इजरायल का हमास, इस्लामिक जिहाद के सैन्य ठिकानों पर हमला, एक सैन्यकर्मी की मौत

यरूशलेम, 17 अक्टूबर: इजरायल की सेना ने हमास और इस्लामिक जिहाद से संबंधित सैन्य ठिकानों पर हमले किए जिसमें हमास का एक सैन्यकर्मी मारा गया। इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। आईडीएफ ने टेलीग्राम पर कहा, “आईडीएफ ने हमास और जिहाद आतंकवादी संगठनों से संबंधित सैन्य ठिकानों के साथ ही गाजा पट्टी में आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए हमास आतंकवादी संगठन द्वारा इस्तेमाल किए गए एक बैंक पर हमला किया। इजरायली लड़ाकू विमानों ने हमास मुख्यालय पर भी हमला किया, जिसमें हमास का एक सैन्यकर्मी मारा गया।”

मजबूत भारत-वियतनाम साझेदारी बनाएगी स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध हिन्द-प्रशांत: विदेश मंत्री

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर: विदेश मंत्री वर्तमान में वियतनाम यात्रा पर हैं। आज उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन दिया। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने एक्स पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में आगे विकास के लिए उनका मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहा। एक मजबूत भारत-वियतनाम साझेदारी स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध हिन्द-प्रशांत में योगदान देगी। इससे पहले विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और उनके समकक्ष बुई थान सोन ने आज हनोई में 18वें भारत-वियतनाम संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की। विदेश मंत्री ने बैठक को सार्थक बताया और कहा कि विश्वास है कि आने वाले वर्षों में हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच हुई चर्चाओं में राजनीतिक, रक्षा और समुद्री सुरक्षा, न्यायिक, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, विकास, शिक्षा और प्रशिक्षण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग शामिल था। साथ ही भारत-प्रशांत क्षेत्र, वैश्विक मुद्दों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और विभिन्न बहुपक्षीय समूहों में हमारे सहयोग पर दृष्टिकोण भी साझा किया गया। विदेश मंत्री ने ‘हिन्द-प्रशांत में भारत’ विषय पर वियतनाम की डिप्लोमैटिक अकादमी को संबोधित भी किया। उन्होंने हिन्द-प्रशांत निर्माण में सहयोग करने में समाये साझा हितों पर चर्चा की। आसियान की केंद्रीयता के महत्व को रेखांकित किया और क्वाड के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे भारत और वियतनाम अपनी स्वतंत्र सोच के साथ बहुध्रुवीय और नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था को बढ़ावा दे सकते हैं। जयशंकर ने वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के बाहरी संबंध आयोग के अध्यक्ष ले होई ट्रुंग के साथ भी विचारों का उपयोगी आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्री ने कहा कि इस दौरान प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भारत और वियतनाम का एक सा दृष्टिकोण स्पष्ट उभरकर आया है। विदेश मंत्री ने अपने समकक्ष बुई थान सोन के साथ संयुक्त रूप से भारत और वियतनाम के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने वाले स्मारक टिकटों का अनावरण किया। कलारीपयट्टु और वोविनम को दर्शाने वाले टिकट खेल के प्रति दोनों देशों की साझा आत्मीयता को दर्शाते हैं और मजबूत सांस्कृतिक, सामाजिक और लोगों से लोगों के संबंधों का जश्न मनाते हैं। उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को वियतनाम और सिंगापुर की छह दिवसीय यात्रा पर हनोई पहुंचे थे। वियतनाम से जयशंकर 19 से 20 अक्टूबर तक सिंगापुर की यात्रा पर रहेंगे।

गाजा में मृतकों की संख्या बढ़कर 2670 हुई : मंत्रालय

गाजा, 16 अक्टूबर: गाजा में मृतकों की संख्या बढ़कर 2670 हो गई है जबकि 9600 से अधिक लोग घायल हुए है। गाजा स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-कुद्रा ने कहा कि इजरायली हमले पूरी क्रूरता के साथ जारी हैं। हमलों ने आवासीय पड़ोस को निशाना बनाया है और लोगों के घरों को नष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि आवासीय इलाकों और अस्पतालों की ओर जाने वाली सड़कों पर बड़े पैमाने पर विनाश के कारण बचाव कार्यों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि गाजा पर शासन करने वाले फिलिस्तीनी इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) ने एक सप्ताह पहले गाजा पट्टी से सटे इजरायली शहरों पर अचानक हमले किये, जिसमें इजरायल में 1,300 से अधिक लोग मारे गए। इजरायल ने इसके जवाब में गाजा पर हमले शुरू कर दिए।

इजरायल-हमास युद्ध : अब तक 3500 से अधिक लोग मारे गये, 12000 से अधिक घायल

यरुशलेम/रामल्ला/गाजा, 14 अक्टूबर: फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि गाजा पट्टी में इजरायली हमलों में मरने वालों की संख्या 2,200 से अधिक हो गई है, जबकि 8,700 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हमास के हमलों से इजरायल में 1300 लोगों की मौत हो गयी तथा करीब 3400 अन्य घायल हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर कहा, “इजरायल के आक्रमण से मरने वालों की संख्या 2,215 तक पहुंच गई है और 8,714 लोग घायल हुए हैं।” गत सात अक्टूबर को, फिलिस्तीनी आंदोलन हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल के खिलाफ एक आश्चर्यजनक बड़े पैमाने पर रॉकेट हमला किया, जिससे इजरायल को अगले दिन युद्ध की स्थिति घोषित करने और जवाबी हमले शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा। नौ अक्टूबर को, इज़राइल ने 20 लाख से अधिक लोगों के घर गाजा पट्टी की पूर्ण नाकाबंदी का आदेश दिया तथा साथ ही पानी, भोजन और ईंधन की आपूर्ति में कटौती की। इजरायल ने तनाव बढ़ने के परिणामस्वरूप 1,000 से अधिक लोगों की मौत की सूचना दी है। हमास आंदोलन की सैन्य शाखा ने शनिवार को कहा कि उसने तेल अवीव की ओर रॉकेट दागे। सैन्य विंग ने एक बयान में कहा, “अल-कसम ब्रिगेड नागरिकों के निष्कासन और गोलाबारी के जवाब में तेल अवीव पर रॉकेट दाग रहे हैं।” इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) ने आज कहा कि उसने लेबनान से देश की सीमा के भीतर घुसपैठ की कोशिश कर रहे एक आतंकवादी समूह को मार गिराया है। आईडीएफ ने कहा, “थोड़ी देर पहले सैनिकों ने एक आतंकवादी सेल की पहचान की जिसने लेबनान से इजरायली क्षेत्र में घुसपैठ करने का प्रयास किया था।आईडीएफ यूएवी ने आतंकवादी सेल को निशाना बनाया और कई आतंकवादियों को ढेर कर दिया।” इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उनका देश हमास को नष्ट कर देगा, चाहे इसमें कितना भी समय लगे और युद्ध को अंजाम तक पहुंचाकर रहेगा। श्री नेतन्याहू ने शुक्रवार की रात अपने संबोधन में कहा, “यह तो बस शुरुआत है। हमारे दुश्मनों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और इसकी शुरुआत हो गयी है। मैं इससे अधिक कुछ नहीं कहूंगा। यह तो बस शुरुआत है।” इजरायल संसद में विपक्ष के प्रमुख नेता येयर लैपिड ने शबात के दौरान अपने संबोधन में इजरायलियों पर चिंता जातते हुए कोई नई जानकारी नहीं देने के लिए श्री नेतन्याहू पर हमला किया। श्री लैपिड ने आरोप लगाया, “इजरायल के प्रधानमंत्री शुक्रवार रात को एक असामान्य बयान देकर पूरे देश को कैसे उन्माद में डाल सकते हैं। जिसमें बंधकों, उत्तर की ओर से निकासी पर कुछ नहीं बोला जाएगा ।” उन्होंने कहा कि एक प्रधानमंत्री को तब तक ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जब तक कि उनके पास नई पुष्ट जानकारी न हो। श्री नेतन्याहू ने अपने संबोधन पर इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बातचीत के माध्यम से इजरायल में अमेरिकी आपूर्ति के साथ ‘लड़ाई जारी रखना सुनिश्चित कर रहा है।’ इसबीच इजरायली सेना और हमास की झड़प में शुक्रवार को वेस्ट बैंक में कम से कम 14 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। रामल्लाह स्थित फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज यह जानकारी दी। फिलिस्तीनी सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि फ़िलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) और इज़राइल के बीच हिंसा के नए दौर के सातवें दिन नब्लस, तुल्कर्म, हेब्रोन और अन्य वेस्ट बैंक शहरों में झड़पें हुईं। मंत्रालय ने कहा कि तुल्कर्म शहर में कम से कम पांच फिलिस्तीनियों की मौत हो गयी है। इज़रायली मीडिया ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने कम से कम चार फिलिस्तीनियों की गोली मारकर हत्या कर दी, जिन्होंने तुल्कर्म के पास वेस्ट बैंक सुरक्षा अवरोध को तोड़ने के लिए विस्फोटक उपकरण लगाए हुए थे। इस बीच, गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने और गाजा में चल रहे इजरायली सैन्य अभियान की निंदा करने के लिए वेस्ट बैंक के शहरों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। अमेरिका के वाशिंगटन में फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष के बीच दोनों पक्षों के समर्थकों ने उनके समर्थन में रैलियां आयोजित की गईं। दोनों पक्षाें के विरोध प्रदर्शनों में करीब कई सौ लोग शामिल थे। इजरायल समर्थकों ने व्हाइट हाउस (फ्रीडम प्लाजा) के पास विरोध प्रदर्शन किया। जबकि फिलीस्तीन समर्थकों ने वाशिंगटन पोस्ट बिल्डिंग के पास विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। फिलिस्तीन समर्थक रैलियां न केवल अमेरिकी राजधानी में हुईं बल्कि इसी तरह की रैलियां शिकागो, न्यूयॉर्क और पोर्टलैंड में भी निकाली गयी हैं। लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने फ़िलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) और इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष और इजरायल के साथ बढ़ते सीमा तनाव के मध्य लेबनान को युद्ध में उतरने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है। श्री मिकाती ने एक साक्षात्कार में यह संकेत देते हुए कि हिजबुल्लाह अपना निर्णय ले सकता है। उन्होंने कहा कि किसी ने उनसे वादा नहीं किया था कि युद्ध नहीं होगा क्योंकि हालात लगातार बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध में जाने या शांति बनाए रखने का निर्णय सरकार द्वारा नहीं किया जाता है। उन्होंने यह इशारा किया कि हिजबुल्लाह एक सशस्त्र लेबनानी सैन्य समूह है जिसने पिछले सप्ताह इज़राइल के ऊपर गोलीबारी की थी। वह अपना निर्णय ले सकता है। उन्होंने कहा कि लेबनान में स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखना उनकी प्राथमिकता और चिंता है। श्री मिकाती ने जोर देकर कहा कि इजरायल को हिजबुल्लाह को भड़काना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेबनानी सेना क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के प्रयास में दक्षिणी लेबनान में अग्रिम पंक्ति में खड़ी है। गौरतलब है कि सात अक्टूबर की सुबह हमास द्वारा इजरायली शहरों पर किए गए हमले के समर्थन में हिजबुल्लाह द्वारा उसके अगले दिन यानी आठ अक्टूबर को शेबा फार्म्स में सैन्य स्थलों की ओर कई मिसाइलें दागी थी। जिस के बाद लेबनानी-इजरायल सीमा पर तनाव बढ़ गया है। इजरायल ने शुक्रवार को दक्षिणी लेबनान के अल-धाहिरा, अल्मा अल-शाब और यारिन शहरों के आसपास के क्षेत्र पर बमबारी करके अपना हमला तेज कर दिया। इसमें रॉयटर्स के लिए काम करने वाले एक लेबनानी फोटोग्राफर की मौत हो गई और छह अन्य पत्रकार घायल हो गए थे। इसबीच युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे हुए विभिन्न देशों के लोगों का

इजराइल में 27 अमेरिकियों की मौत, नागरिकों को लाने के लिए चार्टर विमान भेजेगा अमेरिका : व्हाइट हाउस

वाशिंगटन, 13 अक्टूबर: इजराइल में जारी हिंसा के परिणामस्वरुप कम से कम 27 अमेरिकियों की मौत हो गई और 14 लोग अभी भी लापता हैं। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी। व्हाइट हाउस ने घोषणा की है कि अमेरिका हिंसा ग्रस्त यहूदी राष्ट्र से अपने नागरिकों को निकालने के लिए चार्टर विमान भेजेगा। फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास ने शनिवार को दक्षिणी इजराइल पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए थे, जिसके जवाब में इजराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने हमास के मुख्य ठिकानों को निशाना बनाकर कार्रवाई की। अभी तक इजराइल और गाजा पट्टी में दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और दोनों पक्षों के बीच इस संघर्ष को सबसे विनाशकारी संघर्ष बताया जा रहा है। भारत इजराइल से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने वाला पहला देश है। व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के रणनीतिक संचार के समन्वयक जॉन किर्बी ने कहा, ”हम मौजूदा वक्त में इजराइल के लिए व्यावसायिक उड़ानों की सीमित उपलब्धता और वहां मौजूद अमेरिकियों द्वारा बाहर निकाले जाने की मांग को लेकर भलीभांति वाकिफ हैं। राष्ट्रपति ने अपनी टीम से उन अमेरिकी नागरिकों की सहायता सुनिश्चित करने को कहा है, जो इजराइल छोड़ना चाहते हैं और उन्हें सुरक्षित वापस लाने का निर्देश दिया है।” उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, ”इजराइल से यूरोप के लिए परिवहन मुहैया कराने के लिए कल (शुक्रवार) से अमेरिकी सरकार चार्टर विमानों की व्यवस्था करना शुरू करेगी।”

हमास ने इजरायल को जमीनी हमले शुरू करने पर कीमत चुकाने की दी धमकी

गाजा, 13 अक्टूबर: फिलिस्तीनी इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) की सशस्त्र शाखा अल-कसम ब्रिगेड ने गुरुवार को शपथ लेते हुए कहा कि यदि इजरायल गाजा पर जमीनी हमला करता है तो उसे उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अल-कसम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबैदा ने कहा, उनका समूह ऐसे विकल्पों को तलाशेगा जिससे यदि इज़रायल गाजा में जमीनी हमले को अंजाम देने की हिम्मत करता है तो उसे उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और जान-माल का भारी नुकसान होगा। अल-कसिम को हमास के खूंखार ब्रिगेड के नाम से भी जाना जाता है, जिसकी स्थापना साल 1991 में की गई थी। यह ब्रिगेड गाजा में सक्रिय है। ओबैदा ने चेतावनी दी, “हमारे पास भारी हथियार हैं जो हमें सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं जिसे दुश्मन ने इससे पहले कभी नहीं देखा होगा और हमारी ब्रिगेड दुश्मन की सेना को कुचल सकते हैं।” ओबैदा ने कहा कि उनकी ब्रिगेड ने इजरायली जेलों में सभी फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली करने के लिए पर्याप्त इजरायली नागरिकों को बंदी बना रखा है। उन्होंने फिलिस्तीनी युवाओं और अरब और इस्लामी देशों से इजरायल के खिलाफ चल रही जंग में शामिल होने के लिए सभी मोर्चों पर आगे आने का भी आह्वान किया है। इजराइल ने गत शनिवार से हमास द्वारा किए गए विध्वंशकारी हमले के जवाब में जमीनी हमले के लिए रिकॉर्ड 360,000 रिजर्व सैनिकों को बुलाया है।

दुनिया के दूसरे सबसे बड़े हिंदू मंदिर अक्षरधाम का अमेरिका में उद्घाटन

रॉबिन्सविले, 11 अक्टूबर: दुनिया में दूसरे सबसे बड़े और पश्चिमी गोलार्द्ध में सबसे बड़े हिंदू मंदिर का अमेरिका के न्यू जर्सी शहर में उद्घाटन किया गया है। न्यूयॉर्क सिटी से 99 किलोमीटर दक्षिण में न्यू जर्सी की रॉबिन्सविले सिटी में 185 एकड़ भूभाग में स्थित यह अक्षरधाम मंदिर 191 फुट ऊंचा है। ‘बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण’ (बीएपीएस) के नेता महंत स्वामी महाराज की मौजूदगी में आठ अक्टूबर को इस मंदिर का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह में हजारों लोग शामिल हुए। महंत स्वामी महाराज ने कहा, ”उत्तर अमेरिका में ऐसे अक्षरधाम मंदिर का निर्माण करना प्रमुख स्वामी महाराज की दिव्य इच्छा थी जहां सभी जाति, नस्ल या धर्म के लोग आ सकते हैं।” उद्घाटन समारोह में डेलावेयर के गवर्नर जॉन कार्नी और कांग्रेस सदस्य स्टेनी होयर भी शामिल हुए। बीएपीएस के वरिष्ठ नेता और प्रेरक वक्ता ज्ञानवत्सलदास स्वामी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”यह इस ग्रह पर दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है और जाहिर तौर पर पश्चिम गोलार्द्ध में यह सबसे बड़ा मंदिर है जिसका आठ अक्टूबर को महंत स्वामी महाराज के 90वें जन्मदिन पर उद्घाटन किया गया। यह इस समाज और मानवता को समर्पित है।” उन्होंने कहा, ”मंदिर बनाने का मूल उद्देश्य लोगों को मूल्यों के साथ प्रेरित करना है। भारतीय ग्रंथों के अनुसार एकांतिक धर्म के चार स्तंभ – धर्म, ज्ञान, वैराग्य और भक्ति को भगवान स्वामीनारायण ने अच्छी तरह से स्पष्ट किया है। इसलिए यह भारतीय संस्कृति और परंपरा को समर्पित एक स्मारक है। यह भगवान स्वामीनारायण के जीवन और शिक्षाओं को समर्पित एक स्मारक है।” मंदिर में लगाए गए पत्थरों पर रामायण और महाभारत की कहानी को उकेरा गया है। मंदिर के स्तंभों और दीवार पर 150 से अधिक भारतीय वाद्ययंत्र और सभी प्रमुख नृत्य कलाएं हैं। अबू धाबी में निर्माणाधीन अक्षरधाम मंदिर के प्रभारी ब्रह्मविहारीदास स्वामी ने कहा, ”कला को संरक्षित करने का सबसे अच्छा तरीका उसका पुनर्जन्म है। बीएपीएस अपने तरीके से प्राचीन कला को पुनर्जीवित करने में सक्षम है। हजारों कलाकारों ने एक बार फिर काम शुरू कर दिया है और उनकी कला को महत्व दिया जा रहा है ताकि उसे आने वाली पीढ़ी के लिए संरक्षित किया जाए।” कोलंबिया विश्वविद्यालय में धर्म और मीडिया के एक शोधार्थी और अक्षरधाम मंदिर के स्वयंसेवी प्रवक्ता योगी त्रिवेदी ने बताया कि इस मंदिर के निर्माण में लगे पत्थरों को बुल्गारिया, इटली, यूनान, तुर्किये और भारत समेत सात देशों से मंगाया गया। त्रिवेदी ने कहा कि अगर कोई अक्षरधाम मंदिर में आएगा तो उसे सामने ब्रह्मकुंड या बावड़ी दिखेगी जिसमें दुनियाभर की 400 अलग-अलग नदियों और झीलों का पानी है। इसमें भारत की गंगा और यमुना नदी का भी पानी है। उन्होंने कहा, ”इसमें समावेशिता की भावना है जो दर्शन तथा पूजा करने के लिए आने वाले हर व्यक्ति को महसूस होती है।” उद्घाटन के दिन मंदिर के दर्शन करने वाले जैन आध्यात्मिक नेता आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि यह मंदिर भारत के संदेश को बाकी दुनिया तक लेकर जाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया का संदेश है ”एक परिवार”। न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल ने मंदिर के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से बधाई संदेश दिया।

इजराइल पर हमास का हमला दुनिया पर थोपी गई एक बुराई है : बाइडन

वाशिंगटन, 11 अक्टूबर: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को कहा कि इजराइल पर हमास का हमला विशुद्ध रूप से दुनिया पर थोपी गई एक बुराई है और इस हमले में कम से कम 14 अमेरिकी नागरिक मारे गए हैं। बाइडन ने कहा कि इजराइल को नष्ट करना और यहूदी लोगों को मारना हमास का घोषित उद्देश्य है। बाइडन ने व्हाइट हाउस से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, ”हमारे जीवन में ऐसे क्षण आते हैं, जब दुनिया पर बुराई थोपी जाती है। इजराइल के लोग इस सप्ताहांत ऐसे ही एक क्षण से गुजरे। यह हमला आतंकवादी संगठन हमास द्वारा किया गया जो ऐसा समूह है जिसका घोषित उद्देश्य यहूदियों को मारना है।” अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन इससे पहले इजराइल के प्रति अपने प्रशासन के समर्थन की प्रतिबद्धता जता चुके हैं। अमेरिका ने इजराइल के लिए समर्थन जुटाने और फलस्तीनी चरमपंथी समूह हमास के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए एक प्रमुख वैश्विक राजनयिक अभियान शुरू किया है। हमास ने शनिवार को इजराइल पर श्रृंखलाबद्ध हमले किये जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए। इजराइल ने इस हमले के जवाब में गाजा पर हवाई हमले किये हैं, जिसमें 800 से अधिक लोग मारे गए हैं। बाइडन ने कहा, ”इजराइल पर किये गए इस हमले में 1,000 से अधिक नागरिकों को मार डाला गया। सिर्फ हत्या नहीं की गई बल्कि लोगों का कत्लेआम किया गया। इनमें कम से कम 14 अमेरिकी नागरिक मारे गये हैं। उन माता-पिता को मार डाला गया जो अपने बच्चों की रक्षा करने की कोशिश कर रहे थे। शिशुओं के मारे जाने की चौंकाने वाली खबरें हैं। पूरे परिवारों का खात्मा कर दिया गया। शांति का जश्न मनाने वाले एक संगीत समारोह में शामिल युवाओं की हत्या कर दी गई।” बाइडन ने कहा कि इजराइल में हमास का कृत्य आतंकवाद था जो ”आईएसआईएस के आचरण से मिलता जुलता है।” उन्होंने कहा, ”यह घृणित है। हमास की क्रूरता आईएसआईएस के सबसे भयानक कृत्य की याद दिलाती है। यह आतंकवाद है, लेकिन दुख की बात है कि यहूदी लोगों के लिए यह कोई नई बात नहीं है।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ”इस हमले ने, दशकों पुरानी यहूदी विरोधी भावना और यहूदी लोगों के नरसंहार की दर्दनाक यादों और घावों को कुरेद दिया है। इसलिए, इस क्षण में, हमें बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए। हम इजराइल के साथ खड़े हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इजराइल के पास अपने नागरिकों की देखभाल करने, अपनी रक्षा करने और इस हमले का जवाब देने के लिए वह सब कुछ हो, जिसकी उसे जरूरत है। आतंकवाद को किसी भी तरीके से जायज नहीं ठहराया जा सकता।।” इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि वह 11-13 अक्टूबर तक इजराइल और जॉर्डन की यात्रा करेंगे, जहां वह वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा, ”मंत्री इजराइल के खिलाफ आतंकवादी हमलों के पीड़ितों के लिए अपनी संवेदना दोहराएंगे और हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करेंगे। वह इजराइल की सरकार और लोगों के साथ अमेरिका की एकजुटता भी दोहराएंगे। वह इजराइल की सुरक्षा को मजबूत करने के उपायों पर भी चर्चा करेंगे और इजराइल के रक्षा के अधिकार के प्रति अमेरिका के अटूट समर्थन को रेखांकित करेंगे।” ब्लिंकन ने इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग से बात की और इजराइल के अपनी रक्षा के अधिकार के प्रति अमेरिका का समर्थन दोहराया। उन्होंने मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना भी दोहराई। बाइडन ने अपने संबोधन में कहा कि हमास फलस्तीनी लोगों के सम्मान और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए खड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि हमास का घोषित उद्देश्य इजराइल का विनाश और यहूदी लोगों की हत्या करना है। उन्होंने कहा कि वे फलस्तीनी नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करते हैं। बाइडन ने कहा, ”हमास आतंक और रक्तपात के अलावा कुछ भी नहीं देता है, इसकी परवाह किए बिना कि कीमत कौन चुकाता है। निर्दोष जीवन की हानि हृदयविदारक है। दुनिया के हर देश की तरह, इजराइल को भी जवाब देने का अधिकार है।” बाइडन ने कहा कि उन्होंने हमास के हमले के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से तीसरी बार बात की। उन्होंने कहा, ”मैंने उनसे कहा कि अमेरिका ने वही अनुभव किया जो इजराइल अनुभव कर रहा है, तो हमारी प्रतिक्रिया तीव्र, निर्णायक और जबरदस्त होगी।”

गाजा, इजरायली हमले में दोनों पक्षों के मृतकों की संख्या बढ़कर 1830 हुई

गाजा/यरुशलम, 11 अक्टूबर : इजरायल पर हमास चरमपंथियों के हमले के बाद इजरायली सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी पर जबर्दस्त हमला किया है। हमले में दोनों पक्षों के 1830 लोगों की जान जा चुकी है। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गाजा पट्टी के 830 लोगों की मौत हो गयी है और 4250 लोग घायल हो गए हैं। हमास के हमले में 1000 से अधिक इजरायली नागरिकों की मौत की रिपोर्ट सामने आ रही है। इस बीच इजराइल के सरकारी स्वामित्व वाले कान टीवी समाचार ने बताया कि हमास द्वारा शनिवार को देश पर अचानक हमला किए जाने के बाद से इजराइल में कम से कम 1,008 लोग मारे गए हैं। युद्ध में दोनों पक्षों के करीब 1830 से ज्यादा लोगों की मारे जाने की रिपोर्ट प्राप्त हो रही हैं। यह युद्ध चौथे दिन में प्रवेश कर गया है, जिससे दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ है। इजराइली सेना ने कहा कि गाजा के सत्तारूढ़ गुट, हमास और लेबनान में आतंकवादियों के साथ चल रहे संघर्ष में देश की मदद के लिए गोला-बारूद ले जाने वाला पहला अमेरिकी विमान कल रात इजराइल पहुंचा। इज़राइल रक्षा बल (आईडीएफ) के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने एक बयान में कहा, विमान “उन्नत गोला-बारूद” लेकर इज़राइल के दक्षिणी नेगेव रेगिस्तान में नेवातिम एयरबेस पर उतरा। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने एक बयान में कहा कि यूएसएस गेराल्ड आर. फोर्ड कैरियर स्ट्राइक ग्रुप स्थिति को बढ़ने या इस युद्ध को व्यापक बनाने की कोशिश करने वाले किसी भी हरकत को रोकने के लिए पूर्वी भूमध्य सागर में पहुंचा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के अनुसार इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध में मारे गए अमेरिकी नागरिकों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। श्री बाइडेन ने कल एक भाषण में यह भी कहा था कि माना जाता है कि हमास आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए लोगों में अमेरिकी भी शामिल हैं। तेहरान- ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने कल इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों द्वारा किए गए हमलों में अपने देश की संलिप्तता के आरोपों को खारिज कर दिया। तेहरान में एक स्नातक समारोह में ईरानी सशस्त्र बलों के कैडेटों को संबोधित करते समय श्री खामेनई ने इजरायल के समर्थकों और कुछ इजरायली व्यक्तियों के आरोपों को ‘निरर्थक’ बताया है। शीर्ष नेता ने जोर देकर कहा कि जो कोई भी मानता है कि फिलिस्तीनी अपने दम पर हमले करने में असमर्थ हैं, वह उन्हें कम आंक रहा है। दक्षिणी अफ्रीकी देश बोत्सवाना भी इजराइल और गाजा में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में शामिल हो गया है। बयान के अनुसार इजरायली-फिलिस्तीनी संघर्ष से सैकड़ों लोगों के घायल और विस्थापित होने सहित निर्दोष नागरिकों की जान चली गई है, साथ ही उनकी संपत्ति को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। दोनों पक्षों द्वारा नागरिक आबादी पर जारी हमलों और हिंसा की निंदा करते हुए बोत्सवाना ने युद्धरत दोनों पक्षों से तुरंत शत्रुता बंद करने और शांतिपूर्ण तरीकों से बातचीत के जरिए समाधान निकालने का आह्वान किया।

इजराइल के लड़ाकू विमानों ने हमास खुफिया प्रमुख को बनाया निशाना

गाजा, 08 अक्टूबर: इजरायली वायु सेना का कहना है कि उसके लड़ाकू विमानों ने ‘हमास आतंकवादी संगठन के खुफिया विभाग के प्रमुख के परिसर’ पर हमला किया है। शनिवार को हमास के फाइटरों के इजरायल में घुसने के बाद से इजरायली विमानों ने गाजा पट्टी के कई ठिकानों पर हमले किए हैं। फ़िलिस्तीनी अधिकारियों का कहना है कि 250 से अधिक लोग मारे गए हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा सिटी में लगातार धमाकों की आवाजें आ रही हैं। इज़राइल की सेना का कहना है कि उसके क्षेत्र के अंदर हमास के आतंकवादियों के साथ अभी भी आठ जगह लड़ाई चल रही है, हालांकि उसका दावा है कि उसने देश के दक्षिण में 22 स्थानों पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया है। उधर हमास ने कहा, ”भीषण लड़ाई” जारी है। इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि देश एक “लंबे और कठिन युद्ध” में जा रहा है, उन्होंने कहा कि “हमास द्वारा जानलेवा हमला हम पर थोपा गया है”। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइल ने गाजा पट्टी में ठिकानों पर जवाबी हमले शुरू किए हैं और वहां के लोगों को शरण लेने की सलाह दी है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, हमास के ज़मीनी, हवाई और समुद्री हमले के बाद कथित तौर पर कम से कम 250 इज़रायली मारे गए हैं, कुछ तो संख्या 300 के पार बता रहे हैं। अमेरिका में इज़रायली दूतावास के अनुसार, दर्जनों – शायद 100 से अधिक – का अपहरण कर लिया गया है। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने अपने देश पर दशकों में हुए सबसे बुरे हमले के जवाब में घिरे फिलिस्तीनी इलाके को “निर्जन द्वीप” में बदलने का वादा किया है, जिसके बाद गाजा पर एक बड़े आक्रमण की आशंकाएं बढ़ रही हैं।