सारण/पानापुर, 28अक्टूबर: लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। व्रतियों ने नदी और तालाबों के घाटों पर पहुँचकर भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना की। बिहार, झारखंड सहित देश के विभिन्न हिस्सों में यह पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। सारण जिले के बसतपुर छठ घाट पर भी आस्था का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ से घाट गुलज़ार रहा। पूरा वातावरण “जय छठी मइया” के जयघोष से गूंज उठा। घाट की साफ-सफाई और सजावट देखकर श्रद्धालु प्रसन्न नजर आए। घाट पर मौजूद ट्रैकर टाइम्स संवाददाता भास्कर के अनुसार, घाट पर पूजा समिति की ओर से श्रद्धालुओं के लिए जलपान और मूलभूत सुविधाओं की अच्छी व्यवस्था की गई थी। घाट की सफाई और साज-सज्जा की जिम्मेदारी नवयुवक पूजा समिति, बसतपुर ने संभाली। समिति के सदस्य विकास सिंह ने बताया, “पूरे गांव के सहयोग और श्रमदान से घाट की तैयारी की जाती है। हमारा एक ही उद्देश्य है — सभी व्रतियों को सुविधा मिले और सबको छठी मइया का आशीर्वाद प्राप्त हो।” चार दिन चले इस पर्व के दौरान पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बना रहा। व्रतियों ने नहाए-खाए से आरंभ हुए व्रत को आज उषा अर्घ्य के साथ पूर्ण किया। श्रद्धा, अनुशासन और आस्था का यह पर्व एक बार फिर समाज को एकजुटता और समर्पण का संदेश देकर विदा हुआ।
बसतपुर घाट पर छठ महापर्व की छटा, व्रतियों ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य — मुखिया अमरेन्द्र सिंह ने दी बधाई
सारण/पानापुर, 27 अक्टूबर: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा आज पूरे बिहार, झारखंड और देश के विभिन्न हिस्सों में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जा रही है। इसी क्रम में बड़हिया पंचायत के बसतपुर घाट पर भी छठ पर्व की विशेष रौनक देखने को मिली। शाम के समय व्रतियों ने परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। घाट पर पूजा-अर्चना के दौरान भक्तिमय माहौल बना रहा। घाट की आकर्षक सजावट और साफ-सफाई से श्रद्धालु खासे प्रसन्न दिखे। इस अवसर पर मड़वा बड़हिया पंचायत के मुखिया अमरेन्द्र सिंह भी उपस्थित रहे। उन्होंने नवयुवक पूजा समिति द्वारा किए गए सजावट और स्वच्छता के कार्यों की सराहना करते हुए सभी व्रतियों और ग्रामीणों को छठ महापर्व की शुभकामनाएं दीं। कल प्रातःकाल उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पण के साथ चार दिवसीय यह महापर्व विधिवत रूप से संपन्न हो जाएगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर पंवार ट्रैवल्स की बस ब्रेकडाउन, छठ व्रती फंसे कई घंटे — बड़ा हादसा टला
दिल्ली/पटना, 27 अक्टूबर: दिल्ली से पटना जा रही पंवार ट्रैवल्स की बस (नंबर UP-81-CT-9481) रविवार सुबह करीब 8 बजे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अचानक ब्रेकडाउन हो गई, जिसके कारण बस में सवार दर्जनों यात्री घंटों तक सड़क पर फंसे रहे। यह बस 25 अक्टूबर को दिल्ली से शाम 4 बजे रवाना होनी थी, लेकिन दो घंटे की देरी के बाद शाम 6 बजे निकली थी। बताया जा रहा है कि बस का कंप्रेसर पाइप फट गया, जिससे टायर से धुआं निकलने लगा। बस में बैठे यात्रियों ने जब शोर मचाया तो चालक ने तुरंत वाहन रोक दिया। समय रहते बस रुक जाने के कारण एक बड़ा हादसा टल गया। यात्रियों ने बताया कि उन्होंने कई बार बस मालिक और पार्टनर से संपर्क किया ताकि दूसरी बस की व्यवस्था हो सके, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। बाद में ड्राइवर ने एक्सप्रेस वे पर ही एक मैकेनिक को बुलाया, जिसने बस की मरम्मत की। मरम्मत के बाद बस करीब रात 1 बजे फिर से रवाना हुई। यात्रियों का कहना है कि बस दिल्ली से निकलते समय ही ठीक हालत में नहीं थी। बस में अधिकतर यात्री छठ व्रती थे, जिन्हें समय पर अपने घर पहुंचकर खरना पूजन करना था। यात्रियों में इस देरी को लेकर गुस्से का माहौल देखने को मिला। कई टोल प्लाजा पर बस का फास्टैग भी काम नहीं कर रहा था, क्योंकि उसमें रिचार्ज नहीं था। कुछ यात्रियों ने बताया कि फास्टैग का रिचार्ज भी उन्हें खुद करना पड़ा। गोरखपुर एक्सप्रेस वे पर यात्रियों और ड्राइवर के बीच नोकझोंक भी हुई, क्योंकि वहां भी बस फास्टैग समस्या के कारण करीब आधे घंटे तक खड़ी रही। ट्रैवल एजेंसी से बात कर पता चला है कि यह बस ITO विभाग द्वारा कई महीनों से ब्लैकलिस्टेड है। इसके बावजूद बस का संचालन किया जा रहा था। टिकट बिक्री में भी अनियमितता सामने आई है — बस दिल्ली से पटना के लिए बुक थी, लेकिन उसमें किशनगंज, बेतिया और बेगूसराय के यात्रियों के टिकट भी ऑनलाइन उसी बस में जारी किए गए थे। यात्रियों का कहना है कि बस कंपनी की लापरवाही और तकनीकी खामियों के कारण उन्हें छठ पर्व जैसे पावन अवसर पर भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सारण: बसतपुर छठ घाट संध्या अर्घ्य के लिए तैयार, नवयुवक समिति ने संभाली कमान
सारण/पानापुर, 27 अक्टूबर: पानापुर प्रखंड के बसतपुर छठ घाट संध्याकालीन अर्घ्य के लिए पूरी तरह तैयार हो गया है। घाट को फूल-मालाओं और दीपों से सजाया गया है, जहाँ आज शाम व्रती महिलाएं और श्रद्धालुजन डूबते सूर्य भगवान को अर्घ्य अर्पित करेंगे। गांव के बीच स्थित तालाब किनारे यह घाट वर्षों से आस्था और श्रद्धा का केंद्र रहा है। हर वर्ष की भांति इस बार भी घाट की सफाई और साज-सज्जा की जिम्मेदारी नवयुवक छठ पूजा समिति ने संभाली है। समिति के सदस्यों ने कई दिनों की मेहनत और सामूहिक प्रयास से घाट की सफाई, रंगाई-पुताई और व्यवस्था को सुनिश्चित किया है। इस कार्य में विकास सिंह, बिट्टू कुमार, अभिषेक कुमार, गोविंद कुमार, सुधांशु कुमार, रंजन कुमार, रौशन कुमार, सूरज कुमार, अनुज कुमार, प्रकाश कुमार, संदीप कुमार, नितेश कुमार, मिथलेश कुमार, चंदन कुमार सहित कई युवाओं का विशेष योगदान रहा। नवयुवकों की लगन और सहयोग से बसतपुर घाट अब श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पूरी तरह सुसज्जित है। क्षेत्र में छठ महापर्व को लेकर भक्तिमय माहौल है और लोगों में उत्साह का संचार देखा जा रहा है।
बिहार में 22 नवंबर से पहले संपन्न होंगे चुनाव, बीएलओ को ट्रेनिंग से मोबाइल तक दिखेंगे कई बदलाव : सीईसी ज्ञानेश कुमार
पटना/नई दिल्ली, 05 अक्टूबर : मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को जानकारी दी कि बिहार में 22 नवंबर से पहले विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि 22 नवंबर तक बिहार विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। उसके पहले ही राज्य में चुनाव संपन्न होंगे। पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्र हैं। इसमें दो सीटें एसटी और 38 सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि पूरी चुनाव आयोग की टीम दो दिनों से बिहार में है। सबसे पहले चुनाव आयोग ने बिहार की सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ बैठक की। इसके अलावा, बिहार के सभी जिलाधिकारी, एसपी-एसएसपी, आईजी और डीआईजी, कमिश्नर और सभी प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों, नोडल अफसरों, मुख्य निर्वाचन अधिकारी बिहार, स्टेट पुलिस नोडल अधिकारियों और सीएपीएफ के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की गई। बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य सचिवों के साथ भी बैठक की गई। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार से शुरू होने वाली कुछ पहलों में सबसे पहले ट्रेनिंग शामिल है। बूथ लेवल एजेंट की पहली बार चुनाव आयोग ने ट्रेनिंग कराई। बिहार के सभी बूथ लेवल एजेंट की ट्रेनिंग दिल्ली में कराई गई। बूथ लेवल अफसरों की आईआईआईडीईएम में ट्रेनिंग कराई गई। देशभर के लगभग 700 बूथ लेवल अफसर और सुपरवाइजर की ट्रेनिंग पूरी की जा चुकी है। उन्होंने कहा, “साधारण तौर से पुलिस अफसरों की ट्रेनिंग जिला या राज्य में ही होती थी। इस बार मानक के तौर पर इनकी दिल्ली में भी ट्रेनिंग शुरू की गई। मतदाता सूची में सबसे बड़ी पहल विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की रही। यह काम 24 जून से शुरू हुआ और समयबद्ध तरीके से सभी मतदाताओं के सहयोग के साथ समाप्त हुआ।” मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदाताओं को 15 दिन के अंदर वोटर आईडी दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा बूथ लेवल अफसर को, जब वे मतदाता के पास जाएं तो मतदाता उन्हें पहचान पाएं, इसलिए बूथ लेवल अधिकारी के लिए फोटो आईडी कार्ड शुरू किए गए। उन्होंने यह भी बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव से ही देश में पोलिंग बूथ पर मतदाताओं के मोबाइल रखने की व्यवस्था शुरू होगी। इस व्यवस्था का ट्रायल उपचुनाव के समय किया गया। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि मतदाताओं को दी जाने वाली स्लिप में बदलाव किया गया है, जिसमें बूथ नंबर और पता बड़े अक्षरों में मिलेगा। इससे मतदाता बूथ तक सुगमता के साथ जा सकते हैं। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग की लगभग 40 एप्लीकेशन अब तक बन चुकी थीं। इन सभी को मिलाकर एक कंप्यूटर प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। इसका प्रोग्रेसिव इंप्लीमेंटेशन अभी जारी है। बिहार में इसको लागू किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की संख्या ज्यादा होने पर लाइनें लगती थीं, इसलिए पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक वोटर नहीं होंगे। यह व्यवस्था बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू होगी।
बिहार के युवाओं के भविष्य की गारंटी देने वाली योजनाएं शुरू हुई : मोदी
नई दिल्ली, 04 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बिहार के युवाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की गई है जो उनके भविष्य की गारंटी है। श्री मोदी ने शिक्षा एवं कौशल से जुड़ी 62000 करोड़ की योजनाओं का शनिवार को शुभारंभ करने के बाद कहा कि समारोह इस बात का प्रतीक है कि भारत आज कौशल को कितनी प्राथमिकता देता है। आज देशभर के नौजवानों को शिक्षा और कौशल विकास की दो बड़ी योजनाएं शुरू हुई हैं। जब तक हम श्रम को प्रतिष्ठा नहीं देंगे तब तक शायद वह पाना आप को कम महसूस होगा इसलिए हम श्रमयेव जयते और श्रमेव पूज्यते कहते है। उसी भाव को लेकर आगे बढ़ रहे हैं ताकि आईटीआई के शिक्षार्थियों में विशास पैदा हो। कौशल का राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान हो। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को कई योजनाएं शुरू हुई है। यहाँ जो योजनाएं शुरू हुई वह नौजवानों के बेहतर भविष्य की गारंटी है। बिहार के युवाओं के सशक्तिकरण का मेगा योजना है। भारत ज्ञान और कौशल का देश है यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है और इससे देश के जरूरतों से जुड़ने से ताक़त और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि ‘लोकल प्रतिभा, लोकल कौशल’ को तेज़ी से आगे बढ़ाने में आईटीआई की बड़ी भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी आईटीआई आत्मनिर्भर भारत के वर्कशॉप है इसलिए हमारा फोकस इनकी संख्या बढ़ाने के साथ इनको अपग्रेड करने की है। बीते एक दशक में पाँच हज़ार आईटीआई बनाई गई। आजादी के बाद सिर्फ दस हज़ार आईटीआई बने जबकि हमारे कार्यकाल में पाँच हज़ार नए आईटीआई बनाए। उन्होंने कहा कि पीएम सेतु के माध्यम में आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा। भविष्य की माँग के हिसाब से अपग्रेड होगा। उन्होंने कहा कि हमारे नौजवानों के लिए दुनिया में नए अवसर बन रहे हैं। बिहार में दो ढाई दशक पहले शिक्षा व्यवस्था किस तरह तबाह थे और मजबूरी में बच्चों को बिहार को छोड़कर बाहर जाना पड़ता था। यही से पलायन की शुरुआत हुई। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने बिगड़ी हुई व्यवस्था को पटरी पर लाए। राजद की सरकार ने बिहार का किया हाल कर दिया था। उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम एक स्किल विश्वविद्यालय की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को जननायक सोशल मीडिया पर ट्रोल करने वाली आर्मी ने नहीं बनाया, उन्हें जनता ने बनाया। उन्होंने कहा कि आजकल कुछ लोग जननायक टाइटल को भी चोरी करने में लगे हैं, बिहार के लोगों को चौकन्ना रहने की जरूरत है। यह विश्विद्यालय उनकी सोच को आगे बढ़ाने का कम करेगा। बिहार की डबल इंजन की सरकार बिहार के हर क्षेत्र को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। राजद कांग्रेस की सरकार की तुलना में शिक्षा व्यवस्था बेहतर हुई है। बीते दो दशक में बिहार सरकार ने 50 लाख युवकों को रोज़गार से जोड़ा है। बिहार सरकार आने वाले पाँच साल में एक करोड़ रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस समय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) उत्सव चल रहा है। बिहार के युवाओं को उनकी ज्यादातर जरूरतों पर जीएसटी कम होने की बधाई देता हूँ। आज भारत तीन बड़ी अर्थव्यवस्था की तरफ़ बढ़ रहा है। विनिर्माण के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है जिससे युवाओं को रोजगार मिल रहा है। यह समय देश के युवा के लिए अवसरों से भरा पड़ा है। युवाओं की शक्ति विकसित भारत की शक्ति बनेगी।
नीतीश ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 25 लाख महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये की दूसरी किश्त ट्रांसफर की
पटना, 03 अक्टूबर : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को महिला रोजगार योजना के तहत 25 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 2500 करोड़ रुपये की राशि का हस्तांतरण किया। इस योजना की पहली किश्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में हस्तांतरित की थी। मुख्यमंत्री श्री कुमार ने आज सुबह एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 2500 करोड़ रूपये की राशि लाभार्थी महिलाओं के खाते में हस्तांतरित की। कार्यक्रम में दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार मौजूद थे। यह दूसरा अवसर है जब नीतीश सरकार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की राशि को लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरित की है। इससे पूर्व 26 सितंबर को 75 लाख महिलाओं के बैंक खाते में कुल 7500 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गये थे। इस अवसर पर श्री कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित मंत्री और अधिकारीगण और प्रदेश के कोने-कोने से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ी जीविका दीदियों को संबोधित करते हुए कहा कि 24 नवंबर 2005 को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने के बाद उन्होंने प्रदेश में महिला सशक्तीकरण को सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में बिहार में पहली बार पंचायत चुनावों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई और इसके ठीक बाद 2007 में नगर निकायों में भी उन्हें 50 प्रतिशत आरक्षण दे दिया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में पुलिस भर्ती में और 2016 में सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण ने बिहार सरकार के महिला सशक्तिकरण के संकल्प को आगे बढ़ाया। मुख्यमंत्री श्री कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ने स्कूल जाने वाली बालिकाओं के लिए जब साइकिल योजना शुरू की तो बहुत लोगों को आश्चर्य हुआ क्योंकि उससे पहले बिहार में लड़कियां साइकिल नही चलाती थीं। बाद में यह योजना सफल रही और प्रदेश में महिलाओं को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने का साधन बनी। श्री कुमार ने कहा कि वर्ष 2005 से पहले वह केंद्र की राजनीति में थे और देश भर में बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूहों को काम करते हुए देखा करते थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में विश्वबैंक से ऋण ले कर स्वयं सहायता समूह शुरू किया गया,जिसे जीविका का नाम दिया गया। उन्होंने कहा कि करीब 20 साल बाद आज बिहार में 11 लाख जीविका समूह काम कर रहे हैं, जिनके सदस्यों की संख्या एक करोड़ 40 लाख हो गयी है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृतसंकल्प है और जिन एक करोड़ महिलाओं को दस हजार की राशि दी जा चुकी है और भविष्य में जिन महिलाओं को शुरुआती राशि दी जाएगी, उन्हें अपना कारोबार शुरू करने के बाद उसे आगे बढ़ाने के लिए दो लाख रूपये की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी। इसके साथ ही बिहार सरकार ने महिला रोजगार योजना के तहत एक करोड़ का जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया है। आज के समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ी समस्तीपुर की अंजू कुमारी एक करोड़वीं लाभार्थी बनी जिनके खाते में मुख्यमंत्री ने दस हजार की राशि हस्तांतरित की। इस उपलब्धि के बाद अंजू ने मुख्यमंत्री और कार्यक्रम से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए जीविका दीदी बनने के बाद अपनी सफलता से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सब्जी की खेती उनकी आय का साधन है और भविष्य में मुख्यमंत्री रोजगार योजना से मिली राशि का उपयोग कर वह किराने की दुकान शुरू करेंगी। अंजू ने अपने संबोधन के दौरान बिहार सरकार की साइकिल, शौचालय, 125 यूनिट बिजली फ्री और सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत बुजुर्गों को मिलने वाली राशि को 400 रूपये से बढ़ाकर 1100 रूपये करने के लिए भी मुख्यमंत्री श्री कुमार के प्रति आभार प्रकट किया। गौरतलब है कि बिहार में सत्तारूढ़ दल इस योजना को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लेकर आया है।इसी वर्ष अगस्त महीने के अंत में मुख्यमंत्री श्री कुमार ने हर घर की एक महिला सदस्य को रोजगार शुरू करने के लिए दस हजार रुपये देने की घोषणा की थी। इसके बाद सितंबर महीने में इस योजना को कार्यान्वित किया गया, जिसमे ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिलाओं ने बड़ी संख्या में आवेदन किया था।इस योजना से जुड़ने के लिए जीविका समूह का सदस्य होना अनिवार्य है। इस वजह से पुरानी जीविका समूह योजना का भी विस्तार हो रहा है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना लागू होने के बाद प्रदेश के विभिन्न शहरों से जीविका समूह में जुड़ने के लिए करीब 10 लाख नए आवेदन अलग से आ चुके हैं।सरकार ने पहले ही घोषित किया है कि इस योजना के पैसे लाभार्थियों को चरणवार मिलते रहेंगे। आज इस योजना के तहत मिली दूसरी किश्त के बाद इस महीने की 06 और 17 अक्टूबर को भी पंजीकृत महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये भेजने का कार्यक्रम तय किया गया है।
बीजेपी ज्वाइन करते ही पवन सिंह ने साधा विपक्षी दलों पर निशाना, कहा- ‘सांप लोट रहे होंगे’
नई दिल्ली, 30 सितंबर: भोजपुरी सिनेमा में अपनी आवाज और एक्टिंग के दम पर पावर स्टार बने पवन सिंह ने आज बीजेपी ज्वाइन कर ली है। एक्टर ने लोकसभा चुनाव 2024 के समय भी बीजेपी का हाथ थामकर चुनाव लड़ने का प्लान किया था, लेकिन मनचाही सीट न मिलने की वजह से निर्दलीय लड़ने का फैसला लिया। काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ना पवन सिंह को ही भारी पड़ गया और एक्टर को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा, लेकिन अब बीजेपी ज्वाइन करते ही सिंगर ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा है। पवन सिंह ने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसका अपडेट दिया है। सिंगर ने अमित शाह, जेपी नड्डा और उपेंद्र कुशवाहा के साथ फोटो शेयर किया। इस पोस्ट के कैप्शन में पवन सिंह ने लिखा, “जातिवादी राजनीति के पोषकों के दिल पर आज ये फोटो देख के सांप लोट रहा होगा। लेकिन जिनके दिल में विकसित बिहार का सपना बसता है, वो कब तक एक दूसरे से दूर रह सकते हैं।” पवन सिंह ने आगे लिखा, “आज हमारे माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी, माननीय उपेंद्र कुशवाहा जी से मुलाक़ात हुई और उन्होंने दिल से आशीर्वाद दिया। मोदी जी और नीतीश जी के सपनों का बिहार बनाने में आपका बेटा पवन पूरा पावर लगाएगा।” फैंस पवन सिंह के बीजेपी ज्वाइन करने से बहुत खुश हैं। एक यूजर ने लिखा, ” वाह भैया…बिहार चुनाव में मजा आने वाला है।” एक दूसरे यूजर ने लिखा, “जय हो गुरु जी, आपके पावर को पूरा भारत जानता है… जियो बिहार के लाल… मजा आ गया।” हालांकि कुछ यूजर्स पवन सिंह को उपेंद्र कुशवाहा के साथ देखकर खुश नहीं हैं। यूजर्स का कहना है कि पवन सिंह को उपेंद्र कुशवाहा और एनडीए के सामने नहीं झुकना था। वर्क फ्रंट की बात करें तो पवन सिंह नवरात्रि में मां भगवती के भक्ति गीत रिलीज कर रहे हैं। हाल ही में एक्टर का गाना ‘चुनरिया लहरे माई के’ रिलीज हुआ है। एक्टर की फिल्म ‘मोहरा’ का भी फर्स्ट लुक रिलीज हो चुका है। बता दें कि पवन सिंह को रियलिटी शो राइज एंड फॉल में देखा गया था, जिसके कुछ दिनों बाद ही एक्टर के बीजेपी में शामिल होने की खबरें आने लगीं।
बिहार में एसआईआर के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी, 7.42 करोड़ मतदाता डालेंगे वोट
नई दिल्ली, 30 सितंबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने मंगलवार को फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी। अंतिम मतदाता सूची में लगभग 7.42 करोड़ मतदाता शामिल हैं। चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। निर्वाचन आयोग इस कार्य को सफल बनाने के लिए बिहार के सभी मतदाताओं का आभार व्यक्त करता है। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित हुई, जिसमें लगभग 7.42 करोड़ मतदाता शामिल हैं। ईसीआई के अनुसार, अंतिम मतदाता सूची की भौतिक और डिजिटल प्रतियां राजनीतिक दलों के साथ साझा की जा रही हैं। कोई भी मतदाता इसे वोटर्स डॉट ईसीआई डॉट गॉव डॉट इन पर ऑनलाइन देख सकता है। यह एसआईआर मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) बिहार, सभी 38 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ), 243 निर्वाचक निबंधन अधिकारियों (ईआरओ), 2,976 सहायक निर्वाचक निबंधन अधिकारियों (एईआरओएस), लगभग 1 लाख बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ), लाखों स्वयंसेवकों और सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों की पूर्ण भागीदारी, जिसमें उनके जिला अध्यक्ष और उनके द्वारा नियुक्त 1.6 लाख से अधिक बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) शामिल हैं, के ईमानदार प्रयासों से सफल हुआ। आयोग नियमित रूप से जागरूकता फैलाने और पूरी प्रक्रिया के दौरान अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया को भी धन्यवाद देता है। एसआईआर प्रक्रिया को समझाने और उन्हें पूरी जानकारी रखने के लिए राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की गईं। 20 जुलाई तक सीईओ, डीईओएस, ईआरओएस और बीएलओ ने पात्र मतदाताओं की पहचान करने के उद्देश्य से, मृत घोषित किए गए, जिनके गणना प्रपत्र प्राप्त नहीं हुए, जो स्थायी रूप से पलायन कर गए, या जिनका पता नहीं लगाया जा सका, ऐसे मतदाताओं की बूथ-स्तरीय सूचियां राजनीतिक दलों के साथ साझा कर दी थीं। ड्राफ्ट मतदाता सूची भी सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई थी। साथ ही, ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल न किए गए नामों की सूची डीईओ या डीएम (जिलावार) के साथ-साथ सीईओ बिहार की वेबसाइट पर भी जनता के अवलोकन के लिए प्रदर्शित की गई थी। एसआईआर प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 326 और भारत के निर्वाचन आयोग के आदर्श वाक्य ‘कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो’ के अनुरूप की गई थी। अगर कोई पात्र व्यक्ति अभी भी मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करने के लिए आवेदन करना चाहता है तो वह चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से दस दिन पहले तक आवेदन जमा कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति फाइनल वोटर लिस्ट में प्रविष्टि के संबंध में ईआरओ के निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो वे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 के तहत जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रथम अपील और सीईओ के समक्ष द्वितीय अपील दायर कर सकते हैं।
उपेंद्र कुशवाहा से मिले भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह, विनोद तावड़े और ऋतुराज सिंह भी रहे मौजूद
नई दिल्ली, 30 सितंबर: भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह ने मंगलवार की सुबह राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी (आरएलएम) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से उनके दिल्ली आवास में मुलाकात की। पवन सिंह के साथ विनोद तावड़े और ऋतुराज सिंह भी मौजूद थे। भाजपा नेता विनोद तावड़े ने कहा, “गायक और अभिनेता पवन सिंह भाजपा में हैं और भाजपा में ही रहेंगे। उपेंद्र कुशवाहा ने उन्हें आशीर्वाद दिया है। पवन सिंह बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा सदस्य के रूप में एनडीए के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगे।” वहीं, राजद सांसद सुधाकर सिंह ने कहा, “यह साफ है कि भाजपा ने कुशवाहा के नेतृत्व को चुनौती देने और उनके राजनीतिक प्रभाव को कमजोर करने के लिए पवन सिंह को बी-टीम के तौर पर मैदान में उतारा था। यह रणनीति काम कर गई है। आज, कुशवाहा बिहार की राजनीति में प्रासंगिकता खो चुके हैं और उनकी सौदेबाजी की क्षमता भी खत्म हो गई है। पवन सिंह अब किससे मिलते हैं, इसका कोई खास महत्व नहीं है, लेकिन भाजपा उनका इस्तेमाल करके कुशवाहा को किनारे लगाने में कामयाब रही।” बता दें कि पवन सिंह लंबे समय से एनडीए समर्थक माने जाते रहे हैं और उन्होंने कई मौकों पर भाजपा व उसके सहयोगियों के कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया है। अब जब बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो रही हैं, तो पवन सिंह भी राजनीतिक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार हैं। आरा विधानसभा भोजपुर का वही क्षेत्र है, जहां विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे पहले साल 2000 में सफलता मिली थी। तब से अमरेंद्र प्रताप सिंह ने यहां से जीत का चौका लगाया। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने यहां से पांचवीं बार जीत हासिल की थी। ध्यान देने वाली बात यह है कि पवन सिंह का भोजपुर इलाके में बड़ी संख्या में फैन बेस है। भोजपुरी सिनेमा के जरिए उन्होंने आम जनता के बीच गहरी पकड़ बनाई है। अगर एनडीए पवन सिंह को आरा से उम्मीदवार बनाती है, तो यह मुकाबला बेहद दिलचस्प हो सकता है, क्योंकि यह सीट राजनीतिक रूप से हमेशा से चर्चा में रही है। भोजपुरी सिनेमा के कलाकारों का राजनीति में आना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी मनोज तिवारी, रवि किशन और निरहुआ जैसे कलाकारों ने राजनीतिक अखाड़े में सक्रिय रूप से कदम रखा है।