नई दिल्ली, 01 सितंबर : हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने निचले इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
सोमवार सुबह 11 बजे पुराने रेलवे पुल (ओआरबी) पर यमुना का जलस्तर 204.88 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से कुछ ही नीचे है। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण हथिनीकुंड बैराज में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके चलते बड़ी मात्रा में पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह अलग-अलग समय पर लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया। रात 2:00 बजे 1.05 लाख क्यूसेक, सुबह 4:00 बजे 1.65 लाख क्यूसेक, सुबह 6:00 बजे 1.95 लाख क्यूसेक और सुबह 7:00 बजे 2.72 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया। बैराज से छोड़े गए इस पानी के अगले 25 से 30 घंटों के भीतर दिल्ली पहुंचने की संभावना है, जिससे नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है और राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इस चेतावनी के मद्देनजर, यमुनानगर, करनाल और सोनीपत सहित नदी के किनारे बसे इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। लोगों को नदी के पास न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। दिल्ली सरकार भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों में जुट गई है। यमुना का जलस्तर बढ़ने की आशंका को देखते हुए, निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए मयूर विहार जैसे स्थानों पर बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। अधिकारियों को निचले इलाकों को खाली कराने और लोगों को सुरक्षित शिविरों में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं।