प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा से पहले लोगों में गजब का उत्साह

वाशिंगटन, 19 जून (वेब वार्ता): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजकीय यात्रा को लेकर भारतीय-अमेरिकियों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। उनकी यात्रा से कुछ दिन पहले सैकड़ों भारतवंशी देश के प्रमुख स्थानों पर एकत्र हुए और उनके समर्थन में नारेबाजी की। वाशिंगटन डीसी और उसके आसपास के इलाकों में सैकड़ों भारतीय-अमेरिकी एकता का संदेश देने के लिए राष्ट्रीय स्मारक के पास एकत्र हुए। उन्होंने कहा कि वे शहर में प्रधानमंत्री मोदी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 21 से 24 जून को अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे। बाइडन दंपती 22 जून को प्रधानमंत्री मोदी के लिए राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी 22 जून को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी वाशिंगटन के प्रतिष्ठित ‘रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग एंड इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर’ में 23 जून को आयोजित कार्यक्रम में भारतीय-प्रवासियों को संबोधित करेंगे। ”मोदी-मोदी” और भारत-अमेरिका दोस्ती के नारे लगाते हुए भारतीय-अमेरिकियों ने ऐतिहासिक लिंकन मेमोरियल की ओर एक घंटे से अधिक समय तक जुलूस निकाला, जहां कुछ लोग अचानक नृत्य भी करने लगे। इसी तरह के दृश्य अमेरिका में कई प्रतिष्ठित स्थानों जैसे न्यूयॉर्क में टाइम्स स्क्वायर और सैन फ्रांसिस्को में गोल्डन गेट ब्रिज पर भी दिखाई दिए। विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजकों ने कहा कि 20 शहरों से आने वाले ये दृश्य तथा वाशिंगटन डीसी व न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री मोदी के विभिन्न कार्यक्रमों के लिए टिकट को लेकर मच रही मारा-मारी देश में उनकी लोकप्रियता को दर्शाती है। उद्यमी, परमार्थ कार्य करने वाले एवं ‘इंडियास्पोरा’ के संस्थापक एम. आर. रंगास्वामी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ” यह मोदी का जादू है।” व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में बृहस्पतिवार को आयोजित होने वाले मोदी के स्वागत समारोह में कई हजार भारतीय-अमेरिकियों के शामिल होने की उम्मीद है, जहां राष्ट्रपति बाइडन तथा प्रथम महिला डॉ. जिल बाइडन उनका स्वागत करेंगे। अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में मोदी का संबोधन सुनने के लिए बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी अब भी टिकट की तलाश में हैं। वहीं सांसदों को यह तय करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है कि आगंतुक दीर्घा से प्रधानमंत्री के भाषण को सुनने के लिए वे अपना एक टिकट किसे दें। व्हाइट हाउस के लॉन में आयोजित होने वाले राजकीय रात्रिभोज में शामिल होने वाले मेहमानों की सूची जारी नहीं की गई है। प्रथम महिला के कार्यालय ने राजकीय रात्रिभोज से संबंधित कोई सूचना जारी नहीं की है। हालांकि, कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री के सम्मान में आयोजित होने वाले भोज में करीब 400 लोग शामिल होंगे। भारतीय-अमेरिकी सांसद एमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना तथा श्री थानेदार के अलावा माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, गूगल के सुंदर पिचाई और फेडएक्स के राज सुब्रमण्यम सहित कुछ शीर्ष भारतीय-अमेरिकी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) को राजकीय रात्रिभोज में आमंत्रित किए जाने की उम्मीद है।

उप राष्ट्रपति ने की कांगो के उप प्रधानमंत्री से मुलाकात

नई दिल्ली, 15 जून: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो के उप प्रधानमंत्री विताल कमरेह से मुलाकात की और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। उप राष्ट्रपति सचिवालय ने यहां बताया कि दोनों नेताओं ने बातचीत के दौरान भारत और कांगो के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सुदृढ़ भागीदारी का उल्लेख किया। उन्होंने दोनों देशों के बीच आम जनता के आपसी संबंधों पर भी विचार विमर्श किया।

डोनाल्ड ट्रंप दोषी करार दिये जाने के बावजूद भी लड़ सकते हैं राष्ट्रपति चुनाव

वाशिंगटन, 14 जून (वेब वार्ता): राष्ट्रपति पद से 2021 में हटने के बाद गोपनीय सरकारी दस्तावेज अवैध रूप से अपने पास रखने को लेकर अभ्यारोपित किये जाने के बावजूद डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में एक और कार्यकाल के लिए प्रचार अभियान जारी रख सकते हैं। ट्रंप(77) ने फ्लोरिडा के मियामी स्थित संघीय भवन में गोपनीय दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने से जुड़े आरोपों में मंगलवार को खुद को निर्दोष बताया। अमेरिका में पहली बार एक पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ संघीय आरोप लगाये गये हैं। यह अभ्यारोपण ट्रंप के खिलाफ दायर दूसरा आपराधिक मामला है। ट्रंप 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी की दौड़ में सबसे आगे हैं। अप्रैल की शुरूआत में, ट्रंप ने न्यूयार्क में अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया और रिकार्ड में हेरफेर करने के 34 आरोपों का सामना करने के लिए अदालत में पेश हुए। उन्होंने इन आरोपों में भी खुद के दोषी नहीं होने की बात कही। उल्लेखनीय है कि नौ मई को ट्रंप, स्तंभकार ई जीन कैरोल द्वारा दायर किये गये एक दीवानी मामले में उत्तरदायी ठहराये गये थे जिसने दावा किया था कि उन्होंने (ट्रंप ने) उससे बलातकार किया और उनकी मानहानि की। हालांकि, जूरी ने यह नहीं पाया कि ट्रंप ने कैरोल से बलात्कार किया था लेकिन इस निष्कर्ष पर पहुंची कि उन्होंने उसका यौन उत्पीड़न किया। जूरी ने करीब 50 लाख अमेरिकी डॉलर अदा करने का ट्रंप को निर्देश दिया था। इन तीनों मामलों से यह प्रश्न उत्पन्न हो रहा था कि न्यूयॉर्क या फ्लोरिडा में दोषी ठहराये जाने की स्थिति में, या अब कैरोल मामले में उत्तरदायी ठहराये जाने के बाद भी क्या वह अमेरिकी राष्ट्रपति बन सकते हैं? क्या ट्रंप 2024 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकेंगे? विशेषज्ञों के मुताबिक, कानूनी दृष्टिकोण से इसका संक्षिप्त जवाब ‘हां’ है। यदि ट्रंप को दोषी करार दिया जाता है तो कोई भी आरोप उन्हें पद ग्रहण करने से नहीं रोक सकेगा। सुनवाई अब से लेकर कई महीनों तक चलेगी, और ट्रंप इस अवधि के दौरान मुक्त होकर प्रचार कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कैरोलाइना, लॉस एंजिलिस, के प्रोफेसर रिचर्ड हासेन ने सीएनएन से कहा, ”ट्रंप को, अभ्यारोपित होने पर या दोषी करार दिये जाने के बावजूद भी कोई भी चीज चुनाव लड़ने से नहीं रोकती । अमेरिकी संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए एक उम्मीदवार को जन्म से अमेरिकी नागरिक होना चाहिए, उसकी आयु कम से कम 35 वर्ष हो और कम से कम 14 वर्षों तक अमेरिका का निवासी हो। हालांकि, कुछ और भी संवैधानिक प्रतिबंध हैं जो एक व्यक्ति को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोक सकते हैं, लेकिन वे ट्रंप पर लागू नहीं होते।

भारत की राष्ट्रपति को सूरीनाम का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

पैरामारिबो, 06 जून (वेब वार्ता): भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सूरीनाम के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड ऑर्डर ऑफ द चेन ऑफ द येलो स्टार’ से सम्मानित किया गया है। सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के लिए भारतीय राष्ट्रपति मुर्मू को सम्मानित किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने सम्मान समारोह के दौरान संबोधन में कहा कि वे सूरीनाम के सबसे बड़े सम्मान से सम्मानित होकर काफी खुश हैं। इस सम्मान से सिर्फ उन्हें ही नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतवासियों को गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने इस सम्मान का श्रेय भारतीय-सुरीनामी समुदाय के लोगों को दिया और कहा कि उनके कारण हमारे रिश्तों में अधिक मजबूती आई है। भारतीय राष्ट्रपति ने सूरीनाम में भारतीयों के पहुंचने की 150वीं सालगिरह पर आयोजित सांस्कृतिक समारोह में भी सहभागिता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वे सूरीनाम की पहली यात्रा पर आई हैं। दोनों देशों के बीच अत्यधिक साम्य है। उन्हें लग रहा है कि वे अपने ही घर में हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने सोमवार को सूरीनाम के राष्ट्रपति संतोखी से मुलाकात करने के बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता का नेतृत्व भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सूरीनाम आकर उन्हें बहुत खुशी हो रही है। सूरीनाम के आतिथ्य और स्वागत से बहुत अभिभूत होने की बात कहकर उन्होंने भारतीयों की ओर से शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारत और सूरीनाम के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध दोनों देशों के मजबूत रिश्तों की नींव हैं। दोनों देशों के राष्ट्रपतियों ने भारत और सूरीनाम के बीच विशेष मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर भी हस्ताक्षर किये।

एलन मस्क फिर से बने दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति, कौन है दुनिया के टॉप 20 अरबपति?

लंदन, 01 जून (वेब वार्ता): टेस्ला इंक के सीईओ एलन मस्क फिर से दुनिया के सबसे अमीर इंसान बन गए हैं। एलन मस्क ने लग्जरी ब्रांड टाइकून बर्नार्ड अर्नाल्ट को पछाड़ा। बता दें कि बर्नार्ड अर्नाल्ट की कंपनी एलवीएमएच के शेयरों में बुधवार को 2.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। जिसके चलते अर्नाल्ट को नुकसान उठाना पड़ा और वह सबसे अमीर बिजनेसमैन की लिस्ट में दूसरे नंबर पर खिसक गए। अर्नाल्ट ने लग्जरी ब्रांड से जमाया था सिक्का बता दें कि ब्लूमबर्ग बिलयनेयर इंडेक्स में इस साल एलन मस्क और बर्नार्ड अर्नाल्ट के बीच सबसे अमीर इंसान बनने के लिए कड़ा मुकाबला रहा और दोनों की संपत्ति में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। बीते साल दिसंबर में जब टेक इंडस्ट्री मुश्किलों से गुजर रही थी तो मस्क की संपत्ति में गिरावट आई। जिसका फायदा अर्नाल्ट की कंपनी एलवीएमएच को मिला। बता दें कि एलवीएमएच लग्जरी ब्रांड जैसे लुई विटॉन, फेंडी और हेनेसी की निर्माता कंपनी है। महंगाई ने दिया झटका हालांकि इस साल बढ़ती महंगाई से अर्नाल्ट को झटका लगा है। बढ़ती महंगाई के चलते लग्जरी ब्रांड की बिक्री में भी गिरावट आई है। खासकर चीन, जो कि दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है, वहां भी एलवीएमएच की बिक्री में कमी देखी गई है। इसके चलते अप्रैल से एलवीएमएच के शेयरों में करीब 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। वहीं मस्क ने इस साल अपनी संपत्ति में करीब 53 बिलियन डॉलर का इजाफा किया है। मस्क की संपत्ति में सबसे बड़ा हिस्सा टेस्ला का है, जो कि 71 प्रतिशत है। मस्क की मौजूदा संपत्ति 192 बिलियन डॉलर है। वहीं अर्नाल्ट की संपत्ति 186 बिलियन डॉलर है। ये हैं दुनिया के टॉप 20 अरबपति नाम संपत्ति अरब डॉलर में एलन मस्क $192 बर्नार्ड अर्नाल्ट $187 जेफ बेजोस $144 बिल गेट्स $125 लैरी एलिसन $118 स्टीव बालमर $114 वॉरेन बफे $112 लैरी पेज $111 सर्गेई ब्रिन $106 मार्क जुकरबर्ग $96.5 कार्लोस स्लिम $89.4 फ्रेंकोइस बेटनकोर्ट मेयर्स $85.5 मुकेश अंबानी $84.7 अमानसियो ओर्टेगा $67.8 जिम वॉल्टन $67.2 रॉब वॉल्टन $65.5 एलिस वॉल्टन: $64.4 झोंग शैनशेन $61.5 गौतम अदाणी $61.3 जॉन मार्स $60.6          

विदेश मंत्री एस.जयशंकर एक से छह जून तक दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया की करेंगे यात्रा

नई दिल्ली, 31 मई (वेब वार्ता): विदेश मंत्री एस. जयशंकर केपटाउन में पांच देशों के समूह ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बृहस्पतिवार से दक्षिण अफ्रीका की तीन दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका के बाद चार से छह जून तक वह नामीबिया की यात्रा पर जाएंगे। मंत्रालय के अनुसार, ”विदेश मंत्री केपटाउन में ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए एक से तीन जून तक दक्षिण अफ्रीका की यात्रा करेंगे।” ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों को एक साथ लाता है। यह वैश्विक आबादी के 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार के 16 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है। केपटाउन में ब्रिक्स बैठक में हिस्सा लेने के अलावा जयशंकर अपने दक्षिण अफ्रीकी समकक्ष नालेदी पांडोर के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। वह दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और उनके ब्रिक्स के अन्य विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने और ‘फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स’ में हिस्सा लेने की उम्मीद है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर केपटाउन में भारतीय प्रवासियों के साथ भी बातचीत करेंगे। नामीबिया की उनकी यात्रा भारत के किसी विदेश मंत्री द्वारा इस अफ्रीकी देश की पहली यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, ”यात्रा के दौरान विदेश मंत्री देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और सरकार के अन्य मंत्रियों से भी मिलेंगे।” मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर संयुक्त आयोग की बैठक के उद्घाटन सत्र की सह-अध्यक्षता नामीबिया के उप प्रधानमंत्री नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह के साथ करेंगे। वह नामीबिया में बसे भारतीय समुदाय से भी बातचीत करेंगे। मंत्रालय के अनुसार, ”विदेश मंत्री की दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया की यात्रा से इन दोनों देशों के साथ भारत के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के और गहरा होने की उम्मीद है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर जनरल डेविड हर्ले से की मुलाकात

सिडनी/नई दिल्ली, 24 मई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर जनरल डेविड हर्ले से मुलाकात की। इस दौरान, दोनों नेताओं ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के लोगों के बीच संपर्क और लंबे समय से जारी द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ व्यापक बातचीत के बाद मोदी ने हर्ले से मुलाकात की। अल्बनीज के साथ बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के अलावा समग्र द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने पर चर्चा की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, “सिडनी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर जनरल हर्ले के बीच वार्ता हुई। दोनों नेताओं ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के लोगों के बीच संपर्क और लंबे समय से चली आ रही द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।” मोदी ने भी कहा कि हर्ले से मिलकर उन्हें बेहद खुशी हुई। मोदी ने ट्वीट किया, “गवर्नर जनरल डेविड हर्ले से मिलकर और भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों पर चर्चा करके प्रसन्नता हुई। हमारे राष्ट्रों के बीच मजबूत संबंध एक बेहतर दुनिया के निर्माण में योगदान देंगे।” मोदी ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ कुडोस बैंक एरिना में प्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम को संबोधित किया था। इस दौरान, मोदी और अल्बनीज दोनों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में ऑस्ट्रेलिया में बसे भारतीय प्रवासियों के योगदान की सराहना की थी।

ब्रिसबेन में वाणिज्य दूतावास खोलेगा भारत : प्रधानमंत्री मोदी

सिडनी/नई दिल्ली, 23 मई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में बसे प्रवासी भारतीयों की लंबित मांग को पूरा करने के लिए मंगलवार को घोषणा की कि भारत जल्द ही ब्रिसबेन में एक नया वाणिज्य दूतावास खोलेगा। उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया का संबंध आपसी विश्वास और आपसी सम्मान पर आधारित है। प्रधानमंत्री मोदी सिडनी स्थित कुडोस बैंक एरिना में खचाखच भरे स्टेडियम में भारतीय डायस्पोरा के सदस्यों को संबोधित करते हुए अपनी बात रख रहे थे। इस कार्यक्रम में उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीस भी उपस्थित थे। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “सामुदायिक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ना बेहद खुशी की बात है।” उन्होंने अपनी पिछली यात्रा का स्मरण कराते हुए कहा, “जब मैं 2014 में यहां आया था, तो मैंने आपसे वादा किया था कि आपको भारतीय प्रधानमंत्री के लिए फिर से 28 साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसलिए मैं एक बार फिर यहां सिडनी में हूं। प्रधानमंत्री अल्बानीस भी यहां मेरे साथ हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब थ्री सी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों को परिभाषित करते थे। ये तीन थे- कॉमनवेल्थ, क्रिकेट और करी। उसके बाद यह थ्री डी था, लोकतंत्र, डायस्पोरा और दोस्ती! जब यह थ्री ई बना, तो यह ऊर्जा, अर्थव्यवस्था और शिक्षा के बारे में था। आगे उन्होंने कहा कि लेकिन सच्चाई यह है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों की वास्तविक गहराई इन सी-डी-ई से परे आपसी विश्वास और आपसी सम्मान के भाव से है और इसके पीछे असली कारण भारतीय प्रवासी हैं। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कितनी भी भौगोलिक दूरियां क्यों न हों हिंद महासागर हमें जोड़ता है। दोनों देशों की जीवनशैली अलग-अलग क्यों न हो, योग हमें जोड़ता है। क्रिकेट एक ऐसी चीज है, जिसने हमें युगों से जोड़े रखा है। अब टेनिस और सिनेमा अन्य जोड़ने वाले सेतु हैं। प्रधानमंत्री मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष अल्बनीज ने इस दौरान सिडनी के उपनगर हैरिस पार्क का नाम बदलकर ‘लिटिल इंडिया’ कर दिया। मोदी ने सिडनी के एक उपनगर ‘लिटिल इंडिया’ की आधारशिला के अनावरण में समर्थन देने के लिए अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष का आभार व्यक्त किया। दरअसल, हैरिस पार्क पश्चिमी सिडनी का एक केंद्र है, जहां भारतीय समुदाय दिवाली और ऑस्ट्रेलिया दिवस जैसे त्यौहारों और कार्यक्रमों का जश्न मनाता है। प्रधानमंत्री ने दुनिया में भारत की स्थिति को वैश्विक अच्छाई की ताकत के रूप में बताया। उन्होंने कहा, “जब भी कोई आपदा आती है तो भारत दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है।” उन्होंने भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में ‘उज्ज्वल स्थान’ के रूप में भी सराहा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आईएमएफ भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का ब्राइट स्पॉट मानता है। विश्व बैंक के अनुसार यदि कोई देश है जो वैश्विक विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहा है, तो वह भारत है। भारत ने सबसे चुनौतीपूर्ण समय में भी रिकॉर्ड निर्यात किया है। आगे उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों में भारत ने काफी तरक्की की है। हमने गरीब लोगों के लिए करीब 50 करोड़ बैंक खाते खोले हैं। इतना ही नहीं, दरअसल भारत में पब्लिक डिलीवरी का पूरा इको-सिस्टम ही बदल गया है। 2014 से 28 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित की गई है। जेम ट्रिनिटी और डीबीटी ने देश में एक क्रांति ला दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने कोरोना महामारी में दुनिया का सबसे तेज वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाया। आज भारत दुनिया में नंबर-एक स्मार्टफोन डेटा कंज्यूमर है। उन्होंने आगे कहा कि हम राष्ट्र को भी एक परिवार के रूप में देखते हैं और विश्व को भी एक परिवार मानते हैं। जब भारत अपनी जी-20 अध्यक्षता की थीम तय करता है, तो कहता है- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य। जब भारत पर्यावरण की रक्षा के लिए सोलर एनर्जी के बड़े लक्ष्य तय करता है, तो कहता है- वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड। जब भारत वैश्विक समुदाय के स्वस्थ रहने की कामना करता है तो कहता है- एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य। लगातार लग रहे मोदी-मोदी नारों के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि सोलर एलायंस जैसे संघों के लिए हो, डिजास्टर रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए या बिग कैट एलायंस का नेतृत्व करने के लिए भारत ने हमेशा विभिन्न राष्ट्रों को जोड़ने के लिए ‘बाइंडिंग फोर्स’ के रूप में काम किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन के दौरान खचाखच भरे स्टेडियम में लगातार नारे लगते रहे। इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री भी लगातार ताली बजाते हुए प्रसन्न चित दिखे। कार्यक्रम प्रारंभ होने से पहले प्रधानमंत्री का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। अपने उद्बोधन के बाद प्रधानमंत्री मोदी अपने समकक्ष एंथनी अल्बनीस के साथ दर्शकों से मिले। उनके साथ सेल्फी ली और ऑटोग्राफ भी दिये।

प्रधानमंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल बॉब डाडे से की बातचीत

नई दिल्ली/पोर्ट मोरेस्बी, 22 मई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पापुआ न्यू गिनी में गवर्नर जनरल बॉब डाडे के साथ दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए बातचीत की। श्री मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण के लिए रविवार को पापुआ न्यू गिनी पहुंचे। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, “पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल सर बॉब डाडे के साथ शानदार बैठक हुई। हमने विभिन्न क्षेत्रों में हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने पर बातचीत की।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पापुआ न्यू गिनी में दिन की शुरुआत ऐतिहासिक गवर्नमेंट हाउस में गवर्नर जनरल सर बॉब डाडे के साथ गर्मजोशी भरे माहौल में बातचीत हुई। दोनों देशों के बीच संबंधों और विकास साझेदारी के महत्वों पर जोर दिया गया।” यह बैठक पोर्ट मोरेस्बी में गवर्नमेंट हाउस में भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) के तीसरे शिखर सम्मेलन के अवसर पर हुई। गवर्नर जनरल ने प्रधानमंत्री मोदी की पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। एक बयान में कहा गया कि दोनों देशों के नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों एवं विकास साझेदारी के महत्व सहित विचारों का आदान-प्रदान किया और वे इसे अधिक मजबूत बनाने पर सहमति बनी।

जापान की अपनी सफल यात्रा के बाद,प्रधानमंत्री मोदी पापुआ न्यू गिनी रवाना

नई दिल्ली, 21 मई : जापान की अपनी सफल यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने तीन देशों के दौरे के दूसरे चरण के लिए पापुआ न्यू गिनी के लिए रवाना हो गए। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा है। यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दी। बागची ने बताया कि हिरोशिमा में प्रमुख भागीदारों के साथ दो दिनों के गहन द्विपक्षीय और बहुपक्षीय जुड़ाव के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जापान की अपनी यात्रा समाप्त की। प्रधानमंत्री अब अपनी यात्रा के अगले चरण में पोर्ट मोरेस्बी पहुंचेंगे। वहां पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री उनकी अगवानी करेंगे। यहां उनका पूर्ण औपचारिक स्वागत किया जाएगा। आमतौर पर देश सूर्यास्त के बाद आने वाले किसी भी नेता का औपचारिक स्वागत नहीं करता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक विशेष अपवाद के तौर पर उनका पूर्ण औपचारिक स्वागत किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी पोर्ट मोरेस्बी में 22 मई को पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे के साथ संयुक्त रूप से भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग मंच के तीसरे शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। पापुआ न्यू गिनी में प्रधानमंत्री मोदी के द्विपक्षीय कार्यक्रम होंगे। इसमें गवर्नर-जनरल सर बॉब डाडे और प्रधानमंत्री जेम्स मारपे के साथ बैठकें शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 2014 में लॉन्च किए गए इस मंच में भारत और 14 प्रशांत द्वीप देश शामिल हैं। अर्थात इसमें फिजी, पापुआ न्यू गिनी, टोंगा, तुवालु, किरिबाती, समोआ, वानुअतु, नीयू, माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य, मार्शल द्वीप समूह, कुक द्वीप समूह, पलाऊ, नाउरू और सोलोमन द्वीप शामिल हैं।