नई दिल्ली, 04 जून: दिल्ली की सातों लोकसभा सीट के चुनाव नतीजे अब स्पष्ट हैं. खास बात है कि दिल्ली में बीजेपी अपना गढ़ बचाने में सफल दिख रही है. मंगलवार को दिल्ली बीजेपी के लिए सब कुछ मंगलमय रहा. मंगलवार सुबह दिल्ली की सात अलग-अलग मतदान केंद्रों पर वोटों की गिनती शुरू हुई तो दक्षिणी दिल्ली और चांदनी चौक लोकसभा सीट पर शुरुआत में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिला.
दक्षिणी दिल्ली से आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी सहीराम, तो वहीं चांदनी चौक से कांग्रेस प्रत्याशी जेपी अग्रवाल ने बीजेपी प्रत्याशी से बढ़त हासिल की. कुछ पल के लिए उन दोनों दलों के प्रत्याशियों में खुशी की लहर दौर उठी. लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही बीजेपी प्रत्याशियों के पाले में जब वोट गिरने लगे तब उनकी जीत का सिलसिला शुरू होता गया.
दिल्ली के सभी सातों लोकसभा सीट पर बीजेपी लगातार बढ़त बनाए रखी और चुनाव नतीजे आने तक सब अच्छी खासी मार्जिन से चुनाव जीत पाए. उत्तर- पूर्वी लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे मनोज तिवारी के खिलाफ कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन कन्हैया कुमार का करिश्मा नहीं चल पाया. वह भारी मतों के अंतर से चुनाव हार गए.
एग्जिट पोल को भी झुठलायाः दिल्ली में 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने सभी सातों सीट पर जीत दर्ज की थी. हालांकि, चुनाव नतीजे से पहले आए एग्जिट पोल में बताया जा रहा था कि इस बार बीजेपी को एक से दो सीटों का नुकसान हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वर्ष 2024 के तीसरी बार बीजेपी दिल्ली की सातों सीट जीतने में सफल साबित रही.
दिल्ली को कभी माना जाता था कांग्रेस का गढ़ः एक समय था जब दिल्ली को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. लेकिन पिछले दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन कर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को कड़ी शिकस्त दी है. वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में बीजेपी ने एक तरफा जीत दर्ज की थी. इस बार दिल्ली में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज कर हैट्रिक लगा पाने में सफल साबित होते हुए दिख रही है.
आप का जेल का जवाब वोट से अभियान फेलः कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लोकसभा चुनाव में मिलकर बीजेपी को मात देने की रणनीति बनाई थी. चार सीटों पर आम आदमी पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतारे थे तो वहीं कांग्रेस ने तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे. लेकिन दोनों ही राजनीतिक दलों के प्रत्याशी और पार्टी कोई करिश्मा नहीं कर सकी. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खास तौर पर चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी.
उन्होंने 21 दिनों में धुरंधर चुनाव प्रचार भी किया था. वह जहां भी चुनाव प्रचार के लिए जा रहे थे, वे दिल्ली की जनता से उन्हें जेल भेजना के कारणों को बताया और कहा कि अगर वह चाहते हैं कि केजरीवाल जेल से बाहर आए तो वह इंडिया गठबंधन के पक्ष में वोट दें. आम आदमी पार्टी ने जेल का जवाब वोट से नाम से कैंपेन भी चलाया था, लेकिन यह कैंपेन दिल्ली में कोई असर नहीं कर पाया.