दिल्ली:”स्वदेशी मेला 2025 में झलकी भारत की एकता और संस्कृति की अनूठी छटा”
द्वारका, नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: द्वारका में आयोजित स्वदेशी मेला 2025 इस वर्ष देश की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनकर उभरा। मेले में देश के लगभग 15 राज्यों — झारखंड, कोलकाता, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, असम, मिजोरम, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात सहित अन्य प्रदेशों — के प्रतिभागियों ने अपने-अपने स्टॉल लगाकर विविधता में एकता का सुंदर संदेश दिया। मेले में मिट्टी के स्वनिर्मित दिए, कुर्ता-पजामा, साड़ियां, जैकेट, देसी भोजनालय, पौधों की नर्सरी, ज्वेलरी और राजस्थानी व साउथ इंडियन व्यंजन जैसी अनेक चीज़ें आकर्षण का केंद्र बनीं। सातों दिन चले इस आयोजन में मीडिया जगत के उन पत्रकारों को भी मंच से सम्मानित किया गया जिन्होंने प्रतिदिन मेले की खबरों को आमजन तक पहुँचाया। साथ ही स्कूली बच्चों को उनकी प्रतिभा के अनुसार प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति रही उत्तराखंड के प्रवासी भारतीयों द्वारा मां नंदा देवी यात्रा की सांस्कृतिक झांकी, प्रस्तुति गढ़ वाली, कुमाँ ऊ एवं जान सारी भाषा अकादमी दिल्ली सरकार ने ब्रजेश नोटियाल द्वारा किया जिसने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। सबसे प्रेरक क्षण तब आया जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने गणवेश में वाद्य यंत्रों पर प्रदर्शन कर हिंदू एकता और स्वदेशी भावना का सशक्त संदेश दिया। विभिन्न प्रदेशों से आए क्षेत्रीय और राष्ट्रीय कलाकारों ने मंच से अपनी कला का भव्य प्रदर्शन किया। संस्कृत नृत्य, लोकगीत और पारंपरिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया। समापन समारोह में मुख्य अतिथियों, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का सम्मान किया गया, जिन्होंने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि — स्वदेशी मेला न केवल देश की सांस्कृतिक पहचान को सशक्त करता है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में जनआंदोलन का रूप ले चुका है।” यह मेला देश की विविधता, एकता और स्वदेशी गौरव का सजीव उदाहरण बन गया।
दिल्ली: द्वारका स्वदेशी मेले में पहुंचे सांसद मनोज तिवारी ने किया स्वदेशी वस्तुयों की खरीदारी
नई दिल्ली/द्वारका, 13अक्टूबर : स्वदेशी जागरण मंच व संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से द्वारका सेक्टर-7 स्थित सीसीआरटी ग्राउंड में चल रहे स्वदेशी मेले में आज का दिन खास रहा , आये हुए लोंगों ने जमकर स्वदेशी वस्तुयों की खरीदारी की। मेले के सयोजक रविंद्र सोलंकी व नीलेन्द्र पाठक ने मेले की जानकारी देते हुए बताया कि गत वर्ष की अपेछा इस बार मेले में स्वदेशी को लेकर अलग से ही उत्साह देखने को मिला, और लोंगो ने जमकर खरीदारी की। स्वदेशी मंच पर पहुंचे भाजपा सांसद, लोक गीतकार मनोज तिवारी, ने स्वदेशी को लेकर अपने अनुभव मे बताया कि वे जब अपने गॉव मे थे तब स्वदेशी वहां की मिट्टी में झलका करता था, माँ के हाथ में मोटे अनाज का खाना आज भी याद आती हैं, तिवारी ने अपने चिर परिचित अंदाज में एक भोजपुरी लोक गीत का गायन कर दर्शको की खूब तालियां बजवाते रहे, बाद में उन्होंने स्वदेशी को अपनाने पर बल दियi बाद में सांसद तिवारी ने स्वदेशी वस्तु की स्टाल पर जाकर खरीदारी की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश दिल्ली के महामंत्री विष्णु मित्तल का स्वागत किया गया, इस अवसर पर उत्तम नगर विधायक पवन शर्मा, नजफगढ़ जोन चेयरमैन सविता पवन शर्मा, मटियाला पार्षद अनुराधा अशोक शर्मा, द्वारका पार्षद रामनिवास गहलोत, पालम पार्षद सीमा पंडित, पालम 360 के प्रधान रामकुमार सोलंकी, आदि समेत कई गणमान्य हस्तियों ने मेले की शोभा बढ़ाई। सभी अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर मेले के आज के सत्र का शुभारंभ किया। इस दौरान वातावरण देशभक्ति और लोक संस्कृति की धुनों से गूंज उठा। 7 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक चल रहे इस भव्य मेले में स्वदेशी खेल महोत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुतियां लगातार लोगों को आकर्षित कर रही हैं। मेले में देशभर के 15 राज्यों के स्वदेशी उत्पादों के स्टॉल लगाए गए हैं—जहां हस्तशिल्प, ग्रामीण उद्योग, परंपरागत परिधान, आयुर्वेदिक उत्पाद और घरेलू वस्तुएं लोगों को खूब लुभा रही हैं। खान-पान के लिए भी स्वदेशी स्वाद का अलग ही जादू छाया हुआ है। द्वारका और आसपास के सैकड़ों लोग न सिर्फ शॉपिंग का आनंद ले रहे हैं, बल्कि हर शाम होने वाले सांस्कृतिक आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा भी ले रहे हैं। स्वदेशी मेला अब केवल एक प्रदर्शनी नहीं रहा, बल्कि भारत की आत्मा – “स्वदेशी और संस्कृति” का उत्सव बन चुका है।
स्वदेशी मंच से बच्चों की कला, दिव्यांग कुशध्वज ने अपने प्रतिभा से दर्शकों को किया भाव विभोर
नई दिल्ली/द्वारका, 09 अक्टूबर: स्वदेशी जागरण मंच और सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आयोजित साथ दिवसीय स्वदेशी मेले मंच सेअनोखा और भावनात्मक दृश्य देखने को मिला— दिव्यांग कुशधवज पांडेय नेअपनी प्रतिभा से धार्मिक भजन से पूरे माहौल को भाव-विभोर कर दिया। ग्रामीण परिवेश की पृष्ठभूमि में सजा मंच पारंपरिक सजावट से सुसज्जित था—मिट्टी की जमीन, हल्की घास, झोपड़ी जैसे घर, रंग-बिरंगे कपड़ों, फूलों और झंडों से सजा वातावरण गाँव की आत्मा को जीवंत कर रहा था। मंच पर बच्चों ने लोक गीत, नृत्य के माध्यम से गायन और समूह प्रस्तुति दी। कुछ बच्चों ने ऑडियो पर अपने इशारों से तालमेल में गीत के भाव व्यक्त कर रहे थे। दर्शक दीर्घा में बैठे ग्रामीण महिला-पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे हर भाव को महसूस कर तालियाँ बजाकर उनका उत्साह बढ़ा रहे थे। यह दृश्य सिर्फ एक सांस्कृतिक प्रस्तुति नहीं बल्कि मानवता और समावेश की एक जीवंत तस्वीर बन गया। मंच के आसपास हस्तशिल्प और ग्रामीण उत्पादों के स्टॉल सजे थे—जहाँ मिट्टी के बर्तन, बाँस की कलाकृतियाँ, लोक परिधान और घरेलू सामान की झलक मिल रही थी। लोक कलाकारों के वाद्ययंत्रों की मधुर ध्वनि और पारंपरिक पोशाक में नृत्य करती युवतियाँ पूरे मेले के वातावरण को उत्सवमय बना रही थीं। मिट्टी की खुशबू, लोक-संगीत की लय और इन विशेष बच्चों की कला ने मिलकर ऐसा दृश्य रचा जिसने उपस्थित सभी लोगों को प्रेरित किया। यह कार्यक्रम न केवल स्वदेशी संस्कृति का प्रदर्शन था, बल्कि यह इस बात का प्रमाण भी बना कि प्रतिभा की कोई भाषा नहीं होती—बस मन से सुनना और महसूस करना आता हो तो हर प्रस्तुति एक उत्सव बन जाती है। मंच का सफल संचालन योगेश सैनी, सन्नी सौरभ ने किया। वही दूसरी तरफ करवा चौथ नजदीक होने पर महिलायों ने हाथों पर मेहंदी रचाई और जमकर डांस किया, पूरे मेला प्रांगण को सी सी टी वी कैमरों की निगरानी में कप्तान प्रमोद सिंह की निर्देशन में हो राह है। मंच से विशेष अतिथियों का दुप्पटा उड़ाकर स्वागत किया गया l
वैदिक मंत्रोच्चारण एवं हवन पूजन के साथ स्वदेशी मेले का भव्य शुभारंभ
नई दिल्ली, द्वारका, 07 अक्टूबर: स्वदेशी जागरण मंच व सांस्कृ तिक स्रोत्र एवम प्रशिक्षण केंद्र द्वारका के सयुंक्त रूप आयोजित कार्यक्रम सीसीआरटी ग्राउंड में आज स्वदेशी मेले का भव्य शुभारंभ वेदों के मंत्रो उच्चारण के मध्य हवन मे सामग्री से आहुति देकर मेले का उद्घाटन किया गया। हवन समारोह में बड़ी संख्या में लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मेले की शुरुआत पारंपरिक तरीके से महिलायों द्वारा संचालित कलश यात्रा और राष्ट्रगान के साथ की गई, जिसके बाद पूरे परिसर में देशभक्ति और स्वदेशी संस्कृति की गूंज सुनाई दी। इस अवसर पर स्वदेशी मेले के रविंद सोलंकी, योगेश सैनी, राम निवास दहिया, श्रीमती मधुराज, श्री मति सुनीता यादव, नवीन गर्ग, नवीन शर्मा, रविंद्र अग्रवाल, टी एस सोडि, बी एन दुबे आंचला मनौचा आदि पदाधिकारीओ व स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। मेले में भारत के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों, कारीगरों और उद्यमियों ने अपनी परंपरागत कला, संस्कृति और स्वदेशी उत्पादों का प्रदर्शन किया, जिससे वातावरण देशभक्ति के रंग में रंग गया। मेले के मीडिया प्रभारी नीलेन्द्र पाठक ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य देश के स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना, आत्मनिर्भर भारत की भावना को सशक्त करना और स्थानीय कारीगरों को एक बड़ा मंच प्रदान करना है। शाम को जनसमूह ने विभिन्न स्टॉलों पर प्रदर्शित हस्तशिल्प, वस्त्र, पारंपरिक आभूषण, आयुर्वेदिक उत्पाद और स्वदेशी खाद्य पदार्थों में विशेष रुचि दिखाई। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। यह मेला आगामी सात दिनों तक चलेगा और इसमें प्रतिदिन विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं लोक प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा।
दार्जिलिंग में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में नौ लोगों की मौत, दो लापता
दार्जिलिंग, 05 अक्टूबर: पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग की पहाड़ियों में शनिवार को कई जगह लगातार बारिश के कारण भूस्खलन होने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और दो अन्य लापता हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी शनिवार को दी। भूस्खलन के कारण कई मकान बह गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और दूरदराज के कई गांवों का संपर्क टूट गया। दार्जिलिंग उप-मंडलीय अधिकारी (एसडीओ) रिचर्ड लेप्चा ने ‘भाषा’ को बताया कि स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आपदा मोचन दल का बचाव और राहत अभियान जारी है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक मिरिक झील क्षेत्र में बचाव अभियान में मदद कर रहा है। एनडीआरएफ और जिला प्रशासन द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, अब तक नौ लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि दो अन्य का पता नहीं चल पाया है। सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची) और मिरिक झील क्षेत्र जैसे कई स्थानों से लोगों के मारे जाने की जानकारी मिली है। धार गांव में मलबे से कम से कम चार लोगों को बचाया गया, जहां भारी भूस्खलन के कारण कई मकान ढह गए। भूस्खलन के कारण मिरिक-सुखियापोखरी सड़क सहित प्रमुख मार्गों पर यातायात बाधित हो गया जबकि कई पहाड़ी बस्तियों की संचार लाइनें टूट गईं। उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने स्थिति को ‘चिंताजनक’ बताया और विभिन्न रिपोर्ट का हवाला देते हुए मृतकों की संख्या 17 बताई। गुहा ने ‘भाषा’ से कहा, ‘जान का नुकसान होना दुखद है। हमारी रिपोर्ट के अनुसार मिरिक में 11 और दार्जिलिंग में छह लोगों की मौत हुई है लेकिन अभी तक संख्या की पुष्टि नहीं हुई है।’ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारी और लगातार बारिश के कारण बचाव अभियान में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा, ‘इलाका फिसलन भरा है और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नुकसान का आकलन अब भी किया जा रहा है। इन ढलानों पर खुदाई करने वाली मशीनों के लिए काम करना बेहद मुश्किल हो रहा है।’ एहतियात के तौर पर बिष्णुलाल गांव, वार्ड तीन लेक साइड और जसबीर गांव में कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है तथा स्थानीय गैर सरकारी संगठनों और जिला प्रशासन के समन्वय से अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग सहित उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में छह अक्टूबर तक अत्यधिक भारी वर्षा का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है तथा और अधिक भूस्खलन होने एवं सड़कें अवरुद्ध होने की चेतावनी दी है। अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकता मिरिक झील के पास लापता हुए दो लोगों का पता लगाना और संपर्क से कटे क्षेत्रों में संपर्क बहाल करना है।
बिहार में 22 नवंबर से पहले संपन्न होंगे चुनाव, बीएलओ को ट्रेनिंग से मोबाइल तक दिखेंगे कई बदलाव : सीईसी ज्ञानेश कुमार
पटना/नई दिल्ली, 05 अक्टूबर : मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को जानकारी दी कि बिहार में 22 नवंबर से पहले विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि 22 नवंबर तक बिहार विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। उसके पहले ही राज्य में चुनाव संपन्न होंगे। पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्र हैं। इसमें दो सीटें एसटी और 38 सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि पूरी चुनाव आयोग की टीम दो दिनों से बिहार में है। सबसे पहले चुनाव आयोग ने बिहार की सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ बैठक की। इसके अलावा, बिहार के सभी जिलाधिकारी, एसपी-एसएसपी, आईजी और डीआईजी, कमिश्नर और सभी प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों, नोडल अफसरों, मुख्य निर्वाचन अधिकारी बिहार, स्टेट पुलिस नोडल अधिकारियों और सीएपीएफ के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की गई। बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य सचिवों के साथ भी बैठक की गई। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार से शुरू होने वाली कुछ पहलों में सबसे पहले ट्रेनिंग शामिल है। बूथ लेवल एजेंट की पहली बार चुनाव आयोग ने ट्रेनिंग कराई। बिहार के सभी बूथ लेवल एजेंट की ट्रेनिंग दिल्ली में कराई गई। बूथ लेवल अफसरों की आईआईआईडीईएम में ट्रेनिंग कराई गई। देशभर के लगभग 700 बूथ लेवल अफसर और सुपरवाइजर की ट्रेनिंग पूरी की जा चुकी है। उन्होंने कहा, “साधारण तौर से पुलिस अफसरों की ट्रेनिंग जिला या राज्य में ही होती थी। इस बार मानक के तौर पर इनकी दिल्ली में भी ट्रेनिंग शुरू की गई। मतदाता सूची में सबसे बड़ी पहल विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की रही। यह काम 24 जून से शुरू हुआ और समयबद्ध तरीके से सभी मतदाताओं के सहयोग के साथ समाप्त हुआ।” मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदाताओं को 15 दिन के अंदर वोटर आईडी दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा बूथ लेवल अफसर को, जब वे मतदाता के पास जाएं तो मतदाता उन्हें पहचान पाएं, इसलिए बूथ लेवल अधिकारी के लिए फोटो आईडी कार्ड शुरू किए गए। उन्होंने यह भी बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव से ही देश में पोलिंग बूथ पर मतदाताओं के मोबाइल रखने की व्यवस्था शुरू होगी। इस व्यवस्था का ट्रायल उपचुनाव के समय किया गया। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि मतदाताओं को दी जाने वाली स्लिप में बदलाव किया गया है, जिसमें बूथ नंबर और पता बड़े अक्षरों में मिलेगा। इससे मतदाता बूथ तक सुगमता के साथ जा सकते हैं। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग की लगभग 40 एप्लीकेशन अब तक बन चुकी थीं। इन सभी को मिलाकर एक कंप्यूटर प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। इसका प्रोग्रेसिव इंप्लीमेंटेशन अभी जारी है। बिहार में इसको लागू किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की संख्या ज्यादा होने पर लाइनें लगती थीं, इसलिए पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक वोटर नहीं होंगे। यह व्यवस्था बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू होगी।
अवेयरनेस, एक्सेस और एक्शन के मंत्र के साथ हर नागरिक पा सकता है अपना पैसा वापस : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
गांधीनगर/नई दिल्ली, 04 अक्टूबर : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि अगर तीन ‘ए’ अवेयरनेस, एक्सेस और एक्शन को पूरा किया जाए तो सेफ कस्टडी में पड़े धन को उचित दस्तावेजों के साथ नागरिकों द्वारा सही तरीके से क्लेम किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुजरात के गांधीनगर में वित्तीय क्षेत्र में अनक्लेम्ड एसेट्स के कुशल एंव त्वरित निपटान को सुगम बनाने के लिए ‘आपकी पूंजी आपका अधिकार’ अभियान का शुभारंभ किया। यह अक्टूबर से दिसंबर तक चलने वाला तीन महीने का एक राष्ट्रव्यापी जागरुकता अभियान है। कार्यक्रम में अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने कहा कि मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि आप इस अभियान के एम्बेसडर बनें, अपने परिचित लोगों से संपर्क करें। उनसे पूछें कि क्या उनके पास किसी अनक्लेम्ड फाइनेंशियल एसेट्स का कोई कागज है। अगर उन्हें ऐसे पेपर्स की जानकारी लोगों से मिलती है तो दूसरों को पोर्टल पर रजिस्टर करने के लिए मार्गदर्शन करें ताकि लोग अपनी संपत्ति का दावा कर सकें। वित्त मंत्री ने जोर देते हुए कहा, “इस पहल से अनगिनत नागरिकों को लाभ होने की उम्मीद है। मैं आपसे विनम्र निवेदन करती हूं कि आप अपने समुदायों और आस-पास के इलाकों में इस अभियान के बारे में प्रचार करें।” वित्त मंत्री ने पीएम मोदी का आभार जताते हुए कहा कि मैं उनकी आभारी हूं कि उन्होंने मुझे एक बार यह सलाह दी कि मैं लोगों के बीच जाऊं और उन्हें उनके हक को पाने के लिए उनका आह्वान करूं। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी की सलाह पर अमल करते हुए, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि गुजरात ने इस अभियान को शुरू करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।” वित्त मंत्री ने कहा, “वित्त मंत्रालय, नियामकों, राज्य सरकारों और गांवों के बैंकों सहित सभी के सम्मिलित प्रयासों से अगर पूरी श्रृंखला सक्रिय हो जाए, तो हर कोई अपना पैसा वापस पा सकेगा। यह न केवल हमारा आश्वासन है, बल्कि हमारा कर्तव्य भी है।” निर्मला सीतारमण ऑफिस की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया है कि अनक्लेम्ड फाइनेंशियल एसेट्स अक्सर जागरुकता और आउडेटेड अकाउंट डिटेल्स की वजह से अनक्लेम्ड रह जाते हैं, जिसमें इंश्योरेंस पॉलिसी क्लेम, बैंक डिपॉजिट, डिविडेंट, शेयर और म्यूचुअल फंड की आय शामिल है। इस अभियान के दौरान, नागरिकों को उनके अनक्लेम्ड एसेट्स, अपडेट रिकॉर्ड, क्लेम प्रक्रिया को पूरा करने के तरीकों को लेकर तत्काल मार्गदर्शन दिया जाएगा। साथ ही, डिजिटल टूल्स और स्टेप-बाय-स्टेप प्रदर्शन भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने पल्ला गांव से हाथी घाट तक विभिन्न छठ घाटों का निरीक्षण किया
नई दिल्ली, 04 अक्टूबर: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को बोट से यमुना नदी के प्रवेश बिंदु पल्ला गांव से लेकर आईटीओ के नजदीक स्थित हाथी घाट तक विभिन्न छठ घाटों का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ दिल्ली के कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह और कपिल मिश्रा के अलावा लक्ष्मी नगर से विधायक अभय वर्मा और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना तट पर महापर्व छठ की तैयारियों को लेकर सरकार पूरी गंभीरता और युद्धस्तर पर काम में जुटी है। आज पल्ला गांव से लेकर हाथी घाट तक लगभग तीन घंटे तक विभिन्न छठ घाटों का निरीक्षण किया और बोट से यमुना जी के किनारों का विस्तृत सर्वे किया। उन्होंने कहा कि यह जमीनी सर्वेक्षण केवल व्यवस्थाओं की समीक्षा नहीं, बल्कि दिल्ली में एक भव्य और सुव्यवस्थित छठ आयोजन सुनिश्चित करने की ठोस नींव है। यह पर्व उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के भाइयों-बहनों को दिल्ली की मिट्टी से जोड़ता है और एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को सशक्त करता है। संबंधित विभागों को साफ-सफाई, घाटों के निर्माण, सुरक्षा और अन्य सभी सुविधाओं की रूपरेखा शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि लाखों श्रद्धालु बिना किसी कठिनाई के छठ मईया की पूजा-अर्चना कर सकें। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने छठ को यमुना से दूर कर दिया था। यमुना किनारे इस बार आस्था के महापर्व छठ का भव्य आयोजन होगा। उनकी सरकार पल्ला गांव से लेकर ओखला तक छठ के आयोजन की तैयारियों में पूरी निष्ठा और तत्परता से जुटी है। जब यमुना के घाटों पर लाखों श्रद्धालु डूबते सूरज और उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे तब वह क्षण हर श्रद्धालु के लिए अविस्मरणीय बने, यही हमारा संकल्प और प्रयास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में पूर्वांचलवासियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, इसलिए उनकी धार्मिक आस्था व सुविधा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में यमुना के प्रवेश स्थल पल्ला से लेकर अंतिम स्थल ओखला तक दोनों किनारों पर छठ पर्व का आयोजन किया जाएगा। इन दोनों किनारों पर जहां भी छठ पर्व के लिए समतल किनारे उपलब्ध होंगे, वहां सरकार की ओर से व्रतधरियों को समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। छठ घाटों को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि छठ पर्व की तैयारियों को लेकर 29 सितंबर को मुख्यमंत्री ने दिल्ली सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पल्ला से लेकर वजीराबाद तक के किनारों पर विशेष व्यवस्था के साथ ही आईटीओ, ओखला जैसे पुराने स्थलों पर भी व्यवस्थाएं और दुरुस्त करने का निर्देश अधिकारियों को दिया था। मुख्यमंत्री ने छठ पूजा के दौरान घाटों की सफाई व स्वच्छता के साथ धूल से बचाने के लिए पानी का छिड़काव, पुलिस व ट्रैफिक पुलिस को सुरक्षा व यातायात व्यवस्था चौकस रखने के आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग को छठ पर्व से पूर्व यमुना से जलकुंभी निकालने के भी आदेश जारी किए गए हैं। इस बार इन स्थलों पर प्रकाश की विशेष व्यवस्था की जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में यमुना के किनारो के अलावा मुनक नहर, मुंगेशपुर ड्रेन के अलावा कृत्रिम तालाबों में भी छठ पूजा आयोजित की जाती है। राजधानी में कुल मिलाकर 929 स्थलों पर पूजा-अर्चना की जाती है। इन स्थलों पर सरकार की ओर से समुचित व्यवस्थाएं की जाएंगी। अगर किसी संस्थान को एनओसी चाहिए तो उसे भी बिना किसी परेशानी से उसे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे विशेष स्थान भी चिन्हित किए जाएंगे जहां छठ पूजा का विशेष आयोजिन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अगर यमुना में अतिरिक्त पानी की जरूरत होती तो हरियाणा सरकार से निवेदन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छठ महापर्व पूर्वांचलवासियों की आस्था और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है और इसे पूरी श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाने के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह तैयार है।
ट्रंप के गाजा प्लान पर हमास की रजामंदी के बाद पीएम मोदी ने की अमेरिकी राष्ट्रपति की सराहना
नई दिल्ली, 04 अक्टूबर: गाजा में संघर्ष रोकने को लेकर फिलिस्तीनी समूह हमास ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 सूत्रीय प्लान पर सहमति दे दी है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा में शांति स्थापित करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रयासों की सराहना की है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति के लिए हम राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व का स्वागत करते हैं। बंधकों की रिहाई के संकेत एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत स्थायी और न्यायसंगत शांति की दिशा में सभी प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता रहेगा।” हमास की हामी के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बयान भी सामने आया है। पीएम नेतन्याहू ने कहा, “हमास की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए इजरायल सभी बंधकों की शीघ्र रिहाई के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की योजना के पहले चरण के तत्काल कार्यान्वयन की तैयारी कर रहा है। हम इजरायल द्वारा निर्धारित सिद्धांतों, जो अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, के अनुसार युद्ध को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति और उनकी टीम के साथ पूर्ण सहयोग से काम करना जारी रखेंगे।” इससे पहले पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप के 20 सूत्रीय सीजफायर प्लान के समर्थन में कहा था कि हम गाजा संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापक योजना का स्वागत करते हैं। यह फिलिस्तीनी और इजरायली लोगों के साथ-साथ व्यापक पश्चिम एशियाई क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक और स्थायी शांति, सुरक्षा और विकास का एक व्यवहार्य मार्ग प्रदान करता है। हमें उम्मीद है कि सभी संबंधित पक्ष राष्ट्रपति ट्रंप की पहल पर एकजुट होंगे और संघर्ष को समाप्त करने और शांति सुनिश्चित करने के इस प्रयास का समर्थन करेंगे। दरअसल संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार हमास ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रस्ताव पर बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हमास के इस फैसले का स्वागत किया। दुजारिक ने एक बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस हमास द्वारा जारी बयान का स्वागत करते हैं और इससे उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने सभी पक्षों से गाजा पट्टी में संघर्ष को समाप्त करने के अवसर का लाभ उठाने का आग्रह किया और कतर तथा मिस्र को उनके अमूल्य मध्यस्थता कार्य के लिए धन्यवाद दिया।
बिहार के युवाओं के भविष्य की गारंटी देने वाली योजनाएं शुरू हुई : मोदी
नई दिल्ली, 04 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बिहार के युवाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की गई है जो उनके भविष्य की गारंटी है। श्री मोदी ने शिक्षा एवं कौशल से जुड़ी 62000 करोड़ की योजनाओं का शनिवार को शुभारंभ करने के बाद कहा कि समारोह इस बात का प्रतीक है कि भारत आज कौशल को कितनी प्राथमिकता देता है। आज देशभर के नौजवानों को शिक्षा और कौशल विकास की दो बड़ी योजनाएं शुरू हुई हैं। जब तक हम श्रम को प्रतिष्ठा नहीं देंगे तब तक शायद वह पाना आप को कम महसूस होगा इसलिए हम श्रमयेव जयते और श्रमेव पूज्यते कहते है। उसी भाव को लेकर आगे बढ़ रहे हैं ताकि आईटीआई के शिक्षार्थियों में विशास पैदा हो। कौशल का राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान हो। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को कई योजनाएं शुरू हुई है। यहाँ जो योजनाएं शुरू हुई वह नौजवानों के बेहतर भविष्य की गारंटी है। बिहार के युवाओं के सशक्तिकरण का मेगा योजना है। भारत ज्ञान और कौशल का देश है यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है और इससे देश के जरूरतों से जुड़ने से ताक़त और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि ‘लोकल प्रतिभा, लोकल कौशल’ को तेज़ी से आगे बढ़ाने में आईटीआई की बड़ी भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी आईटीआई आत्मनिर्भर भारत के वर्कशॉप है इसलिए हमारा फोकस इनकी संख्या बढ़ाने के साथ इनको अपग्रेड करने की है। बीते एक दशक में पाँच हज़ार आईटीआई बनाई गई। आजादी के बाद सिर्फ दस हज़ार आईटीआई बने जबकि हमारे कार्यकाल में पाँच हज़ार नए आईटीआई बनाए। उन्होंने कहा कि पीएम सेतु के माध्यम में आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा। भविष्य की माँग के हिसाब से अपग्रेड होगा। उन्होंने कहा कि हमारे नौजवानों के लिए दुनिया में नए अवसर बन रहे हैं। बिहार में दो ढाई दशक पहले शिक्षा व्यवस्था किस तरह तबाह थे और मजबूरी में बच्चों को बिहार को छोड़कर बाहर जाना पड़ता था। यही से पलायन की शुरुआत हुई। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने बिगड़ी हुई व्यवस्था को पटरी पर लाए। राजद की सरकार ने बिहार का किया हाल कर दिया था। उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम एक स्किल विश्वविद्यालय की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को जननायक सोशल मीडिया पर ट्रोल करने वाली आर्मी ने नहीं बनाया, उन्हें जनता ने बनाया। उन्होंने कहा कि आजकल कुछ लोग जननायक टाइटल को भी चोरी करने में लगे हैं, बिहार के लोगों को चौकन्ना रहने की जरूरत है। यह विश्विद्यालय उनकी सोच को आगे बढ़ाने का कम करेगा। बिहार की डबल इंजन की सरकार बिहार के हर क्षेत्र को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। राजद कांग्रेस की सरकार की तुलना में शिक्षा व्यवस्था बेहतर हुई है। बीते दो दशक में बिहार सरकार ने 50 लाख युवकों को रोज़गार से जोड़ा है। बिहार सरकार आने वाले पाँच साल में एक करोड़ रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस समय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) उत्सव चल रहा है। बिहार के युवाओं को उनकी ज्यादातर जरूरतों पर जीएसटी कम होने की बधाई देता हूँ। आज भारत तीन बड़ी अर्थव्यवस्था की तरफ़ बढ़ रहा है। विनिर्माण के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है जिससे युवाओं को रोजगार मिल रहा है। यह समय देश के युवा के लिए अवसरों से भरा पड़ा है। युवाओं की शक्ति विकसित भारत की शक्ति बनेगी।