स्पेसएक्स ने स्टारशिप की छठी परीक्षण उड़ान लॉंच की

लॉस एंजिल्स, 20 नवंबर: स्पेसएक्स ने अपने विशाल स्टारशिप रॉकेट की छठी परीक्षण उड़ान लाँच की है। स्टारशिप ने अमेरिका के राज्य टेक्सास में ब्राउन्सविले के पास कंपनी की स्टारबेस सुविधा से मंगलवार को 04:01 बजे केंद्रीय समय पर उड़ान भरी। स्टारशिप के रैप्टर इंजन हॉट-स्टेजिंग सेपरेशन के दौरान प्रज्वलित हुए। लिफ्टऑफ के कई मिनट बाद सुपर हैवी बूस्टर ने अपनी लैंडिंग बर्न शुरू की और मैक्सिको की खाड़ी में धीरे-धीरे नीचे गिरा। स्टारशिप रॉकेट ने पहली बार अंतरिक्ष में रहते हुए अपने रैप्टर इंजनों में से एक को सफलतापूर्वक प्रज्वलित किया। लॉन्च के लगभग एक घंटे और पांच मिनट बाद रॉकेट हिंद महासागर में उतरा। स्पेसएक्स के अनुसार नए परीक्षण के उद्देश्यों में सुपर हैवी बूस्टर को एक बार फिर से पकड़ने के लिए लॉन्च स्थल पर वापस लौटना, अंतरिक्ष में रहते हुए जहाज के रैप्टर इंजन को फिर से चालू करना और हीट शील्ड प्रयोगों के एक सेट का परीक्षण करना और जहाज के पुनः प्रवेश और हिंद महासागर के ऊपर उतरने के लिए पैंतरेबाज़ी में बदलाव करना शामिल है। स्पेसएक्स ने हालांकि योजना के अनुसार बूस्टर को लॉन्च साइट पर वापस नहीं लाया। इसके बजाय स्पेसएक्स ने जहाज के सुपर हैवी बूस्टर को मैक्सिको की खाड़ी में उतारने का विकल्प चुना। इसका कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है। स्पेसएक्स का स्टारशिप रॉकेट एक पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य परिवहन प्रणाली का प्रतिनिधित्व करता है जिसे चालक दल और कार्गो दोनों को पृथ्वी की कक्षा, चंद्रमा, मंगल और उससे आगे ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। स्पेसएक्स ने 13 अक्टूबर को अपने विशाल स्टारशिप रॉकेट की पांचवीं परीक्षण उड़ान पूरी की जिससे पहली बार लॉन्च पैड पर अपने बूस्टर को वापस लाया जा सका। विशाल धातु के पिंसर्स की एक जोड़ी जिसे स्पेसएक्स ‘चॉपस्टिक्स’ कहता है ने सुपर हैवी बूस्टर को हवा में सफलतापूर्वक पकड़ लिया। स्पेसएक्स का लक्ष्य विभिन्न परीक्षण उड़ानों के माध्यम से भविष्य के मिशनों के लिए सुपर हैवी बूस्टर और स्टारशिप अंतरिक्ष यान को पुनः प्राप्त करना और तेजी से पुनः उड़ाना है। कार्गो या मानवयुक्त जहाजों को अंतरिक्ष में ले जाने के समय और लागत को काफी कम करने के लिए रॉकेट के पुर्जों का शीघ्रता से पुनः उपयोग करना आवश्यक माना जाता है।

गुयाना में भारतीय समुदाय ने प्रधानामंत्री का किया शानदार स्वागत, पीएम मोदी बोले- ‘शुक्रिया’

जॉर्जटाउन, 20 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में जॉर्जटाउन पहुंचने पर गुयाना में भारतीय समुदाय के उत्साहपूर्ण स्वागत के लिए उनके प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “गुयाना में भारतीय समुदाय के लोगों का उनके गर्मजोशी भरे और जोशीले स्वागत के लिए हार्दिक धन्यवाद। उन्होंने दिखा दिया कि अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए दूरी कभी बाधा नहीं बनती। यहां समुदाय के लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाते देखकर खुशी हुई।” इसके साथ ही, कई देशों के नेताओं ने भी होटल में पहुंचने पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। उन्हें गहरे द्विपक्षीय रिश्तों के प्रतीक के रूप में ‘की टू द सिटी ऑफ जॉर्जटाउन (जॉर्जटाउन शहर की चाबी)’ सौंपी गई। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा, “होटल पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान, ग्रेनेडा के प्रधानमंत्री डिकॉन मिशेल, बारबाडोस की प्रधानमंत्री मिया अमोर मोटले और गुयाना के कई कैबिनेट मंत्रियों ने विशेष स्वागत किया। प्रधानमंत्री को जॉर्जटाउन के मेयर ने ‘जॉर्जटाउन शहर की चाबी’ सौंपी, जो भारत-गुयाना के घनिष्ठ संबंधों का प्रमाण है।” इससे पहले, देश में पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली, प्रधानमंत्री मार्क एंथनी फिलिप्स और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति अली ने गर्मजोशी से गले मिलकर व्यक्तिगत तौर से पीएम मोदी का स्वागत किया, जो दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स लिखा, “कुछ समय पहले गुयाना पहुंचा हूं। राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली, प्रधानमंत्री मार्क एंथनी फिलिप्स, वरिष्ठ मंत्रियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का आभार, जो मुझे एयरपोर्ट पर लेने आए। मुझे विश्वास है कि यह यात्रा हमारे देशों के बीच मित्रता को और गहरा करेगी।” यह ऐतिहासिक यात्रा 56 वर्षों में दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है, इससे पहले 1968 में इंदिरा गांधी ने भी दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र की यात्रा की थी। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुयाना और बारबाडोस ने अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित करने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्हें प्राप्त हुए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों की कुल संख्या 19 हो जाएगी। गुयाना प्रधानमंत्री को ‘द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ प्रदान करेगा, जबकि बारबाडोस उन्हें ‘ऑनरेरी ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस’ से सम्मानित करेगा।

जी-20: चीन के विदेश मंत्री से मिले एस जयशंकर, सीमा समझौते के बाद पहली मुलाकात

रियो डी जेनेरियो/नई दिल्ली, 19 नवंबर: विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने सोमवार रात रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की। दोनों नेताओं ने सीमा पर तनाव कम करने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में अगले कदमों पर चर्चा की। अक्टूबर में भारत और चीन के बीच सीमा पर सैनिकों की वापसी के समझौता होने के बाद यह उनकी पहली मुलाकात थी। जयशंकर ने एक्स पर लिखा कि सोमवार को जी-20 के दौरान हुई बैठक में, ‘भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में हाल ही में हुई सैन्य वापसी पर चर्चा हुई। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में अगले कदमों को लेकर विचार किया गया।’ चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने सोमवार को बीजिंग में एक ब्रीफिंग में कहा कि उनका देश ‘रणनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ाने’ के लिए तैयार है। दोनों शीर्ष राजनयिकों की यह बातचीत पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में हुई बैठक के बाद हुई है। कजान मीटिंग के बाद दोनों देशों ने सीमा तनाव को कम करने में सफलता हासिल की थी। कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी बैठक के बाद इस बात पर जोर दिया था कि विदेश मंत्री स्तर की बैठक जल्द से जल्द होगी। जयशंकर ने वांग के साथ बैठक से पहले कहा, “कजान में, हमारे नेताओं ने 21 अक्टूबर की समझ को ध्यान में रखते हुए आपसी रिश्तों में अगले कदम उठाने पर आम सहमति बनाई।” उन्होंने कहा, “मुझे यह जानकर खुशी हुई कि जमीनी स्तर पर उस समझ का कार्यान्वयन योजना के अनुसार आगे बढ़ा है।” लिन ने कहा, “चीन दोनों देशों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण आम समझ को आगे बढ़ाने, संचार और सहयोग को बढ़ाने और रणनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ाने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है।” 21 अक्टूबर को भारत ने चीन के साथ सीमा समझौते पर पहुंचने की घोषणा की थी, जिससे लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध समाप्त होने की शुरुआत हुई। अगले दिन समझौते की पुष्टि करते हुए बीजिंग ने कहा कि ‘प्रासंगिक मामलों’ पर समाधान हो गया है और वह समझौते की शर्तों को लागू करने के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा।

जी-20: प्रधानमंत्री मोदी और पीएम मेलोनी की मुलाकात, भारत-इटली ने रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई

रियो डी जेनेरियो/नई दिल्ली, 19 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी इतालवी समकक्ष जॉर्जिया मेलोनी ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी महत्व को स्वीकार किया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि सोमवार को द्विपक्षीय बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने अपने सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई। बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने रोम-नई दिल्ली साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए एक ज्वाइंट स्ट्रेटेजिक एक्शन प्लान के साथ-साथ टाइम सेंसिटिव इनिशिएटिव की सीरीज की रूपरेखा तैयार की। प्रधानमंत्री मोदी की इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ बातचीत में कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच साझेदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताया, “रियो डी जेनेरियो जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मिलकर मुझे खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और टेक्नोलॉजी में संबंधों को मजबूत बनाने पर केंद्रित रही। हमने संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के बारे में भी बात की। भारत-इटली की दोस्ती एक बेहतर दुनिया के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।” इतालवी प्रधानमंत्री मेलोनी ने भी एक्स पर पोस्ट किया, “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर हमेशा बहुत खुशी होती है। रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर भी हमारी मुलाकात हुई।” पीएम मेलोनी ने आगे कहा, “यह बातचीत एक अनमोल अवसर थी, जिसने हमें व्यापार और निवेश, साइंस-टेक्नोलॉजी, स्वच्छ ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा, कनेक्टिविटी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में 2025-29 के लिए एक ज्वाइंट स्ट्रेटेजिक एक्शन प्लान की घोषणा के साथ भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करने की अनुमति दी।” इतालवी प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं, नागरिकों के लाभ के लिए और लोकतंत्र, कानून के शासन, विकास के साझा मूल्यों के समर्थन में अपनी द्विपक्षीय साझेदारी को और गहरा करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने पर सहमति जताई।”

मोदी को मिला नाइजीरिया का सर्वोच्च सम्मान

आबुजा/नई दिल्ली, 18 नवंबर : नाइजीरिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रविवार को यहां राष्ट्रीय पुरस्कार “ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ नाइजर” से सम्मानित किया, जिससे 55 साल पहले ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ को सम्मानित किया गया था। नाइजीरिया संघीय गणराज्य के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू ने स्टेट हाउस में एक समारोह में, भारत-नाइजीरिया संबंधों को बढ़ावा देने में शानदार योगदान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय पुरस्कार “ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ नाइजर” से सम्मानित किया। सम्मान पत्र के उद्धरण में कहा गया कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत, भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया गया है और उनके परिवर्तनकारी शासन से सभी के लिए एकता, शांति और साझा समृद्धि को बढ़ावा मिला है। पुरस्कार स्वीकार करते समय, प्रधानमंत्री ने इस सम्मान को भारत के लोगों और भारत तथा नाइजीरिया के बीच दीर्घकालिक, ऐतिहासिक मित्रता को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह मान्यता दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझीदारी और ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। श्री मोदी ने आभार प्रकट करते हुए कहा, “नाइजीरिया के राष्ट्रीय पुरस्कार, “ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ नाइजर” से सम्मानित किए जाने पर मैं आपका, नाइजीरिया की सरकार और लोगों का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। मैं इस सम्मान को विनम्रता और आदरभाव से स्वीकार करता हूँ। इस सम्मान को 140 करोड़ भारतवासियों और भारत-नाइजीरिया की गहरी मित्रता को समर्पित करता हूँ। ये सम्मान हमें भारत और नाइजीरिया के बीच रणनीतिक साझीदार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रेरित करता रहेगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और नाइजीरिया के संबंध आपसी सहयोग, सद्भाव और परस्पर सम्मान पर आधारित हैं। दो जीवंत लोकतंत्र और प्रगतिशील अर्थव्यवस्थाओं के रूप में हम मिलकर दोनों देशों के लोगों की भलाई के लिए काम करते रहे हैं। दोनों देशों में सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता हमारी पहचान है, हमारी ताकत है। अफ्रीका में नाइजीरिया की बहुत बड़ी और सकारात्मक भूमिका रही है। अफ्रीका के साथ करीबी सहयोग भारत की उच्च प्राथमिकता रहा है। हमारे सभी प्रयासों में हम नाइजीरिया जैसे मित्र देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि भारत और नाइजीरिया भी मिलकर दोनों देशों के लोगों और पूरे अफ्रीका महाद्वीप की समृद्धि के लिए मिलकर आगे बढ़ेंगे। हम करीबी समन्वय के साथ काम करते हुए, ग्लोबल साउथ के हितों और प्राथमिकताओं को महत्व देंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी 1969 के बाद इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले विदेशी नेता हैं। इससे पहले 1969 में ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ को यह पुरस्कार दिया गया था।

क्वेटा रेलवे स्टेशन पर विस्फोट में 16 की मौत, 30 घायल

क्वेटा (पाकिस्तान), 09 नवंबर : क्वेटा रेलवे स्टेशन पर शनिवार को हुए विस्फोट में कम से कम सोलह लोग मारे गए और 30 घायल हो गए। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। क्वेटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मोहम्मद बलूच ने कहा, सोलह लोग मारे गए और 30 से अधिक घायल हो गए। ‘डॉन न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने आगे कहा कि यह घटना “आत्मघाती विस्फोट प्रतीत होती है” लेकिन यह निश्चित रूप से कहना जल्दबाजी होगी, विस्फोट की प्रकृति का पता लगाने के लिए जांच चल रही है। इससे पहले, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईधी रेस्क्यू सर्विस के प्रमुख जीशान ने कहा कि विस्फोट “रेलवे स्टेशन के अंदर एक प्लेटफॉर्म पर हुआ।” बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने एक बयान में कहा कि पुलिस और सुरक्षा बल घटना स्थल पर पहुंच गए हैं। श्री रिंद ने कहा कि बम निरोधक दस्ता घटनास्थल से सबूत इकट्ठा कर रहा है तथा विस्फोट की प्रकृति की जांच की जा रही है। घटना पर एक रिपोर्ट मांगी गई है। सरकारी अधिकारी ने बताया कि वहां के अस्पतालों में ‘आपातकाल’ लागू कर दिया गया है और “घायलों को चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है।”

पति डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर मेलानिया ने कहा, ‘अमेरिकियों ने हमें सौंपी अहम जिम्मेदारी’

वाशिंगटन, 07 नवंबर : अपने पति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद मेलानिया ट्रंप ने गुरुवार को देश के भविष्य को लेकर आशा व्यक्त की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने पोस्ट किया कि अमेरिकियों ने उन्हें (उन्हें और उनके पति को) एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। मेलानिया ट्रंप ने पोस्ट में लिखा, “अधिकांश अमेरिकियों ने हमें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। हम अपने गणतंत्र के दिल ‘स्वतंत्रता’ की रक्षा करेंगे।” एकता के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “मैं उम्मीद करती हूं कि हमारे देश के नागरिक एक-दूसरे के प्रति प्रतिबद्धता के साथ फिर से जुड़ेंगे और व्यक्तिगत स्वतंत्रता, आर्थिक समृद्धि, सुरक्षा के लिए विचारधारा से ऊपर उठेंगे।” बता दें बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपित चुनाव को जीत कर इतिहास रच दिया। वह पराजित होने के बाद चुने जाने वाले अमेरिकी इतिहास के दूसरे राष्ट्रपति बन गए हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड सिर्फ ग्रोवर क्लीवलैंड के नाम था जो 1892 में दूसरी बार चुनाव जीते थे। 78 साल की उम्र में, वह व्हाइट हाउस में कदम रखने वाले सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे। डोनाल्ड ट्रंप की यह दूसरी जीत इस लिहाज से भी खास है कि इस बार रिपब्लिकन पार्टी ने सीनेट में बहुमत हासिल कर लिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को आधिकारिक घोषणा से पहले ही फ्लोरिडा में समर्थकों को संबोधित करते हुए अपनी जीत का एलान किया। उन्होंने जीत को अमेरिका का ‘स्वर्ण युग’ बताया। रिपब्लिकन नेता ने कहा, “यह अमेरिकी लोगों के लिए एक शानदार जीत है, जो हमें अमेरिका को फिर से महान बनाने का अवसर देगी।” चुनाव के तमाम सर्वेक्षणों में हैरिस और ट्रंप के बीच कांटे की मुकाबले की भविष्यवाणी की गई थी लेकिन मतगणना शुरू होने के बाद ट्रंप को शायद ही कोई परेशानी का समाना करना पड़ा। उन्होंने शुरुआत से ही हैरिस पर बढ़त बना ली, जो लगातार कायम रही। एसोसिएटेड प्रेस (एपी) गुरुवार सुबह 11.45 तक (भारतीय समयानुसार) डोनाल्ड ट्रंप 295 इलेक्टोरल वोट जीत चुके थे जो कि बहुमत (270) से कहीं ज्यादा है। वहीं ड्रेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस सिर्फ 226 सीट ही जीत सकी।

चुनाव नतीजों को स्वीकार किया जाना चाहिए : कमला हैरिस

वाशिंगटन, 07 नवंबर: अमेरिकी डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने बुधवार को वाशिंगटन डीसी के हावर्ड विश्वविद्यालय में एक संक्षिप्त भाषण दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें प्रचार अभियान पर गर्व है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “जब हम चुनाव हारते हैं, तो हम परिणामों को स्वीकार करते हैं।” सुश्री हैरिस ने अपने अल्मा मेटर में भाषण में कहा, “जिस दौड़ में हम दौड़े और जिस तरह से दौड़े उस पर मुझे बहुत गर्व है। इस अभियान के 107 दिनों में, हम जानबूझकर समुदाय के निर्माण और गठबंधन बनाने, जीवन के हर क्षेत्र और पृष्ठभूमि से लोगों को एक साथ लाने, प्यार से एकजुट करने के बारे में रहे हैं।” “देश अमेरिका के भविष्य के लिए हमारी लड़ाई में उत्साह और खुशी के साथ है और हमने यह इस ज्ञान के साथ किया कि हम सभी में बहुत कुछ समान है जो हमें अलग करता है।” सुश्री हैरिस ने कहा, “हालांकि मैं इस चुनाव को स्वीकार करती हूं, लेकिन मैं उस लड़ाई को स्वीकार नहीं करती जिसने इस अभियान को बढ़ावा दिया।” “कभी-कभी लड़ाई में थोड़ा समय लगता है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम जीतेंगे नहीं।” अपने भाषण में सुश्री हैरिस ने गर्भपात, बंदूक हिंसा और समान न्याय जैसे डेमोक्रेट के प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला, और कसम खाई कि “हम वोटिंग बूथ, अदालतों और सार्वजनिक चौराहे पर इस लड़ाई को जारी रखेंगे।”

‘अमेरिका में स्वर्णिम काल लेकर आएंगे’, राष्ट्रपति चुनाव परिणाम के बीच ट्रंप का पहला संबोधन

वाशिंगटन, 06 नवंबर: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है। जीत के बाद उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अमेरिका की जनता का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि यह जीत अविश्वसनीय और ऐतिहासिक है। हम अमेरिका की भलाई के लिए काम करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि ये पल इस देश को फिर से मजबूत करने में मदद करेंगे। फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच कन्वेंशन सेंटर में अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा कि ‘मैं हर दिन आपके लिए लड़ूंगा और अमेरिका में स्वर्णिम काल लेकर आएंगे।’ ट्रंप ने समर्थकों को कहा शुक्रिया ट्रंप ने फ्लोरिडा में समर्थकों से कहा कि ‘मैं आपका 47वां राष्ट्रपति हूं। ऐसी राजनीतिक जीत पहले कभी नहीं देखी गई।’ भारी जीत की कगार पर खड़े रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रंप ने अपने समर्थकों का शुक्रिया अदा किया और इसे अमेरिकी लोगों की शानदार जीत बताया। दरअसल, 78 वर्षीय ट्रंप को फिलहाल 267 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिलने की जानकारी है। यह 270 के जादुई आंकड़े से तीन कम है। वहीं, उनकी प्रतिद्वंद्वी मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस 214 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों के साथ पीछे चल रही हैं। ट्रंप बोले- हमने इतिहास रच दिया ट्रंप ने कहा कि ‘हम अपने देश को ठीक करने, अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए काम करेंगे। हमने आज इतिहास रच दिया है। हमने सबसे अविश्वसनीय राजनीतिक जीत हासिल की है। मैं अमेरिकी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं अपनी हर सांस के साथ आपके और आपके परिवार के लिए लड़ूंगा।’ ट्रंप ने कहा कि ‘यह एक ऐसा आंदोलन था, जिसे पहले कभी किसी ने नहीं देखा। सच कहूं तो मेरा मानना है कि यह अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक आंदोलन था। इस देश में और शायद इससे परे भी ऐसा कुछ कभी नहीं हुआ। अब यह एक नए स्तर पर पहुंचने जा रहा है, क्योंकि हम अपने देश को ठीक करने में मदद करने जा रहे हैं। हमारे पास एक ऐसा देश है, जिसे मदद की जरूरत है। यह ऐतिहासिक है। इसका कारण सिर्फ यही है कि हमने उन बाधाओं को पार किया, जिनके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था।’ ट्रंप ने एलन मस्क का भी दिया धन्यवाद ट्रंप ने अपने परिवार का शुक्रिया अदा किया। साथ ही चुनाव में उनके लिए काम करने वालों की मेहनत का भी जिक्र किया। इस बीच उन्होंने अरबपति कारोबारी एलन मस्क का भी जिक्र किया। ट्रंप ने कहा कि वह एलन मस्क से प्यार करते है और उनके समर्थन के लिए आभार जताते हैं। ट्रंप ने मस्क की संचार व्यवस्था स्टारलिंक का जिक्र किया और नॉर्थ कैरोलाइना में बाढ़ प्रभावितों की मदद से जुड़ा किस्सा सुनाया। ट्रंप ने कहा कि मस्क की वजह से ही नॉर्थ कैरोलाइना में रिपब्लिकन पार्टी को जीत मिली। ट्रंप ने संबोधन के दौरान अपने वादों को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि ‘आपको बेहतर नौकरियां मिलेंगी। अवैध आव्रजन बंद होगा। हम टैक्स घटाएंगे, क्योंकि हमारे पास जो है, वह चीन के पास भी नहीं है।’ ट्रंप ने कहा कि ‘यह वह पल है, जब अमेरिकी अपने देश का नियंत्रण फिर अपने हाथ में लेंगे। ट्रंप ने इसके बाद रॉबर्ट एफ. कैनेडी का भी शुक्रिया किया और कहा कि वह मेक अमेरिका हेल्दी अगेन (अमेरिका को फिर स्वस्थ बनाने) का जिम्मा संभालेंगे।’

प्रधानमंत्री मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन से इतर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से मुलाकात की

बारी (इटली), 14 जून : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की और माना जा रहा है कि उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर तथा वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। दोनों नेताओं की मुलाकात इटली के दक्षिणी शहर बारी में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर हुई। इस महीने तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यह मोदी की पहली विदेश यात्रा है। दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात जनवरी में हुई थी, जब फ्रांस के राष्ट्रपति भारत के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए थे। दोनों नेताओं ने अपनी पिछली बैठक के दौरान द्विपक्षीय सहयोग और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के लिए अपने साझा दृष्टिकोण की पुष्टि की थी, जिसे ‘होराइजन 2047’ और जुलाई 2023 शिखर सम्मेलन के अन्य दस्तावेजों में रेखांकित किया गया है। ‘होराइजन 2047’ रोडमैप भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 के लिए द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में महत्वाकांक्षी और व्यापक कार्यक्रम निर्धारित करता है।