नई दिल्ली, 23 दिसंबर: नई दिल्ली आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोमवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध और गैरकानूनी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी सैंशन (अनुमति) के अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी केवल आम आदमी पार्टी को कमजोर करने, दिल्ली सरकार को गिराने और अरविंद केजरीवाल की राजनीति को खत्म करने के उद्देश्य से की गई थी।
केजरीवाल की गिरफ्तारी केवल राजनीतिक चाल: संजय सिंह ने कहा कि जब देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री को प्रचंड बहुमत से निर्वाचित किया जाता है, तो उसे बगैर किसी कानूनी आधार के गिरफ्तार करना तानाशाही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह गिरफ्तारी पूरी तरह से एक झूठे मामले पर आधारित थी। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जो झूठी बुनियाद रखी गई थी, वह केवल राजनीति की चाल थी।
आप ने वादे से ज्यादा काम किया: संजय सिंह ने दिल्ली सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कामों का उल्लेख करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल ने हमेशा वादे से ज्यादा काम किया है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने 2020 के दिल्ली चुनाव में कहा था कि अगर काम किया है तो वोट देना, अगर काम नहीं किया तो मत देना। दिल्ली की जनता ने फिर से उन्हें समर्थन दिया और पार्टी को 62 सीटों पर जीत दिलाई।
आप सांसद ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने कुछ नई घोषणाएं भी की हैं, जिनसे दिल्ली की जनता को काफी लाभ मिलेगा। इनमें महिलाओं के लिए 1000 रुपये प्रति माह सम्मान राशि और 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों के इलाज का पूरा खर्च दिल्ली सरकार द्वारा उठाने का प्रावधान शामिल है। संजय सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल देश के एकमात्र नेता हैं, जो अपने वादों से ज्यादा काम करके दिखाते हैं।
भाजपा का हर नेता झूठ बोलने में माहिर: संजय सिंह ने कहा कि भाजपा का हर नेता, विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झूठ बोलने में माहिर हैं। उन्होंने 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, किसानों को फसलों के सही दाम देने का वादा किया था, लेकिन इनमें से कुछ भी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने कालाधन के रूप में 15 लाख देने का झूठ बोला, और महंगाई कम करने का वादा किया था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि यह सब कुछ दिल्ली की जनता देख रही है, और आने वाले चुनावों में इसका जवाब भाजपा को देना होगा। दिल्ली की जनता इस बात को समझती है और आने वाले समय में इसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी को भुगतना पड़ेगा। लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकारों को इस तरह से खत्म नहीं किया जा सकता।