पटना, 18 जुलाई: भोजपुरी गायक रितेश पांडे और हिमाचल प्रदेश कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी जयप्रकाश सिंह शुक्रवार को जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गए। किशोर ने पार्टी में उनका स्वागत करते हुए कहा, ‘हमने जानबूझकर वह दिन चुना है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार आ रहे हैं और वह अपनी बड़ी-बड़ी बातों से लोगों को लुभाने की कोशिश करेंगे।’ इस अवसर पर सारण जिले के निवासी सिंह ने कहा कि उन्होंने 25 साल की सेवा के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) इसलिए ली ‘क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि जन सुराज मेरे गृह राज्य में इतिहास रचने वाली है।” पांडे ने एक हिंदी गीत गाया, जिसमें ‘राज्य में सभी को रोजी रोटी मिले’ सुनिश्चित करने की जन सुराज पार्टी की आकांक्षा को रेखांकित किया गया है।
बिहार में राजद-कांग्रेस शासन के दौरान विकास कोसों दूर हुआ करता था : प्रधानमंत्री मोदी
मोतिहारी/नई दिल्ली, 18 जुलाई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की शुरुआत करने के बाद विपक्षी दलों राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शासनकाल में विकास कोसों दूर हुआ करता था। परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद मोतिहारी में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राजद-कांग्रेस ने कभी बिहार के गरीब लोगों की भलाई के बारे में नहीं सोचा, उल्टे उनके शासनकाल में गरीब लोग गरीब ही रहे। मोदी ने कहा कि पूर्वी भारत के समग्र विकास के लिए ‘विकसित बिहार’ जरूरी है और मोतिहारी को मुंबई की तरह विकसित बनाना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि चंपारण ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी के आंदोलन को नई दिशा दी थी। उन्होंने कहा कि देश में कुल 1.5 करोड़ ‘लखपति दीदियों’ में से 20 लाख बिहार में हैं। उन्होंने कहा कि देश में युवाओं को नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र सरकार एक लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजद युवाओं को रोजगार देने के बारे में सोच भी नहीं सकती और उसने नौकरी देने से पहले गरीबों की जमीन हड़प ली थी। इससे पहले प्रधानमंत्री ने पूर्वी चंपारण जिले में 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। ये परियोजनाएं रेल, मत्स्य पालन और अन्य क्षेत्रों से संबंधित हैं। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, कई केंद्रीय मंत्री और अन्य लोग उपस्थित थे। चौधरी ने कहा कि जिला मुख्यालय मोतिहारी का प्रधानमंत्री का यह दौरा 2014 के बाद से उनका 53वां बिहार दौरा है।
मोदी ने बिहार में किया 5381 करोड़ रुपये की रेल परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास
मोतिहारी/नई दिल्ली, 18 जुलाई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को बिहार में 5381 करोड़ रुपये से अधिक की रेल परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। श्री मोदी ने मोतिहारी में आयोजित समारोह में रेल, सड़क, ग्रामीण विकास, मत्स्य पालन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों से जुड़ी 7200 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने संचार और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने वाली कई रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया जिनमें समस्तीपुर-बछवाड़ा रेल लाइन के बीच स्वचालित सिग्नलिंग शामिल है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कई रेल परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया, जिनमें पाटलिपुत्र में वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव के लिए बुनियादी ढांचे का विकास और भटनी-छपरा ग्रामीण रेल लाइन (114 किमी) पर स्वचालित सिग्नलिंग तथा 232 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले भटनी-छपरा ग्रामीण खंड में कर्षण प्रणाली का उन्नयन करना शामिल भी है। कर्षण प्रणाली के बुनियादी ढांचे को मज़बूत और ऊर्जा दक्षता को अनुकूलित करके ट्रेनों की गति बढ़ाई जाएगी। उन्होंने लगभग 4,080 करोड़ रुपये की लागत वाली दरभंगा-नरकटियागंज रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना का भी शिलान्यास किया। इससे अधिक यात्री और मालगाड़ियों का संचालन संभव होगा और उत्तर बिहार तथा देश के बाकी हिस्सों के बीच संपर्क मज़बूत होगा। प्रधानमंत्री ने चार अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को आभासी माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। वंदे भारत जैसी रफ्तार और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इन अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में पटना-नई दिल्ली अमृत भारत एक्सप्रेस, मालदा टाऊन-गोमतीनगर, लखनऊ अमृत भारत एक्सप्रेस, दरभंगा-गोमतीनगर, लखनऊ अमृत भारत एक्सप्रेस और मोतिहारी के बापूधाम से चलकर दिल्ली के आनंद विहार जाने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस शामिल है। तेज रफ्तार वाली यह ट्रेन आधुनिक सुविधाएं लैस होगी। यह ट्रेन करीब 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। पटना से दिल्ली के बीच का लगभग 1000 किलोमीटर का सफर मात्र 10 घंटे में पूरा करेगी। इस ट्रेन में सिर्फ जनरल और स्लीपर कोच है। इसमें एसी कोच नहीं होंगे। इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को सुविधाएं वंदे भारत ट्रेन जैसी मिलेगी। पटना से दिल्ली के बीच चलने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस करीब 12 जंक्शनों पर ठहरेगी जिनमें आरा, बक्सर, दीन दयाल उपाध्याय नगर (डीडीयू), मिर्जापुर, प्रयागराज, कानपुर सेंट्रल, इटावा जंक्शन शामिल हैं। इस ट्रेन में यात्रियों को हर सीट पर चार्जिंग प्वाइंट की सुविधा रहेगी। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा साफ-सुथरे और हाईटेक शौचालय की व्यवस्था की गयी है। यात्रियों को अहम जानकारी देने के लिए कोच में डिजिटल बोर्ड और बेहतर रोशनी की व्यवस्था भी है। पाटलिपुत्र कोचिंग कॉम्प्लेक्स में 283 करोड़ रुपये की लागत से वंदे भारत के रखरखाव केंद्र बनेगा।यहां वंदे भारत ट्रेनों के रोजाना रखरखाव के लिए अलग-अलग प्रकार की पांच लाइनें बनायी जाएंगी। इसके निर्माण का टेंडर हो चुका है। श्री मोदी ने 53 करोड़ रुपये की लागत से तैयार समस्तीपुर-बछवारा के बीच स्वचालित सिग्नलिंग सिस्टम को राष्ट्र को समर्पित किया। साथ ही, उन्होंने भटनी से छपरा (114 के एम पार्ट ऑटोमेटिक सिगनलिंग गोरखपुर कैंट्ट-छपरा ग्रामीण रे ल सेक्शन के बीच) के बीच 153 करोड़ रुपये की लागत वाली ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम की शुरुआत की।
चंदन मिश्रा हत्याकांड : फिल्मी अंदाज में घुसे थे 5 लोग, सामने आया सीसीटीवी फुटेज
पटना, 17 जुलाई: बिहार की राजधानी पटना के पारस अस्पताल में चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि अपराधी खुलेआम अस्पताल में घुसे, गोलियां चलाईं और फरार हो गए। यह घटना गुरुवार सुबह की बताई जा रही है। हत्या के मामले में जेल में बंद चंदन मिश्रा की तबीयत बिगड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसी दौरान विरोधी गुट के बदमाशों ने अस्पताल पहुंचकर चंदन की हत्या कर दी। सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि 5 हथियारबंद युवक पारस अस्पताल के अंदर प्रवेश करते हैं और चंदन मिश्रा के वार्ड में जाकर फायरिंग कर उसे मौत के घाट उतार देते हैं। चौंकाने वाली बात यह रही कि इस दौरान उस कमरे के बाहर या आसपास कोई भी सुरक्षाकर्मी कर्मी तैनात नहीं था। पटना एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने बताया कि बक्सर का कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा कई हत्याओं के मामले में आरोपी था और एक केस में उसे सजा भी मिल चुकी थी। वह बहुत खतरनाक अपराधी है। इसी वजह से कुछ दिन पहले उसे बक्सर से भागलपुर जेल भेजा गया था। इस दौरान उसकी तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। आईजी जितेंद्र राणा ने बताया, “बक्सर जिले का एक बड़ा अपराधी चंदन मिश्रा हाल ही में इलाज के लिए जेल से पैरोल पर बाहर आया था। ऐसा प्रतीत होता है कि यह घटना या तो आपसी झगड़े या विरोधी गिरोहों के कारण हुई। इलाज के दौरान ही कुछ अपराधियों ने उस पर हमला किया और उसे कई गोलियां मारी हैं। इस बारे में अधिक जानकारी डॉक्टर ही साझा करेंगे।” उन्होंने कहा कि चंदन मिश्रा एक बड़ा अपराधी था, और पुलिस पता लगा रही है कि उसे गैंगवॉर के चलते गोली मारी गई है या इस हमले का कोई और कारण है। हम इस घटना के बारे में पता लगा रहे हैं और इसमें शामिल अपराधियों को चिन्हित किया जा रहा है। मामले को लेकर बक्सर पुलिस के साथ भी संपर्क में हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यहां के कर्मचारियों की इस घटना में मिलीभगत हो सकती है, इसलिए जो भी सुरक्षाकर्मी अस्पताल में ड्यूटी पर थे, उनसे भी पूछताछ की जाएगी कि अपराधी हथियार लेकर अस्पताल में कैसे पहुंचे।
पीके ने उठाए चुनाव आयोग पर सवाल, दिलीप जायसवाल पर लगाए घोटाले के आरोप
पूर्णिया, 16 जुलाई: बिहार में अपनी ‘बदलाव यात्रा’ के तहत पूर्णिया पहुंचे प्रशांत किशोर ने पत्रकार वार्ता कर तीन अहम मुद्दों पर भाजपा, चुनाव आयोग और महाराष्ट्र की राजनीति पर तीखे हमले किए। पीके ने वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव इसी वोटर लिस्ट से हुआ, जिसमें मोदी जी प्रधानमंत्री बने। अब उसी लिस्ट से विधानसभा चुनाव में दिक्कत क्यों? उन्होंने इसे भाजपा की सोची-समझी साजिश बताया और आरोप लगाया कि पिछड़े वर्गों के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि चुनाव आयोग किसी की नागरिकता तय नहीं कर सकता, यह अधिकार केवल सुप्रीम कोर्ट को है। यदि किसी का नाम वोटर लिस्ट से हटता है तो जन सुराज उनके साथ खड़ा रहेगा। इसके साथ ही पीके ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर फिर सीधा हमला बोला और चार गंभीर आरोप दोहराए। किशनगंज स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज में नेताओं के बच्चों को मैनेजमेंट कोटे से एमबीबीएस में एडमिशन दिलाने और आयुष्मान योजना के नाम पर करोड़ों की हेराफेरी जैसे मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा और जायसवाल अब तक जवाब नहीं दे पाए हैं। महाराष्ट्र में जारी हिंदी बनाम मराठी विवाद पर ठाकरे बंधुओं को लंपट कहने के साथ-साथ प्रशांत किशोर ने भाजपा और कांग्रेस को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों पार्टियों ने सत्ता के लिए ऐसे लोगों से गठबंधन किया है जो समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। पत्रकार वार्ता में जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने भी कहा कि बिहार में बदलाव की चाह रखने वाले हर सजग नागरिक का पार्टी में स्वागत है।
कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों पर वोट छांटना चाहती है भाजपा: तेजस्वी यादव
पटना, 16 जुलाई: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के विरोध में विपक्ष मोर्चा खोल चुका है। इस बीच, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को एक बार फिर आंकड़ों के जरिए आरोप लगाया कि पिछले चुनाव में कम अंतर से हार और जीत वाली सीटों पर वोट छांटने की कोशिश की जा रही है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि वे लोग ऐसे ही लोकतंत्र को खत्म नहीं होने देंगे। उन्होंने लिखा, “बिहार में कुल 7 करोड़ 90 लाख मतदाता हैं। कल्पना कीजिए, भाजपा के निर्देश पर अगर मिनिमम एक प्रतिशत मतदाताओं को भी छांटा जाता है तो लगभग 7 लाख 90 हजार मतदाताओं के नाम कटेंगे। यहां हमने केवल एक प्रतिशत की बात की है, जबकि इनका इरादा इससे भी अधिक चार से पांच प्रतिशत का है।” उन्होंने आगे लिखा, “अगर हम इस एक प्रतिशत, यानी 7 लाख 90 हजार मतदाताओं को 243 विधानसभा क्षेत्रों से विभाजित करते हैं, तो प्रति विधानसभा 3251 मतदाताओं का नाम कटेगा। बिहार में कुल 77,895 पोलिंग बूथ हैं और हर विधानसभा में औसतन 320 बूथ हैं। अब अगर एक बूथ से 10 वोट भी हटेंगे तो विधानसभा के सभी बूथों से कुल 3200 मत हट जाएंगे।” राजद नेता तेजस्वी यादव ने आगे लिखा कि अब पिछले दो विधानसभा चुनावों के क्लोज मार्जिन से हार-जीत वाली सीटों का आंकड़ा देखें तो 2015 विधानसभा चुनाव में 3000 से कम मतों से हार-जीत वाली कुल 15 सीटें थीं, जबकि 2020 में ऐसी 35 सीटें थीं। अगर 5000 से कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों को गिनें तो 2015 में 32 सीटें थीं और 2020 में ऐसी कुल 52 सीटें थीं। उन्होंने आरोप लगाते हुए लिखा, “चुनाव आयोग के माध्यम से भाजपा का निशाना अब ऐसी हर सीट पर है। ऐसी ही सीटों के चुनिंदा बूथों, समुदायों और वर्गों के बहाने से ये लोग वोट छांटना चाहते हैं, लेकिन हम सब सतर्क हैं, हमारे कार्यकर्ता हर जगह हर घर जाकर इनकी बदनीयती का भंडाफोड़ करते रहेंगे। हम लोकतंत्र को ऐसे खत्म नहीं होने देंगे।”
बिहार: नीतीश कुमार ने दिए शिक्षक भर्ती के निर्देश, महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण
पटना, 16 जुलाई: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की रिक्तियों को तुरंत भरने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं। सीएम नीतीश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षा विभाग को कहा है कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की रिक्तियों की गणना तुरंत कर खाली पद पर नियुक्ति के लिए टीआरई-4 की परीक्षा का आयोजन शीघ्र कराया जाए। उन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीआरई-4) जल्द से जल्द आयोजित करने का आदेश दिया है ताकि रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जा सकें। इसके साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षक भर्ती में 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ केवल बिहार की महिलाओं को दिया जाएगा। नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और शिक्षक भर्ती इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बिहार सरकार ने पहले ही शिक्षक भर्ती में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण की नीति लागू की है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि यह आरक्षण केवल बिहार निवासी महिलाओं के लिए होगा, जिससे स्थानीय महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिल सकें। यह नीति महिलाओं के सशक्तिकरण और बिहार में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में बिहार सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए कई चरणों में टीआरई परीक्षाएं आयोजित की हैं। इन भर्तियों के जरिए लाखों शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में नियुक्त किया गया है। हालांकि, अभी भी कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, जिसे पूरा करने के लिए टीआरई-4 परीक्षा की तैयारी शुरू की गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टीआरई-4 परीक्षा की तारीख और अन्य विवरणों की घोषणा जल्द की जाएगी। इस भर्ती से हजारों युवाओं, खासकर महिलाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
बिहार में तुषार गांधी के ‘अपमान’ पर भड़के तेजस्वी यादव
पटना, 15 जुलाई : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर निशाना साधा। तुषार गांधी राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के समर्थन में राज्य का दौरा कर रहे हैं। गांधी सोमवार को पूर्वी चंपारण जिले में थे, जहां से राष्ट्रपिता ने अपना पहला सत्याग्रह शुरू किया था। यादव ने एक वीडियो साझा किया जिसमें नीतीश कुमार सरकार के एक समर्थक द्वारा गांधी को अपशब्द कहे जा रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं बिहार के सभी लोगों की ओर से श्री तुषार गांधी से हाथ जोड़कर क्षमा मांगता हूं। मुझे उम्मीद है कि वह हमें माफ कर देंगे।” बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता यादव ने स्वयं को ‘महात्मा गांधी के दर्शन का अनुयायी बताया, जिनका स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, त्याग और समर्पण मुझे कृतज्ञता से भर देता है।’ बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री यादव द्वारा साझा किया गया वीडियो सबसे पहले उनकी पार्टी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था, जिसमें यह दावा किया गया था कि गांधी के साथ दुर्व्यवहार करने वाला व्यक्ति ‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नेता है, जो स्वयं को उस जाति से संबंधित बताता है जिससे महात्मा गांधी आते हैं।” वीडियो में उस व्यक्ति को कहते हुए सुना गया, ”मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है, नीतीश सरकार भी अच्छा कर रही है। महात्मा गांधी के वंशज होकर भी इस सच्चाई को न मानने के लिए आपको शर्म आनी चाहिए।” यह घटना तुरकौली गांव में हुई थी, जो एक ऐतिहासिक ‘नीम के पेड़’ के पास स्थित है। ब्रिटिश राज के दौरान नील की खेती करने वालों को इस पेड़ से बांधकर कोड़े मारे जाते थे। यह अमानवीय प्रथा तब बंद हुई जब महात्मा गांधी ने देश में अपना पहला असहयोग आंदोलन शुरू किया। तुषार गांधी ने पंचायत भवन में आयोजित एक कार्यक्रम से पहले पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि बिहार को बदलाव की जरूरत है। राजग सत्ता में है लेकिन उसने अपने कई वादे पूरे नहीं किए हैं। महा गठबंधन एक विकल्प है, और इसलिए मैं आगामी चुनावों में विपक्षी गठबंधन का समर्थन करूंगा। हालांकि, मैं एक (सामाजिक) कार्यकर्ता था, हूं और रहूंगा और अगर महा गठबंधन सत्ता में आता है, तो मैं उससे भी उसी स्तर की जवाबदेही मांगूंगा।” गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर भी अपनी नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा, ”काफी पहले मैंने उनसे आग्रह किया था कि चंपारण के नाम में ‘सत्याग्रह’ जोड़ा जाए। यह बापू को एक श्रद्धांजलि होती।” गांधी के अनुसार, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रमुख ”ने उस प्रस्ताव से सहमति जतायी थी, लेकिन लगता है अब भूल गए हैं – जो कि उनकी अनगिनत राजनीतिक पलटियों को देखते हुए कोई हैरानी की बात नहीं है।” पंचायत भवन से अपमानजनक ढंग से बाहर निकाले जाने के बाद गांधी ने भवन के बाहर एक छोटी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ”बापू को तो बहुत पहले मार दिया गया, लेकिन गोडसे की विचारधारा आज भी जीवित है। यही विचारधारा किसी भी असहमति की आवाज को दबाना चाहती है।” उन्होंने कहा, ”हमें नहीं पता कि बापू की सत्यनिष्ठा चुनावी राजनीति में कितनी जगह पा सकती है, जिसकी नींव अब झूठ और धोखे पर टिकी है। फिर भी हमें लड़ते रहना होगा।” इसके साथ ही भीड़ में से ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे गूंज उठे।
बिहार सरकार अगले पांच वर्ष में 1 करोड़ रोजगार और रोजगार के अवसर सृजित करेगी
-कैबिनेट की बैठक में 30 प्रस्तावों पर मुहर पटना, 15 जुलाई : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में अगले पांच वर्षों यानी 2030 तक रोज़गार और रोजगार के अवसर पैदा करने सहित कुल 30 निर्णय लिए गए। कैबिनेट सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि ये रोजगार और रोजगार के अवसर सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में सृजित किए जाएंगे, साथ ही सरकार से किसी भी रूप में सहायता प्राप्त करने वाली फर्मों/उद्यमियों में भी। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि बैठक में विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक 12 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया, जो इस उद्देश्य के लिए सभी संभावनाओं और विकल्पों पर विचार करने के बाद सरकार को अपने सुझाव देगी। एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में, कैबिनेट ने सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ उन गैर-कॉर्पोरेट करदाताओं को भी देने का निर्णय लिया, जो राज्य के निवासी हैं और जिनका व्यवसाय राज्य में पंजीकृत है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में वाणिज्य कर विभाग के प्रस्ताव बिहार व्यवसायी दुर्घटना मृत्यु अनुदान योजना, 2025 को मंजूरी दे दी गई है। इस प्रस्ताव के अनुसार, राज्य सरकार किसी व्यवसायी की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उसके निकटतम परिजन को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देगी, बशर्ते व्यवसायी बिहार का निवासी हो या उसने राज्य में अपना व्यवसाय पंजीकृत कराया हो। राज्य के व्यवसायियों को लाभ पहुंचाने के अलावा, यह जीएसटी करदाताओं को भी कवर करेगा। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को एकमुश्त राशि के भुगतान के लिए 394.41 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता भी स्वीकृत की है। उन्होंने आगे कहा कि गैर-सहायता प्राप्त शिक्षा नीति को समाप्त करने के बाद, सरकार विभिन्न प्रभागों में उत्तीर्ण छात्रों की संख्या के आधार पर ऐसे विद्यालयों को अनुदान देती है। पटना मेट्रो के प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के रखरखाव के लिए धनराशि स्वीकृत -सिद्धार्थ ने बताया कि पटना मेट्रो रेल परियोजना के प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के रखरखाव के लिए दो साल आठ महीने (अगस्त 2025 और मार्च 2028) की अवधि के लिए 179.37 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत की गई है। उन्होंने आगे बताया कि यह राशि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को दी जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने तीन-कार सिंगल ट्रेनसेट मेट्रो को तीन साल की अवधि के लिए किराए पर लेने के लिए 21.15 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत की। गौरतलब है कि मेट्रो ट्रेन सबसे पहले मलाही पकरी और न्यू आईएसबीटी के बीच एक एलिवेटेड सेक्शन पर प्राथमिकता वाले कॉरिडोर पर अपनी सेवा शुरू करेगी। बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को 6000 रुपये का एकमुश्त मानदेय-मंत्रिमंडल ने राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य के लिए 77,895 बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) और 8245 बीएलओ पर्यवेक्षकों को 6000 रुपये का एकमुश्त मानदेय देने का निर्णय लिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि इस हेतु 51.68 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। बिहार कैबिनेट की बैठक में चार डॉक्टरों को बर्खास्त करने को लेकर भी निर्णय लिया गया है। इसके तहत लखीसराय में पोस्टेड डॉक्टर कृतिका सिंह, डॉ कृति किरण, बेगूसराय में पोस्टेड डॉक्टर चंदना कुमारी और जमुई में तैनात डॉक्टर निमीषा रानी को सरकारी सेवा से बर्खास्त करने का फैसला लिया गया है। इन सभी को लगातार अनुपस्थित रहने की वजह से सरकारी सेवा से बर्खास्त किया गया है। पटना की ही तरह भागलपुर और मुंगेर में गंगा पर परियोजना को मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दी है। इसके तहत भागलपुर में सुल्तानगंज-भागलपुर-सबोर के बीच 40.80 किलोमीटर लंबा पथ बनेगा। इसके लिए 4,850 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। मुंगेर जिले में भी गंगा पथ परियोजना को मंजूरी दी गई है। मुंगेर -बरियारपुर-घोरघट -सुल्तानगंज के बीच 42 किलोमीटर लंबा पथ बनेगा और इसके लिए 5,120 करोड़ रुपये की स्वीकृत दी गई । अन्य महत्वपूर्ण निर्णय-मंत्रिमंडल ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा द्वारा संचालित 46 राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में कार्यशालाओं एवं प्रयोगशालाओं के लिए मशीनरी/उपकरण/औजार/कंप्यूटर क्रय एवं स्थापना हेतु 80 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। इसी प्रकार, राज्य के 38 राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में कार्यशालाओं एवं प्रयोगशालाओं हेतु मशीनरी/उपकरण/औजार/कंप्यूटर क्रय एवं स्थापना के लिए 90 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। कैबिनेट ने पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के विस्तार, जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण कार्य के लिए अनुमानित 7832.29 करोड़ रुपये की राशि को भी मंजूरी दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि इस परियोजना के मार्च 2029 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। इस परियोजना के पूरा होने पर दरभंगा जिले के 16 और मधुबनी जिले के 20 प्रखंडों को लाभ मिलने की उम्मीद है। परियोजना का कृषि योग्य कमान क्षेत्र (कृषि योग्य कमान क्षेत्र) 2,15,672 हेक्टेयर है और वार्षिक सिंचाई क्षमता 2,91,158 हेक्टेयर है। कैबिनेट ने वित्त विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
पत्रकार से यूट्यूबर बने अजीत अंजुम पर प्राथमिकी में क्या है? क्या दिखाने के कारण एफआईआर दर्ज
बेगूसराय, 15 जुलाई : बिहार के बेगूसराय जिले में यूट्यूबर और पत्रकार अजीत अंजुम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर सरकारी काम में बाधा डालने और बिना अनुमति सरकारी दफ्तर में घुसने का आरोप है। यह मामला बलिया थाना में दर्ज हुआ है। एफआईआर भाग संख्या 16, साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) मो. अंसारुल हक ने दर्ज करवाई है। बीएलओ ने बताया कि 12 जुलाई की सुबह करीब 9:30 बजे वे बलिया प्रखंड सभागार में बीएलओ एप से वोटर लिस्ट की जानकारी अपलोड कर रहे थे। उसी दौरान अजीत अंजुम, उनके सहयोगी और कैमरामैन बिना अनुमति अंदर घुस आए और सवाल-जवाब करने लगे। उन्होंने बीएलओ से पूछा कि बूथ पर कितने मतदाता हैं, फार्म कितनों को दिया गया, कितनों से वापस लिया गया, मुस्लिम मतदाताओं की संख्या कितनी है और कितनों ने फार्म के साथ दस्तावेज जमा किए हैं। बीएलओ ने बताया कि उनके बूथ पर 1020 मतदाता हैं और सभी से फार्म लेकर अपलोड किया जा चुका है। बीएलओ के अनुसार, अजीत अंजुम बार-बार इस बात पर ज़ोर दे रहे थे कि मुस्लिम मतदाताओं को परेशान किया जा रहा है, जबकि बीएलओ का कहना है कि यह पूरी तरह गलत आरोप है। बीएलओ ने यह भी बताया कि अजीत अंजुम और उनकी टीम करीब एक घंटे तक वहां मौजूद रही, जिससे सरकारी कामकाज में काफी परेशानी हुई। इस घटना के बाद अजीत अंजुम और उनके सहयोगियों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। आसान भाषा में समझें पूरा मामला देश के जाने-माने पत्रकार और यूट्यूबर अजीत अंजुम ने अपने यूट्यूब चैनल पर मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान से जुड़ी एक रिपोर्टिंग की और उसे अपने चैनल पर अपलोड किया। इसी वीडियो को लेकर बेगूसराय जिला प्रशासन ने आपत्ति जताई है और एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें अजीत अंजुम पर झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया गया है। प्रशासन का कहना है कि बलिया अनुमंडल में चल रहे वोटर लिस्ट सुधार कार्य के दौरान अजीत अंजुम ने बिना अनुमति सरकारी दफ्तर में जाकर वीडियो बनाया और इसे यूट्यूब चैनल पर प्रसारित कर दिया। इस वीडियो में कुछ गलत जानकारियां दी गई हैं, जिससे समाज में भ्रम और तनाव फैल सकता है। इस वीडियो की पड़ताल जब एक अखबार के पत्रकार ने की, तो कुछ अहम बातें सामने आईं। वीडियो में दिखता है कि अजीत अंजुम बलिया अनुमंडल कार्यालय पहुंचते हैं और वहां कैंपस में रिपोर्टिंग करते हैं। फिर वह एक कार्यालय कक्ष में प्रवेश करते हैं, जहां कुछ महिला कर्मचारी वोटर लिस्ट से जुड़े काम कर रही होती हैं। अजीत अंजुम वहां रखे कागजों को पलटकर देखते हैं और कर्मचारियों से सवाल-जवाब करते हैं। वीडियो में यह भी दिख रहा है कि वे बीएलओ और अन्य अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। अब इस पूरे मामले को लेकर बेगूसराय में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। मंगलवार को नागरिक संवाद समिति के द्वारा विरोध मार्च निकालने की तैयारी की जा रही है। प्रशासन का मानना है कि अजीत अंजुम ने एक विशेष समुदाय को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की है, जिससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। जिला प्रशासन ने क्या कहा? बेगूसराय जिला प्रशासन ने 13 जुलाई को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जिसमें यूट्यूबर अजीत अंजुम पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने एक जाति विशेष को निशाना बनाकर झूठी बातें फैलाईं और लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की। प्रशासन ने बताया कि 12 जुलाई की शाम 4 बजे अजीत अंजुम ने अपने यूट्यूब चैनल पर 45 मिनट 39 सेकंड का एक वीडियो अपलोड किया। इस वीडियो में वे अपने कैमरामैन के साथ बलिया प्रखंड सभागार में चल रहे वोटर लिस्ट सुधार कार्य का वीडियो बना रहे हैं, जो बिना अनुमति के किया गया। प्रशासन का कहना है कि इस वीडियो में एक खास वर्ग के लोगों को लेकर ऐसे सवाल उठाए गए हैं, जिससे समाज में भेदभाव और तनाव फैल सकता है। वीडियो में कुछ निजी और संवेदनशील दस्तावेजों को भी दिखाया गया है। प्रशासन ने चेतावनी दी कि अगर इस वीडियो के कारण इलाके में कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी अजीत अंजुम और उनके साथियों की होगी। प्रेस विज्ञप्ति में प्रशासन ने यह भी कहा कि अजीत अंजुम का यह कृत्य सरकारी काम में बाधा डालने वाला, गैरजिम्मेदार और अनुचित है। इससे धार्मिक तनाव भी फैल सकता है। प्रशासन ने यह साफ किया कि साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र (145) में वोटर लिस्ट सुधार कार्य शांतिपूर्वक और अच्छे माहौल में चल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जिस मतदान केंद्र के कागजात अजीत अंजुम ने वीडियो में दिखाए, वहां कुल 1104 वोटर हैं, जिनमें 1098 हिन्दू और 6 मुस्लिम हैं। अब तक वहां से 980 फॉर्म वापस लिए जा चुके हैं, और 715 फॉर्म अपलोड भी हो चुके हैं। पूरे विधानसभा क्षेत्र में 2,76,904 मतदाता हैं, जिनमें से 2,18,000 योग्य मतदाताओं के फॉर्म भरे और वापस लिए जा चुके हैं। इनमें से 2,01,897 फॉर्म यानी 72% पहले ही अपलोड किए जा चुके हैं। यह काम चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार पूरी गंभीरता से और समय पर किया जा रहा है।