नई दिल्ली, 26 दिसंबर: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और देश को आर्थिक संकट से उबारने वाले खेवनहार डॉक्टर मनमोहन सिंह का निधन हो गया है. सांस लेने में कठिनाई की शिकायत के बाद उन्हें दिल्ली AIIMS लाया गया था. उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करावाया गया था. मल्टीपल डिपार्टमेंट की टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी रख रहे थे, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर कर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है. दिल्ली एम्स में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं और परिजनों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है.
मनमोहन सिंह ने ऐसे समय में देश की बागडोर संभाली थी, जब देश गठबंधन की राजनीति के दौर से गुजर रहा था. वैभारत के पूर्व प्रधानमंत्री और देश को आर्थिक संकट से उबारने वाले खेवनहार डॉक्टर मनमोहन सिंह का निधन हो गया है. सांस लेने में कठिनाई से वक्त में उन्होंने दो कार्यकाल तक देश के पीएम का पद संभाला. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में कई ऐसे फैसले लिए गए, जिसका देश पर दूरगामी असर हुआ. फिर चाहे वह अमेरिका के साथ परमाणु करार हो या फिर मनरेगा जैसी दूरगामी योजना को लॉन्च करना हो. उन्होंने साल 2008 की आर्थिक मंदी के दौरान भी अपने कौशल का परिचय दिया था. उनकी नीतियों के बदौलत ही जब अमेरिका समेत अन्य देश का आर्थिक तानाबाना ध्वस्त हो रहा था, तब भारत पर इसक नाम मात्र का असर पड़ा था. इससे पहले 90 के शुरुआती दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने जब मनमोहन सिंह को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी. उस समय देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था. भारत बैलेंस ऑफ पेमेंट की मुश्किलों से दो-चार हो रहा था. मनमोहन सिंह ने उस वक्त भी अपनी नीतियों के दम पर देश को गंभीर मुश्किलों के दौर से निकाला था.
रॉबर्ट वाड्रा का फेसबुक पोस्ट
प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पोस्ट शेयर कर पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के निधन की सूचना दी थी. उन्होंने कहा, ‘मुझे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ है. उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. हमारे राष्ट्र के प्रति आपकी सेवा के लिए धन्यवाद. आपको देश में लाई गई आर्थिक क्रांति और प्रगतिशील परिवर्तनों के लिए हमेशा याद किया जाएगा.’ बता दें कि मनमोहन सिंह को देर शाम 8:06 बजे एम्स लाया गया था. दिल्ली एम्स ने बताया कि डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी, लेकिन उन्हें बचाया नहीं ज सका. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देर रात 9:51 बजे आखिरी सांस ली.
सौम्य और मृदुभाषी स्वभाव
सौम्य और मृदुभाषी स्वभाव वाले मनमोहन सिंह भारत में आर्थिक सुधारों का सूत्रपात करने वाले शीर्ष अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री के तौर पर लगातार दो बार गठबंधन सरकार चलाने वाले कांग्रेस के पहले नेता के तौर पर याद किए जाएंगे. दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्र के 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे सिंह को दुनिया भर में उनकी आर्थिक विद्वता तथा कार्यों के लिए सम्मान दिया जाता था. उन्होंने भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में वर्ष 2004 से 2014 तक 10 वर्षों तक देश का नेतृत्व किया. कभी अपने गांव में मिट्टी के तेल से जलने वाले लैंप की रोशनी में पढ़ाई करने वाले सिंह आगे चलकर एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद बने. मनमोहन सिंह की 1990 के दशक की शुरुआत में भारत को उदारीकरण की राह पर लाने के लिए सराहना की गई, लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में अपने 10 साल के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों पर आंखें मूंद लेने के लिए भी उनकी आलोचना की गई.