पटना/नई दिल्ली, 05 अक्टूबर : मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को जानकारी दी कि बिहार में 22 नवंबर से पहले विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि 22 नवंबर तक बिहार विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। उसके पहले ही राज्य में चुनाव संपन्न होंगे। पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्र हैं। इसमें दो सीटें एसटी और 38 सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि पूरी चुनाव आयोग की टीम दो दिनों से बिहार में है। सबसे पहले चुनाव आयोग ने बिहार की सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ बैठक की। इसके अलावा, बिहार के सभी जिलाधिकारी, एसपी-एसएसपी, आईजी और डीआईजी, कमिश्नर और सभी प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों, नोडल अफसरों, मुख्य निर्वाचन अधिकारी बिहार, स्टेट पुलिस नोडल अधिकारियों और सीएपीएफ के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की गई। बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य सचिवों के साथ भी बैठक की गई। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार से शुरू होने वाली कुछ पहलों में सबसे पहले ट्रेनिंग शामिल है। बूथ लेवल एजेंट की पहली बार चुनाव आयोग ने ट्रेनिंग कराई। बिहार के सभी बूथ लेवल एजेंट की ट्रेनिंग दिल्ली में कराई गई। बूथ लेवल अफसरों की आईआईआईडीईएम में ट्रेनिंग कराई गई। देशभर के लगभग 700 बूथ लेवल अफसर और सुपरवाइजर की ट्रेनिंग पूरी की जा चुकी है। उन्होंने कहा, “साधारण तौर से पुलिस अफसरों की ट्रेनिंग जिला या राज्य में ही होती थी। इस बार मानक के तौर पर इनकी दिल्ली में भी ट्रेनिंग शुरू की गई। मतदाता सूची में सबसे बड़ी पहल विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की रही। यह काम 24 जून से शुरू हुआ और समयबद्ध तरीके से सभी मतदाताओं के सहयोग के साथ समाप्त हुआ।” मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदाताओं को 15 दिन के अंदर वोटर आईडी दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा बूथ लेवल अफसर को, जब वे मतदाता के पास जाएं तो मतदाता उन्हें पहचान पाएं, इसलिए बूथ लेवल अधिकारी के लिए फोटो आईडी कार्ड शुरू किए गए। उन्होंने यह भी बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव से ही देश में पोलिंग बूथ पर मतदाताओं के मोबाइल रखने की व्यवस्था शुरू होगी। इस व्यवस्था का ट्रायल उपचुनाव के समय किया गया। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि मतदाताओं को दी जाने वाली स्लिप में बदलाव किया गया है, जिसमें बूथ नंबर और पता बड़े अक्षरों में मिलेगा। इससे मतदाता बूथ तक सुगमता के साथ जा सकते हैं। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग की लगभग 40 एप्लीकेशन अब तक बन चुकी थीं। इन सभी को मिलाकर एक कंप्यूटर प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। इसका प्रोग्रेसिव इंप्लीमेंटेशन अभी जारी है। बिहार में इसको लागू किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की संख्या ज्यादा होने पर लाइनें लगती थीं, इसलिए पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक वोटर नहीं होंगे। यह व्यवस्था बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू होगी।
बिहार के युवाओं के भविष्य की गारंटी देने वाली योजनाएं शुरू हुई : मोदी
नई दिल्ली, 04 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बिहार के युवाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की गई है जो उनके भविष्य की गारंटी है। श्री मोदी ने शिक्षा एवं कौशल से जुड़ी 62000 करोड़ की योजनाओं का शनिवार को शुभारंभ करने के बाद कहा कि समारोह इस बात का प्रतीक है कि भारत आज कौशल को कितनी प्राथमिकता देता है। आज देशभर के नौजवानों को शिक्षा और कौशल विकास की दो बड़ी योजनाएं शुरू हुई हैं। जब तक हम श्रम को प्रतिष्ठा नहीं देंगे तब तक शायद वह पाना आप को कम महसूस होगा इसलिए हम श्रमयेव जयते और श्रमेव पूज्यते कहते है। उसी भाव को लेकर आगे बढ़ रहे हैं ताकि आईटीआई के शिक्षार्थियों में विशास पैदा हो। कौशल का राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान हो। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को कई योजनाएं शुरू हुई है। यहाँ जो योजनाएं शुरू हुई वह नौजवानों के बेहतर भविष्य की गारंटी है। बिहार के युवाओं के सशक्तिकरण का मेगा योजना है। भारत ज्ञान और कौशल का देश है यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है और इससे देश के जरूरतों से जुड़ने से ताक़त और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि ‘लोकल प्रतिभा, लोकल कौशल’ को तेज़ी से आगे बढ़ाने में आईटीआई की बड़ी भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी आईटीआई आत्मनिर्भर भारत के वर्कशॉप है इसलिए हमारा फोकस इनकी संख्या बढ़ाने के साथ इनको अपग्रेड करने की है। बीते एक दशक में पाँच हज़ार आईटीआई बनाई गई। आजादी के बाद सिर्फ दस हज़ार आईटीआई बने जबकि हमारे कार्यकाल में पाँच हज़ार नए आईटीआई बनाए। उन्होंने कहा कि पीएम सेतु के माध्यम में आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा। भविष्य की माँग के हिसाब से अपग्रेड होगा। उन्होंने कहा कि हमारे नौजवानों के लिए दुनिया में नए अवसर बन रहे हैं। बिहार में दो ढाई दशक पहले शिक्षा व्यवस्था किस तरह तबाह थे और मजबूरी में बच्चों को बिहार को छोड़कर बाहर जाना पड़ता था। यही से पलायन की शुरुआत हुई। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने बिगड़ी हुई व्यवस्था को पटरी पर लाए। राजद की सरकार ने बिहार का किया हाल कर दिया था। उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम एक स्किल विश्वविद्यालय की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को जननायक सोशल मीडिया पर ट्रोल करने वाली आर्मी ने नहीं बनाया, उन्हें जनता ने बनाया। उन्होंने कहा कि आजकल कुछ लोग जननायक टाइटल को भी चोरी करने में लगे हैं, बिहार के लोगों को चौकन्ना रहने की जरूरत है। यह विश्विद्यालय उनकी सोच को आगे बढ़ाने का कम करेगा। बिहार की डबल इंजन की सरकार बिहार के हर क्षेत्र को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। राजद कांग्रेस की सरकार की तुलना में शिक्षा व्यवस्था बेहतर हुई है। बीते दो दशक में बिहार सरकार ने 50 लाख युवकों को रोज़गार से जोड़ा है। बिहार सरकार आने वाले पाँच साल में एक करोड़ रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस समय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) उत्सव चल रहा है। बिहार के युवाओं को उनकी ज्यादातर जरूरतों पर जीएसटी कम होने की बधाई देता हूँ। आज भारत तीन बड़ी अर्थव्यवस्था की तरफ़ बढ़ रहा है। विनिर्माण के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है जिससे युवाओं को रोजगार मिल रहा है। यह समय देश के युवा के लिए अवसरों से भरा पड़ा है। युवाओं की शक्ति विकसित भारत की शक्ति बनेगी।
नीतीश ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 25 लाख महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये की दूसरी किश्त ट्रांसफर की
पटना, 03 अक्टूबर : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को महिला रोजगार योजना के तहत 25 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 2500 करोड़ रुपये की राशि का हस्तांतरण किया। इस योजना की पहली किश्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में हस्तांतरित की थी। मुख्यमंत्री श्री कुमार ने आज सुबह एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 2500 करोड़ रूपये की राशि लाभार्थी महिलाओं के खाते में हस्तांतरित की। कार्यक्रम में दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार मौजूद थे। यह दूसरा अवसर है जब नीतीश सरकार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की राशि को लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरित की है। इससे पूर्व 26 सितंबर को 75 लाख महिलाओं के बैंक खाते में कुल 7500 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गये थे। इस अवसर पर श्री कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित मंत्री और अधिकारीगण और प्रदेश के कोने-कोने से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ी जीविका दीदियों को संबोधित करते हुए कहा कि 24 नवंबर 2005 को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने के बाद उन्होंने प्रदेश में महिला सशक्तीकरण को सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में बिहार में पहली बार पंचायत चुनावों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई और इसके ठीक बाद 2007 में नगर निकायों में भी उन्हें 50 प्रतिशत आरक्षण दे दिया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में पुलिस भर्ती में और 2016 में सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण ने बिहार सरकार के महिला सशक्तिकरण के संकल्प को आगे बढ़ाया। मुख्यमंत्री श्री कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ने स्कूल जाने वाली बालिकाओं के लिए जब साइकिल योजना शुरू की तो बहुत लोगों को आश्चर्य हुआ क्योंकि उससे पहले बिहार में लड़कियां साइकिल नही चलाती थीं। बाद में यह योजना सफल रही और प्रदेश में महिलाओं को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने का साधन बनी। श्री कुमार ने कहा कि वर्ष 2005 से पहले वह केंद्र की राजनीति में थे और देश भर में बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूहों को काम करते हुए देखा करते थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में विश्वबैंक से ऋण ले कर स्वयं सहायता समूह शुरू किया गया,जिसे जीविका का नाम दिया गया। उन्होंने कहा कि करीब 20 साल बाद आज बिहार में 11 लाख जीविका समूह काम कर रहे हैं, जिनके सदस्यों की संख्या एक करोड़ 40 लाख हो गयी है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृतसंकल्प है और जिन एक करोड़ महिलाओं को दस हजार की राशि दी जा चुकी है और भविष्य में जिन महिलाओं को शुरुआती राशि दी जाएगी, उन्हें अपना कारोबार शुरू करने के बाद उसे आगे बढ़ाने के लिए दो लाख रूपये की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी। इसके साथ ही बिहार सरकार ने महिला रोजगार योजना के तहत एक करोड़ का जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया है। आज के समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ी समस्तीपुर की अंजू कुमारी एक करोड़वीं लाभार्थी बनी जिनके खाते में मुख्यमंत्री ने दस हजार की राशि हस्तांतरित की। इस उपलब्धि के बाद अंजू ने मुख्यमंत्री और कार्यक्रम से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए जीविका दीदी बनने के बाद अपनी सफलता से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सब्जी की खेती उनकी आय का साधन है और भविष्य में मुख्यमंत्री रोजगार योजना से मिली राशि का उपयोग कर वह किराने की दुकान शुरू करेंगी। अंजू ने अपने संबोधन के दौरान बिहार सरकार की साइकिल, शौचालय, 125 यूनिट बिजली फ्री और सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत बुजुर्गों को मिलने वाली राशि को 400 रूपये से बढ़ाकर 1100 रूपये करने के लिए भी मुख्यमंत्री श्री कुमार के प्रति आभार प्रकट किया। गौरतलब है कि बिहार में सत्तारूढ़ दल इस योजना को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लेकर आया है।इसी वर्ष अगस्त महीने के अंत में मुख्यमंत्री श्री कुमार ने हर घर की एक महिला सदस्य को रोजगार शुरू करने के लिए दस हजार रुपये देने की घोषणा की थी। इसके बाद सितंबर महीने में इस योजना को कार्यान्वित किया गया, जिसमे ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिलाओं ने बड़ी संख्या में आवेदन किया था।इस योजना से जुड़ने के लिए जीविका समूह का सदस्य होना अनिवार्य है। इस वजह से पुरानी जीविका समूह योजना का भी विस्तार हो रहा है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना लागू होने के बाद प्रदेश के विभिन्न शहरों से जीविका समूह में जुड़ने के लिए करीब 10 लाख नए आवेदन अलग से आ चुके हैं।सरकार ने पहले ही घोषित किया है कि इस योजना के पैसे लाभार्थियों को चरणवार मिलते रहेंगे। आज इस योजना के तहत मिली दूसरी किश्त के बाद इस महीने की 06 और 17 अक्टूबर को भी पंजीकृत महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये भेजने का कार्यक्रम तय किया गया है।
बीजेपी ज्वाइन करते ही पवन सिंह ने साधा विपक्षी दलों पर निशाना, कहा- ‘सांप लोट रहे होंगे’
नई दिल्ली, 30 सितंबर: भोजपुरी सिनेमा में अपनी आवाज और एक्टिंग के दम पर पावर स्टार बने पवन सिंह ने आज बीजेपी ज्वाइन कर ली है। एक्टर ने लोकसभा चुनाव 2024 के समय भी बीजेपी का हाथ थामकर चुनाव लड़ने का प्लान किया था, लेकिन मनचाही सीट न मिलने की वजह से निर्दलीय लड़ने का फैसला लिया। काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ना पवन सिंह को ही भारी पड़ गया और एक्टर को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा, लेकिन अब बीजेपी ज्वाइन करते ही सिंगर ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा है। पवन सिंह ने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसका अपडेट दिया है। सिंगर ने अमित शाह, जेपी नड्डा और उपेंद्र कुशवाहा के साथ फोटो शेयर किया। इस पोस्ट के कैप्शन में पवन सिंह ने लिखा, “जातिवादी राजनीति के पोषकों के दिल पर आज ये फोटो देख के सांप लोट रहा होगा। लेकिन जिनके दिल में विकसित बिहार का सपना बसता है, वो कब तक एक दूसरे से दूर रह सकते हैं।” पवन सिंह ने आगे लिखा, “आज हमारे माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी, माननीय उपेंद्र कुशवाहा जी से मुलाक़ात हुई और उन्होंने दिल से आशीर्वाद दिया। मोदी जी और नीतीश जी के सपनों का बिहार बनाने में आपका बेटा पवन पूरा पावर लगाएगा।” फैंस पवन सिंह के बीजेपी ज्वाइन करने से बहुत खुश हैं। एक यूजर ने लिखा, ” वाह भैया…बिहार चुनाव में मजा आने वाला है।” एक दूसरे यूजर ने लिखा, “जय हो गुरु जी, आपके पावर को पूरा भारत जानता है… जियो बिहार के लाल… मजा आ गया।” हालांकि कुछ यूजर्स पवन सिंह को उपेंद्र कुशवाहा के साथ देखकर खुश नहीं हैं। यूजर्स का कहना है कि पवन सिंह को उपेंद्र कुशवाहा और एनडीए के सामने नहीं झुकना था। वर्क फ्रंट की बात करें तो पवन सिंह नवरात्रि में मां भगवती के भक्ति गीत रिलीज कर रहे हैं। हाल ही में एक्टर का गाना ‘चुनरिया लहरे माई के’ रिलीज हुआ है। एक्टर की फिल्म ‘मोहरा’ का भी फर्स्ट लुक रिलीज हो चुका है। बता दें कि पवन सिंह को रियलिटी शो राइज एंड फॉल में देखा गया था, जिसके कुछ दिनों बाद ही एक्टर के बीजेपी में शामिल होने की खबरें आने लगीं।
बिहार में एसआईआर के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी, 7.42 करोड़ मतदाता डालेंगे वोट
नई दिल्ली, 30 सितंबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने मंगलवार को फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी। अंतिम मतदाता सूची में लगभग 7.42 करोड़ मतदाता शामिल हैं। चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। निर्वाचन आयोग इस कार्य को सफल बनाने के लिए बिहार के सभी मतदाताओं का आभार व्यक्त करता है। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित हुई, जिसमें लगभग 7.42 करोड़ मतदाता शामिल हैं। ईसीआई के अनुसार, अंतिम मतदाता सूची की भौतिक और डिजिटल प्रतियां राजनीतिक दलों के साथ साझा की जा रही हैं। कोई भी मतदाता इसे वोटर्स डॉट ईसीआई डॉट गॉव डॉट इन पर ऑनलाइन देख सकता है। यह एसआईआर मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) बिहार, सभी 38 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ), 243 निर्वाचक निबंधन अधिकारियों (ईआरओ), 2,976 सहायक निर्वाचक निबंधन अधिकारियों (एईआरओएस), लगभग 1 लाख बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ), लाखों स्वयंसेवकों और सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों की पूर्ण भागीदारी, जिसमें उनके जिला अध्यक्ष और उनके द्वारा नियुक्त 1.6 लाख से अधिक बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) शामिल हैं, के ईमानदार प्रयासों से सफल हुआ। आयोग नियमित रूप से जागरूकता फैलाने और पूरी प्रक्रिया के दौरान अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया को भी धन्यवाद देता है। एसआईआर प्रक्रिया को समझाने और उन्हें पूरी जानकारी रखने के लिए राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की गईं। 20 जुलाई तक सीईओ, डीईओएस, ईआरओएस और बीएलओ ने पात्र मतदाताओं की पहचान करने के उद्देश्य से, मृत घोषित किए गए, जिनके गणना प्रपत्र प्राप्त नहीं हुए, जो स्थायी रूप से पलायन कर गए, या जिनका पता नहीं लगाया जा सका, ऐसे मतदाताओं की बूथ-स्तरीय सूचियां राजनीतिक दलों के साथ साझा कर दी थीं। ड्राफ्ट मतदाता सूची भी सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई थी। साथ ही, ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल न किए गए नामों की सूची डीईओ या डीएम (जिलावार) के साथ-साथ सीईओ बिहार की वेबसाइट पर भी जनता के अवलोकन के लिए प्रदर्शित की गई थी। एसआईआर प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 326 और भारत के निर्वाचन आयोग के आदर्श वाक्य ‘कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो’ के अनुरूप की गई थी। अगर कोई पात्र व्यक्ति अभी भी मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करने के लिए आवेदन करना चाहता है तो वह चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से दस दिन पहले तक आवेदन जमा कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति फाइनल वोटर लिस्ट में प्रविष्टि के संबंध में ईआरओ के निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो वे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 के तहत जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रथम अपील और सीईओ के समक्ष द्वितीय अपील दायर कर सकते हैं।
उपेंद्र कुशवाहा से मिले भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह, विनोद तावड़े और ऋतुराज सिंह भी रहे मौजूद
नई दिल्ली, 30 सितंबर: भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह ने मंगलवार की सुबह राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी (आरएलएम) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से उनके दिल्ली आवास में मुलाकात की। पवन सिंह के साथ विनोद तावड़े और ऋतुराज सिंह भी मौजूद थे। भाजपा नेता विनोद तावड़े ने कहा, “गायक और अभिनेता पवन सिंह भाजपा में हैं और भाजपा में ही रहेंगे। उपेंद्र कुशवाहा ने उन्हें आशीर्वाद दिया है। पवन सिंह बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा सदस्य के रूप में एनडीए के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगे।” वहीं, राजद सांसद सुधाकर सिंह ने कहा, “यह साफ है कि भाजपा ने कुशवाहा के नेतृत्व को चुनौती देने और उनके राजनीतिक प्रभाव को कमजोर करने के लिए पवन सिंह को बी-टीम के तौर पर मैदान में उतारा था। यह रणनीति काम कर गई है। आज, कुशवाहा बिहार की राजनीति में प्रासंगिकता खो चुके हैं और उनकी सौदेबाजी की क्षमता भी खत्म हो गई है। पवन सिंह अब किससे मिलते हैं, इसका कोई खास महत्व नहीं है, लेकिन भाजपा उनका इस्तेमाल करके कुशवाहा को किनारे लगाने में कामयाब रही।” बता दें कि पवन सिंह लंबे समय से एनडीए समर्थक माने जाते रहे हैं और उन्होंने कई मौकों पर भाजपा व उसके सहयोगियों के कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया है। अब जब बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो रही हैं, तो पवन सिंह भी राजनीतिक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार हैं। आरा विधानसभा भोजपुर का वही क्षेत्र है, जहां विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे पहले साल 2000 में सफलता मिली थी। तब से अमरेंद्र प्रताप सिंह ने यहां से जीत का चौका लगाया। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने यहां से पांचवीं बार जीत हासिल की थी। ध्यान देने वाली बात यह है कि पवन सिंह का भोजपुर इलाके में बड़ी संख्या में फैन बेस है। भोजपुरी सिनेमा के जरिए उन्होंने आम जनता के बीच गहरी पकड़ बनाई है। अगर एनडीए पवन सिंह को आरा से उम्मीदवार बनाती है, तो यह मुकाबला बेहद दिलचस्प हो सकता है, क्योंकि यह सीट राजनीतिक रूप से हमेशा से चर्चा में रही है। भोजपुरी सिनेमा के कलाकारों का राजनीति में आना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी मनोज तिवारी, रवि किशन और निरहुआ जैसे कलाकारों ने राजनीतिक अखाड़े में सक्रिय रूप से कदम रखा है।
राहुल गांधी भारत को गृह युद्ध में फंसाना चाहते हैं : केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह
बेगूसराय, 19 सितंबर : देश में ‘वोट चोरी’ के आरोपों के बाद ‘जैन जी’ पर सियासत तेज है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि देश के युवा छात्र और संविधान लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और ‘वोट चोरी’ को रोकेंगे। इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि वे भारत को गृह युद्ध में फंसाना चाहते हैं। बिहार के बेगूसराय में मीडिया से बातचीत करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी हताश हैं। इसलिए वे कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नकल करते हैं और कभी ‘जैन-जी’ की बात करते हैं। ये कभी मुसलमानों को भड़काते हैं और कभी ऊल-जलूल बातें करते हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। गिरिराज सिंह ने घुसपैठियों के मुद्दे पर कहा कि पूरे भारत से घुसपैठियों को भगाना है। घुसपैठियों से भारत को मुक्त करना है। उन्होंने कहा, “इंदिरा गांधी ने इस बात को कहा था, लेकिन रोका नहीं था। बंगाल और बिहार इनका पनाहगार बन गया है। अब ये लोग भारतवंशियों के हक मार रहे हैं।” केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “सिर्फ यह कहना कि ‘पीएम मोदी के 11 साल, आपने क्या किया?’ काफी नहीं होगा। मैं आपको बता रहा हूं कि जहां भी भाजपा की सरकारें हैं, हम घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर निकाल रहे हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घुसपैठियों को पनाह देने का काम मस्जिदों की छत्रछाया में हुआ। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के इस बयान पर कि सभी मंदिरों, मस्जिदों और चर्चों में साप्ताहिक रूप से राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “राष्ट्रगान राष्ट्र के प्रति समर्पण के रूप में गाया जाता है। राष्ट्र के बिना सब कुछ अधूरा है। इसलिए राष्ट्र की गरिमा और गौरव को सदैव बनाए रखना चाहिए।” राहुल गांधी की टिप्पणी पर बिहार सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह उनकी हताशा और निराशा की भाषा है। वे देश में अराजकता की स्थिति लाना चाहते हैं। यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है। संवैधानिक तरीके से वे सत्ता पाने में नाकाम रहे हैं। उनको लग चुका है कि सरकार उनको सत्ता में नहीं लाएगी। इसलिए राहुल गांधी बेबुनियाद और बिना सोची-समझी बात कर रहे हैं।”
विश्वकर्मा पूजा पर बिहार सरकार ने 16.4 लाख श्रमिकों के खातों में 802 करोड़ रुपये अंतरित किए
पटना, 17 सितंबर: बिहार सरकार ने बुधवार को विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर राज्य के 16.4 लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बैंक खातों में करीब 802 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की। राज्य सरकार ने इस अवसर पर ‘मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना’ के वेब पोर्टल की शुरूआत की। संयोग से आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन भी है। मोदी बुधवार को 75 साल के हो गये। बिहार में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आधिकारिक आवास 1, अणे मार्ग में आयोजित एक समारोह में करीब 802.46 करोड़ रुपये की राशि को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से 16.4 लाख श्रमिकों के खातों में भेजा। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि “वार्षिक वस्त्र सहायता योजना के अंतर्गत प्रत्येक पंजीकृत निर्माण श्रमिक को अब 5,000 रुपये की सहायता राशि दी जा रही है, जबकि पहले यह राशि 2,500 रुपये थी।” यह योजना 2020 में ‘बिहार भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक नियमावली, 2016’ के अंतर्गत शुरू की गई थी, ताकि पात्र और पंजीकृत श्रमिकों को वार्षिक सहायता प्रदान की जा सके। श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद ने ‘भाषा’ को बताया कि “इस वर्ष सरकार ने यह राशि विशेष रूप से विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर अंतरित करने का निर्णय लिया।” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर कहा,“हम शुरू से ही समाज के सबसे वंचित वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करते रहे हैं। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हुई उल्लेखनीय प्रगति में हमारे श्रमिक भाई-बहनों का अमूल्य योगदान है। सरकार उनके कल्याण के लिए निरंतर कार्य करती रहेगी।” उन्होंने श्रम संसाधन विभाग को यह निर्देश भी दिया कि राज्य में छूटे हुए श्रमिकों की पहचान कर उन्हें पंजीकृत करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना’ के वेब पोर्टल का भी शुरुआत किया। यह योजना राज्य के युवाओं को सशक्त बनाने और रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। बयान में बताया गया कि इस योजना के तहत निर्माण और सेवा क्षेत्र में इंटर्नशिप के अवसर दिए जाएंगे, जिससे युवाओं को प्रायोगिक अनुभव, वित्तीय सहायता और रोजगार की बेहतर संभावनाएं प्राप्त होंगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 में योजना के अंतर्गत करीब 5,000 इंटर्नशिप अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना का संचालन एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाएगा, जो राज्य के युवाओं और उद्योगों के बीच सेतु का कार्य करेगा। इससे पहले ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लिखा,“आज भगवान विश्वकर्मा की पूजा का पावन अवसर है, जो ब्रह्मांड के दिव्य शिल्पकार माने जाते हैं। साथ ही आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जन्मदिन भी है। प्रधानमंत्री जी देश और जनता के उत्थान के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण से लगातार कार्य कर रहे हैं।” “यह सुखद संयोग है कि आज ही के दिन बिहार भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों के खातों में राशि अंतरित की गई।”
प्रधानमंत्री मोदी का राजद-कांग्रेस पर हमला, बोले- दोनों से बिहार के सम्मान को खतरा
पूर्णिया/नई दिल्ली, 15 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बिहार के पूर्णिया में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि ये दोनों दल बिहार के विकास की राह में बाधा बन रहे हैं और अपने वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो भी घुसपैठिया है, उसे भारत से बाहर जाना ही होगा। सीमांचल में ‘जनसांख्यिकी संकट’ का मुद्दा प्रधानमंत्री मोदी ने सीमांचल क्षेत्र में घुसपैठियों के कारण उत्पन्न ‘जनसांख्यिकी संकट’ का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार, बंगाल और असम जैसे राज्यों के लोग अपनी बहनों और बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कांग्रेस और राजद पर आरोप लगाया कि वे बेशर्मी के साथ विदेश से आए घुसपैठियों की वकालत कर रहे हैं, जो देश के संसाधनों और सुरक्षा दोनों के लिए खतरा हैं। प्रधानमंत्री ने अपनी ‘गारंटी’ दोहराते हुए कहा, “यह राजद और कांग्रेस की जमात कान खोलकर मेरी बात सुन लो, जो भी घुसपैठिया है, उसे बाहर जाना ही होगा। घुसपैठ पर ताला लगाना, एनडीए की पक्की जिम्मेदारी है।” कुशासन से ‘लखपति दीदी’ तक का सफर पीएम मोदी ने बिहार में राजद के पिछले शासनकाल को ‘कुशासन’ बताया और कहा कि उस समय माताएं-बहनें डरी हुई थीं, और खुलेआम हत्या, बलात्कार जैसी घटनाएं होती थीं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की एनडीए सरकार ने स्थिति को बदल दिया है, और आज वही महिलाएं ‘लखपति दीदी’ और ‘ड्रोन दीदी’ बन रही हैं। उन्होंने ‘जीविका दीदियों’ को पूरे देश के लिए प्रेरणा बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और राजद सिर्फ अपने परिवारों की चिंता करते हैं, जबकि मोदी के लिए पूरा देश ही परिवार है, और उनका लक्ष्य ‘सबका साथ सबका विकास’ है। राजद की सहयोगी कांग्रेस पार्टी बिहार की तुलना बीड़ी से कर रही पीएम मोदी ने कहा कि बिहार का विकास कांग्रेस और राजद वालों को पच नहीं रहा है। बिहार जब भी आगे बढ़ता है तब यह लोग अपमान करने में जुट जाते हैं। कुछ दिन पहले ही राजद की सहयोगी कांग्रेस पार्टी बिहार की तुलना बीड़ी से कर रही है। इनलोगों को बिहार से इतनी नफरत है कि इन्होंने बिहार में घोटाले और भ्रष्टाचार करके राज्य की साख को नुकसान पहुंचाई। आप बताइए ऐसी मानसिकता वाले लोग क्या बिहार का भला कर सकते हैं? यह लोग केवल अपनी तिजौरियां भर रहे हैं। ऐसे लोग बिहार का विकास कैसे कर सकते हैं? कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री ने माना कि कांग्रेस सरकार दिल्ली से चला हुआ 100 पैसा में से 85 पैसा रास्ते में लुट जाता है। पहले लालटेन जलाकर पंजा सारा पैसा रख लेता था ओर 85 पैसा रख लेते थे। क्या कांग्रेस और राजद की सरकार में आपको मुफ्त पैसा, पांच लाख का मुफ्त इलाज मिल पाता क्या? जिन लोगों ने अस्पताल तक नहीं बनाए क्या वह आपको इतना कुछ दे पाते? कांग्रेस और राजद से बिहार के सम्मान और पहचान को खतरा है। राजद और कांग्रेस के कुशासन का परिणाम सीमांचल को सबसे ज्यादा भोगना पड़ा पीएम मोदी ने कहा कि हर गरीब को पक्का घर देना मेरा लक्ष्य है। जब तक हर गरीब को पक्का मकान नहीं मिल जाता है तब तक मोदी चैन से नहीं बैठने वाला है। पीएम मोदी ने कहा कि पूर्णिया में एयरपोर्ट का शुभारंभ हो चुका है। नया टर्मिनल भवन रिकॉर्ड पांच महीने में बना। बिहार के विकास के लिए सीमांचल और पूर्णिया का विकास जरूरी है। उन्होंने इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस के कुशासन का परिणाम सीमांचल को सबसे ज्यादा भोगना पड़ा है। लेकिन, अब एनडीए सरकार के समय में यहां विकास हो रहा है। यहां की स्थिति बदल रही है। अब यह क्षेत्र विकास के फोकस में है। बिजली के क्षेत्र में भी बिहार को आत्मनिर्भर बनाने का काम चल रहा है। सरकार यहां के किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछली सरकार ने मखाना और मखाना किसानों की भी उपेक्षा की। राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग यहां आकर चक्कर काट रहे हैं लेकिन मैं दावे के साथ कहता हूं कि मेरे आने से पहले उन्होंने मखाना का नाम भी नहीं सुना होगा। हमारी सरकार ने मखाना को प्राथमिकता दी। मखाना किसानों के लिए एनडीए सरकार ने पूर्णिया में मखाना बोर्ड देने की घोषणा की। बिहार के विकास की गति कुछ लोगों को रास नहीं आ रही है। जिन लोगों ने दशकों तक बिहार का शोषण किया। इस मिट्टी के साथ धोखा किया। आज वह यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि बिहार में विकास हो रहा है। बिहार लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। विकास परियोजनाओं की सौगात अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री ने करीब 40,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इनमें प्रमुख घोषणाएं और परियोजनाएं इस प्रकार हैं: पूर्णिया हवाई अड्डे का उद्घाटन: प्रधानमंत्री ने 34 करोड़ रुपये की लागत से बने पूर्णिया हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। यह बिहार का चौथा परिचालन हवाई अड्डा होगा, जो अहमदाबाद और कोलकाता जैसे महानगरों से सीधा हवाई संपर्क प्रदान करेगा। मखाना बोर्ड की स्थापना: प्रधानमंत्री ने पूर्णिया में राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की। यह कदम सीमांचल क्षेत्र के मखाना किसानों को लाभ पहुंचाएगा, क्योंकि देश का 70 प्रतिशत मखाना इसी क्षेत्र में उत्पादित होता है। रेलवे परियोजनाएं: पीएम मोदी ने 4,410 करोड़ रुपये की लागत से बनी अररिया-गलगलिया (ठाकुरगंज) नई रेल लाइन का उद्घाटन किया। इसके अलावा, उन्होंने 2170 करोड़ की लागत वाली विक्रमशिला-कटरिया रेल लाइन परियोजना का शिलान्यास भी किया और चार नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। आवास और अन्य योजनाएं: उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 35,000 ग्रामीण और 5,920 शहरी लाभार्थियों को नए घरों की चाबियां सौंपी। इसके साथ ही उन्होंने बिहार के लिए 25,000 करोड़ रुपये की लागत वाले थर्मल पावर प्रोजेक्ट और 6282 करोड़ रुपये की कोसी-मेची लिंक परियोजना का भी शिलान्यास किया। सीएम नीतीश ने जताया आभार मंच पर मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी
पटना में दारोगा भर्ती की परीक्षा को लेकर छात्रों का जोरदार प्रदर्शन, पुलिस ने भांजी लाठियां
पटना, 15 सितंबर: बिहार की राजधानी पटना की सड़कों पर सोमवार को सैकड़ों छात्र और छात्राएं दारोगा भर्ती परीक्षा की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे और जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इनकम टैक्स चौराहे की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को अंत में हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। दरअसल, आज प्रदेश के विभिन्न जिलों के छात्र पटना पहुंचे और दारोगा भर्ती परीक्षा की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार चुनाव आयोग की चुनाव की घोषणा के पहले दरोगाओं की नियुक्ति करे। इनका कहना था कि हमारी मांगों का उद्देश्य बिहार पुलिस और दारोगा भर्ती प्रक्रियाओं में अधिक पारदर्शिता और समयबद्धता लाना है। प्रदर्शनकारी पटना कॉलेज के पास एकत्रित हुए और फिर हाथ में तिरंगा लिए आगे बढ़ते रहे। इनकी योजना मुख्यमंत्री आवास जाने की थी। जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर इन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ गए। इसके बाद ये सभी प्रदर्शनकारी डाक बंगला चौराहे पहुंच गए। यहां भी पुलिस पहले से तैयार थी। बताया गया कि प्रदर्शनकारियों का एक शिष्टमंडल भी सरकार के अधिकारियों के पास भेज दिया गया, लेकिन प्रदर्शनकारी डाकबंगला चौराहे पर भी बैरिकेडिंग को गिराकर आगे बढ़ गए। प्रदर्शनकारी जैसे ही आगे बढ़े, पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा और लाठियां भांजनी पड़ीं। इसके बाद प्रदर्शनकारी पीछे हटे। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि पिछले दो साल से वैकेंसी नहीं निकाली गई है, जिसको लेकर अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले दो साल से वैकेंसी निकालने की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। आने वाले दिनों में आचार संहिता लागू हो जाएगी, जिसके बाद भर्ती की संभावना भी खत्म हो जाएगी। ऐसे में सरकार को इससे पहले वैकेंसी का नोटिफिकेशन जारी करना चाहिए।