अगर जीवनसाथी के प्रति मन में घोर अविश्वास हो तो रिश्ते में कटुता आना स्वाभाविक है, ऐसे में बने बनाए रिश्ते कब टूटने लगते हैं इसका पता ही नहीं चल पाता। मगर यह बात याद रखिए कि शक का कोई इलाज नहीं है, यह ऐसा दीमक है जो रिश्तों को पूरी तरह से खोखला कर देता है। इसलिए थोड़ी-सी समझबूझ और आपसी तालमेल से आप इन टूटे रिश्तों को बचा सकते हैं। वहीं इन स्थितियों में परिवार का साथ भी बहुत जरूरी है। परिवार के सदस्यों के सहयोग से रिश्तों को टूटने से बचाया जा सकता है। इन स्थितियों में कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाना आवश्यक है-
-अपनी गलती को स्वीकार करें क्योंकि गलती न मानने से झगड़े और बढ़ेंगे।
-झूठ को अपने रिश्तों से कोसों दूर रखेंगे तो ही अच्छा है। यह बात जान लीजिए कि एक झूठ को छिपाने के लिए अक्सर सौ और झूठ बोलने पड़ते हैं। इससे आपकी छवि पार्टनर के सामने धूमिल हो सकती है।
-विश्वास पति-पत्नी के रिश्ते की बुनियाद होता है। बिना विश्वास के गृहस्थी की गाड़ी चलती नहीं बल्कि इसे ढोना पड़ता है।
-माफी मांगने की जरूरत हो तो तुरंत मांगिए इससे आपका कद कम नहीं होगा बल्कि बढ़ेगा ही।
-व्यवहार में शालीनता लाएं। अपनी गलती दूसरों पर थोपने या फिर खुद की वजह से औरों पर झुंझलाहट निकालने से किसी भी समस्या का हल नहीं निकल सकता।