मोदी और RSS प्रमुख दोनो छोडेगे अपना पद?

नई दिल्ली, 16 जुलाई (संवाददाता परमहंस): आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि नेताओं को 75 वर्ष की आयु के बाद पद छोड़ देना चाहिए। इस बयान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जो इस साल सितंबर में 75 वर्ष के हो जाएंगे।

मोदी और भागवत दोनों 75 वर्ष की आयु में पहुंचेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत दोनों का जन्म वर्ष 1950 है, और वे दोनों सितंबर 2025 में 75 वर्ष के हो जाएंगे। मोदी 17 सितंबर को और भागवत 11 सितंबर को इस आयु में पहुंचेंगे।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता जयराम रेशम ने ट्वीट किया, “बेचारा पुरस्कार विजेता प्रधानमंत्री! क्या घर वापसी है – विदेश से लौटने पर आरएसएस प्रमुख ने उन्हें याद दिलाया कि वह 17 सितंबर को 75 वर्ष के हो जाएंगे। लेकिन प्रधानमंत्री भी आरएसएस प्रमुख को याद दिला सकते हैं कि वह भी 11 सितंबर को 75 वर्ष के हो जाएंगे! एक तीर, दो निशाने!”

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “यह एक स्पष्ट संदेश है और यह स्पष्ट रूप से उस व्यक्ति के लिए है जो सितंबर में अपना 75वां जन्मदिन मनाएगा। आरएसएस और भाजपा के बीच जो कुछ भी चल रहा है, वह उनके बयानों से स्पष्ट है।”

भाजपा की प्रतिक्रिया

भाजपा नेताओं ने इस बयान को महत्वहीन बताते हुए कहा कि यह एक सामान्य बयान था और इसका किसी विशेष व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है।

राजनीतिक मायने

इस बयान के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं, और इसे भाजपा और आरएसएस के बीच के रिश्तों में एक नए मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह बयान कितना प्रभाव डालता है

संविधान क्या कहता है?

भारतीय संविधान के अनुसार, किसी भी पद के लिए आयु सीमा के बारे में कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं है। हालांकि, कुछ पदों के लिए आयु सीमा निर्धारित की गई है, जैसे कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए 65 वर्ष और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए 62 वर्ष।

मोहन भागवत के बयान का महत्व

मोहन भागवत के बयान को एक नैतिक और सामाजिक दृष्टिकोण के रूप में देखा जा सकता है, जिसमें उन्होंने नेताओं को समय पर पद छोड़ने की सलाह दी है। यह बयान राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए एक विचार करने योग्य विषय हो सकता है।संविधान और आयु सीमा।

भारतीय संविधान में आयु सीमा के बारे में कुछ प्रावधान हैं:

लोकसभा सदस्यता: लोकसभा सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु 25 वर्ष होनी चाहिए।

राज्यसभा सदस्यता: राज्यसभा सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए।

न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति: उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं, जबकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं।

यह देखना दिलचस्प होगा कि मोहन भागवत के बयान का राजनीतिक दलों और नेताओं पर क्या प्रभाव पड़ता है

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