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गुवाहाटी, 20 दिसंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को असम की राजधानी गुवाहाटी में लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने असम में करीब 15,600 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का भी अनावरण किया। नई टर्मिनल बिल्डिंग को भारत का पहला नेचर-थीम आधारित एयरपोर्ट टर्मिनल बताया जा रहा है, जो अपनी अनूठी डिजाइन और स्थानीय संस्कृति की झलक के कारण खास चर्चा में है।

 क्यों खास है यह नेचर-थीम टर्मिनल?

गुवाहाटी एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का डिजाइन पूरी तरह से असम की प्रकृति और सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित है। टर्मिनल के खंभों में कोपौ फूल (असम का पारंपरिक फूल) की आकृति दिखाई देती है, जो असमिया पहचान का प्रतीक है। इसके साथ ही भवन निर्माण में बांस आधारित डिजाइन का व्यापक उपयोग किया गया है, जो उत्तर-पूर्व भारत की पारंपरिक वास्तुकला को दर्शाता है।

आधुनिक सुविधाओं से लैस

नई टर्मिनल बिल्डिंग अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें यात्रियों की क्षमता पहले से कहीं अधिक बढ़ाई गई है, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी। स्मार्ट चेक-इन सिस्टम, आधुनिक सुरक्षा व्यवस्था, बड़े वेटिंग एरिया और स्थानीय कला से सजे इंटीरियर इस टर्मिनल को अलग पहचान देते हैं।

पूर्वोत्तर के विकास का नया द्वार

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह एयरपोर्ट टर्मिनल पूर्वोत्तर भारत के विकास और कनेक्टिविटी को नई गति देगा। पर्यटन, व्यापार और निवेश के लिहाज से यह परियोजना असम और पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

15,600 करोड़ की विकास परियोजनाएं

प्रधानमंत्री ने एयरपोर्ट उद्घाटन के साथ-साथ सड़क, रेलवे, ऊर्जा और शहरी विकास से जुड़ी कई परियोजनाओं का भी शिलान्यास और लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी।

कुल मिलाकर, कोपौ फूल और बांस की थीम पर आधारित गुवाहाटी एयरपोर्ट का नया टर्मिनल न सिर्फ आधुनिक भारत की तस्वीर पेश करता है, बल्कि असम की सांस्कृतिक पहचान को भी गर्व के साथ दुनिया के सामने रखता है।

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