नई दिल्ली, 15 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान करते हुये आज कहा कि अभी देश दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है और अगले पांच वर्षों में यह तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगी।
श्री मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुये कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2014 में 10वें पायदान पर था जो अब पांचवें स्थान पर आ चुका है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, तब दुनिया में विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान महंगाई से लेकर देश की अर्थव्यवस्था तक हर मुद्दे पर बोला और सरकार के लक्ष्य को देशवासियों के सामने रखा। उन्होंने अपने 10 वषों के कार्यकाल की उपलब्धियों से भी देशवासियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी और ये मोदी की गांरटी है।
उन्होंने कहा कि भारत के 10वें नंबर से ऊपर उठकर अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है जो ऐसे ही नहीं हुआ है। इसके लिए रिसाव को बंद किया गया, मजबूत अर्थव्यस्था बनाई गयी, गरीब कल्याण के लिए ज्यादा से ज्यादा धन खर्च करने का प्रयास किया गया।
उन्होंने कहा, “मैं आपको गारंटी देता हूं अगले पांच साल में भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।” उन्होंने कहा कि देश जब आर्थिक रूप से समृद्ध होता है तो सिर्फ तिजोरी नहीं भरती है। देश का सामर्थ्य बढ़ता है, देशवासियों का सामर्थ्य बढ़ता है। श्री मोदी ने कहा “हमारा लक्ष्य अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, लोगों को सशक्त बनाना और भारत को एक विकसित देश बनाना है। जब देश में गरीबी कम होती है तो मध्यम वर्ग की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का ये कालखंड भारत के भविष्य को गढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने अपने दो कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुये कहा कि पिछले 9 साल में राज्यों को 100 लाख करोड़ दिये गये हैं। जब वह सत्ता में आये, तो उनके कार्यकाल में राज्यों को 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक दिए गए हैं और 2014 से पहले उन्हें 30 लाख करोड़ रुपये दिए गए। गरीबों के आवास के लिए 4 लाख करोड़ रुपये दिये गये हैं। 2014 से पहले, गरीबों के आवास के लिए 90,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाते थे। मोदी सरकार 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है ताकि किसानों को सब्सिडी वाला यूरिया मिल सके।