मिनियापोलिस, 28 अगस्त : अमेरिका के मिनियापोलिस में बुधवार को एक कैथोलिक चर्च मेंy हुई गोलीबारी की घटना ने लोगों में दहशत फैला दी है। यह घटना उस समय हुई जब बच्चे स्कूल की प्रार्थना सभा में शामिल थे। हमलावर ने चर्च की खिड़कियों से राइफल से गोलियां चलाईं। इस घटना में 8 और 10 साल के दो बच्चों की मौत हो गई और 17 लोग घायल हो गए। पुलिस के मुताबिक, हमलावर ने बाद में खुद को गोली मार ली। इस घटना के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आदेश दिया कि मिनियापोलिस के कैथोलिक स्कूल में हुई सामूहिक गोलीबारी के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए 31 अगस्त 2025 को सूर्यास्त तक वाइट हाउस और देश भर की सभी सार्वजनिक इमारतों पर अमेरिकी झंडे आधे झुके रहेंगे। वाइट हाउस की घोषणा में कहा गया है कि मैं आदेश देता हूं कि संयुक्त राज्य अमेरिका का ध्वज वाइट हाउस, सभी सार्वजनिक भवनों, सैन्य चौकियों, नौसैनिक स्टेशनों, कोलंबिया जिले में संघीय सरकार के नौसैनिक जहाजों और संयुक्त राज्य अमेरिका व उसके क्षेत्रों पर 31 अगस्त 2025 को सूर्यास्त तक आधा झुका रहेगा। ट्रंप ने दुनिया भर के सभी अमेरिकी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में भी ध्वज को आधा झुकाने का निर्देश दिया। घोषणा में आगे कहा गया कि सभी अमेरिकी दूतावासों, वाणिज्य दूतावासों और विदेशों में स्थित अन्य सुविधाओं, जिनमें सैन्य सुविधाएं, नौसैनिक जहाज और स्टेशन शामिल हैं, पर ध्वज को समान अवधि के लिए आधा झुकाया जाएगा। ट्रंप ने व्यक्त की संवेदना वहीं, इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने पहले कहा था कि उन्हें इस दुखद गोलीबारी के बारे में पूरी जानकारी दे दी गई है और एफबीआई ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि मिनियापोलिस, मिनेसोटा में हुई इस दुखद गोलीबारी के बारे में मुझे पूरी जानकारी दे दी गई है। एफबीआई तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई है। वाइट हाउस इस घटना पर नजर बनाए हुए है। साथ ही ट्रंप ने कहा कि मेरे साथ मिलकर इसमें शामिल सभी लोगों के लिए प्रार्थना करें। मिनियापोलिस स्कूल गोलीबारी दरअसल, मिनियापोलिस के एक कैथोलिक स्कूल में बुधवार सुबह एक हमलावर ने प्रार्थना सभा में शामिल बच्चों पर गोलीबारी की, जिसमें 8 और 10 साल के दो बच्चों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, हमलावर ने बाद में खुद को गोली मार ली, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। मिनियापोलिस पुलिस प्रमुख ब्रायन ओ’हारा ने बताया कि हमलावर की उम्र लगभग 20 साल थी और उसके पास राइफल, शॉटगन और पिस्तौल थी। गोलीबारी के समय बच्चे स्कूल में अपने पहले हफ्ते के उत्सव के लिए एकत्रित थे। ओ’हारा ने बताया कि बेंच पर बैठे दो छोटे बच्चे मारे गए। 24 घंटे में चौथी गोलीबारी पुलिस प्रमुख ब्रायन ओ’हारा के अनुसार, हमलावर का नाम रॉबिन वेस्टमैन था, जिसकी उम्र 20 साल थी और उसका कोई बड़ा आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। हमलावर ने चर्च के कुछ दरवाजों को लकड़ी से बंद किया था और वहां एक धुआं बम मिला, लेकिन कोई विस्फोटक नहीं। मिनियापोलिस के मेयर जैकब फ्रे ने कहा कि यह घटना बच्चों के परिवारों और पूरे शहर के लिए अत्यंत दुखद है। वहीं, पास में रहने वाले बिल बिएनमैन ने बताया कि उन्होंने लगभग चार मिनट तक 50 गोलियों की आवाज सुनी। मिनियापोलिस में 24 घंटे से कम समय में यह चौथी गोलीबारी की घटना है। मंगलवार दोपहर से तीन अन्य गोलीबारी की घटनाएं हो चुकी हैं। मंगलवार दोपहर 1:30 बजे फिलिप्स इलाके में हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और छह लोग घायल हुए थे। पुलिस प्रमुख ब्रायन ओ’हारा ने क्या कहा? ब्रायन ओ’हारा ने स्थानीय मीडिया को बताया कि यह घटना अत्यंत परेशान करने वाली थी। मंगलवार दोपहर तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। मंगलवार रात 8 बजे दूसरी गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हुआ। बुधवार सुबह 2 बजे तीसरी गोलीबारी में एक और व्यक्ति की मौत हो गई। अभी तक इन गोलीबारी की घटनाओं के आपस में संबंधित होने का कोई सबूत नहीं मिला है। मामले की जांच जारी है।
जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा के लिए रूसी विदेश मंत्री लावरोव से मुलाकात की
मॉस्को/नई दिल्ली, 21 अगस्त : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने और वर्ष के अंत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए बृहस्पतिवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा, ”आज की बैठक ने हमें न केवल अपने राजनीतिक संबंधों पर चर्चा करने का, बल्कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने का भी मौका दिया है। इसलिए, मैं राजनीति, व्यापार, आर्थिक निवेश, रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर विचारों का आदान-प्रदान तथा बेशक लोगों के बीच संपर्क की आशा करता हूं।” उन्होंने कहा, ”हमारे नेता पिछले साल जुलाई में 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मिले थे, और उसके बाद कजान में मिले थे। अब हम साल के अंत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने हमेशा हमें हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन किया है” रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्ष बैठक के दौरान द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के वर्तमान और भविष्य के अवसरों पर विशेष ध्यान देंगे। मंत्रालय ने कहा, ”बैठक का एजेंडा परिवहन, साजोसामान, बैंकिंग और वित्तीय संपर्कों और श्रृंखलाओं को सुगम बनाने पर केंद्रित होगा जो बैरी देशों के किसी भी प्रतिकूल दबाव से मुक्त होंगे, साथ ही परस्पर समझौतों में राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग को भी बढ़ाएंगे।” इसने कहा कि परिवहन, ऊर्जा, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना भी एजेंडे में होगा। जयशंकर की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ (शुल्क) दोगुना कर कुल 50 प्रतिशत कर दिए जाने के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव पैदा हो गया है। इस टैरिफ में रूसी कच्चा तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। नयी दिल्ली में, विदेश मंत्रालय ने जयशंकर की मॉस्को यात्रा पर कहा, ”इस यात्रा का उद्देश्य दीर्घकालिक और वक्त की कसौटी पर कसी गई भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना है।” जयशंकर और लावरोव के यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए ट्रंप प्रशासन की नवीनतम पहल पर भी चर्चा करने की उम्मीद है।
जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय नेताओं का जताया आभार
वाशिंगटन/कीव, 19 अगस्त : यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उन सभी यूरोपीय नेताओं को धन्यवाद दिया है, जो सोमवार को रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का समाधान निकालने के लिए वाशिंगटन पहुंचे थे। जेलेंस्की ने मंगलवार को सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आज वाशिंगटन में महत्वपूर्ण वार्ता हुई। हमने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की। यह एक लंबी और विस्तृत बातचीत थी, जिसमें युद्ध की स्थिति और शांति स्थापित करने के हमारे कदमों पर चर्चा शामिल थी। यूरोपीय नेताओं और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ भी कई बैठकें हुईं।” उन्होंने लिखा, “हमने सुरक्षा गारंटी पर चर्चा की। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, युद्ध समाप्त करने की दिशा में एक प्रारंभिक बिंदु। हम इन गारंटियों का समर्थन करने और उनका हिस्सा बनने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की सराहना करते हैं। आज हमारे बच्चों की वापसी और रूस द्वारा बंदी बनाए गए युद्धबंदियों और नागरिकों की रिहाई पर बहुत ध्यान दिया गया। हम इस पर काम करने के लिए सहमत हुए। अमेरिकी राष्ट्रपति ने नेताओं के स्तर पर एक बैठक का भी समर्थन किया। संवेदनशील मुद्दों को सुलझाने के लिए ऐसी बैठक आवश्यक है।” यूक्रेनी राष्ट्रपति ने लिखा, “मैं राष्ट्रपति ट्रंप को निमंत्रण के लिए और आज की हमारी बैठक के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं उन सभी नेताओं का भी धन्यवाद करता हूं, जो आज हमारे साथ थे- इमैनुएल मैक्रों, कीर स्टारमर, फ्रेडरिक मर्ज, जियोर्जिया मेलोनी, अलेक्जेंडर स्टब, उर्सुला वॉन डेर लेयेन, मार्क रूटे। आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया, जो यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच सच्ची एकता का प्रदर्शन था। नेता व्यक्तिगत रूप से यूक्रेन का समर्थन करने और उन सभी बातों पर चर्चा करने आए, जो हमें वास्तविक शांति, एक विश्वसनीय सुरक्षा ढांचे के करीब लाएंगी, जो यूक्रेन और पूरे यूरोप की रक्षा करेगी। हम अपना काम जारी रखते हैं, उन सभी सहयोगियों के साथ समन्वय करते हैं, जो इस युद्ध को गरिमा के साथ समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। मैं उन सभी का धन्यवाद करता हू, जो मदद कर रहे हैं।” यूक्रेन-रूस युद्ध की समाप्ति पर समझौता करने के लिए 15 अगस्त को अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद वाशिंगटन में अमेरिका-यूक्रेन के राष्ट्रपतियों और यूरोपीय नेताओं के बीच सोमवार को हुई बैठक अहम है। बैठक के बाद युद्ध के समाधान का रास्ता निकल सकता है। ट्रंप ने जेलेंस्की और पुतिन के बीच अगली बैठक कराने की तैयारियों की बात की है, जिसके बाद अमेरिका-रूस-यूक्रेन में त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की जाएगी।
नेपाल के राष्ट्रपति से भारतीय विदेश सचिव ने की मुलाकात, द्विपक्षीय मुद्दों पर हुई चर्चा
काठमांडू, 17 अगस्त: नेपाल के राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल से भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने रविवार को शिष्टाचार मुलाकात की है। राष्ट्रपति भवन शीतल निवास में हुई इस मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होने की जानकारी दी गई है। राष्ट्रपति पौडेल ने विश्वास व्यक्त किया कि नेपाल और भारत के बीच संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे। उन्होंने कहा कि नेपाल-भारत संबंध अनादि काल से चले आ रहे हैं और यह अनंत काल तक चलता रहेगा। उन्होंने भारत की ओर से नेपाल के चौतरफा विकास के लिए किए जा रहे सतत सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया। राष्ट्रपति पौडेल ने कहा कि पारस्परिक लाभ और समृद्धि के लिए दोनों देशों के बीच मैत्री और सहयोग को और मजबूत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि का आधुनिकीकरण, बुनियादी ढांचे का विकास, जल विद्युत, व्यापार, निवेश, पर्यटन और मानव संसाधन विकास नेपाल की प्राथमिकताएं हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल सरकार की कई योजनाओं के अलावा ऊर्जा, कृषि और पर्यटन जैसी प्राथमिकताओं पर भी भारत काम करने को तैयार है। इन परियोजनाओं को जल्द पूरा करने पर आपसी सहमति बनी है।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बाढ़ का कहर, मृतकों का आंकड़ा 300 के पार
इस्लामाबाद, 16 अगस्त : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हुई बारिश ने तबाही मचा दी है। कई दिनों से हो रही मूसलधार बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने अब तक 300 से अधिक लोगों की जान ले ली है। प्रांतीय अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अचानक आई बाढ़ में 307 लोग मारे गए, जिनमें से बुनेर में कम से कम 184 लोगों की मौत हुई। शांगला में 36 लोगों की मौत हुई, जबकि मनसेहरा में 23, स्वात में 22, बाजौर में 21, बट्टाग्राम में 15, लोअर दीर में पांच, जबकि एबटाबाद में एक बच्चा डूब गया। शुक्रवार को आई विनाशकारी बाढ़ ने सड़कों, पुलों, इमारतों और बिजली प्रतिष्ठानों सहित बुनियादी ढांचे को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ के दौरान लापता हुए लोगों की संख्या का पता पानी कम होने के बाद ही चल पाएगा। 21 अगस्त तर भारी बारिश की संभावना पीडीएमए ने नुकसान का आकलन जारी रखते हुए बताया कि सात घर नष्ट हो गए और 38 क्षतिग्रस्त हो गए, जिनमें से ज्यादातर स्वात जिले में हैं। पीडीएमए ने आगे बताया कि तीन स्कूल नष्ट हो गए और तीन अन्य क्षतिग्रस्त हो गए। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि प्रांत के विभिन्न हिस्सों में 21 अगस्त तक बारिश जारी रहेगी। एक दिन के शोक की घोषणा खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने शनिवार को एक दिन के शोक की घोषणा की है। इसमें बचाव अभियान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुए एमआई-17 हेलीकॉप्टर के चालक दल के पांच सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई, जो शहीद हो गए। बुनेर जिले में आपातकाल घोषित अचानक आई बाढ़ के बाद बुनेर जिले में बचाव दल की 1122 टीमों ने 300 स्कूली बच्चों समेत 2,071 फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। उपायुक्त काशिफ कय्यूम ने बताया कि आपदा प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी रहने के कारण पूरे जिले में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। पर्यटकों के आने पर लगा प्रतिबंध मनसेहरा में, पुलिस ने कघन घाटी के ऊपरी इलाकों में फंसे सात पर्यटकों को बचाया। वे सिमिक्सर झील घूमने आए थे, लेकिन बारिश और भूस्खलन के कारण फंस गए। पूरे दिन जिले में बारिश होती रही, जिससे सिंधु, सिरेन और कुनहर नदियां और उनकी सहायक नदियां खतरनाक रूप से उफान पर आ गईं। जिला प्रशासन ने सिरेन घाटी में पर्यटकों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सिंधु नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण स्थानीय अधिकारियों द्वारा उचार नाला क्षेत्र में काराकोरम राजमार्ग पर आवाजाही प्रतिबंधित करने के बाद खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान के बीच यात्रा करने वाले यात्री और पर्यटक ऊपरी कोहिस्तान में फंस गए। एबटाबाद शहर की सड़कें हुई जलमग्न एबटाबाद शहर बुरी तरह प्रभावित हुआ, लगभग सभी मुख्य सड़कें जलमग्न हो गईं, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। पीएमए काकुल रोड, मीरपुर मंडियन रोड, सप्लाई रोड, काराकोरम हाईवे, सेठी मस्जिद रोड, इकबाल रोड, बांदा दलाजक, बांदा खैर अली खान रोड, त्रकाना और सिएना लैबोरेटरी के पास लिंक रोड सहित प्रमुख सड़कें जलमग्न हो गईं। निचले दीर में बाढ़ के पानी से बिजली हुई ठप निचले दीर के कंबट और शाही इलाकों के दूसरी तरफ पानी का बहाव तेज होने के कारण शाही इलाके में 25 से ज्यादा पर्यटक और उनके वाहन फंस गए। फ्रंटियर कोर 181 विंग, रेस्क्यू 1122 और जिला प्रशासन के जवानों ने उन्हें बाहर निकाला। बाढ़ का पानी 132 किलोवाट ग्रिड स्टेशन में घुस गया, जिससे 41 फीडर ट्रिप हो गए और पूरे क्षेत्र में बिजली का प्रसारण पूरी तरह ठप हो गया। मालम जब्बा को बिजली आपूर्ति करने वाला फीडर भी जलमग्न हो गया, जिससे भारी नुकसान हुआ। अचानक आई बाढ़ में कई बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर भी बह गए। बिजली आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी संघीय ऊर्जा मंत्री अवैस अहमद लघारी के निर्देश पर, पेशावर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी ने बिजली आपूर्ति बहाल करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। कंपनी ने पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की है और क्षेत्रीय कार्यों में सहयोग के लिए ट्रांसफार्मर, खंभे, केबल और भारी मशीनें भेजी हैं।
पुतिन के साथ बैठक में बहुत कुछ हुआ, पर कोई समझौता नहीं किया : ट्रंप
एंकोरेज, 16 अगस्त: अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अलास्का के एंकोरेज में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी बहुत ही उपयोगी बैठक हुई, लेकिन शिखर सम्मेलन यूक्रेन संकट पर किसी समझौते के बिना समाप्त हो गया। दोनों राष्ट्रपतियों ने अमरीकी राज्य अलास्का के सबसे अधिक आबादी वाले शहर एंकोरेज में संयुक्त बेस एल्मेंडोर्फ-रिचर्डसन में अपनी वार्ता समाप्त करने के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन किया। श्री ट्रंप ने कहा कि वे कई बिंदुओं पर सहमत हुए हैं तथा उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने कुछ प्रगति की है, हालांकि कोई समझौता नहीं हो पाया है। श्री पुतिन ने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए तथा श्री ट्रंप के साथ उनका समझौता यूक्रेन में शांति का मार्ग प्रशस्त करेगा। मंच पर लगभग 10 मिनट तक एक-दूसरे के साथ खड़े होकर दोनों नेताओं ने संकेत दिया कि आमने-सामने की बातचीत में प्रगति हुई है, लेकिन कोई ठोस समझौता नहीं हुआ है। श्री पुतिन ने कहा कि वार्ता आपसी सम्मान के रचनात्मक माहौल में हुई और राष्ट्राध्यक्षों के बीच व्यक्तिगत बैठक लंबे समय से अपेक्षित थी। श्री पुतिन ने कहा कि जो कुछ भी हो रहा है वह हमारे लिए एक त्रासदी और एक भयानक घाव है और रूस इसे समाप्त करने में ईमानदारी से दिलचस्पी रखता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि संघर्ष के प्राथमिक कारणों को को समाप्त करने की कोशिश की जानी चाहिए तथा यूक्रेन एवं यूरोपीय देशों को चेतावनी दी कि वे कार्यों में बाधा न डालें। श्री पुतिन ने आशा व्यक्त किया कि यह बैठक न केवल यूक्रेनी मुद्दे के समाधान के लिए एक शुरुआत होगी बल्कि रूस और अमेरिका के बीच व्यावसायिक और व्यावहारिक संबंधों की पुन: प्राप्ति में भी सहायक होगी। उन्होंने कहा कि निवेश और व्यापार में रूस-अमेरिका सहयोग की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि दोनों देश व्यापार, डिजिटल, उच्च तकनीक और अंतरिक्ष अन्वेषण में एक-दूसरे को बहुत कुछ दे सकते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने वार्ता को अत्यंत उत्पादक बताया और कहा कि बड़ी प्रगति हुई है। श्री ट्रंप ने कहा कि कई बिंदुओं पर सहमति बनी है और वहां पहुंचने की बहुत अच्छी संभावना है। श्री ट्रंप ने कहा कि वह जल्द ही यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से बात करेंगे। इससे पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि ट्रंप-पुतिन की मुलाकात त्रिपक्षीय वार्ता का मार्ग प्रशस्त करेगी। यह बैठक लगभग तीन घंटे तक चली और 2021 के बाद से दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच पहली आमने-सामने की मुलाकात थी। दोनों नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन किया लेकिन पत्रकारों के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। दोनों नेता अपने-अपने गंतव्यों के लिए रवाना हो गए और यह तुरंत पता नहीं चल पाया है कि बैठक में किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा हुई या नहीं। इससे पहले दोनों नेता उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों के साथ अपनी महत्वपूर्ण बैठक के लिए अलास्का पहुंचे। राष्ट्रपति पुतिन के साथ उनके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव, रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव, वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव और विदेशी निवेश एवं आर्थिक सहयोग पर विशेष दूत किरिल दिमित्रिएव शामिल थे। अमरीकी प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री मार्को रुबियो, वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट, वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक, सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और शांति मिशन के लिए विशेष दूत स्टीव विटकॉफ शामिल थे। युद्ध खत्म करने के लिए तैयार यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने वार्ता से पहले कहा कि यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए यथासंभव सकारात्मक रूप से काम करने के लिए तैयार है। श्री ज़ेलेंस्की ने कहा कि हमें अमरीका से एक मज़बूत रुख़ की उम्मीद है। सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि रूस अमेरिकी ताकत को कितना महत्व देता है। रूस को युद्ध समाप्त करना होगा। हत्याएं बंद होनी चाहिए। नेताओं की एक बैठक ज़रूरी है कम से कम यूक्रेन, अमरीका और रूसी पक्ष की और इसी तरह के प्रारूप में प्रभावी निर्णय संभव हैं। सुरक्षा की गारंटी ज़रूरी है। स्थायी शांति बहुत आवश्यक है।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने भारत के खिलाफ दी परमाणु धमकी दी
वाशिंगटन, 11 अगस्त: पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने अमेरिकी धरती पर दिए गए एक भाषण में भारत को परमाणु युद्ध की धमकी देते हुए चेतावनी दी है कि अस्तित्व का खतरा पैदा होने पर पाकिस्तान “आधी दुनिया को तबाह कर देगा। फ्लोरिडा के टैम्पा में व्यवसायी और मानद वाणिज्य दूत अदनान असद द्वारा आयोजित एक रात्रिभोज में बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा, “हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं। अगर हमें लगता है कि हम बर्बाद हो रहे हैं तो हम आधी दुनिया को बर्बाद कर देंगे।” रिपोर्टों के अनुसार अमेरिकी धरती से किसी तीसरे देश के खिलाफ परमाणु यद्ध के लिये दी गई उनकी यह पहली परमाणु धमकी हैं। फील्ड मार्शल मुनीर अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कमान परिवर्तन समारोह में भाग लेने के लिए टाम्पा में हैं। दो महीने से भी कम समय में यह उनकी अमेरिका की दूसरी यात्रा है जो अमेरिका-पाकिस्तान के बीच नए सैन्य संबंधों का संकेत है। इससे क्षेत्र में अमेरिकी मंशा को लेकर भारत में गंभीर सवाल उठ रहे हैं। ऐसा अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच और महत्वपूर्ण हो जाता है। फील्ड मार्शल मुनीर ने सिंधु नदी के चैनलों पर भारत द्वारा बनाए जाने वाले किसी भी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने की भी धमकी भी दी। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी योजनाओं से पाकिस्तान की जल आपूर्ति बाधित हो सकती है। गौरतलब है कि 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने दावा किया कि इस कदम से 25 करोड़ पाकिस्तानियों को भुखमरी का खतरा हो सकता है। उन्होंने कथिततौर पर कहा “हम भारत द्वारा बांध बनाने का इंतजार करेंगे और जब वह ऐसा करेगा तो हम उसे 10 मिसाइलों से नष्ट कर देंगे। सिंधु नदी भारतीयों की पारिवारिक संपत्ति नहीं है। हमें मिसाइलों की कमी नहीं है। अल-हम्दुलिल्लाह (हमारे पास मिसाइलों की कोई कमी नहीं है, अल्लाह की स्तुति हो)”। अपनी पिछली यात्रा के दौरान उन्होंने 18 जून को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस में दोपहर भोज में भाग लिया था और विवादास्पद रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल शांति पुरस्कार देने का सुझाव दिया था। इसे उन्होंने फ्लोरिडा में भी दोहराया था। टैम्पा में हुए इस कार्यक्रम में लगभग 120 पाकिस्तानी प्रवासी शामिल हुए थे। कार्यक्रम में इज़राइली रक्षा बलों का एक प्रतिनिधि भी मौजूद था। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 भारतीय मारे गए थे जिसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और सैन्य संकट बढ़ गया है। भारत ने 07 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया जिसके तहत पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल और हवाई हमले किए गए। परमाणु हथियारों से लैस प्रतिद्वंद्वियों के बीच चार दिनों तक चले इस संघर्ष में ड्रोन युद्ध, तोपखाने से गोलाबारी और जवाबी हमलों सहित गंभीर सैन्य कार्रवाई हुईं।
मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रोकने में मदद की थी: ट्रंप का फिर दावा
न्यूयॉर्क/वाशिंगटन, 09 अगस्त : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष के बाद ”स्थिति को संभाल लिया था”, जो एक ”परमाणु युद्ध” में बदल सकता था। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में शुक्रवार को यह भी दावा किया कि इस संघर्ष के दौरान पांच या छह विमान ”मार गिराए गए” थे। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये विमान किस देश के थे-भारत या पाकिस्तान, या फिर वह दोनों देशों के कुल नुकसान की बात कर रहे थे। भारत यह कहता रहा है कि दोनों देशों (भारत-पाकिस्तान) ने अपनी सैन्य कार्रवाई आपसी बातचीत के जरिए रोकी थी और इसमें अमेरिका की कोई मध्यस्थता नहीं थी। ट्रंप ने यह बयान अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान की मौजूदगी में दिया। ये तीनों नेता एक त्रिपक्षीय हस्ताक्षर समारोह में शामिल हुए, जहां अमेरिका की मध्यस्थता में एक शांति समझौते पर दस्तखत किए गए। ट्रंप ने कहा, ”राष्ट्रपति के तौर पर मेरी सबसे बड़ी आकांक्षा दुनिया में शांति और स्थिरता लाना है। आज का यह समझौता भारत और पाकिस्तान के साथ हमारी सफलता के बाद हुआ है।” अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा, ”वे एक-दूसरे के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ रहे थे, हालात काफी गंभीर हो गए थे। लेकिन जैसा कि आप जानते हैं, एक बड़ा टकराव-शायद परमाणु युद्ध- हो सकता था, लेकिन ठीक पहले दोनों महान नेता एकसाथ आए और हालात को संभाला।” ट्रंप ने कहा कि वह व्यापार के जरिए संघर्ष सुलझा रहे हैं। उन्होंने कहा, ”मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच मामला सुलझाया। मुझे लगता है कि इसका बड़ा कारण व्यापार था, बाकी किसी वजह से नहीं।…” उन्होंने इस कार्यक्रम में अपने बयान के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का दो बार उल्लेख किया।
आतंकवाद पर डबल स्टैंडर्ड नहीं चलेगा… पीएम मोदी ने जिनपिंग, पुतिन के सामने ‘आतंकिस्तान’ को कैसे दी नसीहत
तियानजिन/नई दिल्ली, 01 सितंबर: पीएम मोदी ने सोमवार को चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया को भारत के रुख से अवगत कराया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को भी निशाने पर लिया। पीएम मोदी ने कहा कि हमें स्पष्ट और सर्वसम्मति से कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है। मानवता में विश्वास को खुली चुनौती प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान पहलगाम हमले का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। हाल ही में, हमने पहलगाम में आतंकवाद का सबसे बुरा रूप देखा। मैं उस मित्र देश के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जो दुःख की इस घड़ी में हमारे साथ खड़ा रहा। उन्होंने कहा कि यह हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती थी। सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी राष्ट्र की प्रगति और विकास की नींव होते हैं। हालांकि, इन लक्ष्यों की प्राप्ति अकसर आतंकवाद और अलगाववाद जैसी गंभीर चुनौतियों के कारण बाधित होती है। आतंकवाद, विशेष रूप से, केवल व्यक्तिगत राष्ट्रों की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि समग्र मानवता के लिए एक गंभीर चुनौती है। पहलगाम हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति को खुली चुनौती थी। ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है। हमें स्पष्ट रूप से और एक स्वर में कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं होंगे। पीएम मोदी, एससीओ समिट में स्पीच के दौरान ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है। हमें हर रूप और रंग के आतंकवाद का सर्वसम्मति से विरोध करना होगा। मानवता के प्रति यह हमारा कर्तव्य है। पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष, भारत ने संयुक्त सूचना अभियानों में अग्रणी भूमिका निभाई है। आतंकवादी संगठनों से निपटने के लिए पहल की है और आतंकवाद के वित्तपोषण के विरुद्ध आवाज उठाई है। इस संबंध में दिए गए समर्थन के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं। संप्रभुता के साथ कनेक्टिविटी पर जोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के सदस्यों के सत्र में कहा कि संप्रभुता को दरकिनार करने वाली कनेक्टिविटी विश्वास और अर्थ खो देती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का हमेशा से मानना रहा है कि मजबूत कनेक्टिविटी न केवल व्यापार को बढ़ावा देती है, बल्कि विकास और विश्वास के द्वार भी खोलती है। उन्होंने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए, हम चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसी पहलों पर काम कर रहे हैं। इससे हमें अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ कनेक्टिविटी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
ओली ने पार्टी नेताओं को दी चेतावनी, कहा – विद्या भंडारी के पक्ष में बोलना बंद करो
काठमांडू, 22 जुलाई : सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पार्टी नेताओं को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि कोई नेता पूर्व राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के पक्ष में सामने आता है तो उसे अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना होगा। पार्टी की केंद्रीय समिति की सोमवार को हुई बैठक में ओली ने अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने पार्टी के ऐसे नेताओं को चेतावनी दी जो लगातार पूर्व राष्ट्रपति के लिए प्रवक्ता के रूप में मीडिया में या पार्टी बैठक के बाहर बयान दे रहे हैं। केंद्रीय समिति के एक सदस्य के अनुसार, ओली ने विशेष रूप से कुछ नेताओं की ओर इशारा किया। उन्होंने कथित तौर पर ऐसे नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। ओली ने कहा कि उन्होंने रविवार को यूएमएल पार्टी कार्यालय में भंडारी के साथ लगभग दो घंटे की बातचीत की। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति भंडारी को राजनीतिक सुझाव दिए। ओली ने कहा कि उन्होंने अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं दिया है। ओली ने कहा कि उन्होंने भंडारी को प्रधानमंत्री आवास पर आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने इसके बजाय पार्टी कार्यालय में आने पर जोर दिया, जिससे वहीं पर बातचीत हुई। ओली ने विशेष रूप से ईश्वर पोखारेल, सुरेंद्र पांडे और कर्ण बहादुर थापा जैसे वरिष्ठ नेताओं की आलोचना की। उन्होंने सवाल किया, कुछ नेताओं को उनके मुखपत्र के रूप में क्यों काम करना चाहिए? ओली ने दावा किया कि उन्हें पार्टी से अलग करने के वर्तमान प्रयास (जिन्हें ओली-मुक्त यूएमएल कहा जाता है) सफल नहीं होंगे।