आंतों को धीमे जहर की तरह कर रहा तबाह यह बैक्टीरिया
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि कच्चे अंडे, अधपका मांस, सब्जियां, और प्रोसेस्ड फूड में पाए जाने वाला यह साल्मोनेला बैक्टीरिया आंत में गंभीर संक्रमण पैदा कर सकता है. हाल ही में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित एक शोध में खुलासा हुआ है कि साल्मोनेला बैक्टीरिया आंत में पोषक तत्वों के संतुलन को बदलकर खुद को जीवित रखता है और संक्रमण फैलाता है.साल्मोनेला संक्रमण वाले कुछ लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखते। ज़्यादातर लोगों को संक्रमण के 8 से 72 घंटों के भीतर दस्त, बुखार और पेट (उदर) में ऐंठन की समस्या हो जाती है।
साल्मोनेला बैक्टीरिया की कुछ किस्मों के कारण टाइफाइड बुखार होता हैसाल्मोनेला एक बैक्टीरिया है जो आमतौर पर जानवरों और इंसानों की आंतों में रहता है. यह बैक्टीरिया मल के ज़रिए बाहर निकलता है. इंसानों में साल्मोनेला संक्रमण (साल्मोनेलोसिस) होने की वजहें ये हैं: साल्मोनेला सबसे पहले छोटी आंत में प्रवेश करता है और आंत की परत में सूजन उत्पन्न करता है. इससे भोजन से अमीनो एसिड के सामान्य अवशोषण में रुकावट आती है.
परिणामस्वरूप, ये अमीनो एसिड जैसे लाइसिन और ऑर्निथिन बड़ी आंत में जमा हो जाते हैं. यह बैक्टीरिया को शॉर्ट-चेन फैटी एसिड (एससीएफए) के हानिकारक प्रभावों से बचाने में मदद करता है, जिससे यह बैक्टीरिया तेजी से बढ़ता है.