किंगदाओ/नई दिल्ली, 26 जून : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को अपने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ बातचीत की, जिसमें क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य और द्विपक्षीय रक्षा तथा रणनीतिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन से इतर हुई। सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में इस बातचीत को ज्ञानवर्धक बताया। उन्होंने कहा, ”किंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक से इतर रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव से मिलकर खुशी हुई। हमने भारत-रूस रक्षा संबंधों को बढ़ावा देने पर ज्ञानवर्धक विचार-विमर्श किया।” ऐसा समझा जा रहा है कि सिंह ने पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद से भारत को चुनौती पर बात की। माना जा रहा है कि दोनों मंत्रियों ने एक जुलाई को रूस के तटीय शहर कलिनिनग्राद में भारतीय नौसेना की रूस निर्मित गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी ‘आईएनएस तमाल’ के आगामी जलावतरण पर भी चर्चा की। जलावतरण समारोह की अध्यक्षता पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल संजय जे सिंह करेंगे। सिंह एससीओ सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार शाम को किंगदाओ पहुंचे। भारत और चीन के अलावा एससीओ में पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
ईरान की मिसाइलों से इजराइल में बिजली स्टेशन तबाह, कई शहरों में बिजली गुल
तेल अवीव, 23 जून: इस समय उत्तरी इजराइल में हमले के सायरन बज रहे हैं। कुछ समय पहले ईरान ने इजराइल के कई स्थानों पर मिसाइलें दागी हैं। इस हमले में एक बिजली स्टेशन तबाह हो गया है। इसके बाद आसपास के कई शहरों में बिजली गुल हो गई। द टाइम्स ऑफ इजराइल अखबार की खबर के अनुसार इस समय लगातार उत्तरी इजराइल में सायरन बज रहे हैं। नागरिकों को अगले आदेश तक सुरक्षित आश्रयों में रहने का निर्देश दिया गया है। इजराइल डिफेंस फोर्सेज ( आईडीएफ) के ताजा आकलन के अनुसार कुछ देर पहले ईरान ने 40 मिनट के अंदर छह या सात मिसाइलें दागीं। इन हमलों में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। इजराइल इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन के अनुसार दक्षिणी इजराइल में एक बिजली स्टेशन के बगल में बैलेस्टिक मिसाइल गिरने से आस-पास के शहरों में बिजली गुल हो गई। टीमें बिजली आपूर्ति बहाल करने के प्रयास कर रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने बुलाई आपात बैठक
वियना/नयी दिल्ली, 22 जून : अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के मद्देनजर सोमवार को आपात बैठक बुलायी है। आईएईए महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा,“ईरान में गंभीर स्थिति के मद्देनजर कल गवर्नर्स की आपात बैठक बुलायी गयी है।” श्री ग्रॉसी ने आगे कहा कि तीन परमाणु स्थलों पर हमले किये गये हैं हालांकि इस समय तक ऑफ-साइट विकिरण के स्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई है। ईरान में स्थिति पर आगे का आकलन तब किया जाएगा जब और अधिक जानकारी उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि पिछले नौ दिनों में ईरान पर इजरायल के हमलों के दौरान इस्फ़हान में एक बड़े परमाणु परिसर को दूसरी बार निशाना बनाया गया है, जिसमें कई और इमारतें भी शामिल हैं। इससे पहले आईएईए महानिदेशक ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को पेश रिपोर्ट में कहा था कि ईरान में परमाणु स्थलों पर हमले वहां परमाणु सुरक्षा और संरक्षा में भारी गिरावट का कारण बना है, हालांकि अब तक कोई रेडियोलॉजिकल रिलीज नहीं हुआ है लेकिन ऐसा होने का खतरा है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की है कि उनके देश ने तीन परमाणु सुविधाओं – फ़ोर्डो, इस्फ़हान और नतांज़ पर हमले किए हैं। उन्होंने कहा , “हमारा उद्देश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को नष्ट करना और दुनिया के नंबर एक आतंक प्रायोजक देश से उत्पन्न परमाणु खतरे को रोकना था। मैं दुनिया को बता सकता हूँ कि हमले शानदार, सैन्य सफलता थे। परमाणु संवर्धन सुविधाएँ पूरी तरह से नष्ट कर दी गई हैं।” इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा,“अमेरिका की जबरदस्त और न्यायपूर्ण ताकत के साथ आज रात ईरान के परमाणु ठिकानों पर की गई कार्रवाई में अमेरिका बेजोड़ साबित हुआ है। उसने वह किया है जो दुनिया का कोई भी देश नहीं कर सकता। इतिहास दर्ज करेगा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया के सबसे खतरनाक शासन को दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार से वंचित करने का काम किया। श्री ट्रंप और मैंने ताकत के जरिए शांति की पेशकश की। पहले ताकत आती है और फिर शांति आती है।”
अमेरिकी हमलों का जवाब देने के लिए सभी विकल्प खुले हैं :ईरान
वाशिंगटन/तेहरान, 22 जून : ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने रविवार को कहा कि ईरानी परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी हमले “घृणित” है और “इसके दीर्घकालिक गंभीर परिणाम होंगे।”उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा हैै कि ईरान के पास जवाबी कार्रवाई करने के लिए “सभी विकल्प” हैं। इस बीच इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि उसने ईरानी परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी हमलों के बाद ईरान की तरफ से दागी गयी मिसाइलों का पता लगाया है। आईडीएफ ने टेलीग्राम पर कहा, “कुछ समय पहले ईरान की ओर से इजरायल पर दागी गई मिसाइलों के बाद इजरायल के कई इलाकों में सायरन बजने लगे।” इजरायली सेना ने कहा कि इजरायल के कुछ क्षेत्रों में हवाई हमले की चेतावनी घोषित की गई है और निवासियों को सुरक्षित क्षेत्रों में शरण लेने का आदेश दिया गया है। इज़रायल एयरपोर्ट अथॉरिटी ने पहले एक बयान में कहा था कि ईरान के परमाणु संंयंत्रों पर अमेरिकी हमले के बाद इज़रायल ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। इस बीच ईरानी सरकारी मीडिया ने देश के राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रणाली केंद्र के एक बयान का हवाला देते हुए बताया कि अमेरिकी हवाई हमलों के बाद इस्फ़हान, फ़ोर्डो और नतांज़ में परमाणु स्थलों पर “रेडियधर्मिता का कोई संकेत नहीं”मिला और आसपास रहने वाले निवासियों के लिए कोई खतरा नहीं है।” ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने परमाणु संयंत्रों पर हमलों को स्वीकार किया है। ईरान के सरकारी टेलीविजन के निदेशक हसन अबेदिनी ने कहा कि ईरान ने इन तीन परमाणु स्थलों को “कुछ समय पहले ही” खाली कर दिया था, ईरान को “कोई बड़ा झटका नहीं लगा क्योंकि सामग्री वहां से पहले ही निकाल ली गई थी।” अमेरिकी हमलों के बाद जारी एक बयान में इरना ने कहा कि ईरान का परमाणु ऊर्जा संगठन महान ईरानी राष्ट्र को आश्वस्त करता है कि अपने दुश्मनों की साजिशों के बावजूद अपने परमाणु विकास कार्यक्रम को नहीं रुकने देगा। ईरानी परमाणु संयंत्रों पर हमलों में अमेरिका ने जीबीयू-57ए/बी मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बम का इस्तेमाल किया, जिसे “बंकर बस्टर” के रूप में जाना जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बी-2 बमवर्षक ही एकमात्र विमान है जो बम ले जाने में सक्षम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये हमले मध्य पूर्व में तनाव में ऐतिहासिक वृद्धि को दर्शाते हैं। इससे ईरान की ओर से पूरे क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों और सैन्य प्रतिष्ठानों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई भड़क सकती है। उधर यमन के हूती समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार सुबह सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि वह ईरानी परमाणु संयंत्रों पर हमलों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड को जिम्मेदार ठहराएगा। हूती राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य हिजाम अल-असद ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “ट्रम्प को इसके परिणाम भुगतने होंगे।”अमेरिकी हमलों से पहले हूती समूह ने एक बयान में कहा था कि अगर अमेरिका ईरान पर हमला करता है तो वह अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाएगा। हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने हूती द्वारा संचालित अल-मसीरा टीवी द्वारा प्रसारित बयान में कहा, “अगर अमेरिका ईरान के खिलाफ हमले और आक्रामकता में शामिल है …तो सशस्त्र बल (हूती बल) लाल सागर में उसके जहाजों और युद्धपोतों को निशाना बनाएंगे।” वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी हमलों के बाद रविवार को श्री ट्रंप को बधाई दी और इसे “ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना बनाने का साहसिक फैसला” बताया।
ईरान ने इजरायल के हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण करने का किया दावा
तेहरान, 18 जून: ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने बुधवार को कहा कि उसके सशस्त्र बलों ने इजरायली हवाई क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया है। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने आईआरजीसी के हवाले से रिपोर्ट में कहा, “आज के मिसाइल हमले से पता चला है कि हमने कब्जे वाले क्षेत्रों के आसमान पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया है और उनके (इजरायल) निवासी ईरानी मिसाइल हमलों के खिलाफ पूरी तरह से निस्सहाय दिखे हैं।”
भारत-कनाडा संबंध ‘अत्यंत महत्वपूर्ण’: प्रधानमंत्री मोदी
कैनानास्की (कनाडा), 18 जून : भारत और कनाडा ने मंगलवार को एक दूसरे की चिंताओं, संवेदनशीलता, लोगों के बीच मजबूत संबंधों तथा आपसी सम्मान पर आधारित एक रचनात्मक और संतुलित साझीदारी की बहाली की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाने का मार्ग प्रशस्त किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच अल्बर्टा के कैनानास्की में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठक में यह महत्वपूर्ण सहमति बनी और नई दिल्ली तथा ओटावा में उच्चायुक्तों की नियुक्ति की घोषणा की गयी। गौरतलब है कि कनाडा के हाल के आम चुनावों के बाद प्रधानमंत्री कार्नी के पदभार संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली व्यक्तिगत बातचीत थी। इस बैठक में दोनों पक्षों को भारत-कनाडा संबंधों की स्थिति और आगे के रास्ते पर स्पष्ट और दूरदर्शी चर्चा करने का अवसर मिला। विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों नेताओं ने लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति सम्मान और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता के आधार पर भारत-कनाडा संबंधों के महत्व की पुष्टि की। उन्होंने चिंताओं और संवेदनशीलता, लोगों के बीच मजबूत संबंधों और बढ़ती आर्थिक पूरकताओं के प्रति आपसी सम्मान पर आधारित एक रचनात्मक और संतुलित साझीदारी को आगे बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। इस संबंध में दोनों पक्ष संबंधों में स्थिरता बहाल करने के लिए कैलिब्रेटेड और रचनात्मक कदम उठाने पर सहमत हुए, जिसकी शुरुआत उच्चायुक्तों की एक-दूसरे की राजधानियों में जल्दी वापसी के निर्णय से हुयी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने आपसी विश्वास को फिर से स्थापित करने और संबंधों को गति देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में वरिष्ठ मंत्रिस्तरीय और कार्य स्तर की बैठकों को फिर से शुरू करने के महत्व को रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल परिवर्तन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी), खाद्य सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिज, उच्च शिक्षा, गतिशीलता और आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन जैसे क्षेत्रों में भविष्य में सहयोग के अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने में साझा रुचि की पुष्टि की। दोनों नेताओं ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) का मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौते (ईपीटीए) पर रुकी हुयी वार्ताओं को फिर से शुरू करने के महत्व पर भी चर्चा की। वे इस संबंध में आगे अपने संबंधित अधिकारियों को काम सौंपने के लिए सहमत हुए। दोनों दोनों नेताओं ने जी-7 शिखर सम्मेलन में हुई महत्वपूर्ण प्रगति और जलवायु कार्रवाई, समावेशी विकास और सतत विकास जैसी वैश्विक प्राथमिकताओं पर रचनात्मक रूप से एक साथ काम करने की साझा इच्छा को स्वीकार किया। उन्होंने दोनों देशों के बीच लोगों के बीच गहरे संबंधों को रेखांकित किया और दोनों देशों के लाभ के लिए इस जीवंत सेतु का लाभ उठाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेता संपर्क में रहने के लिए सहमत हुए और जल्द से जल्द एक-दूसरे से मिलने के लिए उत्सुक थे। श्री मोदी ने इस बैठक के साथ ही कनाडा की यात्रा पूरी कर कालगरी हवाई अड्डे से अपनी यात्रा के अंतिम चरण में क्रोएशिया की राजधानी जगरेब के लिए उड़ान भरी।
ईरान में पिछले 65 घंटों में इजरायली हमलों में 244 लोग मारे गये
तेहरान, 16 जून : ईरान पर पिछले 65 घंटों में हुये इजरायली हवाई हमलों में 244 लोग मारे गये और करीब 1,277 लोग घायल हुये हैं। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता होसैन करमनपुर ने रविवार को यह जानकारी दी। श्री करमनपुर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा कि मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं और घायलों की संख्या 1,277 है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि हताहतों में 90 प्रतिशत से अधिक नागरिक थे। प्रवक्ता ने बताया कि इजरायल ने शुक्रवार सुबह तेहरान और ईरान के कई अन्य शहरों पर हवाई हमले किये जिसमें देश के कई शीर्ष सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गये। शनिवार और रविवार को ईरान के विभिन्न हिस्सों में हमले जारी रहे। ईरान ने इसके जवाब में शुक्रवार से इजरायल में कई ठिकानों पर मिसाइल हमले किये हैं, जिससे बड़ी संख्या में लोग हताहत हुये हैं और काफी नुकसान हुआ है।
ईरान ने इज़रायल के दो लड़ाकू विमान मार गिराए : मीडिया
तेहरान/यरूशलम, 14 जून : ईरान की वायु रक्षा ने इज़रायल के दो लड़ाकू विमान के साथ-साथ बड़ी संख्या में माइक्रो एरियल वाहनों को मार गिराया एवं एक महिला इज़रायली पायलट को पकड़ लिया है। अर्ध-सरकारी तस्नीम समाचार एजेंसी ने यह जानकारी दी है। ईरानी सेना ने आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है। इज़रायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया। एक बयान में आईडीएफ अरबी भाषा के प्रवक्ता अविचे अद्रेई ने आरोपों को ‘पूरी तरह से निराधार’ कहा। यह बयान इज़रायल द्वारा ईरानी सैन्य और परमाणु सुविधाओं पर बड़े पैमाने पर हमलों के बाद बढ़े तनाव के बीच आया है, जिसने व्यापक क्षेत्रीय वृद्धि की आशंकाओं को बढ़ा दिया है। ईरान के सरकारी प्रेस टीवी ने बताया कि ईरानी वायु रक्षा ने केंद्रीय शहर क़ोम के करीब स्थित फ़ोर्डो परमाणु सुविधा के पास एक इज़रायली ड्रोन को मार गिराया है। इज़रायल ने शुक्रवार की सुबह तेहरान और ईरान के अन्य शहरों पर हवाई हमले किए। ईरान के संयुक्त राष्ट्र दूत अमीर सईद इरावानी ने कहा कि इज़रायल के हमलों के कारण कम से कम 78 लोग मारे गए जबकि 320 अन्य घायल हुए, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे। ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के चीफ कमांडर होसैन सलामी, ईरान के खतम अल-अनबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर के कमांडर घोलम-अली राशिद और आईआरजीसी के एयरोस्पेस डिवीजन के कमांडर अमीर अली हाजीजादेह तेहरान पर इज़रायली हवाई हमलों में मारे गए। इजरायल ने शुक्रवार की देर रात बताया कि ईरान ने दो बड़े बैराज में मध्य और उत्तरी इज़रायल की ओर लगभग 100 मिसाइलें दागीं, जिससे काफी नुकसान हुआ और 41 लोग घायल हो गए, जिनमें से दो की हालत गंभीर है।
इजरायल ने ईरान पर किया हमला, आईआरजीसी के शीर्ष कमांडर की हुई मौत
यरूशलम, 13 जून : इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज़ ने शुक्रवार को कहा कि इजरायल ने ईरान पर जोरदार हमला किया है। इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने एक बयान में पुष्टि की है कि उसके जेट विमानों ने पहले चरण का हमला पूरा कर लिया है, जिसमें ईरान के विभिन्न क्षेत्रों में परमाणु ठिकानों सहित कई सैन्य ठिकानों पर एक साथ हमले किये हैं। आधिकारिक समाचार एजेंसी इरना ने बताया कि ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स के चीफ कमांडर होसैन सलामी और ईरान के खतम अल-अनबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर के कमांडर घोलम-अली राशिद की हवाई हमलों में मौत हो गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली हवाई हमलों में दो ईरानी परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए, जिनकी पहचान मोहम्मद-मेहदी तेहरांची और फेरेदून अब्बासी के रूप में हुई है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो संबोधन में कहा कि इजरायल का लक्ष्य ‘ईरान के परमाणु ढांचे, ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल फैक्ट्रियों और ईरान की सैन्य क्षमताओं पर हमला करना’ है और यह लगातार जारी रहेगा। ईरान के सरकारी टीवी ने बताया कि तेहरान और नतान्ज़, खोंडब और खोरमाबाद की काउंटियों में विस्फोटों की रिपोर्ट मिली है, साथ ही बताया कि तेहरान में एक आवासीय इमारत में महिलाओं और बच्चों सहित कई लोगों के हताहत होने की सूचना मिली है। हमले के बाद इजरायल और ईरान दोनों ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए। इजरायल ने पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है। एक बयान में, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एकतरफा हमले में किसी भी अमेरिकी सहायता या भागीदारी से स्पष्ट इनकार किया, साथ ही कहा कि इजरायल ने अमेरिका से कहा है कि उसका मानना है कि हमले उसकी आत्मरक्षा के लिए आवश्यक थे। गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पश्चिम एशिया में संभावित ‘बड़े पैमाने पर संघर्ष’ की चेतावनी देते हुए कहा, “मैं नहीं चाहता कि वे इसमें शामिल हों” क्योंकि अमेरिका और ईरान के बीच सीधी बातचीत जारी है। उन्होंने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, “मैं ईरान के साथ समझौता करना चाहता हूं। हम समझौते के काफी करीब हैं… जब तक मुझे लगता है कि समझौता हो गया है, मैं नहीं चाहता कि वे इसमें शामिल हों क्योंकि इससे सब कुछ खत्म हो जाएगा।”
कोलंबियाई राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को रैली में मारी गई गोली, किशोर गिरफ्तार
बोगोटा, 08 जून : कोलंबिया के सीनेटर और 2026 के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार मिगुएल उरीबे को बोगोटा में एक अभियान कार्यक्रम के दौरान गोली मार दी गई, अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। रूढ़िवादी विपक्षी डेमोक्रेटिक सेंटर पार्टी के प्रमुख सदस्य 39 वर्षीय सीनेटर को शनिवार को राजधानी के फोंटिबोन पड़ोस में एक सार्वजनिक पार्क में समर्थकों को संबोधित करते समय कथित तौर पर पीठ में गोली मार दी गई थी। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जब उरीबे भाषण दे रहे थे, तभी “हथियारबंद लोगों ने उनकी पीठ में गोली मार दी।” सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में वह क्षण कैद हुआ है, जब गोलीबारी की आवाज आई और उनके संबोधन में बाधा उत्पन्न हुई। अन्य चित्रों में उरीबे एक सफेद कार के बोनट पर झुके हुए दिखाई दे रहे हैं, वे स्पष्ट रूप से घायल हैं और खून से सने हुए हैं तथा लोग उन्हें सहारा देने के लिए दौड़ रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि सीनेटर की गर्दन या सिर में कम से कम एक गोली लगी है। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। फिलहाल उनकी वर्तमान चिकित्सा स्थिति पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। कोलंबिया के रक्षा मंत्री पेड्रो सांचेज ने जानकारी दी कि गोलीबारी के सिलसिले में एक 15 वर्षीय लड़के को गिरफ्तार किया गया है। सांचेज ने यह भी बताया कि यह पता लगाने के लिए जांच जारी है कि हमले में अन्य लोग भी शामिल थे या नहीं। मंत्री ने पुष्टि की कि उन्होंने उस अस्पताल का दौरा किया था जहां उरीबे का इलाज चल रहा है। कोलंबियाई राष्ट्रपति ने इस घटना की कड़ी निंदा की तथा एक बयान जारी कर हिंसक हमले को स्पष्ट रूप से खारिज किया तथा गोलीबारी की परिस्थितियों की व्यापक जांच की अपील की। उरीबे कोलंबिया में एक प्रसिद्ध राजनीतिक व्यक्ति हैं और देश की लिबरल पार्टी से संबंध रखने वाले एक प्रमुख परिवार के सदस्य हैं। उनके पिता एक व्यवसायी और यूनियन नेता थे, जबकि उनकी मां, पत्रकार डायना टर्बे को 1990 में कुख्यात ड्रग माफिया पाब्लो एस्कोबार के नियंत्रण वाले एक सशस्त्र समूह ने अगवा कर लिया था। बचाव अभियान के दौरान उनकी दुखद मौत हो गई थी। उनकी पार्टी डेमोक्रेटिक सेंटर ने हमले को गंभीर बताया, लेकिन सीनेटर की स्थिति के बारे में कोई अतिरिक्त जानकारी देने से परहेज किया। वामपंथी राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक संदेश में उरीबे के परिवार के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करते हुए लिखा, “मैं नहीं जानता कि आपके दर्द को कैसे कम करूं। यह एक खोई हुई मां और एक मातृभूमि का दर्द है।” कोलंबिया लंबे समय से वामपंथी छापामारों, अर्धसैनिक समूहों और राज्य बलों से निकले आपराधिक गुटों के बीच संघर्ष से उत्पन्न हिंसा में फंसा हुआ है।