ग्रामीण विकास मंत्री बोले— “महात्मा गांधी के नाम पर राजनीति नहीं कर पाई कांग्रेस, अब आत्ममंथन करे”
नई दिल्ली, 18 दिसंबर : लोकसभा में बुधवार को जी-राम-जी बिल 2025 बहुमत से पारित हो गया। इस अहम विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए उसे नामकरण की राजनीति और परिवारवाद का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने दशकों तक योजनाओं और संस्थानों के नाम महात्मा गांधी जैसे राष्ट्रपिता के बजाय नेहरू परिवार के नाम पर रखे।
शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कहा कि जी-राम-जी बिल 2025 का उद्देश्य ग्रामीण भारत में विकास योजनाओं को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और जन-केंद्रित बनाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए ग्रामीण विकास की योजनाओं को राजनीतिक लाभ का माध्यम बनाया, जबकि मौजूदा सरकार “सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण” के सिद्धांत पर काम कर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा, “महात्मा गांधी का नाम लेने वाली कांग्रेस ने कभी उनके विचारों को ईमानदारी से लागू नहीं किया। देश की जनता अब सच्चाई समझ चुकी है। कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए, और यदि उसमें नैतिक साहस है तो उसे खुद को भंग करने पर विचार करना चाहिए।”
विपक्ष की ओर से इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। कांग्रेस सांसदों ने मंत्री के शब्दों को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ बताया और सरकार पर ध्यान भटकाने की राजनीति करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार को विधेयक के प्रावधानों पर गंभीर चर्चा करनी चाहिए थी, न कि राजनीतिक बयानबाजी पर।
हालांकि, सरकार ने विधेयक के पारित होने को ग्रामीण विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। सरकार के अनुसार, इस बिल से गांवों में बुनियादी ढांचे के विकास, रोजगार सृजन और योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी। सदन में लंबी बहस के बाद अंततः जी-राम-जी बिल 2025 को पारित कर दिया गया।