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पिछले वर्ष की भांति भी पानी आया तो भी यमुना में बाढ़ नहीं आएगी : सौरभ भारद्वाज

नई दिल्ली, 11 जून: दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को कहा कि इस बार राजधानी में बाढ़ नहीं आएगी, क्योंकि यमुना नदी को उसके पानी के प्रवाह के लिए साफ रास्ता मिल जाएगा।

नदी से गाद निकालने के कार्य का जायजा लेने के लिए सौरभ भारद्वाज ने आईटीओ बैराज का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बैराज हरियाणा सरकार के अधिकार क्षेत्र में है और पिछले वर्ष दिल्ली में बाढ़ “इसके गेट बंद करने के कारण” आई थी।

मंगलवार को दिल्ली सरकार के बाढ़ नियंत्रण विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने यमुना के बाढ़ क्षेत्र का दौरा भी किया है। इस दौरान उन्होंने कहा है, “…सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है ताकि दिल्ली में यमुना में बाढ़ न आए और यमुना का पानी सड़कों पर न आए।”

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि इस बार यमुना में बाढ़ न आए, इसके लिए पिछले 3 महीने से काम चल रहा है। पिछली बार जिन गेट के न खुलने से बाढ़ से भयंकर हालात बने थे, उन्हें खोल दिया गया है। पिछले 3 महीने से पायलट कट पर बड़ी-बड़ी मशीनें द्वारा काम चालू है। सालों से जमा हुई गाद के बीच में चैनल इस तरह बनाए गए हैं कि जैसे ही हरियाणा से पानी आएगा, यह सारी गाद बह जाएगी और और यमुना के पानी को निकलने के लिए पर्याप्त जगह मिल जाएगी।”

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपने-अपने मंत्रालयों के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि दिल्ली की 70 विधानसभा में जहां-जहां पर भी उनके द्वारा अस्थायी और स्थायी पंप लगाए गए हैं, उन पंप की लोकेशन की एक सूची और उन पंप को संचालित करने वाले अधिकारियों के नाम और फोन नंबर की एक सूची तैयार कर, उस विधानसभा के विधायक को मुहैया कराई जाए, ताकि मानसून के समय में यदि कहीं पर भी जल भराव की स्थिति पैदा होती है, तो स्थानीय विधायक संबंधित अधिकारी से बातचीत कर उस समस्या का तुरंत प्रभाव से निवारण करवा सके। इससे आम लोगों को भी सहूलियत मिलेगी।

बता दें कि पिछले साल दिल्ली में बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हो गया था। जुलाई महीने के अंत में यमुना का जलस्तर अचानक बढ़ने लगा था, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और कुछ हिस्सों में हुई भारी बारिश और हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से यमुना में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ गया था। यमुना खतरे के निशान 204.49 मीटर से करीब 2 मीटर ऊपर बह रही थी, जिसके चलते पूर्वी, उतरी और दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों में पानी प्रवेश करके गया था।

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