एक पेड़ मां के नाम : मॉरीशस में पीएम मोदी ने किया पौधारोपण

पोर्ट लुईस/नई दिल्ली, 11 मार्च: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को मॉरीशस के सर शिवसागर रामगुलाम बॉटनिकल गार्डन में ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत एक पौधा लगाया। इससे पहले, उन्होंने गुयाना की अपनी यात्रा के दौरान भी इसी तरह एक पौधा लगाया है। पीएम मोदी के निरंतर प्रयासों के कारण, इस पहल के परिणामस्वरूप भारत में 1 बिलियन से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। पीएम मोदी ने 5 जून 2024 को दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में पीपल का पेड़ लगाकर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की थी। इस पहल का प्रभाव भारत के बाहर के देशों में भी फैल गया है। इसके तहत दुनिया भर के लगभग 136 देशों में कुल 27,500 से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं। पीएम मोदी दो दिवसीय मॉरीशस यात्रा पर मंगलवार को पोर्ट लुईस पहुंचे। सर शिवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने पीएम मोदी का माला पहनाकर स्वागत किया। भारतीय समुदाय की तरफ से पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। समुदाय की महिलाओं ने ‘गीत गवई’ नामक पारंपरिक बिहारी सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से उनका सम्मान किया। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “मॉरीशस में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत से मैं बहुत प्रभावित हूं। भारतीय विरासत, संस्कृति और मूल्यों से उनका गहरा जुड़ाव वाकई प्रेरणादायक है। इतिहास और दिल का यह बंधन पीढ़ियों से चला आ रहा है।” एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मॉरीशस में अविस्मरणीय स्वागत से बहुत अभिभूत हूं। यहां की संस्कृति में भारतीयता किस तरह रची-बसी है, उसकी पूरी झलक ‘गीत-गवई’ में देखने को मिली। हमारी भोजपुरी भाषा मॉरीशस में जिस तरह से फल-फूल रही है, वह हर किसी को गौरवान्वित करने वाली है।” प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। भारतीय नौसेना के एक जहाज के साथ भारतीय रक्षा बलों की एक टुकड़ी भी समारोह में भाग लेगी। यह प्रधानमंत्री मोदी की 2015 के बाद पहली मॉरीशस यात्रा है। प्रधानमंत्री मोदी की वर्तमान यात्रा से विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।

पीएम मोदी ने मॉरीशस के राष्ट्रपति को ‘महाकुंभ जल’ किया भेंट

पोर्ट लुईस/नई दिल्ली, 11 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पोर्ट लुईस में मॉरीशस के राष्ट्रपति धरम गोखूल से मुलाकात की और उन्हें महाकुंभ का पवित्र गंगा जल भेंट किया। यह कुंभ 26 फरवरी को संपन्न हुआ और इसमें 660 मिलियन से अधिक तीर्थयात्री त्रिवेणी संगम प्रयागराज में एकत्र हुए, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा मानव समागम बन गया। गोखूल को दिसंबर में सर्वसम्मति से मॉरीशस का नया राष्ट्रपति चुना गया था। उन्होंने पृथ्वीराजसिंह रूपन के उत्तराधिकारी होंगे, जिनका कार्यकाल 2 दिसंबर, 2024 को समाप्त हुआ। पूर्व शिक्षा मंत्री गोखूल एक प्रतिष्ठित राजनेता हैं, जिनका शानदार करियर शिक्षा, सार्वजनिक सेवा और राजनीति जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है। वह पीएम मोदी के राजकीय भोज का भी आयोजन कर रहे हैं। इससे पहले, पीएम मोदी ने पोर्ट लुइस में सर शिवसागर रामगुलाम बॉटनिकल गार्डन में मॉरीशस के पहले प्रधानमंत्री और संस्थापक पिता सर शिवसागर रामगुलाम को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ को भी श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक्स पर लिखा, “मैंने मॉरीशस की प्रगति में अमिट योगदान देने वाले दो महान नेताओं सर शिवसागर रामगुलाम और सर अनिरुद्ध जगन्नाथ को श्रद्धांजलि अर्पित की।” प्रधानमंत्री मोदी ने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ मिलकर एक पौधा भी लगाया। उन्होंने कहा, “प्रकृति, मातृत्व और स्थिरता को समर्पित ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मेरे मित्र प्रधानमंत्री डॉ. नवीन रामगुलाम के हार्दिक भाव से अभिभूत हूं। उनका समर्थन हरियाली और बेहतर भविष्य के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।” पीएम मोदी दो दिवसीय मॉरीशस यात्रा पर मंगलवार को पोर्ट लुईस पहुंचे। सर शिवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने पीएम मोदी का माला पहनाकर स्वागत किया। भारतीय समुदाय की तरफ से पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। समुदाय की महिलाओं ने ‘गीत गवई’ नामक पारंपरिक बिहारी सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से उनका सम्मान किया। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “मॉरीशस में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत से मैं बहुत प्रभावित हूं। भारतीय विरासत, संस्कृति और मूल्यों से उनका गहरा जुड़ाव वाकई प्रेरणादायक है। इतिहास और दिल का यह बंधन पीढ़ियों से चला आ रहा है।” प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। भारतीय नौसेना के एक जहाज के साथ भारतीय रक्षा बलों की एक टुकड़ी भी समारोह में भाग लेगी। यह प्रधानमंत्री मोदी की 2015 के बाद पहली मॉरीशस यात्रा है। प्रधानमंत्री मोदी की वर्तमान यात्रा से विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।

पाकिस्तान में ट्रेन पर हमला, बीएलए का दावा 100 से अधिक लोगों को बनाया बंधक

क्वेटा (पाकिस्तान), 11 मार्च : पाकिस्तान में अलगाववादी आतंकवादियों ने मंगलवार को सैकड़ों यात्रियों को ले जा रही एक यात्री ट्रेन पर गोलीबारी की। जाफर एक्सप्रेस की नौ बोगियों में लगभग 400 यात्री सवार थे। यह ट्रेन दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी, तभी उस पर गोलीबारी की गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस और रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हमले एक ट्रेन चालक घायल हो गया। एक बयान में, उग्रवादी अलगाववादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमले की जिम्मेदारी ली और कहा कि उन्होंने ट्रेन से सुरक्षा बलों सहित लोगों को बंधक बना लिया है। बीएलए ने दावा किया कि उसने 100 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाया और उसके ऑपरेशन में 6 सुरक्षाकर्मी मारे गए। उसका कहना है कि बंधक बनाए गए लोगों ने सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हैं। प्रांतीय सरकार या रेलवे के अधिकारियों ने बंधकों के पकड़े जाने की पुष्टि नहीं की। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बल बलूचिस्तान के बोलन जिले के मुश्कफ इलाके में घटना स्थल पर पहुंच गए हैं। सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा कि बलूचिस्तान सरकार ने आपातकालीन उपाय लागू किए हैं और स्थिति से निपटने के लिए सभी संस्थानों को जुटाया गया है। बता दें अशांत बलूचिस्तान में अलगाववादी उग्रवादी समूहों ने सेना और क्षेत्र में चीनी परियोजनाओं के खिलाफ लगातार हमले किए हैं। बीएलए बलूचिस्तान की आजादी चाहता है। यह कई जातीय विद्रोही समूहों में से सबसे बड़ा है, जिसने दशकों से पाकिस्तान सरकार से लड़ाई लड़ी है। उनका कहना है कि सरकार बलूचिस्तान के समृद्ध गैस और खनिज संसाधनों का अनुचित तरीके से दोहन कर रही है। बीएलए को पाकिस्तान, ईरान, चीन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठन घोषित किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस पहुंचने के बाद ओबेरॉय होटल में की लोगों से मुलाकात

पोर्ट लुईस/नई दिल्ली, 11 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपनी दो दिन की यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे। उनका स्वागत मॉरीशस के सर सीवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भव्य रूप से किया गया। भारतीय प्रधानमंत्री के आगमन के बाद स्थानीय लोग उनकी एक झलक पाने के लिए उत्सुक थे। हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जहां भारतीय समुदाय के सदस्य और अधिकारी मौजूद थे। इसके बाद, पीएम मोदी ओबेरॉय होटल पहुंचे, जहां उन्होंने लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने होटल में मौजूद लोगों से हाथ मिलाया और उनके साथ बातचीत की। इस पल को वहां मौजूद लोगों ने कैमरे में कैद किया। वीडियो में पीएम मोदी का सरल और सहज स्वभाव नजर आ रहा था, जब वह स्थानीय लोगों से मिलकर उनका अभिवादन स्वीकार कर रहे हैं। उनके इस व्यक्तिगत स्नेहिल व्यवहार को देखकर लोग बेहद खुश थे। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के निमंत्रण पर 12 मार्च को राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह यात्रा भारत-मॉरीशस संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि 2015 के बाद से यह प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस की पहली यात्रा है। उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के विजन सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) को रेखांकित किया था और हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान मॉरीशस के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री के साथ चर्चा करेंगे। वह वहां के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों से भी मिलेंगे। इसके अलावा, वह भारतीय मूल के समुदाय के सदस्य से भी बातचीत करेंगे, जो मॉरीशस के समाज और संस्कृति का एक अहम हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री मोदी के एजेंडे में दो प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन भी शामिल है: सिविल सर्विस कॉलेज और क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्र। इन दोनों परियोजनाओं का निर्माण भारत की अनुदान सहायता से हुआ है और यह दोनों देशों के बीच विकास साझेदारी को और प्रगाढ़ करेगा। इस यात्रा के दौरान कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जो समुद्री सुरक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, लघु और मध्यम उद्यमों, और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देंगे। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति को भी समर्थन मिलेगा, जिसका उद्देश्य भारत के पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को मजबूत करना है। राष्ट्रीय दिवस समारोह में भारतीय रक्षा बलों की भागीदारी भी एक खास आकर्षण होगी। भारतीय नौसेना का एक दल, भारतीय नौसेना का जहाज, भारतीय वायु सेना का हेलीकॉप्टर, आकाश गंगा स्काईडाइविंग टीम और एनसीसी कैडेटों का एक समूह भी इस कार्यक्रम में शामिल होगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने यह भी पुष्टि की कि भारत और मॉरीशस एक तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, जो दोनों देशों के बीच व्हाइट-शिपिंग जानकारी साझा करने से संबंधित होगा। यह समझौता मॉरीशस की समुद्री सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा, उसके व्यापारिक गलियारों की सुरक्षा करेगा और अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह मॉरीशस की समुद्री डोमेन जागरूकता को बेहतर बनाएगा और क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करेगा। विदेश सचिव ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री रामगुलाम कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिन्हें भारतीय सहायता से क्रियान्वित किया गया है, और दोनों देशों के बीच व्यापार, क्षमता निर्माण और छोटे एवं मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होंगे।” भारत और मॉरीशस के बीच उच्चस्तरीय जुड़ाव की यह यात्रा उनके रिश्तों को और मजबूत करेगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 2024 में मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस के लिए मुख्य अतिथि थीं और मॉरीशस ने पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी भाग लिया है। मॉरीशस 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए एक ‘विशेष आमंत्रित’ था और इसके दौरान भारत और अन्य देशों के साथ वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का सह-शुभारंभ किया गया था। यह यात्रा भारत और मॉरीशस के बीच स्थायी और मजबूत रिश्तों का प्रतीक है और उनकी रणनीतिक साझेदारी में एक नया अध्याय जोड़ती है।

पीएम मोदी के स्वागत में मॉरीशस में बिहारी परंपरा और लोकगीतों की गूंज

पोर्ट लुइस/नई दिल्ली, 11 मार्च : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपनी दो दिवसीय यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे, जहां उनके स्वागत में बिहारी परंपरा और लोकगीतों की गूंज सुनाई दी। सर सीवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पारंपरिक तरीके से प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया गया। राजधानी पोर्ट लुईस में एक अनूठी सांस्कृतिक परंपरा का दृश्य देखने को मिला, जब स्थानीय महिलाओं के एक दल ने पारंपरिक बिहारी लोकगीत गाकर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। महिलाओं ने उत्साहपूर्वक गाया, धन्य है, धन्य है देश हमारा हो, मोदी जी पधारे हैं। जय मॉरीशस, बोलो जय भारत। यह गीत भारत के भोजपुरी क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जिसे मॉरीशस में बसे भारतीय समुदाय ने जीवंत बनाए रखा है। स्वागत के पलों को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा, मॉरीशस में भारतीय समुदाय द्वारा दिया गया गर्मजोशी भरा स्वागत हृदयस्पर्शी है। भारतीय विरासत, संस्कृति और मूल्यों के प्रति उनका मजबूत संबंध वास्तव में प्रेरणादायक है। इतिहास और हृदय का यह बंधन पीढ़ियों से पनपता आ रहा है। भोजपुरी संस्कृति की अनूठी छाप मॉरीशस में पारंपरिक भोजपुरी संगीत शैली गीत गवई काफी लोकप्रिय है। इसे विशेष मान्यता देते हुए, यूनेस्को ने दिसंबर 2016 में इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया था। यह शैली मॉरीशस में भारतीय समुदाय की सांस्कृतिक पहचान का अहम हिस्सा बन चुकी है।

प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे मॉरीशस, हुआ भव्य स्वागत

पोर्ट लुइस/नई दिल्ली, 11 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह पोर्ट लुइस पहुंचे। श्री मोदी का सर शिवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम, उनकी पत्नी वीना रामगुलाम और सरकार के कई शीर्ष अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाया। इसके बाद मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने श्री मोदी का माला पहनाकर स्वागत किया। श्री मोदी का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे पर मौजूद अन्य लोगों में उप प्रधानमंत्री पॉल बेरेंजर, विदेश मंत्री रितेश रामफुल, विपक्षी नेता जो लेसजोंगर्ड, नेशनल असेंबली की स्पीकर शिरीन ऑमेरुड्डी-सिफ़्रा और मुख्य न्यायाधीश रेहाना मुंगली-गुलबुल शामिल थे। रेहाना मुंगली मॉरीशस सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी को हवाई अड्डे पर औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद उनका औपचारिक रूप से मॉरीशस सरकार के वरिष्ठ सदस्यों से परिचय कराया गया। श्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अपने मॉरीशस समकक्ष द्वारा स्वागत के विशेष भाव के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा ‘मॉरीशस में उतरा। मैं अपने मित्र प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का हवाई अड्डे पर मेरा स्वागत करने के विशेष भाव के लिए आभारी हूँ। ‘यह यात्रा एक मूल्यवान मित्र के साथ जुड़ने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते तलाशने का एक शानदार अवसर है।’ श्री मोदी ने पोस्ट में कहा ‘आज मैं राष्ट्रपति धरम गोखूल, प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम से मिलूंगा और शाम को एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करूंगा।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक्स पर पोस्ट किया: ‘नमस्ते मॉरीशस’ ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मॉरीशस में गर्मजोशी और उत्साहपूर्ण स्वागत किया गया! ‘एक विशेष भाव के रूप में प्रधानमंत्री डा रामगुलाम ने हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से स्वागत किया।’ प्रधानमंत्री श्री मोदी दो दिवसीय यात्रा पर मॉरीशस पर हैं। इस दौरान वे मुख्य अतिथि के रूप में मॉरीशस राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लेंगे और प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम के साथ बातचीत भी करेंगे। वे भारतीय सहायता से शुरू की गई कई विकास परियोजनाओं का औपचारिक रूप से उद्घाटन भी करेंगे और वहां भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे। 2015 में प्रधानमंत्री के रूप में अपनी पिछली यात्रा के बाद यह श्री मोदी की मॉरीशस की दूसरी आधिकारिक यात्रा है। श्री मोदी 1998 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य के रूप में मॉरीशस आए थे। श्री मोदी मॉरीशस में 33 घंटे बिताएंगे। वह हवाईअड्डे से द ओबेरॉय इन पॉइंट-ऑक्स-पिमेंट्स होटल के लिए रवाना हुएl

ट्रंप ने इजरायली बंधकों की रिहाई को लेकर हमास को दी ‘आखिरी चेतावनी’

वाशिंगटन, 06 मार्च : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराजली बंधकों की रिहाई को लेकर आज हमास को ‘आखिरी चेतावनी’ दी है। श्री ट्रंप ने सोशल प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं इजराजल को वह सब कुछ भेज रहा हूं जो उसे काम पूरा करने के लिए चाहिए, अगर मेरी बात नहीं मानेंगे तो हमास का एक भी सदस्य सुरक्षित नहीं रहेगा।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने पोस्ट में लिखा, “शालोम हमास का इसका अर्थ है नमस्ते और अलविदा – आप दोनों में से किसी एक को चुन सकते हैं। सभी बंधकों को अभी रिहा करें, बाद में नहीं, और जिन लोगों की आपने हत्या की है, उनके शवों को तुरंत लौटा दें, अन्यथा आपके लिए सब खत्म हो जाएगा। केवल बीमार और विकृत मानसिकता के लोग ही शवों को रखते हैं, और आप ऐसा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “मैं इजरायल को वह सब कुछ भेज रहा हूँ जो उसे काम पूरा करने के लिए चाहिए, अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो हमास का एक भी सदस्य सुरक्षित नहीं रहेगा। मैं अभी आपके पूर्व बंधकों से मिला हूँ, जिनकी ज़िंदगी आपने बर्बाद कर दी है। यह आपको आखिरी चेतावनी है।” उन्होंने नागरिकों को भी धमकाते हुए कहा, “साथ ही, गाजा के लोगों के लिए कहा कि उनके लिए एक सुंदर भविष्य उनका इंतजार कर रहा है, लेकिन तब नहीं जब आप बंधकों को रखेंगे, अगर आप ऐसा करेंगे, तो आप ख़त्म हो जाएंगे। समझदारी से फैसला लें। बंधकों को अभी रिहा करें, नहीं तो बाद में आपको बहुत कुछ भुगतना पड़ेगा।” श्री ट्रंप की ओर से यह पोस्ट व्हाइट हाउस में इजरायली बंधकों के एक समूह से मुलाकात के बाद आया है, जिन्हें हाल ही में युद्धविराम के तहत रिहा किया गया था।

ऑस्ट्रेलिया यूक्रेन में शांति सेना भेजने के लिए तैयार : प्रधानमंत्री अल्बानीज

कैनबरा, 04 मार्च : ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार बहुराष्ट्रीय शांति सेना के हिस्से के रूप में यूक्रेन में सैनिक भेजन के प्रस्ताव पर विचार करने को तैयार है। यह बयान ऐसे समय में आया जब यूरोपीय देश किसी भी शांति समझौते को लागू करने के लिए ‘इच्छुक लोगों का गठबंधन’ बनाने पर विचार कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने जोर देकर कहा कि अभी कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है, न ही ऑस्ट्रेलिया से सैनिकों की मदद के लिए कहा गया। उन्होंने कहा, “हमसे कुछ भी नहीं मांगा गया है। प्रस्तावों पर चर्चा की जा रही है। अगर कोई अनुरोध किया जाता है, तो हम उस पर विचार करेंगे।” सिडनी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री अल्बानीज ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया यूक्रेन की मदद के लिए तैयार है। हमने 1.5 बिलियन डॉलर का योगदान दिया है, जिसमें 1.3 बिलियन डॉलर सीधे सैन्य सहायता के लिए हैं।’ ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा, “इस समय संभावित शांति स्थापना मिशन के बारे में चर्चा चल रही है, मेरी सरकार के दृष्टिकोण से, हम आगे बढ़ने वाले किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने ऐतिहासिक रूप से शांति स्थापना के कई बार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’ अल्बानीज ने कहा, “हम यूक्रेन में शांति देखना चाहते हैं, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि व्लादिमीर पुतिन और उनके साम्राज्यवादी डिजाइनों को पुरस्कृत या प्रोत्साहित न किया जाए।” यूरोपीय नेता यूक्रेन और रूस के बीच शांति समझौते को लागू करने और कीव की मदद करने के लिए ‘इच्छुक लोगों के गठबंधन’ बनाने और यूक्रेन में सेना भेजने पर विचार कर रहे हैं। रूस कह चुका है कि वह जमीन पर यूरोपीय सैनिकों की मौजूदगी का विरोध करेगा। पिछले सप्ताह वाशिंगटन में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच टकराव के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और यूक्रेन के बीच दरार बढ़ने के बाद यह यूरोपीय नेता इस संबंध में गंभीरता से सोच रहे हैं। इस बीच कई अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप ने अब यूक्रेन को सभी सहायता तब तक रोक दीy है, जब तक कि रूस के साथ युद्ध को समाप्त करने के लिए ज़ेलेंस्की की प्रतिबद्धता निर्धारित नहीं हो जाती। सिडनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका द्वारा सैन्य सहायता रोकने के बारे में पूछे जाने पर जब एंथनी अल्बानीस से सवाल पूछा गया तो उन्होंने यूक्रेन के प्रति ऑस्ट्रेलिया के समर्थन को दोहराया। उन्होंने अमेरिका को ऑस्ट्रेलिया का एक महत्वपूर्ण सहयोगी बताया।

यूक्रेन के लिए मिसाइलें खरीदने के लिए 1.6 अरब पाउंड के नए सौदे की घोषणा

लंदन, 03 मार्च: ब्रिटिश प्रधान मंत्री कीर स्टार्मर ने रविवार को घोषणा की कि ब्रिटेन यूक्रेन को 5,000 से अधिक वायु रक्षा मिसाइलों की खरीद के लिए ब्रिटिश निर्यात वित्त के 1.6 अरब पाउंड (2 अरब अमेरिकी डॉलर) का उपयोग करने की अनुमति देगा। लंदन में पश्चिमी नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में स्टार्मर ने कहा, “महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की रक्षा और यूक्रेन को मजबूत करने के लिए यह महत्वपूर्ण होगा।” उन्होंने कहा, लक्ष्य “यूक्रेन को सबसे मजबूत स्थिति में लाना” है ताकि देश मजबूत स्थिति से बातचीत कर सके। एक दर्जन से अधिक यूरोपीय राष्ट्राध्यक्षों और कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो सहित पश्चिमी नेता यूक्रेन के लिए शांति योजना को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एक रक्षा शिखर सम्मेलन के लिए रविवार को लंदन में एकत्र हुए। स्टार्मर ने कहा कि शिखर सम्मेलन में नेता यूक्रेन में शांति की गारंटी के लिए चार-चरणीय योजना पर सहमत हुए है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर ने ज़ेलेंस्की से की मुलाकात

लंदन, 02 मार्च: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की है। यूक्रेन के वित्त मंत्री रेरही मार्चेंको ने बताया है कि डाउनिंग स्ट्रीट में शनिवार को हुई बैठक के दौरान श्री स्टारमर ने कहा कि यूक्रेन का ‘पूरे ब्रिटेन’ समर्थन करता है। इस दौरान उन्होंने स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए ब्रिटेन के ‘दृढ़ संकल्प’ पर जोर दिया। श्री मार्चेंको ने बताया कि ब्रिटेन ने यूक्रेन की रक्षा क्षमताओं का समर्थन करने के लिए 2.26 अरब पाउंड के ऋण पर सहमति व्यक्त की है। उन्होंने कहा श्री ज़ेलेंस्की और श्री स्टार्मर ने ब्रिटिश चांसलर ऑफ़ द एक्सचेकर रेचल रीव्स के साथ मिलकर शनिवार शाम को उनसे (श्रीमार्चेंको) वीडियो कॉन्फ्रेंसिक के जरिये बात की। इस दौरान श्री ज़ेलेंस्की ने श्री स्टार्मर के साथ ‘एक सार्थक और गर्मजोशी भरी बैठक’ की सराहना की और रूस-यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत से ही ब्रिटेन द्वारा यूक्रेन को दिखाए गए समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। ऋण समझौते की पुष्टि करते हुए श्री ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर लिखा, “यह ऋण यूक्रेन की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा… धन यूक्रेन में हथियारों के उत्पादन की ओर निर्देशित किया जाएगा।” गौरतलब है कि श्री ज़ेलेंस्की की यात्रा ब्रिटेन द्वारा आयोजित रक्षा शिखर सम्मेलन से पहले हुई है। यूरोपीय नेता रविवार को लंदन में यूक्रेन के लिए शांति योजना पर चर्चा करने के लिए एकत्रित होंगे। श्री स्टार्मर ने कहा है कि उनका मानना है कि इस तरह के समझौते में अमेरिका को शामिल करना होगा। श्री जेलेंस्की ने शनिवार को लंदन में अपने विमान के उतरने से कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर कहा कि यूक्रेन अमेरिका के साथ खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है, लेकिन सुरक्षा गारंटी के बिना युद्ध विराम यूक्रेन के लिए खतरनाक है। उल्लेखनीय है कि श्री ज़ेलेंस्की की ब्रिटेन यात्रा शुक्रवार शाम को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ उनकी बैठक के बाद हुई, जहाँ दोनों नेताओं के बीच नोंक-झोंक हुयी थी। दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के हस्तक्षेप से शुरू हुई, जिन्होंने कहा था कि श्री ज़ेलेंस्की को ट्रम्प के प्रयासों के लिए आभारी होना चाहिए, ताकि उनके देश को रूस के साथ तीन साल के संघर्ष से बाहर निकाला जा सके। सार्वजनिक झड़प के बाद श्री ज़ेलेंस्की को व्हाइट हाउस से जल्दी जाने के लिए कहा गया, जिससे दोनों पक्षों के बीच नियोजित खनिज सौदे पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए।