नई दिल्ली, 08 मई: आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत मिलेगी या नहीं, इस बारे में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। शीर्ष अदालत ने बुधवार को यह जानकारी दी।
जस्टिस संजीव खन्ना ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश हो रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा कि ‘आप गुरुवार को वस्तु एवं सेव कर (जीएसटी) से जुड़े मामले में विशेष पीठ के समक्ष अपना बहस शुरू करें। इइ पर राजू ने कहा कि गुरुवार को धन शोधन के मामले में आरोपी अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई होनी है। इस जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप प्रमुख केजरीवाल की याचिका पर शुक्रवार (10 मई) को सुनवाई होगी। उन्होंने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजू से कहा कि केजरीवाल की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी और उसी दिन अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं, इस बारे में आदेश भी पारित कर सकते हैं।
जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने मंगलवार अंतरिम जमानत देने के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए कहा था कि ‘केजरीवाल दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं और अदालत उन्हें (मुख्यमंत्री) आदतन अपराधी नहीं मान सकते। पीठ ने यह टिप्पणी तब की थी, जब प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने की मांग का विरोध किया था। जस्टिस खन्ना ने कहा था कि ‘देखिए, दो-तीन मुद्दे हैं, एक, वह दिल्ली के निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं। दूसरा लोकसभा का चुनाव नजदीक हैं और ये असाधारण स्थितियां हैं। उन्होंने कहा कि अन्यथा वह (केजरीवाल) कोई आदतन अपराधी नहीं हैं…या कोई ऐसा व्यक्ति है जो कई अन्य मामलों में शामिल। जस्टिस खन्ना ने कहा कि चुनाव 5 साल में एक बार होते हैं, जबकि फसलों की कटाई हर 6 महीने में होती है। जस्टिस खन्ना ने यह टिप्पणी सॉलिसिटर जनरल मेहता के उस दलील के मद्देनजर की थी, जिसमें उन्होंने केजरीवाल की तुलना जेल में बंद अन्य कैदियों से की।
मेहता ने अपने दलील में कहा था कि आप नेता केजरीवाल को अंतरिम जमानत नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने से देश में गलत संदेश जाएगा। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने पीठ से कहा कि राजनेताओं के लिए एक अलग वर्ग नहीं नहीं बनाया जा सकता है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी और जांच पर भी सवाल उठाए थे।