बीजिंग, 17 मार्च : चीन ने सोमवार को कहा कि वह बीजिंग-नई दिल्ली संबंधों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया ‘सकारात्मक टिप्पणियों’ की ‘सराहना’ करता है। अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में, [जो रविवार रिलीज हुई], प्रधानमंत्री मोदी ने उन प्रयासों पर जोर दिया जो यह सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे हैं कि दोनों देशों के बीच मतभेद संघर्ष में न बदल जाएं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भारत और चीन के बीच सहयोग जरूरी है। उन्होंने संघर्ष के बजाय स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की वकालत की। पीएम मोदी ने कहा, “एक स्थिर और सहयोगात्मक संबंध बनाने के लिए संवाद महत्वपूर्ण है, जिससे दोनों देशों को लाभ हो।” चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में नियमित मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “हम चीन-भारत संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी की हाल की सकारात्मक टिप्पणियों की सराहना करते हैं। पिछले अक्टूबर में, राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कजान में सफलतापूर्वक मुलाकात की और चीन-भारत संबंधों को सुधारने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया।’ निंग ने कहा, “दोनों पक्षों ने दोनों देशों के नेताओं की साझा सहमति को ईमानदारी से लागू किया है, सभी स्तरों पर आदान-प्रदान और व्यावहारिक सहयोग को मजबूत किया है और कई सकारात्मक परिणाम हासिल किए हैं।” प्रवक्ता ने कहा, “दोनों देशों को एक-दूसरे को समझना चाहिए, समर्थन करना चाहिए। यह दोनों देशों के 2.8 बिलियन से अधिक लोगों के मौलिक हितों के अनुरूप है, क्षेत्रीय देशों की साझा अपेक्षाओं के अनुरूप है, वैश्विक दक्षिण के उत्कृष्ट विकास की ऐतिहासिक प्रवृत्ति के अनुरूप है, और विश्व शांति, स्थिरता, विकास और समृद्धि के लिए अनुकूल है।” बीजिंग ने यह भी कहा कि चीन हमेशा मानता है कि दोनों देशों को ऐसे भागीदार बनना चाहिए जो एक-दूसरे की सफलता में योगदान दें। निंग ने कहा, “चीन दोनों देशों के नेताओं की साझा सहमति को पूरी तरह से लागू करने के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है।” फ्रिडमैन के साथ बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने माना कि पड़ोसियों के बीच मतभेद स्वाभाविक हैं लेकिन उन्होंने विवादों को बढ़ने से रोकने की जरुरत पर बल दिया।
सुनीता विलियम्स मंगलवार को पृथ्वी पर वापस आएंगी
न्यूयॉर्क, 17 मार्च: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर नौ महीने से फंसे दो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर नासा ने पुष्टि की है कि वे मंगलवार की शाम पृथ्वी पर लौट आएंगे। बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स एक अन्य अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और एक रूसी कॉस्मोनॉट के साथ स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन यान से वापस आएंगे, जो रविवार सुबह आईएसएस पर पहुंचा था। नासा ने रविवार शाम को कहा कि इन अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी मंगलवार को फ्लोरिडा तट पर समुद्र में उतरने का समय शाम 5:57 बजे (भारतीय समयानुसार 19 मार्च की सुबह 3:30 बजे) होगी। पहले यह वापसी बुधवार से पहले नहीं होने जा रही थी। विल्मोर और विलियम्स जून 2023 से आईएसएस पर हैं। वे बोइंग स्टारलाइनर यान के पहले मानवयुक्त परीक्षण उड़ान में गए थे, लेकिन उसमें तकनीकी खराबी आ गई, जिससे वह सुरक्षित वापसी के लिए अनुपयुक्त हो गया। नासा ने बताया कि इस वापसी का समय इस तरह तय किया गया है कि आईएसएस के दल अपना काम पूरा करने का समय मिल जाए और साथ ही सप्ताह के अंत में खराब मौसम की आशंका को देखते हुए लचीलापन बना रहे। नासा ने कहा है कि वो स्पेसएक्स क्रू-9 के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से धरती पर लौटने का सीधा प्रसारण करेगा। ये प्रसारण 17 मार्च की रात 10:45 बजे (अमेरिका के समय के अनुसार) से शुरू होगा। भारत में ये समय लगभग 18 मार्च की सुबह 8:30 बजे होगा। नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोरबुनोव भी ड्रैगन कैप्सूल में वापस आएंगे। यह यात्रा विलमोर और विलियम्स के लिए राहत लेकर आएगी, जो कुछ दिनों की यात्रा के लिए गए थे, लेकिन नौ महीने तक फंसे रह गए। बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष स्टेशन में रहना, आम तौर पर छह महीने के रहने से ज्यादा था, लेकिन यह अमरीकी अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रुबियो के 2023 में बनाए 371 दिन के रिकॉर्ड और रूसी अंतरिक्ष यात्री वालेरी पॉलाकोव के मीर स्टेशन पर बनाए 437 दिन के विश्व रिकॉर्ड से कम था। इतनी लंबी अवधि तक परिवार से दूर रहने के कारण इस मिशन ने काफी ध्यान आकर्षित किया। लंबे प्रवास के कारण इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को अतिरिक्त कपड़े और व्यक्तिगत देखभाल के सामान भेजने पड़े, क्योंकि वे इतनी लंबी यात्रा के लिए पर्याप्त सामान लेकर नहीं गए थे।
पाकिस्तान: हाइजैक हुई ट्रेन से 155 बंधक छूटे, 27 चरमपंथी ढेर
क्वेटा, 12 मार्च : पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मंगलवार को क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के चरमपंथियों ने हमला करके उसे अपने कब्जे में ले लिया। इस ट्रेन में 425 यात्री सवार थे, समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबित पाकिस्तानी सेना ने 155 यात्रियों को छुड़ा लिया है और सरकार ने कहा है कि दर्जनों बंधकों को रिहा कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, हालांकि सरकार ने बंधकों की सटीक संख्या नहीं बताई है। ट्रेन से रिहा हुए बंधकों ने बताया कि सुरक्षित जगह पर पहुंचने के लिए उन्हें कई घंटों तक पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरना पड़ा। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें अपने उन रिश्तेदारों को भी पीछे छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। बचाए गए लोगों में से कई को बुधवार सुबह सुरक्षा बलों की निगरानी में क्वेटा लाया गया, जहां उनके रिश्तेदार उनका इंतजार कर रहे थे। ट्रेन में सवार मुहम्मद अशरफ ने बताया, “लोगों पर हमला किया गया…यात्री घायल हो गए और कुछ यात्रियों की मौत हो गई।” पाकिस्तानी टीवी चैनल जियो न्यूज ने कई चश्मदीदों के इंटरव्यू दिखाए हैं, जिनमें कई गवाहों ने कहा कि जब गोलीबारी हो रही थी तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें नीचे रहने के लिए कहा था। जियो ने न्यूज ने छूटने के बाद यात्रियों के अपने परिजनों से मिलने की तस्वीरें भी प्रसारित कीं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान रेलवे ने पंजाब और सिंध प्रांतों से बलूचिस्तान तक सभी ट्रेन ऑपरेशन को तब तक के लिए निलंबित कर दिया है जब तक कि सुरक्षा एजेंसियां इस क्षेत्र के सुरक्षित होने की पुष्टि नहीं कर देतीं। दुर्गम इलाके में ट्रेन को बनाया निशाना वरिष्ठ जिला पुलिस अधिकारी राणा दिलावर ने कहा, “प्रभावित ट्रेन अभी भी घटनास्थल पर है और हथियारबंद लोगों ने यात्रियों को बंधक बना रखा है।” उन्होंने कहा, “सुरक्षा बलों ने एक बड़ा अभियान चलाया है।” साथ ही उन्होंने बताया कि हेलिकॉप्टर और स्पेशल फोर्स को तैनात किया गया है। स्थानीय अधिकारियों, पुलिस और रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन ऐसे इलाके में खड़ी है, जो पहाड़ियों और सुरंगों से घिरा हुआ है। पुलिस का कहना है कि गोलीबारी में गंभीर रूप घायल हुए ट्रेन चालक की मौत हो गई। अलगाववादी चरमपंथी समूह बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने दावा किया कि उसने रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया और “तुरंत ट्रेन पर कब्जा कर लिया।” बीएलए ने कहा कि वह सैन्य अभियान के जवाब में 10 लोगों को मौत के घाट उतार देगा। क्या हैं बीएलए की मांग बीएलए ने बलोच राजनीतिक कैदियों, कार्यकर्ताओं और लापता व्यक्तियों की 48 घंटे के भीतर रिहाई की मांग की है, उसका कहना है कि सेना ने उनका अपहरण कर लिया है। समूह ने कहा, “बीएलए बंधकों की अदला-बदली के लिए तैयार है।” बलोच विद्रोहियों ने एक बयान में कहा, “अगर निर्धारित अवधि के भीतर हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं या अगर कब्जा करने वाला राज्य इस दौरान कोई सैन्य कार्रवाई करने का प्रयास करता है तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा और ट्रेन को पूरी तरह से तबाह कर दिया जाएगा।” अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से लगे बलूचिस्तान प्रांत की आजादी की मांग करने वाले इस समूह ने कहा कि बंधकों में पाकिस्तानी सेना के सदस्य और छुट्टी पर आए दूसरे सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं। सेना और बीएलए के अलग-अलग दावे सुरक्षाबल के एक सूत्र ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि हमले में कई लोगों की जान चली गई है। उसने बताया कि ट्रेन में सवार 425 यात्रियों में 80 सैन्यकर्मी भी शामिल थे। बीएलए के चरमपंथियों के मारे जाने के सेना के दावे पर बीएलए ने कहा कि उसे कोई नुकसान नहीं हुआ है। उसने कहा कि उसने 30 सैनिकों को मार डाला है और एक ड्रोन को मार गिराया है। पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि सुरक्षा बल चरमपंथियों को “खदेड़” रहे हैं। बीएलए ने पत्रकारों को भेजे गए एक बयान में कहा, “नागरिक यात्रियों, खासकर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और बलोच नागरिकों को सुरक्षित रिहा कर दिया गया है और उन्हें सुरक्षित रास्ता दिया गया है।” बयान में आगे कहा गया, “बीएलए आगे चेतावनी देता है कि अगर सैन्य दखल जारी रहा तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा।” क्या है बलोच लिबरेशन आर्मी बलोच लिबरेशन आर्मी 1964 से सक्रिय एक अलगाववादी संगठन है और पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के दक्षिण-पश्चिम में अफगानिस्तान और ईरान से सटी सीमा पर सक्रिय है। साल 2000 में पाकिस्तानी अधिकारियों पर हमले के बाद से चर्चा में आये इस संगठन की मांग है कि बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग एक स्वतंत्र देश का दर्जा दिया जाय। 2004 से बलोच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। बीएलए को पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत बलूचिस्तान में काफी समर्थन है हालांकि संगठन अफगानिस्तान से अपनी गतिविधियां चलाता है। बीएलए उन कई समूहों में सबसे बड़ा है जो दशकों से सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं और उनका कहना है कि सरकार बलूचिस्तान के समृद्ध गैस और खनिज संसाधनों का अनुचित तरीके से दोहन कर रही है।
हाइजैक जाफर एक्सप्रेस से 155 यात्री बचाए गए, 27 आतंकवादी मारे गए
इस्लामाबाद, 12 मार्च : पाकिस्तान में बलूचिस्तान के बोलन जिले में आतंकवादियों द्वारा जाफर एक्सप्रेस यात्रियों को हाइजैक करने के बाद सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाया, जिसमें कम से कम 27 आतंकवादी मारे गए और 155 यात्रियों को बचा लिया गया। यह जानकारी मीडिया रिपोर्टों में बुधवार को प्राप्त हुई जियो न्यूज ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा कि नौ बोगियों में 400 से अधिक यात्रियों को लेकर यह ट्रेन क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी, तभी उस पर हमला हुआ। सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि शेष बंधकों को बचाने के लिए सुरक्षा बल अभियान चला हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादी, जिनमें से कुछ आत्मघाती जैकेट पहने हुए हैं, यात्रियों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा बंधकों के होने के कारण, सुरक्षा बल अत्यधिक सतर्कता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, एक मुक्त कराए गए यात्री ने हाइजैक ट्रेन से सुरक्षित निकाले जाने के लिए सुरक्षआ बलों का आभार व्यक्त किया और सेना और एफसी कर्मियों के सुरक्षा प्रयासों की सराहना की। इस बीच, रेलवे अधिकारियों ने कहा कि क्वेटा से देश के अन्य हिस्सों में चलने वाली बोलन मेल और जाफर एक्सप्रेस को तीन दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, बोलन में जाफर एक्सप्रेस पर हुए हमले के बाद ट्रेन सेवाओं को निलंबित करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा, रेलवे अधिकारियों ने कहा कि क्वेटा से चमन जाने वाली यात्री ट्रेन अभी तक नहीं चली है। इससे पहले, रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि जाफर एक्सप्रेस से 57 यात्रियों को बुधवार सुबह क्वेटा पहुंचाया गया, जबकि 23 अन्य यात्री मच्छ में ही हैं। सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा बलों के अभियान के बाद आतंकवादी छोटे-छोटे समूहों में बंट गए। उन्होंने बताया कि 17 घायल यात्रियों को तत्काल उपचार के लिए निकटवर्ती अस्पताल पहुंचाया गया। सूत्रों ने आगे खुलासा किया कि हमलावर अंतरराष्ट्रीय हैंडलरों, जिसमें अफगानिस्तान में एक मास्टरमाइंड शामिल है, के साथ संवाद करने के लिए उपग्रह फोन का उपयोग कर रहे हैं और महिलाओं और बच्चों को मानव ढाल के रूप में उपयोग कर रहे हैं, जिससे अभियान में अत्यधिक सावधानी बरती जा रही है। हमलावरों ने ट्रेन में घुसने से पहले रेलवे ट्रैक पर बमबारी की और लोकोमोटिव पर गोलियां चलाईं, जिससे चालक घायल हो गया। सुरंग से ठीक पहले रुकी ट्रेन को अफगानिस्तान-ईरान सीमा के पास एक दूरस्थ, पहाड़ी क्षेत्र में हाइजैक किया गया।
मॉरीशस संसद की नई इमारत के निर्माण में भारत करेगा सहयोग : पीएम मोदी
पोर्ट लुईस/नई दिल्ली, 12 मार्च: भारत एवं मॉरीशस ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को ‘विस्तारित रणनीतिक साझीदारी’ का दर्जा देने के साथ स्थानीय मुद्राओं में कारोबार करने एवं आर्थिक अपराधियों को पकड़ने सहित आठ क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के करारों पर आज हस्ताक्षर किये और भारत ने उपहार के रूप में मॉरीशस की संसद के नये भवन का निर्माण कराने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच इन समझौतों पर हस्ताक्षर के बाद आदान-प्रदान किया गया। दोनों नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी लोकसेवा एवं नवान्वेषण संस्थान, केप मल्हेरो में मॉरीशस क्षेत्रीय स्वास्थ्य केन्द्र तथा 20 अन्य सामुदायिक परियोजनाओं का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया जिन पर कुल 35.2 करोड़ मौरिशियन रुपए (6.63 करोड़ भारतीय रुपए) की लागत आयी है। इसके अलावा भारत ने मॉरीशस को सैंट ब्रेंडन द्वीप के नौवहन चार्ट को सौंपा जिसे भारतीय नौसेनिक पोत ने हाइड्रोग्राफी सर्वेक्षण के बाद तैयार किया है। भारत और मॉरीशस ने आज जिन आठ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली पर मॉरीशस के केंद्रीय बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच सहमति पत्र, पाइप प्रतिस्थापन कार्यक्रम के तहत केंद्रीय जल प्राधिकरण द्वारा कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए मॉरीशस सरकार और भारतीय स्टेट बैंक के बीच ऋण सुविधा समझौते पर सहमति पत्र, राजनयिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम पर भारतीय विदेश सेवा संस्थान और मॉरीशस के विदेश मामलों, क्षेत्रीय एकीकरण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्रालय के बीच सहमति पत्र, भारतीय नौसेना और मॉरीशस पुलिस बल के बीच व्हाइट शिपिंग सूचना के आदान-प्रदान पर तकनीकी समझौता, मॉरीशस के वित्तीय अपराध आयोग और भारत के प्रवर्तन निदेशालय के बीच समझौता ज्ञापन, मॉरीशस के उद्योग एसएमई और सहकारिता मंत्रालय और भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के बीच सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन, मॉरीशस के लोक सेवा और प्रशासनिक सुधार मंत्रालय और भारत के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के बीच लोक अधिकारियों के प्रशिक्षण पर समझौता ज्ञापन तथा भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र और मॉरीशस के प्रधान मंत्री कार्यालय के महाद्वीपीय शेल्फ, समुद्री क्षेत्र प्रशासन और अन्वेषण विभाग के बीच समझौता ज्ञापन शामिल हैं। समझौता ज्ञापनों के आदान प्रदान के बाद संयुक्त प्रेस वक्तव्य में श्री मोदी ने अपने संबोधन में 140 करोड़ भारतीयों की ओर से मॉरीशस के सभी नागरिकों को उनके राष्ट्रीय दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की और कहा, “ये मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि मुझे दोबारा मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस पर आने का अवसर मिल रहा है। भारत और मॉरीशस का संबंध केवल हिंद महासागर से ही नहीं, बल्कि हमारी साझी सांस्कृतिक परंपराओं और मूल्यों से भी जुड़ा है।हम आर्थिक और सामाजिक प्रगति की राह पर एक दूसरे के साथी हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा हो या कोविड की विपदा, हमने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया है। रक्षा हो या शिक्षा, स्वास्थ्य हो या अंतरिक्ष, हम हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में हमने अपने संबंधों में कई नए आयाम जोड़े हैं। विकास सहयोग और क्षमता निर्माण में नए कीर्तिमान स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा, “आज, प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम और मैंने भारत-मॉरीशस साझीदारी को ‘विस्तारित रणनीतिक साझीदारी’ का दर्जा देने का निर्णय लिया है। हमने निर्णय लिया कि मॉरीशस में संसद का भवन बनाने में भारत सहयोग करेगा। यह लोकतंत्र की जननी की ओर से मॉरीशस को भेंट होगी।” श्री मोदी ने कहा कि सामुदायिक विकास परियोजनाओं के दूसरे चरण में 50 करोड़ मौरीशियन रुपये के नई परियोजनाएं शुरू की जायेंगी। अगले पांच वर्षों में भारत में मॉरीशस के 500 प्रशासनिक अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। हमारे बीच स्थानीय मुद्राओं में आपसी व्यापार का निपटान करने पर भी सहमति बनी है।” इस मौके पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी स्वतंत्रता की 57वीं वर्षगांठ के राष्ट्रीय दिवस समारोह में अपनी उपस्थिति से हमें सम्मानित किया है। उनकी विशिष्ट उपस्थिति हमारे दोनों देशों के बीच अद्वितीय और विशेष संबंधों का प्रमाण है।” इससे पहले प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मॉरीशस के उप प्रधानमंत्री पॉल रेमंड बेरेंजर, मॉरीशस के विपक्ष के नेता श्री जॉर्जेस पियरे लेसजॉन्गार्ड तथा मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ से मुलाकात की और भारत-मॉरीशस संबंधों के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
एक पेड़ मां के नाम : मॉरीशस में पीएम मोदी ने किया पौधारोपण
पोर्ट लुईस/नई दिल्ली, 11 मार्च: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को मॉरीशस के सर शिवसागर रामगुलाम बॉटनिकल गार्डन में ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत एक पौधा लगाया। इससे पहले, उन्होंने गुयाना की अपनी यात्रा के दौरान भी इसी तरह एक पौधा लगाया है। पीएम मोदी के निरंतर प्रयासों के कारण, इस पहल के परिणामस्वरूप भारत में 1 बिलियन से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। पीएम मोदी ने 5 जून 2024 को दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में पीपल का पेड़ लगाकर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की थी। इस पहल का प्रभाव भारत के बाहर के देशों में भी फैल गया है। इसके तहत दुनिया भर के लगभग 136 देशों में कुल 27,500 से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं। पीएम मोदी दो दिवसीय मॉरीशस यात्रा पर मंगलवार को पोर्ट लुईस पहुंचे। सर शिवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने पीएम मोदी का माला पहनाकर स्वागत किया। भारतीय समुदाय की तरफ से पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। समुदाय की महिलाओं ने ‘गीत गवई’ नामक पारंपरिक बिहारी सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से उनका सम्मान किया। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “मॉरीशस में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत से मैं बहुत प्रभावित हूं। भारतीय विरासत, संस्कृति और मूल्यों से उनका गहरा जुड़ाव वाकई प्रेरणादायक है। इतिहास और दिल का यह बंधन पीढ़ियों से चला आ रहा है।” एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मॉरीशस में अविस्मरणीय स्वागत से बहुत अभिभूत हूं। यहां की संस्कृति में भारतीयता किस तरह रची-बसी है, उसकी पूरी झलक ‘गीत-गवई’ में देखने को मिली। हमारी भोजपुरी भाषा मॉरीशस में जिस तरह से फल-फूल रही है, वह हर किसी को गौरवान्वित करने वाली है।” प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। भारतीय नौसेना के एक जहाज के साथ भारतीय रक्षा बलों की एक टुकड़ी भी समारोह में भाग लेगी। यह प्रधानमंत्री मोदी की 2015 के बाद पहली मॉरीशस यात्रा है। प्रधानमंत्री मोदी की वर्तमान यात्रा से विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
पीएम मोदी ने मॉरीशस के राष्ट्रपति को ‘महाकुंभ जल’ किया भेंट
पोर्ट लुईस/नई दिल्ली, 11 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पोर्ट लुईस में मॉरीशस के राष्ट्रपति धरम गोखूल से मुलाकात की और उन्हें महाकुंभ का पवित्र गंगा जल भेंट किया। यह कुंभ 26 फरवरी को संपन्न हुआ और इसमें 660 मिलियन से अधिक तीर्थयात्री त्रिवेणी संगम प्रयागराज में एकत्र हुए, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा मानव समागम बन गया। गोखूल को दिसंबर में सर्वसम्मति से मॉरीशस का नया राष्ट्रपति चुना गया था। उन्होंने पृथ्वीराजसिंह रूपन के उत्तराधिकारी होंगे, जिनका कार्यकाल 2 दिसंबर, 2024 को समाप्त हुआ। पूर्व शिक्षा मंत्री गोखूल एक प्रतिष्ठित राजनेता हैं, जिनका शानदार करियर शिक्षा, सार्वजनिक सेवा और राजनीति जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है। वह पीएम मोदी के राजकीय भोज का भी आयोजन कर रहे हैं। इससे पहले, पीएम मोदी ने पोर्ट लुइस में सर शिवसागर रामगुलाम बॉटनिकल गार्डन में मॉरीशस के पहले प्रधानमंत्री और संस्थापक पिता सर शिवसागर रामगुलाम को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ को भी श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक्स पर लिखा, “मैंने मॉरीशस की प्रगति में अमिट योगदान देने वाले दो महान नेताओं सर शिवसागर रामगुलाम और सर अनिरुद्ध जगन्नाथ को श्रद्धांजलि अर्पित की।” प्रधानमंत्री मोदी ने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ मिलकर एक पौधा भी लगाया। उन्होंने कहा, “प्रकृति, मातृत्व और स्थिरता को समर्पित ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मेरे मित्र प्रधानमंत्री डॉ. नवीन रामगुलाम के हार्दिक भाव से अभिभूत हूं। उनका समर्थन हरियाली और बेहतर भविष्य के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।” पीएम मोदी दो दिवसीय मॉरीशस यात्रा पर मंगलवार को पोर्ट लुईस पहुंचे। सर शिवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने पीएम मोदी का माला पहनाकर स्वागत किया। भारतीय समुदाय की तरफ से पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। समुदाय की महिलाओं ने ‘गीत गवई’ नामक पारंपरिक बिहारी सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से उनका सम्मान किया। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “मॉरीशस में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत से मैं बहुत प्रभावित हूं। भारतीय विरासत, संस्कृति और मूल्यों से उनका गहरा जुड़ाव वाकई प्रेरणादायक है। इतिहास और दिल का यह बंधन पीढ़ियों से चला आ रहा है।” प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। भारतीय नौसेना के एक जहाज के साथ भारतीय रक्षा बलों की एक टुकड़ी भी समारोह में भाग लेगी। यह प्रधानमंत्री मोदी की 2015 के बाद पहली मॉरीशस यात्रा है। प्रधानमंत्री मोदी की वर्तमान यात्रा से विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
पाकिस्तान में ट्रेन पर हमला, बीएलए का दावा 100 से अधिक लोगों को बनाया बंधक
क्वेटा (पाकिस्तान), 11 मार्च : पाकिस्तान में अलगाववादी आतंकवादियों ने मंगलवार को सैकड़ों यात्रियों को ले जा रही एक यात्री ट्रेन पर गोलीबारी की। जाफर एक्सप्रेस की नौ बोगियों में लगभग 400 यात्री सवार थे। यह ट्रेन दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी, तभी उस पर गोलीबारी की गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस और रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हमले एक ट्रेन चालक घायल हो गया। एक बयान में, उग्रवादी अलगाववादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमले की जिम्मेदारी ली और कहा कि उन्होंने ट्रेन से सुरक्षा बलों सहित लोगों को बंधक बना लिया है। बीएलए ने दावा किया कि उसने 100 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाया और उसके ऑपरेशन में 6 सुरक्षाकर्मी मारे गए। उसका कहना है कि बंधक बनाए गए लोगों ने सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हैं। प्रांतीय सरकार या रेलवे के अधिकारियों ने बंधकों के पकड़े जाने की पुष्टि नहीं की। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बल बलूचिस्तान के बोलन जिले के मुश्कफ इलाके में घटना स्थल पर पहुंच गए हैं। सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा कि बलूचिस्तान सरकार ने आपातकालीन उपाय लागू किए हैं और स्थिति से निपटने के लिए सभी संस्थानों को जुटाया गया है। बता दें अशांत बलूचिस्तान में अलगाववादी उग्रवादी समूहों ने सेना और क्षेत्र में चीनी परियोजनाओं के खिलाफ लगातार हमले किए हैं। बीएलए बलूचिस्तान की आजादी चाहता है। यह कई जातीय विद्रोही समूहों में से सबसे बड़ा है, जिसने दशकों से पाकिस्तान सरकार से लड़ाई लड़ी है। उनका कहना है कि सरकार बलूचिस्तान के समृद्ध गैस और खनिज संसाधनों का अनुचित तरीके से दोहन कर रही है। बीएलए को पाकिस्तान, ईरान, चीन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठन घोषित किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस पहुंचने के बाद ओबेरॉय होटल में की लोगों से मुलाकात
पोर्ट लुईस/नई दिल्ली, 11 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपनी दो दिन की यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे। उनका स्वागत मॉरीशस के सर सीवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भव्य रूप से किया गया। भारतीय प्रधानमंत्री के आगमन के बाद स्थानीय लोग उनकी एक झलक पाने के लिए उत्सुक थे। हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जहां भारतीय समुदाय के सदस्य और अधिकारी मौजूद थे। इसके बाद, पीएम मोदी ओबेरॉय होटल पहुंचे, जहां उन्होंने लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने होटल में मौजूद लोगों से हाथ मिलाया और उनके साथ बातचीत की। इस पल को वहां मौजूद लोगों ने कैमरे में कैद किया। वीडियो में पीएम मोदी का सरल और सहज स्वभाव नजर आ रहा था, जब वह स्थानीय लोगों से मिलकर उनका अभिवादन स्वीकार कर रहे हैं। उनके इस व्यक्तिगत स्नेहिल व्यवहार को देखकर लोग बेहद खुश थे। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के निमंत्रण पर 12 मार्च को राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह यात्रा भारत-मॉरीशस संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि 2015 के बाद से यह प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस की पहली यात्रा है। उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के विजन सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) को रेखांकित किया था और हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान मॉरीशस के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री के साथ चर्चा करेंगे। वह वहां के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों से भी मिलेंगे। इसके अलावा, वह भारतीय मूल के समुदाय के सदस्य से भी बातचीत करेंगे, जो मॉरीशस के समाज और संस्कृति का एक अहम हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री मोदी के एजेंडे में दो प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन भी शामिल है: सिविल सर्विस कॉलेज और क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्र। इन दोनों परियोजनाओं का निर्माण भारत की अनुदान सहायता से हुआ है और यह दोनों देशों के बीच विकास साझेदारी को और प्रगाढ़ करेगा। इस यात्रा के दौरान कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जो समुद्री सुरक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, लघु और मध्यम उद्यमों, और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देंगे। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति को भी समर्थन मिलेगा, जिसका उद्देश्य भारत के पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को मजबूत करना है। राष्ट्रीय दिवस समारोह में भारतीय रक्षा बलों की भागीदारी भी एक खास आकर्षण होगी। भारतीय नौसेना का एक दल, भारतीय नौसेना का जहाज, भारतीय वायु सेना का हेलीकॉप्टर, आकाश गंगा स्काईडाइविंग टीम और एनसीसी कैडेटों का एक समूह भी इस कार्यक्रम में शामिल होगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने यह भी पुष्टि की कि भारत और मॉरीशस एक तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, जो दोनों देशों के बीच व्हाइट-शिपिंग जानकारी साझा करने से संबंधित होगा। यह समझौता मॉरीशस की समुद्री सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा, उसके व्यापारिक गलियारों की सुरक्षा करेगा और अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह मॉरीशस की समुद्री डोमेन जागरूकता को बेहतर बनाएगा और क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करेगा। विदेश सचिव ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री रामगुलाम कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिन्हें भारतीय सहायता से क्रियान्वित किया गया है, और दोनों देशों के बीच व्यापार, क्षमता निर्माण और छोटे एवं मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होंगे।” भारत और मॉरीशस के बीच उच्चस्तरीय जुड़ाव की यह यात्रा उनके रिश्तों को और मजबूत करेगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 2024 में मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस के लिए मुख्य अतिथि थीं और मॉरीशस ने पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी भाग लिया है। मॉरीशस 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए एक ‘विशेष आमंत्रित’ था और इसके दौरान भारत और अन्य देशों के साथ वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का सह-शुभारंभ किया गया था। यह यात्रा भारत और मॉरीशस के बीच स्थायी और मजबूत रिश्तों का प्रतीक है और उनकी रणनीतिक साझेदारी में एक नया अध्याय जोड़ती है।
पीएम मोदी के स्वागत में मॉरीशस में बिहारी परंपरा और लोकगीतों की गूंज
पोर्ट लुइस/नई दिल्ली, 11 मार्च : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपनी दो दिवसीय यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे, जहां उनके स्वागत में बिहारी परंपरा और लोकगीतों की गूंज सुनाई दी। सर सीवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पारंपरिक तरीके से प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया गया। राजधानी पोर्ट लुईस में एक अनूठी सांस्कृतिक परंपरा का दृश्य देखने को मिला, जब स्थानीय महिलाओं के एक दल ने पारंपरिक बिहारी लोकगीत गाकर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। महिलाओं ने उत्साहपूर्वक गाया, धन्य है, धन्य है देश हमारा हो, मोदी जी पधारे हैं। जय मॉरीशस, बोलो जय भारत। यह गीत भारत के भोजपुरी क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जिसे मॉरीशस में बसे भारतीय समुदाय ने जीवंत बनाए रखा है। स्वागत के पलों को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा, मॉरीशस में भारतीय समुदाय द्वारा दिया गया गर्मजोशी भरा स्वागत हृदयस्पर्शी है। भारतीय विरासत, संस्कृति और मूल्यों के प्रति उनका मजबूत संबंध वास्तव में प्रेरणादायक है। इतिहास और हृदय का यह बंधन पीढ़ियों से पनपता आ रहा है। भोजपुरी संस्कृति की अनूठी छाप मॉरीशस में पारंपरिक भोजपुरी संगीत शैली गीत गवई काफी लोकप्रिय है। इसे विशेष मान्यता देते हुए, यूनेस्को ने दिसंबर 2016 में इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया था। यह शैली मॉरीशस में भारतीय समुदाय की सांस्कृतिक पहचान का अहम हिस्सा बन चुकी है।