नई दिल्ली, 30 सितंबर: विश्व विख्यात लव कुश रामलीला कमेटी के मंच पर बीती रात ‘लक्ष्मण-मेघनाद’ के बीच भयंकर युद्ध का मंचन किया गया। लाल किला मैदान में आयोजित इस भव्य लीला में कलाकारों के दमदार प्रदर्शन और उच्च तकनीक वाले साउंड इफेक्ट्स ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लीला का अवलोकन करने के लिए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी पहुँचे, जिन्होंने प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद लिया और सभी राम भक्तों को दशहरा पर्व की अग्रिम बधाई दी।

कुंभकरण को जगाने के लिए विशेष डिजिटल प्रयास

लीला का मुख्य आकर्षण कुंभकरण को चिर निद्रा से जगाने वाला दृश्य रहा। लीला अध्यक्ष अर्जुन कुमार के अनुसार, पूर्व मेयर और भाजपा नेता जत्थेदार अवतार सिंह ने 131 किलो वजनी शरीर और बुलंद आवाज़ के साथ कुंभकरण का दमदार अभिनय किया, जिस पर सभी रामभक्तों ने तालियाँ बजाईं।

कुंभकरण को जगाने के लिए स्टीरियो डिजिटल साउंड का व्यापक उपयोग किया गया। आठ ट्रैक साउंड के साथ, ज़मीन हिला देने वाली आवाज़, हाथी की चिंघाड़, शेर की दहाड़ का इस्तेमाल किया गया। इस दृश्य को सजीव बनाने के लिए सौ से ज़्यादा मटके फोड़े गए, तथा तीर, भाले और ढोल-नगाड़ों की आवाज़ का उपयोग किया गया। कुंभकरण के खाने के लिए 120 किलो मिठाई और खाना तथा सैकड़ों लीटर पानी भी पिलाया गया।

मंचित लीला और दशहरा की विशेष तैयारी

लीला अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया कि गणेश वंदना से लीला का प्रारंभ हुआ। कल के मंचन में कुंभकरण वध, लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध, मेघनाद वध और सुलोचना का शीश माँगने हेतु रावण से आज्ञा माँगना, राम शिविर में सुलोचना का आना और पति का शीश लेकर जाना तक की लीला का मंचन किया गया।

समिति द्वारा दशहरा पर्व की तैयारियां भी अंतिम चरण में हैं। इस बार रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले बेहद आकर्षक बनाए गए हैं। रावण के पुतले में विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया गया है:

तीर लगने पर नाभि से अमृत गिरेगा।

आँखें मटकेंगी और उनसे खून के आँसू निकलेंगे।

हाथों में तलवारें घूमती नज़र आएंगी।

गले में पहनी दस मालाएँ रंग-बिरंगी दिखेंगी।

दहन के समय मुँह से “हे राम, हे राम” का उद्घोष होगा।

लीला स्थल पर रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले लगाने का काम शुरू हो गया है। लीला के समापन पर महासचिव सुभाष गोयल, चेयरमैन पवन गुप्ता समेत सभी पदाधिकारियों ने आए हुए अतिथियों का सम्मान किया और प्रभु श्रीराम की आरती एवं चरण वंदना के साथ लीला सम्पन्न हुई।

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