काहिरा, 25 जून : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को दुनिया के सात अजूबों में शामिल मिस्र की राजधानी के बाहरी इलाके में गीजा के पिरामिड देखने पहुंचे। मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली के साथ मोदी ने उत्तरी मिस्र में अल-जिजा (गीजा) के पास नील नदी के पश्चिमी तट पर स्थित एक चट्टानी पठार पर बने तीन पिरामिड को देखा। मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली के साथ मोदी ने उत्तरी मिस्र में अल-जिजा (गीजा) के पास नील नदी के पश्चिमी तट पर स्थित एक चट्टानी पठार पर बने तीन पिरामिड को देखा। इसका निर्माण मिस्र के चौथे राजवंश के समय में हुआ था। मोदी ‘गीजा के ग्रेट पिरामिड’ के बारे में जानकारी लेते हुए दिखे, जो मिस्र का सबसे बड़ा पिरामिड है। यह पुराने साम्राज्य के चौथे राजवंश के शासक खुफू की कब्र पर बना है। प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा की कुछ तस्वीरों के साथ ट्वीट किया, ”मैं पिरामिड की यात्रा पर मेरे साथ आने के लिए प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली को धन्यवाद देता हूं। हमने अपने राष्ट्रों के सांस्कृतिक इतिहास और आने वाले समय में इन संबंधों को कैसे गहरा किया जाए, इस पर गहन चर्चा की।” पिरामिड प्राचीन विश्व के सात अजूबों में से सबसे पुराना है, जिसका निर्माण 26वीं शताब्दी ईसा पूर्व की शुरुआत में लगभग 27 वर्षों की अवधि में हुआ था। यह एकमात्र ढांचा है, जो काफी हद तक मूल स्वरूप में बरकरार है। राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर मोदी ने मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा की।
प्रधानमंत्री मोदी मिस्र के सर्वोच्च राजकीय सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ से अलंकृत
काहिरा/नई दिल्ली, 25 जून: मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने काहिरा में आज भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ सम्मान से अलंकृत किया। ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ मिस्र का सर्वोच्च राजकीय सम्मान है। प्रधानमंत्री मोदी मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर शनिवार से राजधानी काहिरा में हैं। राजकीय यात्रा के आखिरी दिन काहिरा में प्रधानमंत्री मोदी ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से मुलाकात की। इस दौरान कई द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने काहिरा स्थित हेलियोपोलिस वॉर मेमोरियल का दौरा किया। हेलियापोलिस वॉर मेमोरियल भारत के लिए काफी अहम है। प्रथम विश्व युद्ध में शहीद करीब चार हजार सैनिकों की वीरगाथा यहां दर्ज हैं। नरेन्द्र मोदी ने इन शहीदों को नमन किया और इन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां की ऐतिहासिक अल-हाकिम मस्जिद का दौरा किया। इस दौरान मौजूद लोगों से बात भी की। यह मस्जिद 13,560 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है। इसका जीर्णोद्धार बोहरा समुदाय ने कराया था।24 नवंबर,1980 में यह नए रूप में लोगों के सामने आई। इसकी मरम्मत की जिम्मेदारी दाऊदी बोहरा समुदाय के 52वें धर्मगुरु सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन ने ली थी। इसमें कुल 27 महीने लगे। इस मस्जिद को ऐतिहासिक काहिरा के हिस्से के रूप में 1979 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया था।
पीएमसी वैगनर के सदस्य रूस के रोस्तोव को छोड़कर फील्ड शिविरों की ओर लौटे’
मास्को, 25 जून: वैगनर समूह की निजी सैन्य कंपनी (पीएमसी) के सदस्यों ने रूस के रोस्तोव को छोड़ दिया है और फील्ड शिविरों की ओर जा रहे हैं। रोस्तोव के क्षेत्रीय गवर्नर वासिली गोलूबेव ने यह जानकारी दी है। उन्होंने आधी रात के तुरंत बाद टेलीग्राम पर कहा, “पीएमसी वैगनर का दस्ता रोस्तोव को छोड़कर अपने फील्ड कैंप की ओर जा रहा है।” वहीं रूस न्यूज एजेंसी स्पूतनिक ने शनिवार देर रात अपनी रिपोर्ट में बताया कि वैगनर के सदस्यों ने रोस्तोव-ऑन-डॉन शहर में रूस के दक्षिणी सैन्य जिले के मुख्यालय के क्षेत्र को छोड़ना शुरू कर दिया है और शहर में स्थिति शांत है। इससे पहले दिन में बेलारूस के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि पीएमसी वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने रूस में वैगनर सैनिकों की आवाजाही को रोकने, स्थिति को शांत करने हेतु कदम उठाने के बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। श्री प्रिगोझिन ने बाद में जानकारी की पुष्टि करते हुए कहा कि वैगनर सैनिक अपने फील्ड शिविरों में वापस लौट रहे हैं।
भारत, अमेरिका की सरकारों ने तैयार की जमीन, उद्योग जगत को इसका फायदा उठाने की जरूरत : मोदी
वाशिंगटन/नई दिल्ली, 24 जून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत और अमेरिका की सरकारों ने दोनों देशों के व्यापारिक समुदाय के लिए जमीन तैयार कर दी है और अब इसका लाभ उठाने की जिम्मेदारी कॉरपोरेट क्षेत्र एवं प्रस्तावकों की है। वाशिंगटन के केनेडी सेंटर में शुक्रवार को भारत और अमेरिका के शीर्ष कारोबारियों और समाज सेवियों के साथ-साथ भारतीय-अमेरिकी समुदाय के अन्य प्रमुख सदस्यों को संबोधित करते हुए मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-अमेरिका साझेदारी सहूलियत पर नहीं, बल्कि दृढ़ विश्वास, साझा प्रतिबद्धताओं और संवेदनाओं पर आधारित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका की उनकी पहली आधिकारिक राजकीय यात्रा के दौरान पिछले तीन दिनों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। मोदी ने ‘यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि रक्षा से लेकर विमानन, व्यावहारिक सामग्री से लेकर विनिर्माण और आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र तक, भारत और अमेरिका अब सबसे विश्वसनीय साझेदार के रूप में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने व्यापारिक समुदाय से आगे आने और इस अवसर का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। मोदी ने कहा कि भारत की हर विकास परियोजना अमेरिकी सपने को और मजबूती देने की क्षमता रखती है। उन्होंने कहा कि भारत बुनियादी ढांचे के विकास में रिकॉर्ड 125 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश कर रहा है। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि भारत की विकास गाथा में अमेरिका और देश के कॉरपोरेट समुदाय के लिए असीमित अवसर हैं। मोदी ने सभागार में मौजूद लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, ”आपके लिए, यह सबसे पहले और तेजी से आगे आकर लाभ उठाने का समय है।”
अमेरिका की राजकीय यात्रा समाप्त कर अपनी पहली यात्रा पर, मिस्र रवाना हुए मोदी
वाशिंगटन/नई दिल्ली, 24 जून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा के बाद अपनी पहली मिस्र यात्रा के लिए हुए रवाना हो गये है। श्री मोदी 24 से 25 जून तक मिस्र की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वह दोनों देशों के बीच संबंधों को सुदृढ़ करने तथा व्यापार एवं आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। श्री मोदी ने ट्वीट किया कि अमेरिका की बहुत विशेष यात्रा का समापन, दोनों देशों के बीच परस्पर रिश्तों की एक नई और गौरवशाली यात्रा आरंभ हुई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान कई कार्यकमों के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित विभिन्न नेताओं और व्यवसायियों से बातचीत का अवसर मिला। दोनों देश भविष्य में एक- दूसरे के साथ मिलकर काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस यात्रा से हमारे लोगों को लाभ होगा। मैं राष्ट्रपति बाइडेन और अमेरिकी लोगों को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।
मोदी ने पर्यावरण अनुकूल प्रयोगशाला में तैयार 7.5 कैरेट का हीरा जिल बाइडन को उपहार में दिया
वाशिंगटन, 22 जून: तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर अमेरिका आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन को कश्मीर के अति सुंदर पेपरमेशी के छोटे से बॉक्स में 7.5 कैरेट का हीरा उपहार में दिया है। इस हीरे को एक पर्यावरण हितैषी (ईको-फ्रेंडली) प्रयोगशाला में तैयार किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री के लिए एक रात्रिभोज की मेजबानी की। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की, उपहारों का आदान-प्रदान किया और भारत के विभिन्न क्षेत्रों के संगीत का लुत्फ उठाया। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा, ”भारत का हीरा! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर के उत्तम पेपरमेशी बॉक्स में रखे इस खूबसूरत पर्यावरण अनुकूल हीरे को अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन को उपहार में दिया।” हीरा पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि इसके निर्माण में सौर और पवन ऊर्जा जैसे संसाधनों का उपयोग किया गया है। हरित हीरे को अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके सटीकता और देखभाल के साथ गढ़ा गया है। यह प्रति कैरेट केवल 0.028 ग्राम कार्बन उत्सर्जित करता है और जेमोलॉजिकल लैब (रत्नविज्ञान प्रयोगशाला), आईजीआई (इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट) द्वारा प्रमाणित है। भारत, देश की प्रयोगशालाओं में विकसित हीरे (एलजीडी) के विनिर्माण को बढ़ावा दे रहा है और इसके लिए सरकार ने पिछले आम बजट में कुछ कदमों की घोषणा की थी। सरकार ने एलजीडी बीजों पर सीमा शुल्क को पांच प्रतिशत से हटाने की घोषणा की थी। इसने एलजीडी मशीनरी, बीज और नुस्खा के स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास को पांच साल के अनुसंधान अनुदान को भी मंजूरी दी। आईआईटी मद्रास में 5 वर्षों में 242.96 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ लैब-विकसित डायमंड (इनसेंट-एलजीडी) के लिए एक इंडिया सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव है। प्रयोगशाला में विकसित हीरे का उत्पादन दो प्रौद्योगिकियों के माध्यम से किया जाता है। इसमें उच्च दबाव उच्च तापमान (एचपीएचटी) और रासायनिक वाष्प जमाव (सीवीडी) शामिल है। भारत सीवीडी तकनीक का उपयोग करके इन हीरों का उत्पादन करने वाले प्रमुख उत्पादकों में से एक है।
मोदी ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मनाया योग दिवस
न्यूयार्क/नई दिल्ली, 21 जून: अमेरिका की यात्रा पर आये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अनेक बड़ी हस्तियों के साथ हिस्सा लिया। योगाभ्यास में हिस्सा लेने वालों में हंगरी के राजनयिक और संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77 वें सत्र के अध्यक्ष साबा कोरोसी, न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स, संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना जे मोहम्मद, लोकप्रिय हॉलीवुड अभिनेता और तिब्बत मामलों पर काम करने वाले रिचर्ड गेरे, डिजिटल दुनिया की हस्ती वला अफसार, कथावाचक जय शेट्टी, टी वी शो मास्टरशेफ इंडिया के विकास खन्ना, क्लाड कंम्पयूटिंग कंपनी वी एम वेयर के मुख्य परिचालन अधिकारी और अमेरिकी नौसेना के पूर्व कमांडर माइक हेज, योग प्रशिक्षक सुश्री कोलिन सेडमेन यी, रोडनी यी, डी डेमेन्स, विक्टोरिया गिब्स और आध्यात्मिक शिक्षक जान्हवी हेरिसन, भारतीय मूल की अमेरिकी गायिक फाल्गुनी शाह और ग्रेमी पुरस्कार से सम्मानित रिक्की केज, अमेरिकी अभिनेत्री और गायिका मेरी मिलबेन जैसी हस्तियां शामिल थीं। कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कार्यरत अनेक राजनयिक, अधिकारी, अमेरिका में भारतीय मिशनों में तैनात अधिकारी और भारतीय समुदाय के गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया। उल्लेखनीय है कि श्री मोदी पांच दिन की अमेरिका और मिस्र की यात्रा के पहले चरण में मंगलवार रात न्यूयाॅर्क पहुंचे थे। यहां से वह वाशिंगटन जायेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी आज संरा मुख्यालय में योग सत्र का नेतृत्व करेंगे
संयुक्त राष्ट्र, 21 जून (वेब वार्ता): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर एक ऐतिहासिक समारोह में अनोखे योग सत्र का नेतृत्व करेंगे, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी, दुनिया भर के राजदूत और गणमान्य व्यक्ति भाग लेंगे। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा जोड़ने, अपनाने और अंगीकार करने वाली परंपराओं को पोषित किया है। उन्होंने योग के माध्यम से विरोधाभासों, बाधाओं और प्रतिरोधों को खत्म करने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि भारतीयों ने हमेशा नये विचारों का स्वागत किया है, उन्हें संरक्षण दिया है और देश की समृद्ध विविधता का जश्न मनाया है। उन्होंने कहा, “योग हमारी अंतरदृष्टि को विस्तार देता है। योग हमें उस चेतना से जोड़ता है, जो हमें जीव मात्र की एकता का एहसास कराती है, जो हमें प्राणी मात्र से प्रेम का आधार देती है। इसलिए हमें योग के जरिये हमारे अंतरविरोधों को खत्म करना है, हमें योग के जरिये हमारे गतिरोधों और प्रतिरोधों को भी खत्म करना है। हमें ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को विश्व के सामने एक उदाहरण के रूप में पेश करना है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस इस साल खास है क्योंकि आर्कटिक से लेकर अंटार्कटिका तक, भारत के दो अनुसंधान केंद्र भी योग से जुड़ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर मोदी अपनी यात्रा के पहले चरण में न्यूयॉर्क में हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस वर्ष योग उत्सव एक बहुत ही ‘अनोखा अवसर’ होगा क्योंकि वह प्रधानमंत्री मोदी थे जिन्होंने यह दृष्टि दी थी और उनके नेतृत्व ने यह सुनिश्चित किया कि हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाए। कंबोज ने कहा, “इसलिए करीब नौ साल बाद, उस नजरिये को पेश करने वाला अवसर संयुक्त राष्ट्र में आया है।” उन्होंने कहा कि अब योग दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा अनिवार्य अवसर है। उन्होंने कहा, “इसलिए दूरदर्शी नेता और संयुक्त राष्ट्र दोनों का एक साथ आना…, मुझे लगता है अपने आप में बहुत अनूठा है”। उन्होंने कहा कि योग कार्यक्रम को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। कंबोज ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत उत्साह है। इसे लेकर बहुत दिलचस्पी है। मैं कहूंगी, प्राचीन भारतीय अभ्यास योग सभी सीमाओं को पार कर गया है और यह एक वैश्विक घटनाक्रम बन गया है।” कंबोज ने कहा “तथ्य यह है कि मंच पर योग करने वाले बच्चे बहुत ही अनोखे होंगे। कुल मिलाकर मुझे लगता है कि यह अपनी तरह का एक अनूठा आयोजन होने जा रहा है।” संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने योग दिवस के लिए अपने संदेश में कहा कि योग एकजुट करता है। उन्होंने कहा, “यह शरीर और मन, मानवता और प्रकृति और दुनिया भर में लाखों लोगों को एकजुट करता है, जिनके लिए यह शक्ति, सद्भाव और शांति का स्रोत है।” गुतारेस ने कहा, ”खतरनाक और विभाजित विश्व में, इस प्राचीन व्यायाम के लाभ खासतौर से कीमती हैं। योग शांति को आश्रय देता है, यह चिंता को कम कर सकता है और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है। यह अनुशासन तथा धैर्य विकसित करने में हमारी मदद करता है। यह हमें हमारी धरती से जोड़ता है जिसे हमारे संरक्षण की अदद आवश्यकता है।” योग सत्र 21 जून को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के विशाल उत्तरी उद्यान में चलेगा, जहां पिछले साल दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के तहत भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र के लिए उपहार स्वरूप महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। प्रधानमंत्री मोदी महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। यह प्रतिमा अब संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के उत्तरी उद्यान में “गर्व से सुशोभित” है जहां योग सत्र आयोजित किया जाएगा। ऐतिहासिक योग सत्र में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों, राजदूतों, दूतों, सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ वैश्विक और प्रवासी समुदाय के प्रमुख सदस्यों के भाग लेने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि 180 से अधिक देशों के लोग यहां प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाले योग दिवस समारोह में भाग लेंगे, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के लोगों समेत राजनयिक, कलाकार, शिक्षाविद और उद्यमी शामिल होंगे। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों, एजेंसियों और सदस्य राष्ट्रों ने कहा है कि वे ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ”उत्सुक” हैं।
प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क शहर पहुंचे, भव्य स्वागत किया गया
न्यूयॉर्क/नई दिल्ली, 21 जून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की अपनी राजकीय यात्रा के पहले चरण में मंगलवार देर रात न्यूयॉर्क शहर पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी का न्यूयॉर्क हवाई अड्डे पहुंचने पर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। हवाई अड्डे पर अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधु और संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने प्रधानमंत्री की अगवानी की। इस दौरान अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों प्रधानमंत्री के समर्थन में नारे लगाए और उनका भव्य स्वागत किया। श्री मोदी बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगे और प्रमुख सीईओ और अमेरिकी विचारक नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री ने न्यूयॉर्क पहुचने पर ट्वीट किया, “न्यूयॉर्क शहर पहुंच गया हूं। बुधवार (21 जून) को विभिन्न नेताओं के साथ बातचीत और योग दिवस कार्यक्रम सहित यहां के कार्यक्रमों की प्रतीक्षा कर रहा हूं।” श्री मोदी अमेरिकी विचारक नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में कहा, प्रधानमंत्री अमेरिका की पहली आधिकारिक राजकीय यात्रा पर हैं। श्री मोदी न्यूयॉर्क के जीवंत शहर में पहुंचे गए हैं।” गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी यहां पहुंचे है। श्री मोदी 24 जून तक अमेरिका रहेंगे और उसके बाद मिस्र के लिए रवाना होंगे।
राम के बिना नेपाल, सीता के बिना भारत अधूरा : मंत्री सुदन किरांती
काठमांडू, 20 जून: नेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयनमंत्री सुदन किरांती ने कहा है कि राम के बिना नेपाल और सीता के बिना भारत अधूरा है। नेपाल और भारत एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। किरांती ने नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आज लुंबिनी में आयोजित कार्यक्रम में यह टिप्पणी क। मंत्री किरांती की यह महत्वपूर्ण टिप्पणी तब आई है जब भारतीय फिल्म आदिपुरुष में सीता की जन्मभूमि के संवाद के कारण काठमांडू में भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। किरांती ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए यह जरूरी है कि उन मुद्दों पर विचार किया जाए जो परस्पर जुड़े हुए हैं और जिनका सम्मान किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ की भारत यात्रा ने नेपाल और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को फिर से स्थापित किया है। उन्होंने कहा योग मानव कल्याण का ज्ञान है। कार्यक्रम में नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव भी शामिल हुए।