कोलकाता, 20 जनवरी: सियालदह कोर्ट की विशेष अदालत ने सोमवार को सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप-हत्या के मामले में एकमात्र दोषी सिविक वालंटियर संजय रॉय उम्रकैद की सजा सुनाई है। जज ने कहा कि यह कोई दुर्लभतम मामला नहीं है।

कोर्ट ने शनिवार को ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या मामले में आरोपी सिविक वालंटियर संजय रॉय को दोषी करार दिया था। फैसले के समय संजय रॉय ने अदालत में दावा किया था कि उसे फंसाया गया है। हालांकि, न्यायाधीश अनिर्बन दास ने कहा कि उसे सजा सुनाए जाने से पहले सोमवार को बोलने का मौका दिया जाएगा। मृतक छात्रा के माता-पिता ने दोषी करार दिए जाने के लिए न्यायाधीश का शुक्रिया अदा किया था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में अफरा-तफरी की स्थिति भी बनी, जिसके बाद अदालत ने सख्त लहजे में सभी लोगों को चेतावनी दी और आरोपी की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

पीड़िता के पिता ने सोमवार सुबह पत्रकारों से कहा था, “आज सजा सुनाने से पहले विशेष अदालत के न्यायाधीश दोषी की बात सुनेंगे। उसने 20 जनवरी को कुछ कहने पर जोर दिया था, जिस दिन उसे विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था। हम चाहते हैं कि उसे अधिकतम सजा दी जाए।” उन्होंने कहा था, “रॉय निस्संदेह अपराधी है। लेकिन इस साजिश में और भी लोग शामिल हैं। प्रशासन शुरू से ही उन्हें बचाने की कोशिश कर रहा था।”

पीड़िता की मां ने कहा था कि संभवतः रॉय इतने लंबे समय तक चुप इसलिए रहा, क्योंकि उसे किसी ने इस मामले में जमानत दिलाने का आश्वासन दिया था।

गौरतलब है कि पिछले साल 9 अगस्त में महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल से बरामद किया गया था। कोलकाता पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और क्राइम सीन से मिले सबूतों के आधार पर जांच की। इसके बाद सिविक वालंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया।

संजय रॉय इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की चार्जशीट में मुख्य आरोपी हैं। संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64, धारा 66 और धारा 103 (आई) के तहत दोषी ठहराया गया था।”

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