हमास के हमले के बाद इजरायली प्रधानमंत्री ने जवाबी कार्रवाई का लिया संकल्प

जेरूसलम, 08 अक्टूबर: इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) के रॉकेट और घुसपैठ हमले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। शनिवार शाम को एक टेलीविजन संबोधन में, इजरायली नेता ने उस दिन को इजरायल के इतिहास में एक गंभीर क्षण बताया और कहा कि उनका देश “बदला लेगा” और हमास के आतंकवादियों को हराएगा। उन्होंने कहा, “इज़राइल रक्षा बल हमास की क्षमताओं को नष्ट करने के लिए तुरंत अपनी सारी शक्ति का उपयोग करेंगे।” समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे दिन नेतन्याहू व्यापक विचार-विमर्श में लगे रहे। एक आश्चर्यजनक हमले में, शनिवार तड़के से हमास द्वारा इज़राइल पर लगभग 3,000 रॉकेट दागे गए। जैसा कि इज़रायली अधिकारियों ने पुष्टि की है, हमास ने कुछ इज़रायली नागरिकों और सैनिकों को भी बंधक बना लिया है। जवाब में, इजरायली सेना ने दिन भर में गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर दर्जनों हवाई हमले किए। उन्होंने इज़रायली नागरिकों को आगाह किया कि, “इस युद्ध में समय लगेगा, यह कठिन होगा और हमारे सामने अभी भी चुनौतीपूर्ण दिन हैं।” संघर्ष के कारण दोनों पक्षों को काफी नुकसान हुआ है। गाजा में फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इजरायली हवाई हमलों के कारण इलाके में कम से कम 232 फिलिस्तीनी मारे गए और 1,697 घायल हो गए। इस बीच, इसराइलियों की मौत का आंकड़ा 200 से अधिक हो गया है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप भ्रष्टाचार के मुकदमे में पहली बार अदालत में पेश

न्यूयॉर्क, 03 अक्टूबर: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भ्रष्टाचार के मामले में कल पहली बार मैनहट्टन की अदालत में पेश हुए। ट्रंप इस बार भी राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव की दौड़ में शामिल हैं। उन पर अपनी संपत्ति को अरबों डॉलर तक बढ़ाने और धोखाधड़ी की सीमा पार करने का आरोप है। यह जानकारी स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह दिवानी मामला ट्रंप के चार आपराधिक अभियोगों से अलग है। इसमें वादी न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स हैं। जेम्स ने कहा है, ‘चाहे आप कितने भी अमीर या शक्तिशाली क्यों न हों, इस देश में लोगों के लिए दो प्रकार के कानून नहीं हैं।’ इस सुनवाई में ट्रंप ने अभी अपना पक्ष नहीं रखा है। अदालत कक्ष के बाहर ट्रंप ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने अटॉर्नी जनरल इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, जेम्स उन्हें राजनीतिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। अटॉर्नी जनरल जेम्स ने मांग की है कि ट्रंप पर 250 मिलियन डॉलर तक का जुर्माना लगाया जाए और उन्हें न्यूयॉर्क में व्यवसाय चलाने से रोक दिया जाए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मुकदमे में ट्रंप, उनके बेटों और उनके पारिवारिक व्यवसाय पर बैंकों से अनुकूल ऋण शर्तों को सुरक्षित करने के लिए अपनी संपत्ति का मूल्य दो बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का आरोप लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि इस केस की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश पिछले सप्ताह इस केस में ट्रंप को दोषी ठहरा चुके हैं। यदि अदालत का फैसला कायम रहता है, तो ट्रंप को अपनी सबसे प्रसिद्ध न्यूयॉर्क की अचल संपत्ति में से कुछ को छोड़ना पड़ सकता है।

पाकिस्तान सरकार का बड़ा फैसला, वापस भेजे जाएंगे 11 लाख अफगान शरणार्थी

इस्लामाबाद, 27 सितंबर : पाकिस्तान की सरकार और अफगानिस्तान की सत्ता संभाले तालिबान के बीच बढ़ते मतभेदों की गाज पाकिस्तान में शरण पाए अफगान शरणार्थियों पर गिरने वाली है। पाकिस्तान सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 11 लाख अफगान शरणार्थियों को वापस अफगानिस्तान भेजने का ऐलान किया है। पाकिस्तान में लगातार आतंकी घटनाएं बढ़ने और इसके लिए जिम्मेदार तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पर अंकुश के मसले पर पाकिस्तान सरकार और तालिबान के बीच मतभेद बढ़ गए हैं। हाल ही में अफगानिस्तान सीमा पर गोलीबारी के बाद पाकिस्तान की सेना ने तोर्खम सीमा को बंद करके कड़ा संदेश दिया है। अब पाकिस्तान की सरकार ने फैसला किया कि अफगानिस्तान से आए 11 लाख अफगान शरणार्थियों को वापस भेजा जाएगा। इस फैसले पर सख्ती से अमल की बात कही गई है। अफगानिस्तान को लेकर पाकिस्तानी नीति में बड़ा बदलाव करते हुए पाकिस्तान ने दावा किया है कि ये अफगानी अवैध रूप से उनके देश में रह रहे हैं। बताया गया कि अफगानिस्तान में अगस्त 2021 में तालिबान सरकार के आने के बाद चार लाख अफगानी पाकिस्तान में अवैध रूप से घुसे हैं। इनके अलावा सात लाख ऐसे अफगानियों की पहचान हुई है, जो पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे हैं। इन 11 लाख अफगानी शरणार्थियों के पास न तो वीजा है और न ही पाकिस्तान में रुकने के लिए वैध दस्तावेज हैं। पाकिस्तानी कैबिनेट ने इन अफगानियों को वापस भेजने के लिए अधिकारियों को व्यवस्था करने का आदेश दिया है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को पाकिस्तान के इस फैसले के बारे में बता दिया गया है।

पुतिन ने किम जोंग उन का रूस के सुदर पूर्वी क्षेत्र में किया स्वागत, कहा- किम को देखकर बहुत खुशी हो रही है

मॉस्को, 13 सितंबर: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश के सुदूरवर्ती पूर्वी अमूर क्षेत्र में स्थित वोस्तोचनी कॉस्मोड्रोम में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से बुधवार को मुलाकात की। यह मुलाकात दर्शाती है कि अमेरिका के साथ जारी टकराव के बीच दोनों नेताओं के हित कैसे एक हो रहे हैं। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘आरआईए नोवोस्ती’ ने बिना कोई विस्तृत जानकारी दिए बताया कि किम उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से अत्याधुनिक सुविधाओं और भारी हथियारों से लैस ट्रेन से लाई गई लिमोजीन के जरिये वोस्तोचनी कॉस्मोड्रोम पहुंचे। एजेंसी के मुताबिक, कॉस्मोड्रोम में मौजूद पुतिन ने उत्तर कोरियाई नेता का स्वागत करते हुए उनसे हाथ मिलाया और कहा कि उन्हें ‘‘किम को देखकर बहुत खुशी हो रही है।’’ रूस की सरकारी मीडिया ने बताया कि किम ने ‘‘व्यस्तता के बावजूद’’ उन्हें रूस आने का निमंत्रण देने के लिए पुतिन का आभार जताया। सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों नेता कॉस्मोड्रोम का निरीक्षण करने के बाद बातचीत शुरू करेंगे। बैठक से कुछ देर पहले उत्तर कोरिया ने समुद्र में दो बैलिस्टिक मिसाइल दागीं।

किम जोंग और पुतिन की मुलाकात से पहले उत्तर कोरिया ने 2 बैलिस्टिक मिसाइलें छोड़ी, जापान ने किया विरोध

सोल, 13 सितंबर : सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने बुधवार को रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र अमूर में एक दूरस्थ अंतरिक्ष केंद्र में मुलाकात की. उम्मीद है कि दोनों नेता संभावित हथियार सौदे पर चर्चा करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप यूक्रेन के साथ चल रहे संघर्ष के दौरान उत्तर कोरिया रूस को हथियारों की आपूर्ति कर सकता है. सीएनएन ने बताया कि व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग उन बुधवार को रूस के अंतरिक्ष रॉकेट प्रक्षेपण स्थल वोस्तोचन कोस्मोड्रोम पहुंचे, जहां दोनों नेताओं ने अंदर जाने से पहले हाथ मिलाया और थोड़ी देर बात की. बाद में फुटेज में किम जोंग-उन को एक काली कार से बाहर निकलते और पुतिन से हाथ मिलाते हुए दिखा गया. किम जोंग उन की रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात से ठीक एक घंटे पहले बुधवार को उत्तर कोरिया ने पूर्वी तट से समुद्र में दो छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि मिसाइलें उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के पास से लॉन्च की गईं और लगभग 650 किमी (404 मील) तक उड़ान भरी. विश्लेषकों ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह पहला प्रक्षेपण तब हुआ जब किम अपने अधिकांश शीर्ष सैन्य नेताओं के साथ यात्रा के लिए विदेश में थे, जो देश के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के लिए प्रतिनिधिमंडल के बढ़ते स्तर और अधिक परिष्कृत नियंत्रण प्रणालियों का प्रदर्शन करने पहुंचे है. सीएनएन ने राज्य मीडिया रूस 1 के पत्रकार का हवाला देते हुए बताया कि वर्तमान में, दोनों नेता वोस्तोचन कोस्मोड्रोम का दौरा कर रहे हैं. रूस के वीडियो में किम जोंग उन को सुदूर वोस्तोचन कोस्मोड्रोम अंतरिक्ष केंद्र पर पहुंचते और उत्तर कोरिया से उन्हें ले जाने वाली हरी ट्रेन से उतरते हुए दिखाया गया है. दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, उत्तर कोरियाई नेता मंगलवार सुबह-सुबह रूस में दाखिल हुए. जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाज़ू मात्सुनो ने संवाददाताओं से कहा कि जापान ने बीजिंग में राजनयिक चैनलों के माध्यम से उत्तर कोरिया के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने बताया कि दोनों मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के बाहर समुद्र में गिरी हैं. बता दें कि उत्तर कोरिया की सभी बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु हथियार गतिविधियों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिन्हें आखिरी बार 2017 में चीन और रूस में प्योंगयांग के भागीदारों के समर्थन से पारित किया गया था. तब से, बीजिंग और मॉस्को ने राजनयिक वार्ता शुरू करने और मानवीय स्थिति में सुधार करने के लिए उत्तर पर प्रतिबंधों को कम करने का आह्वान किया है. किम ने 2011 में सत्ता संभालने के बाद और उनके पिता की मृत्यु के बाद छह साल तक अपना देश नहीं छोड़ा था. 2018 और 2019 में उन्होंने नौ अलग-अलग यात्राओं में चीन, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, वियतनाम और रूस का दौरा किया, लेकिन रूस में उनकी वर्तमान यात्रा तब से पहली है. सीएनएन ने उत्तर कोरियाई समाचार एजेंसी केसीएनए के हवाले से बताया कि किम जोंग उन रविवार दोपहर पार्टी के शीर्ष अधिकारियों और सरकार और सशस्त्र बलों के सदस्यों के साथ प्योंगयांग से रवाना हुए थे. इस बीच, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध बैठक होगी. पेसकोव ने आगे कहा कि किम के आगमन के सम्मान में एक औपचारिक रात्रिभोज की भी योजना बनाई गई है. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, किम जोंग उन की रूस यात्रा कोविड-19 महामारी के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा है, क्योंकि महामारी के दौरान उत्तर कोरिया की सीमाएं सील कर दी गई थीं.

मोरक्को में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,122 हुई

अमीज़मिज़ मोरक्को, 11 सितंबर: मोरक्को में शुक्रवार मध्य रात आए भीषण भूकंप के बाद से कम से कम 2,122 लोगों की मौत हो गयी और 2,421 लोग घायल हो गए हैं। मोरक्को के आंतरिक मंत्रालय ने रविवार को अपने नवीनतम अपडेट में यह जानकारी दी। मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मरने वालों में अल हाउज़ प्रांत में 1,351, तरौदंत प्रांत में 492, चिचौआ में 201 और मराकेश में 17 लोग शामिल हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, मोरक्को के सैनिक और आपातकालीन सेवाएं कथित तौर पर एटलस पर्वत क्षेत्र में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रही है क्योंकि वहां तक जाने वाली सड़कें गिरे हुए पत्थरों के कारण अवरुद्ध हो गई थीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुमान के अनुसार, इस आपदा ने प्राचीन शहर और उसके बाहरी इलाके में 300,000 से अधिक लोगों को प्रभावित किया है। मोरक्कन रेड क्रिसेंट (एमआरसी) ने कहा है कि ज़मीनी स्थिति ने खोज और बचाव प्रयासों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश की है, और इसमें मदद के लिए एटलस पर्वत के उन दूरदराज के इलाकों में भारी मशीनरी पहुंचाना एक प्राथमिकता है। एमआरसी ने एक बयान में कहा, जैसे-जैसे लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा रहा था, एमआरसी और अन्य प्रथम उत्तरदाता सबसे गंभीर मामलों की पहचान करने और उसे प्राथमिकता देने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे थे।

मोरक्को में शक्तिशाली भूकंप से 632 लोग की मौत, 329 घायल

रबात, 09 सितंबर: मोरक्को में बीती रात आये भूकंप से 632 लोगों की मौत और 329 अन्य लोग घायल हो गए हैं। अल-अरबिया ब्रॉडकास्टर ने शनिवार को मोरक्को के गृह मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से यह रिपोर्ट दी। पहले की रिपोर्टों में बताया गया था कि शुक्रवार देर रात मोरक्को के एटलस पहाड़ों पर आई प्राकृतिक आपदा में 296 लोगों की मौतें हुईं है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक स्थानीय समयानुसार 23.11 बजे आये भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 मापी गयी। भूकंप का केंद्र मराकेश से 71 किलोमीटर (44 मील) दक्षिण-पश्चिम में एटलस पर्वत में 18.5 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। सोशल मीडिया एक्स पर प्रसारित एक वीडियो क्लिप में क्षतिग्रस्त इमारतों और सडकों पर बिखरा मलबा और लोगों को घबराकर भागते हुए दिखाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार एक स्थानीय निवासी ने बताया कि मराकेश के पुराने शहर में कुछ इमारतें ढह गई हैं। हालांकि मीडिया ने एक्स पर दिखाई गई वीडियो क्लिप की सत्यता की पुष्टि नहीं की है। एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि भूकंप से लोग दहशत में घरों से बाहर सड़को पर आ गये। भूकंप के झटका इतना शक्तिशाली था कि बड़ी-बड़ी इमारते हिल रही थी। बिजली और फोन लाइनें 10 मिनट तक बंद रहीं। उन्होंने बताया कि इमारत ढहने से कई लोग मलबे में फंसे हुए है। घायल लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। भूकंप के झटके कैसाब्लांका और एस्सौइरा में भी महसूस किए गए। दूरदराज के इलाकों में जानमाल के नुकसान का अभी पता नहीं चल सका है।

प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए ब्रिक्स मंच का लाभ उठाने पर चर्चा की

जोहानिसबर्ग, 23 अगस्त: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका में ‘ब्रिक्स लीडर्स रिट्रीट’ में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने पांच देशों के समूह के अन्य नेताओं के साथ प्रमुख वैश्विक घटनाक्रमों और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का समाधान तलाशने के लिए ब्रिक्स के मंच का लाभ उठाने पर चर्चा की। मोदी दक्षिण अफ्रीका और यूनान की चार दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे। जोहानिसबर्ग में वह दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर 22 से 24 अगस्त तक आयोजित होने वाले ब्रिक्स नेताओं के 15वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण साल 2019 के बाद ब्रिक्स नेताओं का पहला आमने-सामने का शिखर सम्मेलन है। ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। ये देश दुनिया की 41 फीसदी आबादी, 24 प्रतिशत वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और 16 फीसदी व्यापार का प्रतिनिधित्व करते हैं। अफ्रीका और मध्य पूर्व के 20 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों को भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। इनमें से कई ने ब्रिक्स का सदस्य बनने के लिए आवेदन किया है, जो शिखर सम्मेलन के एजेंडे में शामिल मुद्दों में से एक है। मोदी ने मंगलवार को ‘ब्रिक्स लीडर्स रिट्रीट’ में शिरकत की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘ब्रिक्स लीडर्स रिट्रीट’ में हिस्सा लेने के लिए समर पैलेस पहुंचे। मेजबान, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।” बागची ने कहा, ”प्रधानमंत्री के साथ अन्य ब्रिक्स नेता अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम पर चर्चा करेंगे और वैश्विक चुनौतियों का समाधान तलाशने के लिए ब्रिक्स मंच का लाभ उठाएंगे।” प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अन्य ब्रिक्स नेताओं के साथ ली गई कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने जोहानिसबर्ग में ‘ब्रिक्स बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग’ को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ‘मिशन-मोड’ में किए गए सुधारों ने भारत में कारोबार सुगमता को बेहतर बनाया है। प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों को देश की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि भारत जल्दी ही पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा और वह आने वाले वर्षों में पूरी दुनिया की प्रगति का इंजन होगा। डिजिटल लेनदेन के मोर्चे पर भारत की प्रगति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के लिए ‘यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस’ (यूपीआई) का इस्तेमाल करने की असीम संभावनाएं हैं। मोदी ने कहा कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका एक साथ मिलकर वैश्विक कल्याण, खासतौर से ‘ग्लोबल साउथ’ के कल्याण में अहम योगदान दे सकते हैं। ग्लोबल साउथ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है। ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं। उन्होंने कहा, ”ब्रिक्स बिजनेस फोरम ने मुझे भारत के विकास पथ और व्यापार सुगमता एवं सार्वजनिक सेवा की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालने का अवसर दिया। इससे डिजिटल भुगतान, बुनियादी ढांचे के निर्माण, स्टार्टअप की दुनिया और अन्य क्षेत्रों में भारत की ओर से की गई प्रगति पर प्रकाश डालने का भी मौका मिला।” प्रधानमंत्री ने कहा, ”भारत ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ में विश्वास करता है। पिछले कुछ वर्षों में हमने आईटी, सेमीकंडक्टर और ऐसे अन्य क्षेत्रों में काफी प्रगति की है। हमारा आर्थिक दृष्टिकोण महिलाओं के सशक्तिकरण को भी बहुत महत्व देता है।” इस बीच, जोहानिसबर्ग से आई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स बिजनेस फोरम में शिरकत नहीं की, जहां उनके समूह के अन्य नेताओं के साथ भाषण देने की संभावना थी। कार्यक्रम में चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेंताओ ने चिनफिंग का भाषण पढ़ा, जिसमें उन्होंने ‘आधिपत्य’ की प्रवृत्ति को लेकर अमेरिका की आलोचना की। भाषण में चिनफिंग ने कहा कि अमेरिका उन देशों से लड़ने की प्रवृत्ति रखता है, जो वैश्विक मामलों और वित्तीय बाजारों में उसके प्रभुत्व को खतरे में डालते हैं। उन्होंने कहा कि हर देश को विकास का अधिकार है और लोगों के पास खुशहाल जीवन जीने की आजादी होनी चाहिए। चीनी राष्ट्रपति ने अमेरिका पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन एक देश ”वर्चस्व बनाए रखने के लिए उत्सुक है और वह उभरते बाजारों और विकासशील देशों को पंगु बनाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।’

रूस को लगा बड़ा झटका, चांद पर उतरने से पहले ही मिशन लूना-25 हुआ क्रैश

मॉस्को, 20 अगस्त: चांद पर भेजे गए रूस के मिशन मून को तगड़ा झटका लगा है. सॉफ्ट लैंडिंग से पहले ही रूस का मिशन मून लूना 25 क्रैश हो गया है. रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने रविवार को बताया कि रूस का लूना-25 अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद चंद्रमा से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि मानवरहित यान एक अप्रत्याशित कक्षा में चला गया और चंद्रमा की सतह से टकराकर क्रैश हो गया. अधिकारियों का कहना है कि रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद चंद्रमा से टकराकर क्रैश हो गया है. शनिवार को ही खबर थी कि रूस के मून मिशन लूना-25 में लैंडिंग से पहले तकनीकी खराबी आ गई. अंतरिक्ष यान चंद्रमा के एक हिस्से का पता लगाने के लिए सोमवार को उतरने वाला था. रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस के मुताबिक, लूना-25 अंतरिक्ष यान को चंद्रमा के ऊपरी भाग पर असमान्य स्थिति का सामाना करना पड़ा. एजेंसी ने कहा कि 21 अगस्त को चांद पर उतराने के लिए मिशन को नियंत्रण करने के लिए एक फिक्स्ड टचडाउन से पहले शनिवार को विमान को प्री-लैंडिंग कक्षा में ले जाने की कोशिश की गई थी. इसी दौरान कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा था.

बागेश्वर धाम बाबा शुक्रवार को आयेंगे नेपाल, पशुपतिनाथ दर्शन के बाद होगी हनुमन्त कथा

काठमांडू, 17 अगस्त : बागेश्वर धाम वाले चर्चित संत आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री शुक्रवार को काठमांडू पहुंचेंगे। वह यहां पशुपतिनाथ दर्शन के बाद हनुमन्त कथा सुनाएंगे। तीन दिनों के कथावाचन के लिए नेपाल आ रहे बागेश्वर बाबा की सुरक्षा की पूरी तैयारी कर ली गई है। बाबा बागेश्वर धाम को नेपाल आमंत्रित करने वाले उद्योगपति वरूण चौधरी के मुताबिक बाबा बागेश्वर की हनुमन्त कथा का कार्यक्रम नवलपरासी जिले के शाश्वतधाम मन्दिर परिसर में रखा गया है, इसलिए शुक्रवार शाम को काठमांडू में ही उनके भक्तों के लिए दर्शन की विशेष व्यवस्था की गई है। शाश्वतधाम में हनुमन्त कथा का कार्यक्रम शनिवार से सोमवार तक होगा। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को चार्टर्ड फ्लाइट से काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल पर आने के बाद सीधे पशुपतिनाथ मन्दिर में दर्शन के लिए जाएंगे। शाश्वतधाम में शुरू होने वाले कथावाचन कार्यक्रम में 18 से 20 हजार भक्तों के बैठने की व्यवस्था की गई है। हालांकि आयोजकों और पुलिस प्रशासन को यह अनुमान है कि यह संख्या दोगुनी से भी अधिक हो सकती है। इसलिए मुख्य पांडाल के बाहर कई स्थानों पर बडे बडे स्क्रीन लगाए गए हैं। नेपाल पुलिस प्रवक्ता डिआईजी कुबेर कडायत ने कहा कि बाबा बागेश्वर की काठमांडू से लेकर शाश्वतधाम तक की यात्रा के लिए सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं। नेपाल में उनके आगमन से लेकर प्रस्थान तक नेपाल प्रहरी, सशस्त्र प्रहरी के कमांडो सुरक्षा घेरा में रहेंगे। पुलिस के डीएसपी के नेतृत्व में नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस का कमांडो फोर्स उनकी सुरक्षा में तैनात रहेगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा उनकी गाड़ी के आगे पीछे हथियारबंद सुरक्षा बल का दस्ता भी मौजूद रहेगा। भारी भीड को देखते हुए शाश्वतधाम में भी सुरक्षा के हाईटेक व्यवस्था की गई है। आयोजन स्थल और पूरे शहर में चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी लगाया गया है। पूरे कार्यक्रम स्थल और आसपास के क्षेत्रों की ड्रोन कैमरे से निगरानी रखी जाएगी। सैकडों पुलिस वालों को सादी वर्दी में तैनात किया गया है।