नई दिल्ली/हिरोशिमा, 21 मई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन में अन्य नेताओं के साथ शांति स्मारक संग्रहालय का दौरा किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने संग्रहालय में आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए। श्री मोदी सहित सभी नेताओं ने परमाणु बम के पीड़ितों के लिए बने स्मारक पर श्रद्धासुमन भी अर्पित किये। बाद में श्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “आज सुबह हिरोशिमा में शांति स्मारक संग्रहालय और हिरोशिमा शांति स्मारक पार्क गया।” यह स्मारक एवं संग्रहालय द्वितीय विश्व युद्ध में छह अगस्त 1945 में हिरोशिमा पर परमाणु बम हमले में जान गंवाने वाले लोगों की याद में बनाया गया है। यह संग्रहालय फरवरी 1951 में बना है।
जी-7 शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन और फ्रांस के राष्ट्रपति से मिले
हिरोशिमा/नई दिल्ली, 20 मई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर ज़ेलेन्स्की से द्विपक्षीय मुलाकात की और रूस यूक्रेन के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत एवं कूटनीतिक प्रयासों को भारत का समर्थन एवं यूक्रेन के लोगों को मानवीय सहायता देने की बात दोहरायी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने यहां श्री ज़ेलेन्स्की के मुलाकात के बाद ट्वीट किया, “हिरोशिमा में राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की से मुलाकात की। हमने आगे का रास्ता खोजने के लिए बातचीत और कूटनीति के लिए भारत के स्पष्ट समर्थन से अवगत कराया। हम यूक्रेन के लोगों को मानवीय सहायता देना जारी रखेंगे।” श्री मोदी ने उन्हें 14 जुलाई को बैस्टिल दिवस के लिए सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के लिए राष्ट्रपति श्री मैक्रों को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के लिए फ्रांस के समर्थन के लिए भी राष्ट्रपति श्री मैक्रों का आभार जताया।
बांग्लादेश-म्यांमा के तटों से टकराया चक्रवात ‘मोचा’, 5 लाख से अधिक लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए गए
नई दिल्ली, 15 मई: भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोचा’ रविवार को बांग्लादेश और म्यामां के तटीय इलाकों पर पहुंच गया. इससे पहले यह पांचवीं श्रेणी के भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो चुका था. इसके चलते दक्षिण-पूर्वी तटीय क्षेत्रों में व्यापक नुकसान हुआ है और निचले इलाकों में पांच लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. मोचा तूफान, बांग्लादेश और म्यांमा को विभाजित करने वाली नाफ नदी के जरिए आगे बढ़ते हुए टेकनाफ तटरेखा पर दोपहर के समय टकराया. बांग्लादेश के मौसम विभाग के प्रवक्ता ए.के.एम. नजमुल हुदा ने से कहा, ”चक्रवात का केंद्रबिंदु अपने अनुमानित समय से पहले आज दोपहर के कुछ ही देर बाद नाफ नदी से होते हुए टेकनाफ तटरेखा पर पहुंच गया.” उन्होंने कहा कि बेहद खतरनाक मानी जाने वाली पांचवीं श्रेणी के चक्रवात के रूप में वर्गीकृत मोखा को तटरेखा पार करने में और समय लग सकता है. तेज हवाओं के चलते टेकनाफ और सेंट मार्टिन द्वीप में कई पेड़ उखड़ गए और कई घरों की छतें क्षतिग्रस्त हो गईं. टेकनाफ और सेंट मार्टिन द्वीप कॉक्स बाजार-टेकनाफ प्रायद्वीप के छोर से लगभग नौ किमी दक्षिण में स्थित है. बंगाल की खाड़ी में स्थित आठ वर्ग किलोमीटर के द्वीप सेंट मार्टिन में तेज हवाएं चलने के साथ भारी बारिश हुई. बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी कॉक्स बाज़ार के टेकनाफ उप-जिले के प्रशासनिक प्रमुख मोहम्मद कमरुज्जमां ने कहा कि टेकनाफ और बंगाल की खाड़ी के पास इसके दक्षिणी भाग शाहपोरी डिप में 200 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से हवाएं चल रही हैं. टेकनाफ म्यांमा के पास है और यह नाफ नदी के जरिए उत्तरी म्यांमा के तटों से अलग होता है. कमरुज्जमां ने कहा, ”हवा के बहुत तेज वेग के कारण मौसम भयावह है, लेकिन अभी तक बड़े पैमाने पर लहरें नहीं उठी हैं.” मौसम अधिकारियों ने कहा कि नाफ नदी में फिलहाल ऊंची लहरें उठ रही हैं जो पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई थीं और शाम 5 बजे (स्थानीय समय) तक जारी रहेंगी. चक्रवात के कारण भारी बारिश हो रही है और तेज हवाएं चल रही हैं. इससे बंगाल की खाड़ी के आसपास के इलाकों में खतरनाक बाढ़ आ सकती है. तूफान बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी सीमावर्ती कॉक्स बाजार जिले से टकराया, जहां दस लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं. मौसम विभाग की ओर से जारी ताज़ा बुलेटिन के मुताबिक, हवा के कारण सामान्य से आठ से 12 फुट ऊपर की लहरें उठने से कॉक्स बाजार और चटगांव के निचले इलाकों में पानी भर सकता है. ‘बीडीन्यूज़24.कॉम’ की खबर के मुताबिक सामान्य से पांच से सात फुट ऊंची लहरें उठने से फेनी, नोआखली, लक्ष्मपुर, चांदपुर और भोला के निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि ‘मोचा’ लगभग दो दशकों में बांग्लादेश में आये सबसे शक्तिशाली चक्रवातों में से एक है. श्रेणी चार का चक्रवात श्रेणी-पांच तूफान के बराबर तीव्र हो गया है. लगभग पांच लाख लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है. तूफान से निपटने की तैयारी के तौर पर बांग्लादेश ने प्रभावित क्षेत्र के पास के हवाई अड्डों को बंद कर दिया है और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है. अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और सहायता कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कई टन सूखे खाद्य पदार्थ की व्यवस्था की है और रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में दर्जनों एंबुलेंस और मोबाइल मेडिकल दलों को तैयार रखा है. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी, विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने चेतावनी दी है कि चक्रवात के कारण बांग्लादेश और म्यांमा के तटों के आसपास भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन होगा. हालांकि, बांग्लादेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक मोहम्मद अज़ीज उर रहमान ने कहा कि बांग्लादेश के लिए खतरा कम हो गया है. उन्होंने कहा कि म्यांमा और उसके दक्षिणी क्षेत्र के लिए खतरा ज्यादा हो सकता है. ‘मोचा’ चक्रवात के रविवार को बांग्लादेश तथा म्यांमा के तटीय इलाकों से टकराने के बाद पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों के तटीय इलाकों में आपदा मोचन बल के कर्मी सतर्कता बरत रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि गोताखोरों सहित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) कर्मियों के सात समूहों को पूर्व मेदिनीपुर जिले में दीघा-मंदारमणि तटीय क्षेत्र में तैनात किया गया है, क्योंकि समुद्र में तेज लहरें उठ रही हैं. उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन समूह के 100 से अधिक कर्मियों को दक्षिण 24 परगना जिले के बक्खली समुद्र तट पर तैनात किया गया है, ताकि पर्यटकों और स्थानीय लोगों की आवाजाही पर नजर रखी जा सके. एनडीआरएफ टीम के सदस्य विकास साधु ने कहा, “हम पर्यटकों को समुद्र के पास जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जहां तेज लहरें उठ रही हैं. हम समुद्र तट पर आवाजाही को नियंत्रित कर रहे हैं. हमें अगले कुछ घंटों के लिए सतर्क रहने को कहा गया है.” दोनों जिलों में आपात स्थिति के दौरान तटीय क्षेत्रों के निवासियों को निकालने की व्यवस्था की गई है. इस बीच, पोर्ट ब्लेयर से मिली खबर में कहा गया है कि चक्रवात मोचा ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में दस्तक नहीं दी, जहां आपदा के संभावित प्रभाव को कम करने के लिए पर्याप्त एहतियाती उपाय किए गए थे. अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में पिछले कुछ दिन से जनजीवन अस्त-व्यस्त है क्योंकि चक्रवात के मद्देनजर प्रशासन ने मछली पकड़ने, पर्यटन और मुख्य भूमि से जहाजों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.
चक्रवात ‘मोखा’ बांग्लादेश व म्यांमा के तटीय इलाकों से टकराना शुरू किया
ढाका, 14 मई : चक्रवात ‘मोखा’ ने बांग्लादेश और म्यांमा के तटीय इलाकों से रविवार को टकराना शुरू कर दिया। इससे पहले यह तीव्र होकर श्रेणी पांच के तूफान के जैसा हो गया था। चक्रवात के कारण भारी बारिश हो रही है और 195 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। इससे बंगाल की खाड़ी के आसपास के इलाकों में खतरनाक बाढ़ आ सकती है। इस तरह की आशंकाएं हैं कि तूफान बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी सीमावर्ती कॉक्स बाजार जिले को प्रभावित कर सकता है जहां दस लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं। मौसम विभाग की ओर से जारी ताज़ा बुलेटिन के मुताबिक, चक्रवात कॉक्स बाजार से 250 किलोमीटर दूर है और अब तट को पार कर रहा है। बुलेटिन के अनुसार पूर्वानुमान था कि यह रविवार दोपहर को भारी बारिश और हवाओं के साथ दस्तक देगा। हवा के कारण सामान्य से आठ से 12 फुट ऊपर की लहरे उठने से कॉक्स बाजार और चटगांव के निचले इलाकों में पानी भर सकता है। ‘बीडीन्यूज़24.कॉम’ की खबर के मुताबिक सामान्य से पांच से सात फुट ऊंची लहरें उठने से फेनी, नोआखली, लक्ष्मपुर, चांदपुर और भोला के निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि ‘मोखा’ लगभग दो दशकों में बांग्लादेश में आये सबसे शक्तिशाली चक्रवातों में से एक है। श्रेणी चार का चक्रवात श्रेणी-पांच तूफान के बराबर तीव्र हो गया है।लगभग 500,000 लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है। तूफान से निपटने की तैयारी के तौर पर बांग्लादेश ने प्रभावित क्षेत्र के पास के हवाई अड्डों को बंद कर दिया, मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है। अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और सहायता कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कई टन सूखे खाद्य पदार्थ की व्यवस्था की है और रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में दर्जनों एंबुलेंस और मोबाइल मेडिकल दलों को तैयार रखा है। लोगों और अधिकारियों को आशंका है कि ‘मोखा’ की वजह से ऊंची लहरें उठ सकती हैं जिससे बाढ़ आ सकती है और भूस्खलन हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी, विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने चेतावनी दी है कि चक्रवात बांग्लादेश और म्यांमा के तटों के आसपास भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन का कारण बनेगा। हालांकि, बांग्लादेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक मोहम्मद अज़ीज-उर-रहमान ने कहा कि बांग्लादेश के लिए खतरा कम हो गया है। उन्होंने कहा कि म्यांमा और उसके दक्षिणी क्षेत्र के लिए खतरा ज्यादा हो सकता है।
एलन मस्क ने किया ट्विटर के सीईओ पद छोड़ने का ऐलान , लिंडा याकारिनो हो सकती है नई सीईओ!
नई दिल्ली, 12 मई : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को नया मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मिल गया है। एलन मस्क ने देर रात ट्विटर के सीईओ का पद छोड़ने का ऐलान किया, लेकिन नए सीईओ के नाम का खुलासा नहीं किया। हालांकि, वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक एनबीसी यूनिवर्सल टॉप एडवरटाइजिंग सेल्स एग्जीक्यूटिव लिंडा याकारिनो ट्विटर की नई सीईओ हो सकती हैं। ट्विटर प्रमुख ने बिना नाम लिए ट्विटर के नए सीईओ नियुक्ति किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वो छह हफ्तों में अपना काम शुरू करेंगी। एलन मस्क ने ट्वीट किया कि वे अब ट्विटर के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी के तौर पर काम करेंगे। दरअसल, मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद लंबे समय से ट्विटर के लिए नए सीईओ की तलाश में थे। उल्लेखनीय है कि एलन मस्क ने 27 अक्टूबर, 2022 को 44 बिलियन डॉलर में ट्विटर खरीदा था। इसके बाद मस्क ने कंपनी के चार टॉप ऑफिशियल्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इनमें सीईओ पराग अग्रवाल, फाइनेंस चीफ नेड सेगल, लीगल एग्जीक्यूटिव्स विजया गड्डे और सीन एडगेट शामिल थे। मस्क अभी तक ट्विटर के 7,500 एम्प्लॉइज में से 50 फीसदी से ज्यादा कर्मचारियों को निकाल चुके हैं।
चक्रवाती तूफान ‘मोखा’ से निपटने के लिए बांग्लादेश, म्यांमा तैयार
ढाका, 12 मई : बांग्लादेश और म्यांमा में अधिकारियों ने शुक्रवार को तटीय इलाकों से हजारों लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न शक्तिशाली चक्रवाती तूफान ‘मोखा’ के मद्देनजर उन्हें तटीय इलाकों से दूर रहने की चेतावनी दी है। भारत के मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि रविवार को 160 किलोमीटर प्रति घंटे और बांग्लादेश के कॉक्स बाजार तथा म्यांमा में क्यौकप्यू के बीच 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। बांग्लादेश 16 करोड़ लोगों की आबादी वाला देश है जहां बाढ़ एवं चक्रवातों जैसी प्राकृतिक आपदाएं अक्सर आती हैं। बांग्लादेश सरकार के प्रशासक मुहम्मद शाहीन इमरान ने कहा कि चक्रवात के मद्देनजर शनिवार को करीब 500,000 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए जाने की संभावना है और प्रभावित लोगों के लिए 576 शिविर बनाए गए हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग में वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेंद्र कुमार जेनामणि ने कहा, ‘‘उत्तर हिंद महासागर से उठा इस साल यह पहला चक्रवात है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह चक्रवात भीषण है और इससे लाखों मछुआरों एवं तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के प्रभावित होने की आशंका है।’’ मई 2008 में चक्रवात ‘नरगिस’ से म्यांमा का दक्षिण पश्चिम अय्यरवाडी या इरावडी क्षेत्र प्रभावित हुआ था और इरावडी नदी तट के आसपास के इलाकों में भारी तबाही मची थी। इस आपदा के कारण कम से कम 138,000 लोगों की मौत हुई थी और हजारों मकान एवं इमारतें बह गए थे। म्यांमा में मौसम विज्ञान एवं जल विज्ञान विभाग में निदेशक ह्ला तुन ने कहा कि अधिकारियों ने तटीय इलाकों में लोगों को संभावित बाढ़ एवं भूस्खलन को लेकर आगाह किया है और आवश्यक वस्तुओं का भंडारण करने की सलाह दी है। सरकारी ‘ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमा ’ के शुक्रवार को प्रकाशित अंक में आपात प्रबंधन, बचाव, प्रतिक्रिया, सहयोग, तैयारी और विभिन्न क्षेत्रों में पुनर्वास प्रक्रिया के लिए अभ्यास के बारे में खबरें प्रकाशित की गई हैं। खबरों के अनुसार, रखाइन राज्य के पश्चिमी तट के पास रह रहे हजारों लोगों को सामाजिक कार्यकर्ताओं और बचाव संगठनों द्वारा वहां से हटाए जाने की संभावना है। इस क्षेत्र से तूफान के गुजरने की आशंका है। बांग्लादेश सरकार के प्रशासक मुहम्मद शाहीन इमरान ने कहा कि बांग्लादेश में नियंत्रण कक्ष चक्रवात प्रभावित इलाकों में किसी भी आपात सहायता के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि तीन तटों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी-7 की बैठक में हिस्सा लेने, दिवसीय दौरे पर जापान पहुंचीं
टोक्यो/नई दिल्ली, 11 मई: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी-7 की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर सुबह जापान पहुंची। जापान और मार्शल आईलैंड के भारतीय राजदूत सिबी जार्ज ने सीतारमण का टोक्यो के हनेडा हवाईअड्डे पर स्वागत किया। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को ट्वीट कर दी जानकारी में बताया कि सीतारमण दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं। वित्त मंत्री को जापान के निगाता में होने वाली जी-7 समूह के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक में शामिल होंगी। मंत्रालय के मुताबिक इस बैठक में भारत को भी आमंत्रित किया गया है। मंत्रालय के मुताबिक अपनी जापान यात्रा के दौरान सीतारमण अन्य देशों के वित्त मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों में भाग लेंगी। इसके साथ ही वह कारोबारियों और निवेशकों की गोलमेज बैठक में भी शामिल होंगी। इस दौरान सीतारमण टोक्यो में निवेशकों और उद्योग जगत के लोगों को भी संबोधित करेंगी। इसके अलावा वह वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक में ‘कल्याण के लिए आर्थिक नीति’ पर एक संगोष्ठी को संबोधित करेंगी। उल्लेखनीय है कि जी-7 दुनिया के 7 प्रमुख औद्योगिक देशों कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका का मंच है।
पाकिस्तान : इमरान खान के करीबी पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी गिरफ्तार
इस्लामाबाद, 11 मई(वेब वार्ता) : पाकिस्तान में हिंसा के बीच पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहायक एवं पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को पुलिस ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। इस हिंसा में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गयी है तथा देश की राजधानी और तीन प्रांतों में सेना बुलानी पड़ी है। कुरैशी की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी द्वारा ट्विटर पर साझा किए गये एक वीडियो में सादे कपड़ों में कुछ लोग उन्हें ले जाते हुए दिखे और वह हिरासत में लिए जाने वाले स्थान से रवाना होने से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर हाथ हिलाते हुए नजर आए। पीटीआई ने दावा किया कि इस्लामाबाद पुलिस ने बृहस्पतिवार तड़के 66 वर्षीय कुरैशी को गिरफ्तार किया तथा उन्हें एक ‘‘अज्ञात स्थान’’ पर ले जाया गया है। उनकी गिरफ्तारी से दो दिन पहले मंगलवार को इमरान खान को अर्धसैनिक बलों ने उस समय गिरफ्तार कर लिया था जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में मौजूद थे। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के आदेश पर मंगलवार को अर्द्धसैनिक बल ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के एक कक्ष में घुस कर खान (70) को हिरासत में ले लिया था। बुधवार को एक भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने 70 वर्षीय खान को आठ दिन की रिमांड में भेज दिया। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री खान को भ्रष्टाचार के मामले में अदालत परिसर से नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किए जाने के बाद देशभर में व्यापक पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हुए जिसमें कम से कम आठ लोगों की मौत हो गयी तथा प्रदर्शनकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच झड़पों में करीब 300 अन्य लोग घायल हो गए। हिंसा के कारण प्राधिकारियों को बुधवार को राजधानी इस्लामाबाद के साथ ही पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना को तैनात करना पड़ा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को राष्ट्र के नाम दिए संबोधन में अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तारी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री खान के समर्थकों द्वारा किए गए हिंसक विरोध प्रदर्शनों की निंदा की और प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने की चेतावनी दी। प्रधानमंत्री ने कहा, “सार्वजनिक संपत्ति पर हमला आतंकवाद और देश के प्रति शत्रुता का कार्य है।” उन्होंने कहा कि कानून को अपने हाथ में लेने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। खबरों के अनुसार, लाहौर तथा पेशावर में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं और वहां आगजनी तथा गोलीबारी की घटनाएं हुईं। पाकिस्तानी सेना ने अपने प्रतिष्ठानों पर हमले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों को “कड़ा जवाब” देने की चेतावनी दी और कहा कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। साथ ही, उसने नौ मई को उसके प्रतिष्ठानों पर हमलों को देश के इतिहास का ‘काला अध्याय’ करार दिया। इसके कुछ घंटों बाद शरीफ ने देश को संबोधित किया। खान के समर्थकों ने मंगलवार को सेना के जनरल मुख्यालय और कई अन्य सैन्य संपत्तियों और प्रतिष्ठानों पर धावा बोला। उन्होंने सैन्य वाहनों और प्रतिष्ठानों पर हमला किया और लाहौर कोर कमांडर के आवास में आग लगा दी। सेना की मीडिया शाखा अंतर सेवा जनसंपर्क (आईएसपीआर) ने कहा, “हम किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने देंगे।” आईएसपीआर ने कहा कि एक तरफ ये बदमाश अपने ‘सीमित और स्वार्थी उद्देश्यों’ को हासिल करने के लिए देश की भावनाओं को भड़काते हैं और दूसरी तरफ लोगों को धोखा देते हैं। उसने कहा कि यह पाखंड की एक मिसाल है। पीटीआई ने खान को रिहा करने तक प्रदर्शन जारी रखने की घोषणा की है। ‘डॉन’ अखबार में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, पीटीआई ने आईएसपीआर के बयान का खंडन जारी करते हुए इसे ‘‘तथ्यों से परे’’ और ‘‘जमीनी हकीकत की खराब समझ पर आधारित’’ बताया। पुलिस ने पीटीआई के एक अन्य शीर्ष नेता फवाद चौधरी को भी उच्चतम न्यायालय की इमारत से बाहर निकलते वक्त बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था। वह गिरफ्तारी से संरक्षण के लिए अदालत पहुंचे थे। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने पाकिस्तान में शांति की अपील की है। इस्लामाबाद पुलिस ने महानिरीक्षक (आईजी) अकबर नासिर इमरान के हवाले से एक संक्षिप्त बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि इमरान को उस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें आरोप है कि बहरिया टाउन ने पीटीआई अध्यक्ष एवं उनकी पत्नी बुशरा बीबी के स्वामित्व वाले अल-कादिर ट्रस्ट को 53 करोड़ रुपये की जमीन आवंटित की थी।
यौन उत्पीड़न और मानहानि केस में डोनाल्ड ट्रंप दोषी करार, अदालत ने लगाया 50 लाख डॉलर जुर्माना
न्यूयॉर्क, 10 मई (वेब वार्ता): अमेरिका में मैनहट्टन फैडरल ज्यूरी ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को वर्ष 1996 में स्तंभकार ई. जीन कैरल का यौन उत्पीड़न और उनकी मानहानि करने का दोषी पाया है। अदालत ने ट्रंप पर 50 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया है। अदालत का यह फैसला 2024 के राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में ट्रंप की उम्मीदवारी की कोशिश को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, अदालत ने कहा कि कैरल यह साबित करने में विफल रहीं कि ट्रंप ने उनके साथ बलात्कार किया था। कैरल ने आरोप लगाया था कि पूर्व राष्ट्रपति ने मैनहैट्टन के एक डिपार्टमेंटल स्टोर में उनसे दुष्कर्म किया था। ट्रंप द्वारा इन आरोपों को ‘‘झूठ’’ करार देने से संबंधित वीडियो जारी करने के बाद कैरल ने पूर्व राष्ट्रपति पर उनकी मानहानि करने का दावा किया था। कैरल (79) ने अदालत के इस फैसले को अपनी जीत करार दिया है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मैंने अपना जीवन वापस पाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ ये मुकदमा किया था। आज, सच दुनिया के सामने आ चुका है।’’ कैरल ने कहा, ‘‘यह जीत सिर्फ मेरे लिए नहीं बल्कि हर उस महिला के लिए है जिसने दुख झेला है क्योंकि उस पर विश्वास नहीं किया गया।’’ कैरल का हवाला देते हुए ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘मुझे बिल्कुल नहीं पता कि यह महिला कौन है। यह फैसला शर्मनाक है।’’ अदालती सुनवाई पर सवाल खड़ा करते हुए ट्रंप ने आरोप लगाया, ‘‘ट्रंप से नफरत करने वाले, क्लिंटन द्वारा नियुक्त न्यायाधीश से आप और क्या उम्मीद कर सकते हैं।’’ पूर्व राष्ट्रपति के वकील ने अदालत के बाहर कहा कि ट्रंप फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। गौरतलब है कि ट्रंप ने अलग-अलग महिलाओं द्वारा खुद पर लगाए गए यौन उत्पीड़न और यौन दुर्व्यवहार के आरोपों को लगातार खारिज किया है। उनका दावा है कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और उनकी छवि खराब करने की साजिश हैं, ताकि वह व्हाइट हाउस की दौड़ में न शामिल हो पाएं।
पाकिस्तान में इमरान की गिरफ्तारी के बाद ,पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प
कराची, 10 मई (वेब वार्ता): पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री एवं तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान की इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के बाहर मंगलवार को हुई गिरफ्तारी के बाद पूरे देश में अनेक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। पुलिस ने कराची, लाहौर और फैसलाबाद में विरोध प्रदर्शन कर रहे श्री इमरान के समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए आसूं गैस के गोले दागे और पानी की तेज बौछार की। पीटीआई कार्यकर्ताओं ने पार्टी की ओर से श्री इमरान की गिरफ्तारी के विरोध में पाकिस्तान बंद का आह्वान करने के बाद चारसद्दा, कराची, लाहौर और अन्य शहरों में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिस की गाड़ियों को आग लगा दी। पीटीआई ने ट्विटर पर लिखा,“पाकिस्तान के लोगों यह आपका समय है। श्री इमरान हमेशा आपके लिए खड़े रहे हैं। अब उनके लिए खड़े होने का समय है।” इससे पहले श्री इमरान की गिरफ्तारी के प्रयास के वक्त उनके समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुईं थी। मिष्ठान स्टोर के मालिक हनीफ ने स्थानीय मीडिया से कहा, “श्री इमरान खान हमारी ‘रेड लाइन’ हैं। उनको एक खरोंच आना भी हमें बर्दाश्त नहीं है। हम अपनी जान दे देंगे लेकिन इमरान को आजाद करवा कर रहेंगे।” प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद श्री इमरान के विरुद्ध कई मामले दर्ज किये गये हैं। सामरिक विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान की सरकारें लगातार अपने विरोधियों को चुप कराती रही हैं। श्री इमरान को इन मामलों में दोषी करार दिया जाता है तो इस वर्ष पाकिस्तान में होने वाले चुनावों में वह शिरकत नहीं कर पायेंगे।