पेरिस, 13 जुलाई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जुलाई (गुरुवार) को अपने दो दिवसीय दौरे के तहत फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंच गए हैं। पीएम का विमान पेरिस के ओरली हवाई अड्डे पर उतर गया है। आपको बता दें कि भारतीय समयानुसार शाम के करीब 7:30 बजे पीएम मोदी सीनेट पहुंचेंगे। इस दौरान वह सीनेट के अध्यक्ष गेराड लार्चर से मुलाकात करेंगे। पीएम एलिजाबेथ बोर्न ने किया पीएम मोदी का भव्य स्वागत एयरपोर्ट पर फ्रांस की पीएम एलिजाबेथ बोर्न ने पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। वहीं, फ्रांस की सेना ने पीएम मोदी के सम्मान में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान फ्रांस की सेना ने पहले भारत के राष्ट्रगान का धुन बजाया। इसके बाद, फ्रांस के राष्ट्रगान का धुन बजाया गया। भारतीय समुदाय ने लगाए ‘भारत माता की जय’ के नारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेरिस के होटल प्लाजा एथेनी पहुंचते ही होटल के बाहर भारी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग पीएम मोदी के स्वागत के लिए जमा हुए। हाथों में तिरंगा लेकर उन्होंने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए। पीएम मोदी करेंगे फ्रांसीसी राष्ट्रपति के साथ व्यापक चर्चा बता दें कि फ्रांस के लिए रवाना होने से पहले, पीएम मोदी ने कहा था कि वह लंबे समय से चली आ रही साझेदारी को आगे बढ़ाने पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति के साथ व्यापक चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय पेरिस यात्रा के दौरान रक्षा और अंतरिक्ष सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत-फ्रांस संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। क्या है पीएम मोदी का 14-15 जुलाई का कार्यक्रम? पीएम मोदी 14 जुलाई को पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ अतिथि के रूप में शामिल होंगे। आपको बता दें कि इस वर्ष दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ है। परेड के बाद प्रधानमंत्री फ्रांस की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष द्वारा आयोजित दोपहर के भोजन में शामिल होंगे। इसके बाद, वह पीएम मोदी फ्रांसीसी कंपनियों के सीईओ के साथ मुलाकात करेंगे। वहीं, फ्रांस से लौटते वक्त 15 जुलाई को पीएम मोदी यूएई जाएंगे। इस अहम यात्रा के दौरान वह यूएई के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से चर्चा करेंगे। यह यात्रा ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए बेहद खास मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल के अपने समकक्ष ‘प्रचंड’ की पत्नी के निधन पर शोक जताया
नई दिल्ली, 12 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को नेपाल के अपने समकक्ष पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ की पत्नी सीता दाहाल के निधन पर शोक जताया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। सीता लंबे समय से तंत्रिका तंत्र संबंधी एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थीं। 69 वर्षीय सीता ने बुधवार को काठमांडू के नॉर्विक इंटरनेशनल हॉस्पिटल में अंतिम श्वांस ली। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ”सीता दाहाल के निधन से बहुत दुखी हूं। मैं प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।”
अमेरिका में विमान दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत, एक घायल
सैन फ्रांसिस्को, 10 जुलाई : अमेरिका में पश्चिमी प्रांत कैलिफ़ोर्निया के सैन राफेल हवाई अड्डे पर शनिवार रात एक विमान दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रांत नेवादा के मिंडेन से रवाना हुआ, विमान रनवे की ओर आ रहा था उसी दौरान, विमान की टेल फिन बिजली के तारों से टकराकर पास में ही दलदल में दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। इसमें सवार दो व्यक्तियों में से एक की मौत हो गयी और एक गंभीर रूप से घायल हो गया। मैरिन काउंटी शेरिफ कार्यालय ने ट्वीट किया, “पायलट की हालत गंभीर है, जबकि उसके यात्री की मौत हो गई।”
मलेशिया के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री तथा रक्षा मंत्री से मिले राजनाथ
नई दिल्ली, 10 जुलाई : मलेशिया की यात्रा पर गये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को वहां के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के साथ अलग-अलग मुलाकात कर दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के बारे में विस्तार से बातचीत की। मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ कुआलालंपुर में मुलाकात के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह श्री इब्राहिम के सकारात्मक दृष्टिकोण तथा भारत- मलेशिया द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ बनाने की उनकी रूचि की सराहना करते हैं। श्री सिंह ने उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं भी दी। मलेशिया के रक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद श्री सिंह ने ट्वीट कर कहा, “रक्षा मंत्री मोहम्मद हसन के साथ कुआलालंपुर में बैठक अच्छी रही। हमने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के विभिन्न पहलुओं की विस्तार से समीक्षा की और भारत- मलेशिया रक्षा सहयोग के चौथे दशक के रोड़मैप पर चर्चा की।” दोनों नेताओं ने रक्षा उद्योग के क्षेत्र में सहयोग बढाने पर भी बातचीत की। दोनों मंत्रियों ने मलेशिया-भारत रक्षा सहयोग समिति की इस महीने भारत में होने वाली बैठक पर भी सहमति व्यक्त की। उन्होंने दोनों देशों के बीच 1993 में रक्षा क्षेत्र में सहयोग से संबंधित समझौता ज्ञापन में संशोधन को भी पत्रों का आदान प्रदान कर मंजूरी दी। श्री सिंह ने मलेशिया के विदेश मंत्री डा जम्बरी अब्दुल कादिर से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने परस्पर हित के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। दोनों देश भारत-मलेशिया सामरिक साझेदारी को और अधिक मजबूत बनाने के पक्षधर हैं। श्री सिंह मलेशिया की आधिकारिक यात्रा पर रविवार देर रात कुआलालंपुर पहुंचे थे जहां उन्हें पारंपरिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
बाइडेन ने यूक्रेन को कल्स्टर बम देने के फैसले का किया बचाव
वाशिंगटन, 08 जुलाई: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को कलस्टर बमों की आपूर्ति करने के अमेरिकी फैसले का यह कहते हुए बचाव किया है कि यह बेहद मुश्किल फैसला था, लेकिन यूक्रेन के पास लगातार हथियारों की कमी को देखते हुए यह मुश्किल फैसला लेना पड़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्थानीय मीडिया को दिये साक्षात्कार में कहा कि यूक्रेन को कल्स्टर बमों की आपूर्ति किये जाने के फैसले पर मुहर लगाने में काफी समय लगा, लेकिन युद्ध में यूक्रेन के पास गोला बारूद कम होता जा रहा था। इसी कारण से यह बेहद मुश्किल फैसला किया गया है और इससे पहले उन्होंने सहयागी देशों से भी बात की है। उन्होंने कहा कि नाटो का शिखर सम्मेलन लिथुआनिया में अगले सप्ताह होने जा रहा है। यूक्रेन के नेताओं ने इसे समय पर उठाया गया बड़ा कदम बताते हुए इसकी सराहना की, लेकिन मानवाधिकार समूहों और कुछ डेमोक्रेट्स ने इस फैसले की आलोचना की है। रूस ने भी अमेरिका के इस फैसले की आलोचना की है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने शुक्रवार की दैनिक व्हाइट हाउस ब्रीफिंग में कहा कि अधिकारी मानते हैं कि क्लस्टर हथियार बिना विस्फोट वाले बमों से नागरिक क्षति होने का खतरा पैदा करते हैं। उन्होंने कहा “यही कारण है कि हमने निर्णय को यथासंभव लंबे समय के लिए टाल दिया था, लेकिन अब यूक्रेन में हथियार और तोपें ख़त्म हो रहे हैं और उसे आपूर्ति के एक पुल की ज़रूरत है, जबकि अमेरिका घरेलू उत्पादन बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि हम युद्ध के दौरान किसी भी समय यूक्रेन को असहाय नहीं छोड़ेंगे।” विस्फोट की अनियंत्रित प्रकृति ने इस युद्ध सामग्री को लेकर विवाद पैदा किया है। कलस्टर बम लंबे समय तक बिना विस्फोट के जमीन पर पड़े रह सकते हैं और फिर अचानक से ही फट भी सकते हैं और इसी कारण यह लोगों के लिए खतरनाक हो गये हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका यूक्रेन की मदद को जो बम भेज रहा है वह बम उन बमों की तुलना में फिर भी बहुत हद तक सुरक्षित हैं जिनका इस्तेमाल रूस पहले से ही कर रहा है। दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की ओर से मार्टा हर्टाडो ने कल कहा, “इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल तुरंत बंद होना चाहिए और किसी भी स्थान पर इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।” यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की ने इस फैसले को बहुप्रतीक्षित बताते हुए सही समय पर सैन्य सहायता मुहैया कराने के लिए अमेरिका को धन्यवाद दिया है। खारकीव में क्लस्टर युद्ध सामग्री के व्यापक उपयोग के साक्ष्य रहे मानवाधिकार समूहों ने अमेरिका के इस निर्णय की आलोचना की, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि क्लस्टर युद्ध सामग्री संघर्ष समाप्त होने के लंबे समय बाद भी नागरिक जीवन के लिए एक गंभीर खतरा है। यूक्रेन को क्लस्टर हथियार भेजने के निर्णय पर कैपिटल हिल पर अमेरिकी सांसदों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है, कुछ डेमोक्रेट ने निर्णय को खतरनाक और एक भयानक गलती करार दिया है।
अमेरिका में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर गोलीबारी, 10 लोगों की मौत
वाशिंगटन, 05 जुलाई: अमेरिका में चार जुलाई को स्वतंत्रता दिवस की पुर्व संध्या पर फिलाडेल्फिया, बाल्टीमोर और फोर्ट वर्थ, टेक्सास में बड़े पैमाने पर हुई गोलीबारी की घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो गई। समाचार पत्र ‘डॉन’ ने बुधवार को अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी। यह अमेरिका में बंदूक-हिंसा को रोकने में दशकों पुरानी विफलता की याद तरोताजा करता है। पुलिस ने कहा कि फोर्ट वर्थ में एक स्थानीय कार्यक्रम के बाद हुई गोलीबारी की घटना में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि आठ अन्य लोग घायल हो गए। फिलाडेल्फिया में सोमवार शाम को बुलेट प्रूफ जैकेट पहने एक संदिग्ध ने लोगों पर गोलीबारी की जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। घायलों में एक बच्चा और एक किशोर भी शामिल है। इस घटनाओं से एक दिन पहले बाल्टीमोर में दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जबकि 28 अन्य घायल हो गए थे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने इन हमलों की निंदा की है और अमेरिका में बंदूक कानूनों को कड़ा करने का फिर से आह्वान किया है। व्हाइट हाउस द्वारा कल जारी एक बयान में बाइडेन ने कहा कि बंदूक हिंसा जैसी ‘महामारी’ से निपटने के लिए हमें और ज्यादा कार्रवाई करने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने कहा, “हमारा देश एक बार फिर दुखद और मूर्खतापूर्ण गोलीबारी की घटनाओं का शिकार हुआ है।” बाइडेन ने रिपब्लिकन सांसदों से सार्थक और सामान्य सुधारों पर बातचीत करने के लिए बैठक बुलाई है। अमेरिकी कांग्रेस में रिपब्लिकन सांसद प्रायः बंदूक सुरक्षा कानूनों में महत्वपूर्ण सुधार की कोशिशों को अवरुद्ध करते हैं और असॉल्ट हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के बाइडेन के दबाव का विरोध करते हैं। फिलाडेल्फिया की पुलिस आयुक्त डेनियल आउटलॉ ने कहा कि पुलिस एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान 40 वर्षीय व्यक्ति के रूप में हुई है। उसके पास से अन्य हथियारों के साथ एक असॉल्ट राइफल बरामद हुआ है। पुलिस ने कहा है कि वह बाल्टीमोर गोलीबारी की घटना में कई संदिग्धों की तलाश कर रही है। गोलीबारी की ताजा घटना पिछले वर्ष शिकागो के हाईलैंड पार्क में हुई गोलीबारी के लगभग एक वर्ष बाद हुई है, जहां स्वतंत्रता दिवस परेड में सात लोग मारे गए थे और 48 अन्य घायल हो गए थे। अमेरिका बड़ी संख्या में सामूहिक गोलीबारी और बंदूक हिंसा की घटनाओं का शिकार रहा है। गन वायलेंस आर्काइव द्वारा एकत्रित किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में 2023 में अब तक 340 से ज्यादा सामूहिक गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं।
स्वीडन में कुरान जलाने का पाकिस्तान में होगा सरकारी विरोध
इस्लामाबाद, 05 जुलाई: स्वीडन में ईद के मौके पर कुरान जलाए जाने को लेकर पाकिस्तान में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को पवित्र कुरान दिवस मनाने के साथ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि इस मसले पर संयुक्त संसदीय सत्र भी बुलाया जाएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में फैसला लिया गया है कि स्वीडन में कुरान के अपमान के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों समेत देश के हर हिस्से के लोगों से इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने का आग्रह किया है। शुक्रवार सात जुलाई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और सरकार उससे पहले छह जुलाई को संसद का संयुक्त सत्र बुलाएगी। बैठक में तय हुआ कि पाकिस्तान संसद पवित्र कुरान के अपमान की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित करेगी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पार्टी को पवित्र कुरान दिवस में भाग लेने और देशव्यापी रैलियों के आयोजन का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया में कुछ लोग इस्लाम के खिलाफ आग भड़काने की एक भयावह योजना बना रहे थे। पवित्र कुरान की पवित्रता मुसलमानों को एकजुट करती है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि जो नेता देश में शांति और सह-अस्तित्व को महत्व देते हैं, उन्हें नस्लवाद और इस्लामोफोबिया से प्रेरित विनाशकारी ताकतों को दबाना चाहिए। उन्हें धार्मिक पूर्वाग्रहों से ग्रस्त हिंसक ताकतों पर अंकुश लगाना चाहिए। दरअसल, स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में एक व्यक्ति ने ईद के मौके पर खुले आम मुस्लिम समाज के धर्मग्रंथ कुरान को जला दिया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पाकिस्तान, तुर्की, सऊदी अरब, मोरक्को, इराक और ईरान सहित कई देशों ने कड़ी निंदा की थी। इसे लेकर स्वीडन की सरकार भी कठघरे में है, क्योंकि संबंधित व्यक्ति को सरकार से कुरान के विरोध की अनुमति मिली थी।
सऊदी अरब में बिना अनुमति के हज यात्रा करने वाले 17 हजार से अधिक लोग हिरासत में
रियाद, 03 जुलाई: सऊदी अरब की पुलिस ने यहां के अधिकारियों की अनुमति के बिना हज यात्रा करने का प्रयास करने वाले 17 हजार से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। एसपीए ने बताया कि सऊदी सुरक्षा बलों ने हज के लिए आवश्यक कानूनी मंजूरी के बिना यात्रा कर रहे करीब 17,615 लोगों को हिरासत में लिया, इनमें से 9,509 लोगों ने निवास, कार्य और सीमा सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन किया। एजेंसी ने बताया कि तीर्थयात्रियों को बिना अनुमति के हज स्थलों तक ले जाने के आरोप में अन्य 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह, 20 लाख से अधिक लोगों ने हज किया, जो मुसलमानों के सबसे पवित्र शहर मक्का की वार्षिक इस्लामी तीर्थयात्रा है। एजेंसी के अनुसार, कोरोनावायरस के बाद से यह पहली बार है, जब सऊदी अधिकारियों ने इतनी बड़ी संख्या में लोगों को हज करने की अनुमति दी।
फ्रांस में हिंसा के बीच सत्रह वर्षीय नाहेल को दफनाया गया, अब तक तीन हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार
पेरिस, 02 जुलाई : फ्रांस में अल्जीरियाई मूल के सत्रह वर्षीय नाहेल की पुलिस गोली से हुई मौत के विरोध में समूचा फ्रांस सुलग रहा है। धरना, आगजनी और प्रदर्शन जारी रहा है। हिंसा से घिरे फ्रांस में पांचवीं रात सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच शनिवार (फ्रांस के समयानुसार) को नाहेल को पेरिस के उपनगर नान्टेरे में दफना दिया गया। अंतिम संस्कार में उसकी मां और दादी के साथ सैकड़ों लोग शांतिपूर्वक शामिल हुए। दोपहर के समय नान्टेरे की मस्जिद में एक समारोह हुआ और क्षेत्र के विशाल मोंट वेलेरियन कब्रिस्तान में अंत्येष्टि हुई। हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रविवार से प्रस्तावित अपनी जर्मनी यात्रा स्थगित कर दी है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों शुक्रवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय नेताओं की बैठक छोड़कर स्वदेश लौटे। अब तक फ्रांस में 3000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है। स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए 45,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी सड़कों पर हैं। इस हालात के मद्देनजर ब्रिटेन ने अपने नागरिकों से कहा है वह फ्रांस की यात्रा न करें।
किशोर हत्याकांड को लेकर फ्रांस में उग्र प्रदर्शन जारी, 270 लोग हिरासत में
पेरिस, 01 जुलाई: फ्रांस में पेरिस के उपनगर नैनटेरे में गत मंगलवार को यातायात नियमों का उल्लंधन करने के आरोप में पुलिस अधिकारी द्वारा किशोर कार चालक की गोली मारकर हत्या किये जाने के बाद से देश भर में उग्र प्रदर्शन जारी है और अबतक 270 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। श्री डमैंनिन ने कल रात टि्वटर पर कहा कि फिलहाल 270 लोग पहले से ही हिरासत में है जिसमें से 80 से ज्यादा से देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य मार्सैय में हैं। वहां पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल पहुंच रहे हैं। उन्होंने टीएफ1 टीवी को बताया कि विशेष इकाइयों सहित 45,000 से अधिक कानून प्रवर्तन अधिकारी फ्रांस में दंगों के खिलाफ लड़ाई में शामिल हैं। जबकि देश में उग्र प्रदर्शनों के पहले तीन दिनों में 300 से अधिक पुलिस अधिकारी घायल हुए। रेडिया नेटवर्क ‘फ्रांस इन्फो’ ने शनिवार को एक सरकारी सूत्र के हवाले से खबर दी कि देश में जारी अशांति के बीच प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने सभी कैबिनेट मंत्रियों से पेरिस लौटने और वहीं रहने का आग्रह किया है। श्री डर्मैनिन ने पेरिस के अधिकारियों से दंगे कम होने तक स्थानीय समयानुसार 21:00 बजे (19:00 जीएमटी) से आतिशबाजी, पेट्रोल कनस्तरों और अन्य रासायनिक और अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थों की बिक्री और परिवहन पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने को कहा।. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने फ्रांस में पुलिस अधिकारी द्वारा किशोर की हत्या के बाद फ्रांसीसी सरकार से ‘कानून प्रवर्तन में नस्लवाद और भेदभाव की गहरी समस्याओं को गंभीरता से लेने का कल आग्रह किया। उल्लेखनीय है कि मंगलवार सुबह पेरिस के उपनगर नैनटेरे में यातायात नियमों का उल्लंधन पर एक पुलिस अधिकारी ने कार चालक नाहेल एम. (17) को गोली मार दी थी, जिसकी बाद में मौत हो गयी। इस घटना के बाद पूरे देश में दंगे भड़के उठे। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ झड़प की और सार्वजनिक भवनों और वाहनों में आग लगा दी। इस दौरान सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। आरोपी पुलिस अधिकारी हिरासत में है।