बीजिंग/नई दिल्ली, 14 जुलाई: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग के साथ मुलाकात में कहा कि भारत-चीन संबंधों का स्थिर और सामान्य रहना दोनों देशों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। उन्होंने जटिल वैश्विक परिस्थितियों के मद्देनजर दोनों पड़ोसी देशों के बीच खुले विचार-विमर्श की आवश्यकता पर बल दिया। जयशंकर अपनी दो देशों की यात्रा के अंतिम चरण में सोमवार सुबह सिंगापुर से बीजिंग पहुंचे। वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन के तियानजिन शहर में हैं। यह उनकी पहली चीन यात्रा है, जो 2020 में पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य तनाव और उसके बाद दोनों देशों के बीच बिगड़े संबंधों के बाद हो रही है। बैठक की शुरुआत में जयशंकर ने कहा, “पिछले साल अक्टूबर में कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से हमारे द्विपक्षीय संबंधों में सतत सुधार देखा गया है। मुझे उम्मीद है कि इस यात्रा के दौरान होने वाली चर्चाएं इस सकारात्मक दिशा को और मजबूती देंगी।” उन्होंने भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का भी उल्लेख किया। जयशंकर ने कहा, “कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली को भारत में व्यापक रूप से सराहा गया है। हमारे संबंधों का सामान्यीकरण दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो सकता है।” उन्होंने आगे कहा, “वर्तमान वैश्विक परिदृश्य अत्यंत जटिल है। पड़ोसी देशों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, भारत और चीन के बीच खुलकर विचारों और दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने यह भी कहा, “मैं इस यात्रा के दौरान ऐसी सार्थक चर्चाओं की अपेक्षा करता हूं।” गौरतलब है कि तीन सप्ताह पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन के किंगदाओ शहर का दौरा किया था। वर्तमान में चीन एससीओ का अध्यक्ष है और इस भूमिका में संगठन की बैठकों की मेजबानी कर रहा है।
भारत-ब्राजील हर क्षेत्र में सहयोग सुदृढ़ कर द्विपक्षीय व्यापार को 20 अरब डॉलर पहुंचायेंगे: मोदी
ब्रासीलिया/नई दिल्ली, 09 जुलाई: भारत और ब्राजील ने हर क्षेत्र में सहयोग को सुदृढ़ करने तथा अगले पाँच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 20 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ब्राजील की आधिकारिक यात्रा पर गये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार देर रात यहां ब्राजील के राष्ट्रपति लूला द सिल्वा के साथ मुलाकात के बाद संयुक्त वक्तव्य में यह बात कही। राष्ट्रपति लूला को भारत और ब्राजील सामरिक साझेदारी का पक्षधर बताते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंधों को प्रगाढ़ करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आज की चर्चाओं में हमने हर क्षेत्र में सहयोग को सुदृढ़ करने पर बात की। हमने आने वाले पाँच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 20 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ” उन्होंंने कहा कि दोनों देश मिलकर भारत-मर्कोसुर वरीय व्यापार समझौते के विस्तार पर भी काम करेंगे। श्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर भी दोनों देशों की सोच समान है। दोनों देश आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने तथा दोहरे मानदंडों का विरोध करने की नीति पर एकमत हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा स्पष्ट मत है कि आतंकवाद पर दोहरे मापदंडों का कोई स्थान नहीं है। हम आतंकवाद और आतंकवाद के समर्थकों का कठोर विरोध करते हैं।” प्रधानमंत्री ने ब्राजील द्वारा उन्हें सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किये जाने पर आभार प्रकट किया और कहा कि वह इस सम्मान को भारत के प्रति ब्राजील की गहरी प्रतिबद्धता और अटूट मित्रता को समर्पित करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज, राष्ट्रपति द्वारा मुझे ब्राजील के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित किया जाना मेरे लिए ही नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतवासियों के लिए भी अत्यंत गर्व और भावुकता का पल है। मैं इसके लिए उनका, ब्राजील सरकार और ब्राजील के लोगों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।” उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग निरंतर बढ़ रहा है। पर्यावरण और स्वच्छ ऊर्जा दोनों देशों की मुख्य प्राथमिकता है। उन्होंंने कहा, “इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए आज जो समझौता किया गया है उससे हरित लक्ष्यों को को नई दिशा और गति मिलेगी। इस वर्ष ब्राजील में होने जा रही कॉप-30 बैठक के लिए मैं राष्ट्रपति लूला को शुभकामनाएं देता हूँ। ” प्रधानमंत्री ने रक्षा के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग को दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास का प्रतीक बताया और कहा कि दोनों देश अपने रक्षा उद्योगों को आपस में जोड़ने के प्रयास जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ए आई और सुपरकंप्यूटर में हमारा सहयोग बढ़ रहा है। यह समावेशी विकास और ह्यूमन-सेंट्रिक इनोवेशन की हमारी एक जैसी सोच का प्रमाण है।” श्री मोदी ने कहा कि ब्राजील में यूपीआई को अपनाने पर भी दोनों पक्ष मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा,“ हमें डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्पेस जैसे क्षेत्रों में भारत का सफल अनुभव ब्राजील के साथ साझा करने में खुशी होगी। ” उन्होंने कहा कि कृषि और पशु-पालन क्षेत्र में दोनों देशों का सहयोग दशकों पुराने समय से चला आ रहा है और अब वे कृषि अनुसंधान और खाद्य प्रसंस्करण पर भी मिलकर काम करेंगे। लोगों के बीच परस्पर संपर्क को दोनों देशों के बीच संबधों का महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि बिना वीज़ा काउंटर की लम्बी लाइन के, भारत और ब्राज़ील के संबंध कार्निवल जितने रंगीन हों, फुटबाल जितने जोशीले, और सांबा की तरह दिलों को जोड़ते जाएं! इसी भावना से, हम दोनों देशों के लोगों, विशेष रूप से पर्यटकोंं, छात्रों, खिलाड़ियो और व्यवसायियों के बीच संपर्क सुगम बनाने के लिए प्रयास करेंगे।” श्री मोदी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत और ब्राज़ील ने सदैव करीबी समन्वय के साथ काम किया है। दो बड़े लोकतांत्रिक देशों के रूप में हमारा सहयोग न केवल ग्लोबल साउथ, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रासंगिक है। दोनों का मानना है कि ग्लोबल साउथ की चिंताओं और प्राथमिकताओं को वैश्विक मंचों पर रखना हमारा नैतिक दायित्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब विश्व तनाव और अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है तो भारत-ब्राज़ील की यह साझेदारी स्थिरता और संतुलन का एक अहम स्तंभ है। उन्होंने कहा, ‘‘हम एकमत हैं कि सभी विवादों का समाधान संवाद और कूटनीति के माध्यम से होना चाहिए।” श्री मोदी ने राष्ट्रपति लूला को भारत आने का निमंत्रण देते हुए कहा, ‘‘एक बार फिर इस सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान के लिए, और आपकी मित्रता के लिए, मैं 140 करोड़ भारतवासियों की ओर से, आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूँ। मैं आपको भारत यात्रा करने का निमंत्रण भी देता हूँ। ”
ब्राजील में प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रस्तुति रही खास
रियो डी जेनेरियो/नई दिल्ली, 06 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिवसीय यात्रा पर ब्राजील पहुंचे। इस दौरान वे 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और एक राजकीय यात्रा भी करेंगे। ब्राजील के रियो डी जेनेरियो पहुंचने पर भारतीय प्रवासी ने पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया। ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे पीएम मोदी का पारंपरिक नृत्य, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और देशभक्ति से भरे चित्रों से स्वागत किया गया। लोगों ने हाथों में तिरंगा लिए प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस स्वागत में सबसे खास बात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रस्तुति रही। यह भारत की ओर से पाकिस्तान स्थित आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे एक निर्णायक अभियान पर आधारित प्रस्तुति थी, जिसे नृत्य और चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया। प्रवासी भारतीयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत पेंटिंग और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आधारित नृत्य के साथ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वागत समारोह में प्रस्तुति देने वाली भारतीय महिला नर्तकियों से मुलाकात की। नर्तकियों में से एक ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी हमारे लिए बड़े भाई जैसे हैं। हमारे लिए यह बहुत गर्व की बात है कि वे यहां आए। हमारी प्रस्तुति को उन्होंने बहुत धैर्यपूर्वक देखा, हमसे बातचीत की और इसकी बहुत सराहना की। हमने अपने बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने और भारत माता का सम्मान करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अपनी थीम के रूप में चुना था।” बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी चार दिवसीय यात्रा पर ब्राजील पहुंचे हैं। अपनी यात्रा के दौरान, 6 और 7 जुलाई को वह रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, उसके बाद एक राजकीय यात्रा करेंगे। यह लगभग छह दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा देश की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ब्रासीलिया जाएंगे, जहां वे राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, कृषि, स्वास्थ्य और लोगों के बीच संपर्क सहित आपसी हित के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने पर द्विपक्षीय चर्चा करेंगे।
त्रिनिदाद एंड टोबैगो: पीएम मोदी ने राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू का जल प्रधानमंत्री कमला को किया भेंट
पोर्ट ऑफ स्पेन/नई दिल्ली, 04 जुलाई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर द्वारा आयोजित रात्रिभोज के दौरान अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति, सरयू और प्रयागराज के महाकुंभ का पवित्र जल भेंट किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत और कैरिबियाई राष्ट्र के बीच गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रिश्तों को उजागर किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर द्वारा आयोजित रात्रिभोज में मैंने राम मंदिर की प्रतिकृति, सरयू नदी का पवित्र जल और महाकुंभ का जल भेंट किया। ये भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों का प्रतीक हैं।” उन्होंने एक अन्य पोस्ट में बताया, “रात्रिभोज में भोजन सोहारी के पत्ते पर परोसा गया, जो त्रिनिदाद एंड टोबैगो, खासकर भारतीय मूल के लोगों के लिए बहुत सांस्कृतिक महत्व रखता है। यहां त्योहारों और विशेष अवसरों पर इस पत्ते पर भोजन परोसने की परंपरा है।” पोर्ट ऑफ स्पेन में रात्रिभोज के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राणा मोहिप से मुलाकात की, जिन्होंने कुछ साल पहले महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भारत में ‘वैष्णव जन तो’ गाया था। उन्होंने भारतीय संगीत और संस्कृति के प्रति उनके जुनून की सराहना की। इससे पहले, गुरुवार को अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो तथा भारत के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को साझा किया। उन्होंने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में लिखा, “पोर्ट ऑफ स्पेन में भोजपुरी चौताल प्रदर्शन देखकर बहुत खुशी हुई। त्रिनिदाद एंड टोबैगो और भारत, खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों के बीच का संबंध अद्भुत है।” प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर लोगों में उत्साह दिखाई दिया और वे ढोल की थाप पर थिरकते नजर आए। इस दौरान पारंपरिक संगीत व प्रदर्शन के साथ स्थानीय और भारतीय संस्कृति का मिश्रण देखने को मिला। यह प्रधानमंत्री मोदी की 8 महीनों में कैरिबियाई क्षेत्र की दूसरी यात्रा है। इससे पहले नवंबर 2024 में उन्होंने गुयाना का दौरा किया था। यह दर्शाता है कि भारत कैरिबियाई देशों को कितना महत्व देता है और कैरिबियाई समुदाय के साथ भारत की बढ़ती साझेदारी को दर्शाता है।
भारत-घाना ने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया: मोदी
अक्कारा/नई दिल्ली, 03 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अक्कारा में राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा से बातचीत के बाद कहा कि भारत और घाना ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि भारत घाना के राष्ट्र निर्माण की यात्रा में सिर्फ भागीदार ही नहीं बल्कि सह-यात्री भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता के बाद अक्कारा में जुबली हाउस में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि तीन दशकों के अंतराल के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री घाना का दौरा कर रहा है और यह उनके लिए बेहद गर्व की बात है कि उन्हें घाना आने का यह अवसर दिया गया है। उन्होंने राष्ट्रपति महामा को दिसंबर 2024 के आम चुनावों में जीत के लिए बधाई दी, जो दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि यह जीत घाना के लोगों के उनके नेतृत्व और विजन में गहरे भरोसे को दर्शाती है। श्री मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति महामा और मैंने अपनी द्विपक्षीय साझेदारी को ‘व्यापक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया है। घाना के राष्ट्र निर्माण की यात्रा में भारत न केवल भागीदार है, बल्कि सह-यात्री भी है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भव्य जुबली हाउस, विदेश सेवा संस्थान, कोमेंडा शुगर फैक्ट्री, भारत-घाना कोफी अन्नान आईसीटी सेंटर और टेमा-पकाडन रेलवे लाइन द्विपक्षीय साझेदारी के प्रतीक हैं। द्विपक्षीय व्यापार तीन अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है। भारतीय कंपनियों ने लगभग 900 परियोजनाओं में लगभग दो अरब डॉलर का निवेश किया है। श्री मोदी ने कहा, “आज, हमने अगले पांच वर्षों में अपने आपसी व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।” उन्होंने कहा कि फिनटेक के क्षेत्र में भारत घाना के साथ अपने यूपीआई डिजिटल भुगतान अनुभव को साझा करने के लिए तैयार है। इस बात पर जोर देते हुए कि विकास साझेदारी द्विपक्षीय संबंधों का एक आधारभूत स्तंभ है, उन्होंने आर्थिक पुनर्गठन की दिशा में राष्ट्रपति महामा के प्रयासों के लिए भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। भारत ने घाना के लिए आईटीईसी और आईसीसीआर छात्रवृत्ति को दोगुना करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “युवाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, हम एक कौशल विकास केंद्र स्थापित करने के लिए काम करेंगे। हम राष्ट्रपति महामा के ‘फीड घाना’ कृषि कार्यक्रम में सहयोग करके खुशी महसूस कर रहे हैं। जन औषधि केंद्रों के माध्यम से, भारत-घाना के नागरिकों को सस्ती और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का प्रस्ताव करता है,” श्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने वैक्सीन उत्पादन में सहयोग पर भी चर्चा की। उन्होंने कि हम रक्षा और सुरक्षा में ‘एकजुटता के माध्यम से सुरक्षा’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ेंगे। सैन्य प्रशिक्षण, समुद्री सुरक्षा, रक्षा आपूर्ति और साइबर सुरक्षा में सहयोग को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और खनन में सहयोग करेंगी। भारत और घाना पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन जैसे प्लेटफार्मों में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि घाना के नवीकरणीय ऊर्जा प्रयासों, विशेष रूप से स्वच्छ रसोई गैस में समर्थन करने के लिए, हमने उन्हें वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम दोनों ही ग्लोबल साउथ के सदस्य हैं और इसकी प्राथमिकताओं के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हम ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ में घाना की सकारात्मक भागीदारी के लिए उसे धन्यवाद देते हैं।” श्री मोदी ने कहा कि भारत को गर्व है कि हमारे जी-20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 में स्थायी सदस्यता प्रदान की गई। दोनों पक्षों ने साहेल क्षेत्र सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम इस बात पर पूरी तरह सहमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए खतरा है। हम आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में सहयोग के लिए घाना को धन्यवाद देते हैं। हमने आतंकवाद के खिलाफ अपने सहयोग को मजबूत करने का फैसला किया है।” उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर हमारे विचार एक जैसे हैं। हमने पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे संघर्षों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। हमारा मानना है कि यह युद्ध का युग नहीं है। समस्याओं का समाधान बातचीत और कूटनीति के जरिए किया जाना चाहिए। जीवंत भारतीय समुदाय के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि वे हमारे लोगों के बीच संबंधों में एक विशेष कड़ी हैं। भारतीय शिक्षक, डॉक्टर और इंजीनियर लंबे समय से घाना में सेवा कर रहे हैं और उन्होंने इसकी सामाजिक और आर्थिक प्रगति में सकारात्मक योगदान दिया है। श्री मोदी ने कहा, “मैं कल भारतीय समुदाय से मिलने के लिए उत्सुक हूँ।” प्रधानमंत्री ने कहा, “आप भारत के प्रिय मित्र हैं और हमारे देश से अच्छी तरह परिचित हैं। मैं आपको भारत आने का निमंत्रण देता हूँ, और मुझे आशा है कि आप हमें वहाँ आपका स्वागत करने का अवसर देंगे।” इससे पहले अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत-घाना मैत्री के मूल में हमारे साझा मूल्य, संघर्ष और समावेशी भविष्य के सपने निहित हैं। हमारे देशों के स्वतंत्रता संग्राम ने कई अन्य लोगों को प्रेरित किया है। आज भी, घाना पश्चिम अफ्रीका में एक जीवंत लोकतंत्र और अन्य देशों के लिए ‘आशा की किरण’ के रूप में खड़ा है।” प्रधानमंत्री ने गर्मजोशी से स्वागत के लिए घाना के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति महामा प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर उनका स्वागत करने के लिए कोटोका अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आए थे। श्री मोदी का हवाई अड्डे पर औपचारिक स्वागत किया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई।
प्रधानमंत्री मोदी को घाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से किया सम्मानित
अक्कारा/नई दिल्ली, 03 जुलाई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घाना के सर्वोच्च सम्मान, ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति जॉन महामा ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया। श्री मोदी ने बुधवार को इस सम्मान के लिए घाना के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया और इसे ‘अत्यंत गर्व का विषय’ बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के राष्ट्रपति महामा से द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने रक्षा, सुरक्षा, कौशल विकास और कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया। प्रधानमंत्री ने 140 करोड़ भारतीयों की ओर से पुरस्कार स्वीकार करते हुए इस सम्मान को भारत के युवाओं की आकांक्षाओं, इसकी सांस्कृतिक परंपराओं और विविधता तथा घाना और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया। श्री मोदी ने इस विशेष सम्मान के लिए घाना के लोगों और सरकार को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पुरस्कार दोनों देशों के बीच मित्रता को और गहरा करता है तथा द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की उन पर नई जिम्मेदारी डालता है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि घाना की उनकी ऐतिहासिक राजकीय यात्रा दोनों देशों के संबंधों को नई गति प्रदान करेगी। श्री मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित होने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।”
पाकिस्तान में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 38 हुई
इस्लामाबाद, 29 जून : पाकिस्तान में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 38 हो गई, जबकि 63 लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून से पहले हो रही बारिश का कहर जारी है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने शनिवार रात को बताया कि बारिश 26 जून को शुरू हुई थी और देश के विभिन्न हिस्सों में रुक-रुक कर जारी है। प्राधिकरण ने बताया कि उत्तर-पश्चिम में खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। खैबर-पख्तूनख्वा के स्वात इलाके में शुक्रवार को अचानक आई बाढ़ में एक ही परिवार के कम से कम 19 लोग मारे गए। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की प्रांतीय सरकार को बाढ़ के पानी से घिरे परिवार की मदद करने में विफल रहने के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। प्राधिकरण ने बताया कि परिवार ने बाढ़ के पानी से घिरे होने के कारण एक घंटे तक ऊंची जगहों पर शरण ली, लेकिन अंततः वे बह गए। प्रांतीय सरकार ने परिवार को बचाने में विफल रहने के लिए चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया और स्वात के उपायुक्त शहजाद महबूब को उनके पद से हटा दिया। हालांकि, संघीय सूचना मंत्री अत्ता तरार ने शनिवार को मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर को मौतों की जिम्मेदारी लेने और इस्तीफा देने की मांग की। बारिश से जुड़ी घटनाओं में पंजाब में 12 और सिंध प्रांत में सात लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि अलग-अलग घटनाओं में पंजाब में 41, सिंध में 16 और खैबर-पख्तूनख्वा में छह लोग घायल हुए। उन्होंने बताया कि अन्य नुकसान के अलावा देश भर में 63 घर क्षतिग्रस्त हो गए और 30 जानवर मारे गए। अधिकारियों के मुताबिक, बारिश व बाढ़ में सड़कें और पुल भी क्षतिग्रस्त हो गए। प्राधिकरण के मुताबिक, प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव और पुनर्वास प्रयास जारी हैं।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में अचानक आई बाढ़, 11 लोगों की मौत
इस्लामाबाद, 28 जून : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मूसलाधार बारिश के चलते अचानक आई बाढ़ में कम से कम 11 लोगों की जान चली गई। इनके अलावा छह अन्य लोग घायल हो गए हैं। बाढ़ के कारण स्वात नदी में तेजी से जलस्तर बढ़ गया, जिससे भारी नुकसान पहुंचा है। प्रोविजनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (पीडीएमए) ने हताहतों की पुष्टि की है। इसके अलावा मीडिया ने प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक बचाव और राहत अभियान चलाए जाने की जानकारी दी है। ‘पीडीएमए’ के अनुसार, इस बाढ़ के दौरान जान गंवाने वालों में चार पुरुष, तीन महिलाएं और चार बच्चे शामिल हैं। इस बाढ़ से 56 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिनमें से 6 घर पूरी तरह नष्ट हो गए। 50 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, स्वात क्षेत्र में जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। यहां 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। ‘डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी’ ने बाढ़ के लेवल को ‘बहुत अधिक’ बताया है। अधिकारियों के मुताबिक इस बाढ़ में दर्जनों लोग फंसे हुए हैं। दो दिनों की लगातार बारिश के बाद स्थिति से निपटने के लिए राहत कार्य जारी हैं। पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के अनुसार, पीडीएमए ने स्वात क्षेत्र से संभावित बाढ़ के जोखिम से निपटने को तैयार रहने के लिए पेशावर, चरसद्दा और नौशेरा में अधिकारियों को अलर्ट भी जारी किया है। स्वात के डिप्टी कमिश्नर शहजाद महबूब ने बताया है कि स्वात नदी में अचानक आई बाढ़ के चलते 73 लोग अलग-अलग स्थानों पर फंस गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी पुष्टि की है कि दो पर्यटक परिवारों में से 18 लोग शुक्रवार को स्वात नदी में आई अचानक बाढ़ की चपेट में आ गए, जिनमें से 17 की मौत हो गई। स्थानीय मीडिया के मुताबिक यह घटना फिजागत क्षेत्र में हुई, जहां दो परिवारों के सदस्य नदी के किनारे नाश्ता कर रहे थे। इसी बीच अचानक नदी का जल स्तर बढ़ गया और इनमें से कई बह गए। अधिकारियों के अनुसार, बचाव अभियान के दौरान तीन व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। एक बचाव अधिकारी ने बताया, “हमें सुबह 8 बजे इन लोगों के डूबने की सूचना मिली।” इस दुखद घटना का एक भयावह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें महिलाएं और बच्चे नदी में फंसे नजर आ रहे हैं।
राजनाथ ने एससीओ के बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया
किंगदाओ/नई दिल्ली, 26 जून : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद के दोषियों, वित्तपोषकों व प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और इससे निपटने में ”दोहरा” मापदंड नहीं अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान समर्थित सीमापार से जारी आतंकवाद पर भारत की चिंताओं को स्पष्ट रूप से संबोधित नहीं करने के लिए एससीओ के बयान पर हस्ताक्षर नहीं करने का निर्णय लिया। मामले से परिचित लोगों ने बताया कि एससीओ आम सहमति के तहत काम करता है, लिहाजा दस्तावेज का समर्थन करने से सिंह के इनकार के परिणामस्वरूप एससीओ रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन संयुक्त वक्तव्य जारी किए बिना ही समाप्त हो गया। उन्होंने कहा कि सीमापार से जारी आतंकवादी गतिविधियों समेत आतंकवाद से निपटने के लिए कोई स्पष्ट दृष्टिकोण नहीं है। सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद से निपटने के मामले में ‘दोहरा मापदंड नहीं’ होना चाहिए एससीओ सदस्य देशों को एकजुटता के साथ इस खतरे की निंदा करनी चाहिए। भारत और चीन के अलावा एससीओ में पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। पाकिस्तान का परोक्ष उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को पनाह देने के लिए सीमापार आतंकवाद को ‘नीतिगत साधन’ के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने आतंकवाद से बचाव और सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। उन्होंने कहा, ‘पहलगाम आतंकी हमले के दौरान, पीड़ितों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर गोली मार दी गई थी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली।’ उन्होंने कहा, ‘पहलगाम हमले का तरीका भारत में लश्कर-ए-तैयबा के पिछले आतंकवादी हमलों के जैसा था। भारत की आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति उसके कार्यों से प्रदर्शित होती है।’ उन्होंने कहा, ‘इस नीति में आतंकवाद से खुद का बचाव करने का हमारा अधिकार भी शामिल है। हमने दिखा दिया है कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं और हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे।’ सिंह ने कहा कि एससीओ सदस्यों को आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए। उन्होंने इस खतरे से सभी रूपों में लड़ने के भारत के संकल्प की पुष्टि की। रक्षा मंत्री ने युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने का भी आह्वान किया। सिंह ने कहा कि दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और साइबर हमलों से लेकर हाइब्रिड युद्ध तक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये खतरे सभी देशों के सामने हैं और इनसे निपटने के लिए पारदर्शिता, आपसी विश्वास और सहयोग पर आधारित एकीकृत प्रयासों की जरूरत है। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत, अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा व स्थिरता से संबंधित अपनी नीति पर अडिग रहा है। रक्षा मंत्री एससीओ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार को चीन के बंदरगाह शहर किंगदाओ पहुंचे थे।
राजनाथ सिंह ने किंगदाओ में रूस के रक्षा मंत्री से मुलाकात की
किंगदाओ/नई दिल्ली, 26 जून : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को अपने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ बातचीत की, जिसमें क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य और द्विपक्षीय रक्षा तथा रणनीतिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन से इतर हुई। सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में इस बातचीत को ज्ञानवर्धक बताया। उन्होंने कहा, ”किंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक से इतर रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव से मिलकर खुशी हुई। हमने भारत-रूस रक्षा संबंधों को बढ़ावा देने पर ज्ञानवर्धक विचार-विमर्श किया।” ऐसा समझा जा रहा है कि सिंह ने पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद से भारत को चुनौती पर बात की। माना जा रहा है कि दोनों मंत्रियों ने एक जुलाई को रूस के तटीय शहर कलिनिनग्राद में भारतीय नौसेना की रूस निर्मित गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी ‘आईएनएस तमाल’ के आगामी जलावतरण पर भी चर्चा की। जलावतरण समारोह की अध्यक्षता पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल संजय जे सिंह करेंगे। सिंह एससीओ सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार शाम को किंगदाओ पहुंचे। भारत और चीन के अलावा एससीओ में पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।