कोलकाता, 09 जुलाई : पश्चिम बंगाल में वामपंथी दलों और उससे संबद्ध ट्रेड यूनियनों के भारत बंद के दौरान बुधवार को ट्रेनों के परिचालन को बाधित किया गया,हिंसक घटनाएं हुयीं और 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।

दस ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार पर श्रमिक-विरोधी और किसान-विरोधी नीतियों को लागू करने का आरोप लगाकर भारत बंद का आह्वान किया है, जिसका राज्य में व्यापक असर देखने को मिल रहा है। बंद के कारण सार्वजनिक परिवहन में भारी व्यवधान हुआ। प्रदर्शनकारियों की कई जगहों पर पुलिस के साथ झड़पें हुयीं और कई जिलों में पुलिस ने 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।

वाम मोर्चा समर्थक सुबह से ही बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए, खासकर कोलकाता और दक्षिण बंगाल के जिलों में रेलवे पटरियों को अवरुद्ध कर दिया और बाजारों तथा कार्यालयों को बंद कराने का प्रयास किया। पुलिस के अनुसार राज्य में सरकारी संपत्ति को नष्ट करने और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने के आरोप में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

कई जगहों पर हिंसक झड़पें हुयी हैं। दक्षिण कोलकाता के जादवपुर स्थित गंगुलीबागान में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के अखिल भारतीय महासचिव सृजन भट्टाचार्य पुलिस के साथ झड़प में कथित तौर पर घायल हो गए। पार्टी सूत्रों के अनुसार, श्री भट्टाचार्य को प्रदर्शन स्थल से घसीटकर ले जाया गया और हाथापाई में उनकी कमीज़ फट गयी। बाद में उन्होंने पुलिस पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को खुश करने के लिए बंद को विफल करने की कोशिश करने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की आलोचना की।

गौरतलब है कि तृणमूल ने बंद का विरोध किया है। राज्य सरकार ने पहले एक अधिसूचना जारी करके सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति अनिवार्य कर दी थी और सभी स्कूलों को खुले रखने का आदेश दिया था।

उत्तर 24 परगना जिले के बेलघरिया और बैरकपुर, नदिया जिले के कृष्णानगर और जादवपुर सहित कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे लाइनों को अवरुद्ध किया, जिससे ट्रेनें रुक गईं और व्यस्त कार्यालय समय के दौरान काफी देरी हुई। तारकेश्वर के तालपुर जंक्शन पर भी इसी तरह की गड़बड़ी की खबर मिली, जहाँ वामपंथी कार्यकर्ताओं ने आरामबाग जाने वाली लोकल ट्रेन को रोक दिया।

दक्षिण दिनाजपुर के बुनियादपुर में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता मजीदुर रहमान को बंशीहारी थाने के प्रभारी अधिकारी ने धरना प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद तनाव बढ़ गया। बाद में श्री रहमान को हिरासत में ले लिया गया, जिसके कारण अशांति फैल गयी। वामपंथी नेताओं ने इस कृत्य को ‘सत्ता का घोर दुरुपयोग’ करार दिया और राज्यव्यापी बड़े आंदोलन की धमकी दी।

भारत बंद में 25 करोड़ श्रमिक शामिल हुए हैं। ट्रेड यूनियनों ने मूल्य वृद्धि, श्रम अधिकारों का हनन और ग्रामीण रोजगार के अवसरों में गिरावट सहित लंबे समय से चली आ रही शिकायतों को बंद का आह्वान किया है।

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) की महासचिव अमरजीत कौर ने मीडिया से कहा,“हमें सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि सरकार हमारी 17-सूत्री मांगों को लगातार नज़रअंदाज़ कर रही है। पिछले एक दशक में एक भी वार्षिक श्रमिक सम्मेलन नहीं हुआ है।”

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