर (डीडीयू), मिर्जापुर, प्रयागराज, कानपुर सेंट्रल, इटावा जंक्शन शामिल हैं। इस ट्रेन में यात्रियों को हर सीट पर चार्जिंग प्वाइंट की सुविधा रहेगी। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा साफ-सुथरे और हाईटेक शौचालय की व्यवस्था की गयी है। यात्रियों को अहम जानकारी देने के लिए कोच में डिजिटल बोर्ड और बेहतर रोशनी की व्यवस्था भी है। पाटलिपुत्र कोचिंग कॉम्प्लेक्स में 283 करोड़ रुपये की लागत से वंदे भारत के रखरखाव केंद्र बनेगा।यहां वंदे भारत ट्रेनों के रोजाना रखरखाव के लिए अलग-अलग प्रकार की पांच लाइनें बनायी जाएंगी। इसके निर्माण का टेंडर हो चुका है। श्री मोदी ने 53 करोड़ रुपये की लागत से तैयार समस्तीपुर-बछवारा के बीच स्वचालित सिग्नलिंग सिस्टम को राष्ट्र को समर्पित किया। साथ ही, उन्होंने भटनी से छपरा (114 के एम पार्ट ऑटोमेटिक सिगनलिंग गोरखपुर कैंट्ट-छपरा ग्रामीण रे ल सेक्शन के बीच) के बीच 153 करोड़ रुपये की लागत वाली ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम की शुरुआत की।
चंदन मिश्रा हत्याकांड : फिल्मी अंदाज में घुसे थे 5 लोग, सामने आया सीसीटीवी फुटेज
पटना, 17 जुलाई: बिहार की राजधानी पटना के पारस अस्पताल में चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि अपराधी खुलेआम अस्पताल में घुसे, गोलियां चलाईं और फरार हो गए। यह घटना गुरुवार सुबह की बताई जा रही है। हत्या के मामले में जेल में बंद चंदन मिश्रा की तबीयत बिगड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसी दौरान विरोधी गुट के बदमाशों ने अस्पताल पहुंचकर चंदन की हत्या कर दी। सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि 5 हथियारबंद युवक पारस अस्पताल के अंदर प्रवेश करते हैं और चंदन मिश्रा के वार्ड में जाकर फायरिंग कर उसे मौत के घाट उतार देते हैं। चौंकाने वाली बात यह रही कि इस दौरान उस कमरे के बाहर या आसपास कोई भी सुरक्षाकर्मी कर्मी तैनात नहीं था। पटना एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने बताया कि बक्सर का कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा कई हत्याओं के मामले में आरोपी था और एक केस में उसे सजा भी मिल चुकी थी। वह बहुत खतरनाक अपराधी है। इसी वजह से कुछ दिन पहले उसे बक्सर से भागलपुर जेल भेजा गया था। इस दौरान उसकी तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। आईजी जितेंद्र राणा ने बताया, “बक्सर जिले का एक बड़ा अपराधी चंदन मिश्रा हाल ही में इलाज के लिए जेल से पैरोल पर बाहर आया था। ऐसा प्रतीत होता है कि यह घटना या तो आपसी झगड़े या विरोधी गिरोहों के कारण हुई। इलाज के दौरान ही कुछ अपराधियों ने उस पर हमला किया और उसे कई गोलियां मारी हैं। इस बारे में अधिक जानकारी डॉक्टर ही साझा करेंगे।” उन्होंने कहा कि चंदन मिश्रा एक बड़ा अपराधी था, और पुलिस पता लगा रही है कि उसे गैंगवॉर के चलते गोली मारी गई है या इस हमले का कोई और कारण है। हम इस घटना के बारे में पता लगा रहे हैं और इसमें शामिल अपराधियों को चिन्हित किया जा रहा है। मामले को लेकर बक्सर पुलिस के साथ भी संपर्क में हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यहां के कर्मचारियों की इस घटना में मिलीभगत हो सकती है, इसलिए जो भी सुरक्षाकर्मी अस्पताल में ड्यूटी पर थे, उनसे भी पूछताछ की जाएगी कि अपराधी हथियार लेकर अस्पताल में कैसे पहुंचे।
पीके ने उठाए चुनाव आयोग पर सवाल, दिलीप जायसवाल पर लगाए घोटाले के आरोप
पूर्णिया, 16 जुलाई: बिहार में अपनी ‘बदलाव यात्रा’ के तहत पूर्णिया पहुंचे प्रशांत किशोर ने पत्रकार वार्ता कर तीन अहम मुद्दों पर भाजपा, चुनाव आयोग और महाराष्ट्र की राजनीति पर तीखे हमले किए। पीके ने वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव इसी वोटर लिस्ट से हुआ, जिसमें मोदी जी प्रधानमंत्री बने। अब उसी लिस्ट से विधानसभा चुनाव में दिक्कत क्यों? उन्होंने इसे भाजपा की सोची-समझी साजिश बताया और आरोप लगाया कि पिछड़े वर्गों के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि चुनाव आयोग किसी की नागरिकता तय नहीं कर सकता, यह अधिकार केवल सुप्रीम कोर्ट को है। यदि किसी का नाम वोटर लिस्ट से हटता है तो जन सुराज उनके साथ खड़ा रहेगा। इसके साथ ही पीके ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर फिर सीधा हमला बोला और चार गंभीर आरोप दोहराए। किशनगंज स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज में नेताओं के बच्चों को मैनेजमेंट कोटे से एमबीबीएस में एडमिशन दिलाने और आयुष्मान योजना के नाम पर करोड़ों की हेराफेरी जैसे मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा और जायसवाल अब तक जवाब नहीं दे पाए हैं। महाराष्ट्र में जारी हिंदी बनाम मराठी विवाद पर ठाकरे बंधुओं को लंपट कहने के साथ-साथ प्रशांत किशोर ने भाजपा और कांग्रेस को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों पार्टियों ने सत्ता के लिए ऐसे लोगों से गठबंधन किया है जो समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। पत्रकार वार्ता में जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने भी कहा कि बिहार में बदलाव की चाह रखने वाले हर सजग नागरिक का पार्टी में स्वागत है।
कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों पर वोट छांटना चाहती है भाजपा: तेजस्वी यादव
पटना, 16 जुलाई: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के विरोध में विपक्ष मोर्चा खोल चुका है। इस बीच, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को एक बार फिर आंकड़ों के जरिए आरोप लगाया कि पिछले चुनाव में कम अंतर से हार और जीत वाली सीटों पर वोट छांटने की कोशिश की जा रही है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि वे लोग ऐसे ही लोकतंत्र को खत्म नहीं होने देंगे। उन्होंने लिखा, “बिहार में कुल 7 करोड़ 90 लाख मतदाता हैं। कल्पना कीजिए, भाजपा के निर्देश पर अगर मिनिमम एक प्रतिशत मतदाताओं को भी छांटा जाता है तो लगभग 7 लाख 90 हजार मतदाताओं के नाम कटेंगे। यहां हमने केवल एक प्रतिशत की बात की है, जबकि इनका इरादा इससे भी अधिक चार से पांच प्रतिशत का है।” उन्होंने आगे लिखा, “अगर हम इस एक प्रतिशत, यानी 7 लाख 90 हजार मतदाताओं को 243 विधानसभा क्षेत्रों से विभाजित करते हैं, तो प्रति विधानसभा 3251 मतदाताओं का नाम कटेगा। बिहार में कुल 77,895 पोलिंग बूथ हैं और हर विधानसभा में औसतन 320 बूथ हैं। अब अगर एक बूथ से 10 वोट भी हटेंगे तो विधानसभा के सभी बूथों से कुल 3200 मत हट जाएंगे।” राजद नेता तेजस्वी यादव ने आगे लिखा कि अब पिछले दो विधानसभा चुनावों के क्लोज मार्जिन से हार-जीत वाली सीटों का आंकड़ा देखें तो 2015 विधानसभा चुनाव में 3000 से कम मतों से हार-जीत वाली कुल 15 सीटें थीं, जबकि 2020 में ऐसी 35 सीटें थीं। अगर 5000 से कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों को गिनें तो 2015 में 32 सीटें थीं और 2020 में ऐसी कुल 52 सीटें थीं। उन्होंने आरोप लगाते हुए लिखा, “चुनाव आयोग के माध्यम से भाजपा का निशाना अब ऐसी हर सीट पर है। ऐसी ही सीटों के चुनिंदा बूथों, समुदायों और वर्गों के बहाने से ये लोग वोट छांटना चाहते हैं, लेकिन हम सब सतर्क हैं, हमारे कार्यकर्ता हर जगह हर घर जाकर इनकी बदनीयती का भंडाफोड़ करते रहेंगे। हम लोकतंत्र को ऐसे खत्म नहीं होने देंगे।”
बिहार: नीतीश कुमार ने दिए शिक्षक भर्ती के निर्देश, महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण
पटना, 16 जुलाई: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की रिक्तियों को तुरंत भरने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं। सीएम नीतीश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षा विभाग को कहा है कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की रिक्तियों की गणना तुरंत कर खाली पद पर नियुक्ति के लिए टीआरई-4 की परीक्षा का आयोजन शीघ्र कराया जाए। उन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीआरई-4) जल्द से जल्द आयोजित करने का आदेश दिया है ताकि रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जा सकें। इसके साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षक भर्ती में 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ केवल बिहार की महिलाओं को दिया जाएगा। नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और शिक्षक भर्ती इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बिहार सरकार ने पहले ही शिक्षक भर्ती में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण की नीति लागू की है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि यह आरक्षण केवल बिहार निवासी महिलाओं के लिए होगा, जिससे स्थानीय महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिल सकें। यह नीति महिलाओं के सशक्तिकरण और बिहार में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में बिहार सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए कई चरणों में टीआरई परीक्षाएं आयोजित की हैं। इन भर्तियों के जरिए लाखों शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में नियुक्त किया गया है। हालांकि, अभी भी कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, जिसे पूरा करने के लिए टीआरई-4 परीक्षा की तैयारी शुरू की गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टीआरई-4 परीक्षा की तारीख और अन्य विवरणों की घोषणा जल्द की जाएगी। इस भर्ती से हजारों युवाओं, खासकर महिलाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है।