स्लोवाक प्रेसिडेंट ने राष्ट्रपति मुर्मू के सम्मान में ऐतिहासिक ब्रातिस्लावा कैसल में किया भोज का आयोजन

ब्रातिस्लावा/नई दिल्ली, 10 अप्रैल: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को ऐतिहासिक ब्रातिस्लावा कैसल में उनके सम्मान में आयोजित भोज में भाग लिया। स्लोवाकिया के प्रेसिडेंट पीटर पेलेग्रिनी इस कार्यक्रम के आयोजक थे। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक्स को बताया, “स्लोवाक कलाकारों ने दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक बंधन को दर्शाते हुए राष्ट्रीय गान सहित आकर्षक म्यूजिकल परफॉर्मेंस दीं।” राष्ट्रपति मुर्मू ने गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्य के लिए स्लोवाक सरकार और स्लोवाकिया के लोगों को धन्यवाद दिया। पोस्ट में बताया गया, “उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद से लेकर भारतीय व्यंजनों तक, स्लोवाकिया में भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम हमारे लोगों के बीच मजबूत संबंधों का प्रमाण है। उन्होंने दोनों देशों के बीच मैत्री के बंधन को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।” इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रेसिडेंट पीटर पेलेग्रिनी ने भारत-स्लोवाकिया संबंधों के अलग-अलग पहलुओं की समीक्षा की और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई। बैठक और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान, राष्ट्रपति मुर्मू और पेलेग्रिनी ने साझे वैश्विक और क्षेत्रीय हितों के मुद्दों पर भी चर्चा की। भारतीय पक्ष की ओर से प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में राज्य मंत्री निमूबेन बंभानिया के साथ-साथ सांसद धवल पटेल, संध्या रे और वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। राष्ट्रपति ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रेसिडेंट पेलेग्रिनी की व्यक्तिगत प्रतिबद्धता और पहल की सराहना की। दोनों नेताओं की उपस्थिति में दो एमओयू का आदान-प्रदान किया गया। यह लगभग तीन दशकों में किसी भारतीय राष्ट्रपति की स्लोवाकिया की पहली यात्रा है। राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू की स्लोवाकिया की दो दिवसीय यात्रा इस बात का संकेत देती है कि भारत स्लोवाक गणराज्य के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को कितना महत्व देता है। इससे रक्षा, विज्ञान, टेक्नोलॉजी, शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में गहन सहयोग और नई पहलों के शुरू होने की उम्मीद है।

ट्रंप की चेतावनी, फार्मा इंडस्ट्री के लिए टैरिफ छूट जल्द समाप्त होगी

न्यूयॉर्क, 09 अप्रैल: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि फार्मास्यूटिकल्स को रेसिप्रोकल टैरिफ से दी गई छूट जल्द समाप्त हो जाएगी। भारत अमेरिका को बड़ी मात्रा में फार्मास्यूटिकल्स का निर्यात करता है। मंगलवार रात को उन्होंने कहा, “हम बहुत जल्द ही फार्मास्यूटिकल्स पर एक बड़ा टैरिफ लगाने की घोषणा करने जा रहे हैं।” ट्रंप का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिका की ओर से लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ बुधवार से प्रभावी हो गए हैं। उन्होंने वाशिंगटन में नेशनल रिपब्लिकन कांग्रेसनल कमेटी के डिनर में अपने भाषण में चीन का जिक्र किया, लेकिन भारत का जिक्र नहीं किया, जो कि अपने फार्मा निर्यात का 31.5 प्रतिशत अमेरिका को भेजता है। अमेरिका की ओर से भारत पर 27 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान आखिरी बुधवार को किया गया था। ट्रंप ने कहा कि जब फार्मा कंपनियों को टैरिफ की जानकारी मिलेगी, वे चीन और अन्य देशों को छोड़ देंगी, क्योंकि उन्हें अपने ज्यादा उत्पादन अमेरिका में बेचने हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा, “टैरिफ के बाद सभी फार्मा कंपनियां पूरे देश के अगले हिस्सों में प्लांट खोलेंगी।” जब राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले सप्ताह रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, तो उन्होंने फार्मास्यूटिकल्स, कॉपर, सेमीकंडक्टर, लकड़ी, बुलियन, एनर्जी और कुछ मिनरल को टैरिफ से छूट दी, क्योंकि यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। रेसिप्रोकल टैरिफ में फार्मास्यूटिकल्स को राहत इसलिए मिली क्योंकि आयातित दवाएं, विशेष रूप से भारत से आने वाली जेनेरिक दवाएं, अमेरिकी हेल्थ सिस्टम की लागत को कम रखने में मदद करती हैं, जो दुनिया में सबसे महंगे हेल्थ सिस्टम्स में से एक है। भारत और अमेरिका एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं, जिससे टैरिफ के प्रभाव को कम किया जा सके। हेल्थकेयर डेटा और एनालिटिक्स कंपनी आईक्यूवीआईए ने कहा कि 2022 में अमेरिका में दिए गए दस में से चार प्रिस्क्रिप्शन भारतीय कंपनियों के थे। अमेरिका द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के बाद ट्रेड वार की स्थिति पैदा हो गई है। पिछले सप्ताह चीन द्वारा घोषित 34 प्रतिशत टैरिफ के जवाब में अमेरिका ने चीन से आयात पर अतिरिक्त 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया। अतिरिक्त 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने से चीनी आयात पर अमेरिकी टैरिफ 104 प्रतिशत हो जाएगा। ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ ने मंदी की आशंकाओं को बढ़ा दिया है।

मुर्मु को पुर्तगाल में ‘सिटी की ऑफ ऑनर’ सम्मान से नवाजा गया

नई दिल्ली, 08 अप्रैल : पुर्तगाल की यात्रा पर गयी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को लिस्बन के मेयर ने लिस्बन शहर का ‘सिटी की ऑफ ऑनर’ सम्मान प्रदान किया है। राष्ट्रपति सचिवालय के अनुसार श्रीमती मुर्मु को लिस्बन के सिटी हॉल में आयोजित एक समारोह में यह सम्मान प्रदान किया गया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर मेयर और लिस्बन के लोगों को इस सम्मान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि लिस्बन खुले विचारों, लोगों की गर्मजोशी और अपनी संस्कृति के साथ-साथ सहिष्णुता तथा विविधता के प्रति सम्मान के लिए जाना जाता है। उन्होंने इस बात पर खुशी जतायी कि लिस्बन एक वैश्विक शहर है जो तकनीकी परिवर्तन, नवाचार, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और डिजिटल बदलाव के मामले में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में भारत और पुर्तगाल आगे भी सहयोग कर सकते हैं। राष्ट्रपति मुर्मु ने पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा द्वारा पलासियो दा अजुडा में उनके सम्मान में आयोजित भोज में भाग लिया। राष्ट्रपति ने अपने भोज भाषण में कहा, “हमारे लोगों के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं और इन संबंधों ने हमारी सामूहिक कल्पना पर अमिट छाप छोड़ी है। इनमें हमारा साझा अतीत शामिल है जो वास्तुकला, ऐतिहासिक स्थलों और भाषाओं के साथ-साथ हमारे व्यंजनों में भी झलकता है। यह वर्ष विशेष महत्व रखता है क्योंकि हम भारत-पुर्तगाल द्विपक्षीय संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। हमारे प्राकृतिक तालमेल और विविध क्षेत्रों में सहयोग की क्षमता के साथ, हमारे ऐतिहासिक संबंध एक गतिशील और दूरदर्शी साझेदारी बनने की दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं।” पुर्तगाल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रक्षा, आईटी, स्टार्ट-अप, अनुसंधान, शैक्षिक और सांस्कृतिक सहयोग सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत-पुर्तगाल सहयोग में निरंतर और प्रगतिशील वृद्धि पर प्रसन्नता हुई। राष्ट्रपति ने कहा कि ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, स्टार्ट-अप और नवाचार जैसे क्षेत्रों में अपनी ताकत का उपयोग कर एक समावेशी और सतत विकास मॉडल तैयार कर रहा है, जिससे सभी को लाभ हो। उन्होंने कहा कि भारत इन प्रयासों में पुर्तगाल को अपना भागीदार मानता है। राष्ट्रपति ने यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंधों को बढ़ावा देने में पुर्तगाल की भूमिका की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में भारत-पुर्तगाल द्विपक्षीय संबंध और भी घनिष्ठ और व्यापक होंगे और यह न केवल हमारे लोगों के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए लाभकारी होगा।

बांग्लादेश में एक और तख्तापलट की अटकलें, सेना प्रमुख को जारी करना पड़ा बयान

ढाका, 25 मार्च: बांग्लादेश में सैन्य शासन लागू होने या आपातकाल लगने की अटकलें तेज हो गई हैं। सेना, प्रशासन और छात्र संगठनों के बीच बढ़ते तनाव ने इन चिंताओं को जन्म दिया है कि आर्मी मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ कदम उठा सकती है। ढाका में बांग्लादेशी सेना की तैनाती ने तख्तापलट की अफवाहों को और हवा दी है। रिपोर्टों से पता चलता है कि बांग्लादेशी सेना की सावर स्थित 9वीं डिवीजन की टुकड़ियां इक्ट्ठी हो रही हैं और उन्होंने चरणबद्ध तरीके से राजधानी में प्रवेश करना शुरू कर दिया है। देश के प्रमुख मीडिया आउटलेट, नॉर्थईस्ट न्यूज के अनुसार, सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों का कहना है कि सेना खासतौर से ढाका में नियंत्रण मजबूत करने की कोशिश कर रही है। हालांकि, बढ़ती अटकलों को शांत करने की कोशिश में सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने सोमवार को अफवाहों को खारिज करते हुए धैर्य रखने की अपील की। ढाका छावनी में ‘अधिकारी अभिभाषण’ में देश भर से आए वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए जनरल वाकर ने सेना के समर्पण, पेशेवर रवैय की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गलत सूचनाओं की वजह से ध्यान नहीं भटकना चाहिए। जनरल वाकर ने बिगड़ती कानून व्यवस्था, गलत सूचना के खतरे और भड़काऊ बयानबाजी सहित प्रमुख चिंताओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा ‘देश और उसके लोग सेना की सर्वोच्च प्राथमिकता बने हुए हैं’। सेना प्रमुख ने सैनिकों से सतर्क रहने और उकसावे के आगे न झुकने की अपील की। बता दें सेना छह महीने से अधिक समय से मजिस्ट्रेसी शक्तियों का इस्तेमाल कर रही है और नागरिक प्रशासन की मदद कर रही हैं। सुरक्षा बलों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने और यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हाल के महीनों में राजनीतिक दलों और छात्र संगठनों के बढ़ते विरोध के कारण तनाव बढ़ गया है, जिससे सैन्य हलकों में बेचैनी पैदा हो गई है। इन हालात ने कथित तौर पर सेना के भीतर कुछ गुटों को असहमति की आवाजों को नियंत्रित करने के उपायों पर विचार करने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, जनरल वाकर ने किसी भी आवेगपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के कदम देश को अस्थिर करने की कोशिश करने वालों के हितों की पूर्ति कर सकते हैं। नाजुक हालात ने एक और मोड़ तब ले लिया जब शुक्रवार को जारी एक पूर्व-रिकॉर्डेड वीडियो में एक छात्र नेता ने सेना प्रमुख के खिलाफ विस्फोटक आरोप लगाए। एक अन्य प्रमुख छात्र कार्यकर्ता और नई नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी), हसनत अब्दुल्ला ने हाल ही में सेना के खिलाफ एक जन आंदोलन शुरू करने की धमकी दी। अंतरिम सरकार में स्थानीय सरकार, ग्रामीण विकास और सहकारिता मंत्रालय के सलाहकार के रूप में कार्य करने वाले आसिफ महमूद शोजिब भुइयां ने दावा किया कि जनरल वाकर शुरू में मुख्य सलाहकार के रूप में मोहम्मद यूनुस की नियुक्ति का समर्थन करने में अनिच्छुक थे। 11 मार्च को अब्दुल्ला और जनरल वाकर के बीच एक गुप्त बैठक की खबरें आईं, जिसके दौरान सेना प्रमुख ने कथित तौर पर शेख हसीना की अवामी लीग के राजनीति में लौटने और चुनाव लड़ने की संभावना का संकेत दिया।

‘अंतरिक्ष परी’ सुनीता विलियम्स ने रचा महा इतिहास,नौ महीने बाद किया धरती काे स्पर्श

फ्लोरिडा, 19 मार्च: आठ दिनों के लिए संयुक्त क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन पर गयीं और तकनीकी कारणों से करीब नौ माह तक अंतरिक्ष में ‘फंसी’ रहीं भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के बुधवार तड़के धरती को आलिंगनबद्ध करते ही उनकी सुरक्षित वापसी के लिए कई घंटों से ‘दिल थामे’ टकटकी लगाये विश्वभर में लोगों की आंखें खुशियों से छलछला गयीं और इसके साथ ही, अंतरिक्ष विज्ञान में 19 मार्च स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया। ‘अंतरिक्ष परी’ सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने नौ महीने 14 दिन बाद आज धरती पर कदम रखा। उनका ड्रैगन फ्रीडम स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार आज तड़के 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर लैंड हुआ। इस मौके पर एक और सुंदर नजारा देखने को मिला। ड्रैगन के स्प्लैशडाउन होते ही कई डॉल्फिन मछलियों ने उसे घेर लिया। इस दौरान डॉल्फिन का झुंड अंतरिक्ष यान की चारों ओर तैरतने लगा जैसे वे ‘अंतरिक्ष परी’ के लिए स्वागत गीत गा रही हों। दोनों अंतरिक्ष यात्री बोइंग और नासा के आठ दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे, लेकिन स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के थ्रस्टर्स में तकनीकी समस्या के कारण इनकी आठ दिन की यात्रा नौ माह 14 में तब्बदील हो गयी। स्पेसएक्स कैप्सूल ने अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुश्री विलियम्स, बुच विलमोर तथा निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव को फ्लोरिडा तट के पास अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से चार पैराशूट का उपयोग करके सुरक्षित रूप से वापसी की। नासा द्वारा निर्धारित समय पर जैसे ही ड्रैगन ने स्प्लैशडाउन किया अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और इस चमत्कृत करने वाले दृश्य का सीधा प्रसारण देख रहे लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। भारत के कई राज्यों में सुश्री विलियम्स की सुरक्षित वापसी के लिए विशेष प्रार्थनाएं की गईं और पटाखें फोड़कर खुशियों का इजहार किया गया।इसी के साथ क्रू-9 एस्ट्रोनॉट्स की पृथ्वी पर वापसी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गया। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने एक लाइव अपडेट में कहा कि स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल फ्रीडम की17 घंटे की यात्रा ग्रह की परिक्रमा करने के बाद, फ्लोरिडा तट के पास पैराशूट सहायता प्राप्त स्प्लैशडाउन के बाद पूरी की। नासा के अनुसार,“ सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर आईएसएस पर नौ महीने से अधिक समय बिताने के बाद पृथ्वी पर लौटे, जबकि एक अन्य अमेरिकी एस्ट्रोनॉट निक हेग और एक रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव को सुनीता विलियम्स और विलमोर के प्रतिस्थापन के रूप में 16 मार्च को आईएसएस के साथ डॉक किए गए स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन क्राफ्ट पर भेजा गया था।” चारों अंतरिक्ष यात्रियों को नासा के वैज्ञानिकों ने ड्रैगन क्राफ्ट से उतरते ही जोरदार खुशी के साथ स्वागत किया और उन्हें सभी मेडिकल सुविधाओं के साथ तैयार किए गए नावों में ले जाया गया। सुश्री विलियम्स और बुच विलमोर जून 2024 से आईएसएस पर थे, जब बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान, जिस पर वे अपनी पहली चालक दल की यात्रा का परीक्षण कर रहे थे, में प्रणोदन समस्याएं आईं और इसे पृथ्वी पर वापस लाने के लिए अनुपयुक्त घोषित किया गया था। स्प्लैशडाउन से ठीक पहले, नासा ने एक्स पर पोस्ट किया, “नासा एस्ट्रोनॉट निक हेग, सुनीता विलियम्स, बुच विलमोर और कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान में पृथ्वी पर लौट रहे हैं। क्रू9 स्प्लैशडाउन 5:57 बजे ईटी (2157 यूटीसी) के लिए लक्षित है।” रिपोर्टों के अनुसार ,“ अंतरिक्ष यात्रियों ने आईएसएस को अलविदा कहकर अपनी पृथ्वी पर वापसी यात्रा शुरू की। उनकी सुरक्षित लैंडिंग ने एक लंबे मिशन को समाप्त किया, जो शुरू में केवल एक सप्ताह तक चलने वाला था, लेकिन अप्रत्याशित देरी और अंतरिक्ष यान की समस्याओं के कारण बढ़ गया था।” सुश्री विलियम्स और बुच विलमोर जून 2024 में बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर अपनी पहली चालक दल की यात्रा का परीक्षण करने के लिए गए थे और एक सप्ताह से अधिक समय तक अंतरिक्ष अभियान पर रहे। लेकिन बोइंग स्टारलाइनर में प्रणोदन समस्याएं आईं और इसे अंतरिक्ष प्रशासन द्वारा दो अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए अनुपयुक्त घोषित किया गया था। तब से, सुश्री विलियम्स आईएसएस पर रहीं, प्रतिस्थापन शटल की प्रतीक्षा कर रही थीं जो पृथ्वी पर वापस आ गई थी। नासा ने पोस्ट किया, ‘क्रू9 का डीऑर्बिट जलना शुरू हो गया है। आठ मिनट के थ्रस्टर फायर के बाद, इसने स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान को फ्लोरिडा तट के पास अपने अंतिम स्प्लैशडाउन साइट पर एक सटीक ट्रेजेटरी पर रखा।” उतरने से पहले, सुश्री विलियम्स और श्री विलमोर को बहुत जरूरी आराम करने की हरी झंडी दे दी गई, नासा मिशन कंट्रोल ने उन्हें अपने कंसोल पर “परेशान न करें” फ्लैग चालू करने की अनुमति दी। वे कई रिकॉर्ड और मील के पत्थर के साथ घर चले गए। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार उनकी विस्तारित व्यावसायिक यात्रा ने कुछ प्रभावशाली आंकड़े जमा किए हैं, जिनमें आईएसएस पर 285 दिन, पृथ्वी की 4,576 परिक्रमाएं और 121,347,491 मील की यात्रा शामिल है।

पीएम मोदी की ‘सकारात्मक टिप्पणियों’ से चीन खुश, कहा – दोनों देशों को एक-दूसरे का करना चाहिए समर्थन

बीजिंग, 17 मार्च : चीन ने सोमवार को कहा कि वह बीजिंग-नई दिल्ली संबंधों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया ‘सकारात्मक टिप्पणियों’ की ‘सराहना’ करता है। अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में, [जो रविवार रिलीज हुई], प्रधानमंत्री मोदी ने उन प्रयासों पर जोर दिया जो यह सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे हैं कि दोनों देशों के बीच मतभेद संघर्ष में न बदल जाएं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भारत और चीन के बीच सहयोग जरूरी है। उन्होंने संघर्ष के बजाय स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की वकालत की। पीएम मोदी ने कहा, “एक स्थिर और सहयोगात्मक संबंध बनाने के लिए संवाद महत्वपूर्ण है, जिससे दोनों देशों को लाभ हो।” चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में नियमित मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “हम चीन-भारत संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी की हाल की सकारात्मक टिप्पणियों की सराहना करते हैं। पिछले अक्टूबर में, राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कजान में सफलतापूर्वक मुलाकात की और चीन-भारत संबंधों को सुधारने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया।’ निंग ने कहा, “दोनों पक्षों ने दोनों देशों के नेताओं की साझा सहमति को ईमानदारी से लागू किया है, सभी स्तरों पर आदान-प्रदान और व्यावहारिक सहयोग को मजबूत किया है और कई सकारात्मक परिणाम हासिल किए हैं।” प्रवक्ता ने कहा, “दोनों देशों को एक-दूसरे को समझना चाहिए, समर्थन करना चाहिए। यह दोनों देशों के 2.8 बिलियन से अधिक लोगों के मौलिक हितों के अनुरूप है, क्षेत्रीय देशों की साझा अपेक्षाओं के अनुरूप है, वैश्विक दक्षिण के उत्कृष्ट विकास की ऐतिहासिक प्रवृत्ति के अनुरूप है, और विश्व शांति, स्थिरता, विकास और समृद्धि के लिए अनुकूल है।” बीजिंग ने यह भी कहा कि चीन हमेशा मानता है कि दोनों देशों को ऐसे भागीदार बनना चाहिए जो एक-दूसरे की सफलता में योगदान दें। निंग ने कहा, “चीन दोनों देशों के नेताओं की साझा सहमति को पूरी तरह से लागू करने के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है।” फ्रिडमैन के साथ बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने माना कि पड़ोसियों के बीच मतभेद स्वाभाविक हैं लेकिन उन्होंने विवादों को बढ़ने से रोकने की जरुरत पर बल दिया।

सुनीता विलियम्स मंगलवार को पृथ्वी पर वापस आएंगी

न्यूयॉर्क, 17 मार्च: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर नौ महीने से फंसे दो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर नासा ने पुष्टि की है कि वे मंगलवार की शाम पृथ्वी पर लौट आएंगे। बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स एक अन्य अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और एक रूसी कॉस्मोनॉट के साथ स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन यान से वापस आएंगे, जो रविवार सुबह आईएसएस पर पहुंचा था। नासा ने रविवार शाम को कहा कि इन अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी मंगलवार को फ्लोरिडा तट पर समुद्र में उतरने का समय शाम 5:57 बजे (भारतीय समयानुसार 19 मार्च की सुबह 3:30 बजे) होगी। पहले यह वापसी बुधवार से पहले नहीं होने जा रही थी। विल्मोर और विलियम्स जून 2023 से आईएसएस पर हैं। वे बोइंग स्टारलाइनर यान के पहले मानवयुक्त परीक्षण उड़ान में गए थे, लेकिन उसमें तकनीकी खराबी आ गई, जिससे वह सुरक्षित वापसी के लिए अनुपयुक्त हो गया। नासा ने बताया कि इस वापसी का समय इस तरह तय किया गया है कि आईएसएस के दल अपना काम पूरा करने का समय मिल जाए और साथ ही सप्ताह के अंत में खराब मौसम की आशंका को देखते हुए लचीलापन बना रहे। नासा ने कहा है कि वो स्पेसएक्स क्रू-9 के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से धरती पर लौटने का सीधा प्रसारण करेगा। ये प्रसारण 17 मार्च की रात 10:45 बजे (अमेरिका के समय के अनुसार) से शुरू होगा। भारत में ये समय लगभग 18 मार्च की सुबह 8:30 बजे होगा। नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोरबुनोव भी ड्रैगन कैप्सूल में वापस आएंगे। यह यात्रा विलमोर और विलियम्स के लिए राहत लेकर आएगी, जो कुछ दिनों की यात्रा के लिए गए थे, लेकिन नौ महीने तक फंसे रह गए। बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष स्टेशन में रहना, आम तौर पर छह महीने के रहने से ज्यादा था, लेकिन यह अमरीकी अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रुबियो के 2023 में बनाए 371 दिन के रिकॉर्ड और रूसी अंतरिक्ष यात्री वालेरी पॉलाकोव के मीर स्टेशन पर बनाए 437 दिन के विश्व रिकॉर्ड से कम था। इतनी लंबी अवधि तक परिवार से दूर रहने के कारण इस मिशन ने काफी ध्यान आकर्षित किया। लंबे प्रवास के कारण इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को अतिरिक्त कपड़े और व्यक्तिगत देखभाल के सामान भेजने पड़े, क्योंकि वे इतनी लंबी यात्रा के लिए पर्याप्त सामान लेकर नहीं गए थे।

पाकिस्तान: हाइजैक हुई ट्रेन से 155 बंधक छूटे, 27 चरमपंथी ढेर

क्वेटा, 12 मार्च : पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मंगलवार को क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के चरमपंथियों ने हमला करके उसे अपने कब्जे में ले लिया। इस ट्रेन में 425 यात्री सवार थे, समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबित पाकिस्तानी सेना ने 155 यात्रियों को छुड़ा लिया है और सरकार ने कहा है कि दर्जनों बंधकों को रिहा कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, हालांकि सरकार ने बंधकों की सटीक संख्या नहीं बताई है। ट्रेन से रिहा हुए बंधकों ने बताया कि सुरक्षित जगह पर पहुंचने के लिए उन्हें कई घंटों तक पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरना पड़ा। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें अपने उन रिश्तेदारों को भी पीछे छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। बचाए गए लोगों में से कई को बुधवार सुबह सुरक्षा बलों की निगरानी में क्वेटा लाया गया, जहां उनके रिश्तेदार उनका इंतजार कर रहे थे। ट्रेन में सवार मुहम्मद अशरफ ने बताया, “लोगों पर हमला किया गया…यात्री घायल हो गए और कुछ यात्रियों की मौत हो गई।” पाकिस्तानी टीवी चैनल जियो न्यूज ने कई चश्मदीदों के इंटरव्यू दिखाए हैं, जिनमें कई गवाहों ने कहा कि जब गोलीबारी हो रही थी तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें नीचे रहने के लिए कहा था। जियो ने न्यूज ने छूटने के बाद यात्रियों के अपने परिजनों से मिलने की तस्वीरें भी प्रसारित कीं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान रेलवे ने पंजाब और सिंध प्रांतों से बलूचिस्तान तक सभी ट्रेन ऑपरेशन को तब तक के लिए निलंबित कर दिया है जब तक कि सुरक्षा एजेंसियां इस क्षेत्र के सुरक्षित होने की पुष्टि नहीं कर देतीं। दुर्गम इलाके में ट्रेन को बनाया निशाना वरिष्ठ जिला पुलिस अधिकारी राणा दिलावर ने कहा, “प्रभावित ट्रेन अभी भी घटनास्थल पर है और हथियारबंद लोगों ने यात्रियों को बंधक बना रखा है।” उन्होंने कहा, “सुरक्षा बलों ने एक बड़ा अभियान चलाया है।” साथ ही उन्होंने बताया कि हेलिकॉप्टर और स्पेशल फोर्स को तैनात किया गया है। स्थानीय अधिकारियों, पुलिस और रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन ऐसे इलाके में खड़ी है, जो पहाड़ियों और सुरंगों से घिरा हुआ है। पुलिस का कहना है कि गोलीबारी में गंभीर रूप घायल हुए ट्रेन चालक की मौत हो गई। अलगाववादी चरमपंथी समूह बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने दावा किया कि उसने रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया और “तुरंत ट्रेन पर कब्जा कर लिया।” बीएलए ने कहा कि वह सैन्य अभियान के जवाब में 10 लोगों को मौत के घाट उतार देगा। क्या हैं बीएलए की मांग बीएलए ने बलोच राजनीतिक कैदियों, कार्यकर्ताओं और लापता व्यक्तियों की 48 घंटे के भीतर रिहाई की मांग की है, उसका कहना है कि सेना ने उनका अपहरण कर लिया है। समूह ने कहा, “बीएलए बंधकों की अदला-बदली के लिए तैयार है।” बलोच विद्रोहियों ने एक बयान में कहा, “अगर निर्धारित अवधि के भीतर हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं या अगर कब्जा करने वाला राज्य इस दौरान कोई सैन्य कार्रवाई करने का प्रयास करता है तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा और ट्रेन को पूरी तरह से तबाह कर दिया जाएगा।” अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से लगे बलूचिस्तान प्रांत की आजादी की मांग करने वाले इस समूह ने कहा कि बंधकों में पाकिस्तानी सेना के सदस्य और छुट्टी पर आए दूसरे सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं। सेना और बीएलए के अलग-अलग दावे सुरक्षाबल के एक सूत्र ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि हमले में कई लोगों की जान चली गई है। उसने बताया कि ट्रेन में सवार 425 यात्रियों में 80 सैन्यकर्मी भी शामिल थे। बीएलए के चरमपंथियों के मारे जाने के सेना के दावे पर बीएलए ने कहा कि उसे कोई नुकसान नहीं हुआ है। उसने कहा कि उसने 30 सैनिकों को मार डाला है और एक ड्रोन को मार गिराया है। पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि सुरक्षा बल चरमपंथियों को “खदेड़” रहे हैं। बीएलए ने पत्रकारों को भेजे गए एक बयान में कहा, “नागरिक यात्रियों, खासकर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और बलोच नागरिकों को सुरक्षित रिहा कर दिया गया है और उन्हें सुरक्षित रास्ता दिया गया है।” बयान में आगे कहा गया, “बीएलए आगे चेतावनी देता है कि अगर सैन्य दखल जारी रहा तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा।” क्या है बलोच लिबरेशन आर्मी बलोच लिबरेशन आर्मी 1964 से सक्रिय एक अलगाववादी संगठन है और पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के दक्षिण-पश्चिम में अफगानिस्तान और ईरान से सटी सीमा पर सक्रिय है। साल 2000 में पाकिस्तानी अधिकारियों पर हमले के बाद से चर्चा में आये इस संगठन की मांग है कि बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग एक स्वतंत्र देश का दर्जा दिया जाय। 2004 से बलोच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। बीएलए को पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत बलूचिस्तान में काफी समर्थन है हालांकि संगठन अफगानिस्तान से अपनी गतिविधियां चलाता है। बीएलए उन कई समूहों में सबसे बड़ा है जो दशकों से सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं और उनका कहना है कि सरकार बलूचिस्तान के समृद्ध गैस और खनिज संसाधनों का अनुचित तरीके से दोहन कर रही है।

हाइजैक जाफर एक्सप्रेस से 155 यात्री बचाए गए, 27 आतंकवादी मारे गए

इस्लामाबाद, 12 मार्च : पाकिस्तान में बलूचिस्तान के बोलन जिले में आतंकवादियों द्वारा जाफर एक्सप्रेस यात्रियों को हाइजैक करने के बाद सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाया, जिसमें कम से कम 27 आतंकवादी मारे गए और 155 यात्रियों को बचा लिया गया। यह जानकारी मीडिया रिपोर्टों में बुधवार को प्राप्त हुई जियो न्यूज ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा कि नौ बोगियों में 400 से अधिक यात्रियों को लेकर यह ट्रेन क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी, तभी उस पर हमला हुआ। सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि शेष बंधकों को बचाने के लिए सुरक्षा बल अभियान चला हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादी, जिनमें से कुछ आत्मघाती जैकेट पहने हुए हैं, यात्रियों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा बंधकों के होने के कारण, सुरक्षा बल अत्यधिक सतर्कता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, एक मुक्त कराए गए यात्री ने हाइजैक ट्रेन से सुरक्षित निकाले जाने के लिए सुरक्षआ बलों का आभार व्यक्त किया और सेना और एफसी कर्मियों के सुरक्षा प्रयासों की सराहना की। इस बीच, रेलवे अधिकारियों ने कहा कि क्वेटा से देश के अन्य हिस्सों में चलने वाली बोलन मेल और जाफर एक्सप्रेस को तीन दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, बोलन में जाफर एक्सप्रेस पर हुए हमले के बाद ट्रेन सेवाओं को निलंबित करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा, रेलवे अधिकारियों ने कहा कि क्वेटा से चमन जाने वाली यात्री ट्रेन अभी तक नहीं चली है। इससे पहले, रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि जाफर एक्सप्रेस से 57 यात्रियों को बुधवार सुबह क्वेटा पहुंचाया गया, जबकि 23 अन्य यात्री मच्छ में ही हैं। सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा बलों के अभियान के बाद आतंकवादी छोटे-छोटे समूहों में बंट गए। उन्होंने बताया कि 17 घायल यात्रियों को तत्काल उपचार के लिए निकटवर्ती अस्पताल पहुंचाया गया। सूत्रों ने आगे खुलासा किया कि हमलावर अंतरराष्ट्रीय हैंडलरों, जिसमें अफगानिस्तान में एक मास्टरमाइंड शामिल है, के साथ संवाद करने के लिए उपग्रह फोन का उपयोग कर रहे हैं और महिलाओं और बच्चों को मानव ढाल के रूप में उपयोग कर रहे हैं, जिससे अभियान में अत्यधिक सावधानी बरती जा रही है। हमलावरों ने ट्रेन में घुसने से पहले रेलवे ट्रैक पर बमबारी की और लोकोमोटिव पर गोलियां चलाईं, जिससे चालक घायल हो गया। सुरंग से ठीक पहले रुकी ट्रेन को अफगानिस्तान-ईरान सीमा के पास एक दूरस्थ, पहाड़ी क्षेत्र में हाइजैक किया गया।

मॉरीशस संसद की नई इमारत के निर्माण में भारत करेगा सहयोग : पीएम मोदी

पोर्ट लुईस/नई दिल्ली, 12 मार्च: भारत एवं मॉरीशस ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को ‘विस्तारित रणनीतिक साझीदारी’ का दर्जा देने के साथ स्थानीय मुद्राओं में कारोबार करने एवं आर्थिक अपराधियों को पकड़ने सहित आठ क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के करारों पर आज हस्ताक्षर किये और भारत ने उपहार के रूप में मॉरीशस की संसद के नये भवन का निर्माण कराने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच इन समझौतों पर हस्ताक्षर के बाद आदान-प्रदान किया गया। दोनों नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी लोकसेवा एवं नवान्वेषण संस्थान, केप मल्हेरो में मॉरीशस क्षेत्रीय स्वास्थ्य केन्द्र तथा 20 अन्य सामुदायिक परियोजनाओं का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया जिन पर कुल 35.2 करोड़ मौरिशियन रुपए (6.63 करोड़ भारतीय रुपए) की लागत आयी है। इसके अलावा भारत ने मॉरीशस को सैंट ब्रेंडन द्वीप के नौवहन चार्ट को सौंपा जिसे भारतीय नौसेनिक पोत ने हाइड्रोग्राफी सर्वेक्षण के बाद तैयार किया है। भारत और मॉरीशस ने आज जिन आठ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली पर मॉरीशस के केंद्रीय बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच सहमति पत्र, पाइप प्रतिस्थापन कार्यक्रम के तहत केंद्रीय जल प्राधिकरण द्वारा कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए मॉरीशस सरकार और भारतीय स्टेट बैंक के बीच ऋण सुविधा समझौते पर सहमति पत्र, राजनयिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम पर भारतीय विदेश सेवा संस्थान और मॉरीशस के विदेश मामलों, क्षेत्रीय एकीकरण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्रालय के बीच सहमति पत्र, भारतीय नौसेना और मॉरीशस पुलिस बल के बीच व्हाइट शिपिंग सूचना के आदान-प्रदान पर तकनीकी समझौता, मॉरीशस के वित्तीय अपराध आयोग और भारत के प्रवर्तन निदेशालय के बीच समझौता ज्ञापन, मॉरीशस के उद्योग एसएमई और सहकारिता मंत्रालय और भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के बीच सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन, मॉरीशस के लोक सेवा और प्रशासनिक सुधार मंत्रालय और भारत के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के बीच लोक अधिकारियों के प्रशिक्षण पर समझौता ज्ञापन तथा भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र और मॉरीशस के प्रधान मंत्री कार्यालय के महाद्वीपीय शेल्फ, समुद्री क्षेत्र प्रशासन और अन्वेषण विभाग के बीच समझौता ज्ञापन शामिल हैं। समझौता ज्ञापनों के आदान प्रदान के बाद संयुक्त प्रेस वक्तव्य में श्री मोदी ने अपने संबोधन में 140 करोड़ भारतीयों की ओर से मॉरीशस के सभी नागरिकों को उनके राष्ट्रीय दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की और कहा, “ये मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि मुझे दोबारा मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस पर आने का अवसर मिल रहा है। भारत और मॉरीशस का संबंध केवल हिंद महासागर से ही नहीं, बल्कि हमारी साझी सांस्कृतिक परंपराओं और मूल्यों से भी जुड़ा है।हम आर्थिक और सामाजिक प्रगति की राह पर एक दूसरे के साथी हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा हो या कोविड की विपदा, हमने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया है। रक्षा हो या शिक्षा, स्वास्थ्य हो या अंतरिक्ष, हम हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में हमने अपने संबंधों में कई नए आयाम जोड़े हैं। विकास सहयोग और क्षमता निर्माण में नए कीर्तिमान स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा, “आज, प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम और मैंने भारत-मॉरीशस साझीदारी को ‘विस्तारित रणनीतिक साझीदारी’ का दर्जा देने का निर्णय लिया है। हमने निर्णय लिया कि मॉरीशस में संसद का भवन बनाने में भारत सहयोग करेगा। यह लोकतंत्र की जननी की ओर से मॉरीशस को भेंट होगी।” श्री मोदी ने कहा कि सामुदायिक विकास परियोजनाओं के दूसरे चरण में 50 करोड़ मौरीशियन रुपये के नई परियोजनाएं शुरू की जायेंगी। अगले पांच वर्षों में भारत में मॉरीशस के 500 प्रशासनिक अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। हमारे बीच स्थानीय मुद्राओं में आपसी व्यापार का निपटान करने पर भी सहमति बनी है।” इस मौके पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी स्वतंत्रता की 57वीं वर्षगांठ के राष्ट्रीय दिवस समारोह में अपनी उपस्थिति से हमें सम्मानित किया है। उनकी विशिष्ट उपस्थिति हमारे दोनों देशों के बीच अद्वितीय और विशेष संबंधों का प्रमाण है।” इससे पहले प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मॉरीशस के उप प्रधानमंत्री पॉल रेमंड बेरेंजर, मॉरीशस के विपक्ष के नेता श्री जॉर्जेस पियरे लेसजॉन्गार्ड तथा मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ से मुलाकात की और भारत-मॉरीशस संबंधों के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की।